पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि मैं चाची की चुदाई करने गया और जैसी मैंने अपना लंड निकाला और चूत में डालने लगा तो उनकी आँखे खुल गयी और उन्होंने मुझे देख लिया!
मैं घबरा गया और मैं उनके ऊपर से हिल नहीं पाया, उन्होंने मेरी आँखों में देखा फिर मेरी लंड को देखा जो उनकी चूत में मैं डालने वाला था! मेरी ऐसी की तैसी हो गयी थी की अब मैं करू क्या?
क्या बोलूंगा चाची को जब उन्होंने रंगे हाथो मुझे पकड़ लिया हैं! मैं मन ही मन डर रहा था की अब चाची चाचा को बता देंगी!
वो मेरी कुटाई करेंगे और घर से निकाल कर पापा को सब बता देंगे और पापा भी मुझे मारेंगे!
पर जो मैं सोच रहा था सब उसका उल्टा हुआ चाची ने बोला आज चूत नहीं गांड मारनी हैं ! ओर फिर अपनी ऊँगली पर थूक लगाकर उन्होंने अपनी गांड पर लगाया और कहा शुरू हो जाओ!
मैं घबराया हुआ उन्हें देख रहा था तो उन्होंने मुझे अपनी तरफ खेंचा और जोरदार चूमा लेलिया! काफी देर होंठ चूमने के बाद, मेरी घबराहट खत्म हुई!
अब मैं उनकी गांड मारने को त्यार था, मैंने उन्हें लंड चूसकर गिला करने को कहा तो उन्होंने वैसा ही किया! वो मेरा चुस्सा मार रही थी, जब वो सोई रहती थी तब लंड चुसवाने में उतना मजा नहीं आता था!
पर अब वो होश में हैं और जो चुस्सा उन्होंने मेरे लंड का मारा अह्ह्ह मजा आ गया! फिर उन्होंने मुँह से लंड निकालकर कहा मुझसे अब सबर नहीं होता जल्दी मेरी गांड में डालो इसे!
मैंने हल्का सा थूक गेरकर उनकी गांड गीली करी और लंड डालने लगा! लंड आराम से अंदर चला गया और उन्हें थोड़ा सा दर्द हुआ!
मैं समज गया था चाची चाचा के साथ भी गुदा सेक्स करती थी तभी उन्हें इतना दर्द नहीं हुआ! मैं अब जोश में था और खुश भी, क्यूंकि पहली बार गांड मारने को मिल रही थी!
वो भी एक अमीर, सुन्दर और जवान औरत की! मैंने उनकी गांड चोदना शुरू कर दिया, वो मेरी आँखों में देख रही थी और आज पहली बार मैं उनके चेहरे पर उनके हाव भाव देख रहा था !
वो बहुत सेक्सी लग रही थी और गांड को चोदते चोदते मैंने उनके होंठ पर चूमना शुरू करदिया! वो मेरा पूरा साथ दे रही थी और कह रही थी की तुम्हारे चाचा बस काम काम करते रहते हैं!
मेरे लिए उनके पास समय ही नहीं हैं! शादी के कुछ महीने तक हम दोनों ने खूब चुदाई करी और उन्होंने मेरे कहने पर कंही बार गांड भी मारी!
पर जबसे इनका काम अच्छा हो गया ये न घर आते और जब भी आते मुझे ठंडा छोड़ जाते! तो मैंने कहा कोई बात नहीं चाची अब मैं आ गया हूँ न, अब मैं हर दिन तुम्हे खुश रखूंगा!
तो चाची ने बोला वो तो तू हर दिन खुश रख ही रहा हैं, मैंने कहा वो कैसे? तो उन्होंने बोलै तू मुझे पिछली तीन रातो से चोद रहा हैं और मुझे पता भी नहीं चलेगा!
मैं उनकी बाते सुनकर हैरान हो गया और मैंने कहा तो आपने बोला क्यों नहीं कुछ! उन्होंने कहा की तू मस्त चुदाई कर रहा था मैं तुझे डराना नहीं चाहती थी!
पर आज मुझे गांड मराने का बहुत मन था और तू चूत मारके चला जाता था! इसलिए आज मुझे बोलना पड़ा, तो मैंने कहा चाची आज तो आपने मेरी जान ही निकाल दी थी!
तो चाची ने कहा मेरे प्यारे अब तू मेरी चुदाई करके जान निकाल दे! बस जबतक बाते हो रही थी मैं धीरे से चुदाई कर रहा था, और अब मैं जोश में आ गया और मैंने जोर जोर से उनकी गांड चुदाई करना शुरू कर दिया!
वो आह उउउउइइ की आवाजे निकाल रही थी तो मैंने चाची को घोड़ी बनने के लिए बोला और वो घोड़ी बन गयी! मैंने पीछे से उनकी गांड में लंड डाला और चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद भाभी और मैं चरम सीमा पर पहुंच गए!
उनकी आह अहह की आवाजे और तेजी से बढ़ने लगी और मेरी चुदाई की गती भी उतनी तेजी से बढ़ने लगी!
इस बार मैंने उनके बूब्स जोर से पकड़े और उन्हें पकड़ कर जोर जोर से झटके मारने लगा!
वो चिल्लाने लगी चोदो मुझे और जोर से चूत फाड़ दो मेरी, और थोड़ी देर बाद मेरा झड़ गया!
मैंने सारा माल उनकी गांड में निकाल दिया, हम दोनों को बहुत सुकून मिला और हम सो गए!
फिर जब भी चाचा घर नहीं आते हम दोनों चुदाई मचाते! तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी चाची की खुशबूदार चूत, इसे अपने दोस्तों भेजे! धन्यवाद