दोस्तो मेरा नाम अभय है मैं एक छोटे से गाँव से हु
मेरी ये कहानी मेरी बुआ की बहु यानी कि मेरी भाभी
की है कैसे मैने भाभी को पटा के उनको चोद दिया
दोस्तो ये कहानी आज से एक महीना पहले की है
पर मैं उनके पीछे दो साल पहले से लगा हुआ था उनको पटाने के लिए।
मैं और भाभी हमेसा से फोन पर बातें करते थे मैं उनसे बहुत मजाक किया करता था। एक दिन मैं
मजाक में ही भाभी को बोल दिया कि भाभी जी मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ। तो भाभी बोली
की ये आप क्या बोल रहे हो नही ये नही हो सकता
और भाभी ने फोन रख दिया। फिर दूसरे दिन मैंने
उनको कॉल किया तो भाभी ने फोन काट दिया
फिर से लगया दो तीन बार मे भाभी ने उठाया
तो मैं बोला कि सॉरी भाभी मैं बहक गया था मुझे माफ़ कर दीजिए तो भाभी बोली के ठीक है कोई
बात नही तो फिर से मैं बोला कि एक बात बोलू भाभी आप बुरा तो नहीं मानो गी तो भाभी बोली
की बोलिये , तो मैं बोला भाभी आपको देख कर
किसी का भी मन डोल जाएगा क्यों कि आप बहुत
सुन्दर हो । तो भाभी हस कर बोली मन डोल जाया
इसका क्या मतलब है। तब मैं बोला कि छोरो आप
बुरा मान जाओगी , तो भाभी बोली की बताईये ना
मैं बुरा नहीं मानूँगी । तब मैं बोला कि आपको
चोदने का मन करने लगेगा । तो भाभी बोली हँसते हुए बोली की किसी की हिम्मत ही नहीं होगी कि
मुझे चोद सके सिवाए आपके भैया के। तो मैं बोला
की एक मे हिम्मत है । तो बोली कि किस में हिम्मत
है , उनकी इस बात पर मैं बोला की मेरे में हिम्मत है आजमा कर देख लो। तो भाभी बोली की ऐसा हो ही
नही सकता कि आप मे हिम्मत आये। तो मैं बोला कि आप बाजी लगा कर देख लो अगर मैं हार गया
तो आप जो बोलोगी मैं वो करूँगा और अगर आप हार गई तो मैं आपको जो बोलूंगा वो आपको करना
होगा। कुछ देर सोचने के बाद भाभी बोली कि ठीक है। और फिर हम फोन काट दिए।
अब मैं अपनी बुआ से उनके फोन पर बात किया तो
बुआ बोली कि हम और तुम्हरे फूफा और भैया कोलकत्ता जा रहे है तुम यहाँ पर आते जाते रहना
मेरा तो ये सुनकर लॉटरी ही लग गई फिर मैं बोला कि ठीक है। उन सब को जाने के बाद उनके घर
दो तीन दिन के बाद गया तो भाभी ने मुझे नास्ता ला कर दिया फिर चाय । उसके बाद भाभी किचेन में
चली गयी और खाना बनाने लगी । फिर मैं चुपके से उठा और मेन दरवाजा लॉक कर दिया और आकर
बैठ गया। और भाभी से बाते करने लगा। धीरे धीरे मैं उठ कर भाभी के पीछे गया और उनको कस कर
पकर लिया और उनकी चुची को कस के दबा दिया।
तो भाभी अचानक से डर गई और बोली कि ये क्या
कर रहे हो छोरो मुझे ये गलत है। लेकिन मैं उन्हें नही छोरा और भाभी के पीछे से ही उनकी गाड़
में उंगली घुसा दिया उनकी सारी पर से ही। तो भाभी आगे की तरफ भाग गई तो झट से मैं उनको फिर पकर लिया, और इस बार उनको सामने की तरफ
कर के उनकी चुची को दबाने लगा और भाभी इधर उधर हटने लगी तो मैं उनको किचेन की दीवाल से सटा कर उनकी पल्लू को नीचे गिरा दिया और
भाभी की ब्लाउज को खोलने लगा तो भाभी बोलने लगी कि आप गलत कर रहे हो ये सारी बाते सबके
आने के बाद उनको बता दूंगी। लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था, उनकी ब्लाउज को खोल दिया तो देखा कि
भाभी ने चोली नही पहनी थी फिर मैं उनकी सारी को पूरा खोल दिया, अब भाभी सिर्फ पेटीकोट में ही
थी, उसके बाद मैं उनकी दोनो चुचियो को खूब मसलने लगा और बारी बारी से अपने मुह में लेकर
खूब चूसने लगा। फिर भाभी को दीवाल से सटा दिया उसके बाद भाभी का पेटीकोट को खोल दिया और उसके बाद उनका पैन्टी को भी जल्दी से खोल
दिया फिर अपना पैन्ट की जीप को खोलकर अपना
लण्ड भाभी के बूर में थोड़ा सा घुस गया और फिर
भाभी चिल्लाने लगी । तो मैं अपना एक हाथ से भाभी के मुह को दबा दिया । उसके बाद भाभी
इधर उधर छटपटाने लगी और उनके आंखों से आंसू बहने लगी। फिर मैं एक और तेज झटका दे मारा तो
भाभी और ज्यादा छटपटाने लगी। लेकिन मैं कह रुकने वाला था और जोर जोर से अपना लण्ड भाभी
के बूर में तेजी से अंदर बाहर करने लगा । थोड़ी देर भाभी को चोदने के बाद अपना हाथ भाभी के मुह से
हटा लिया और उनको खूब जोर जोर से चोदने लगा तो भाभी बोली कि आपने ये मेरे साथ अच्छा नहीं
किया मैं ये बात आपके भैया से बताउंगी तो मैं भाभी से बोला कि भाभी आप जरा सोचिए भैया
अभी बाहर है और ना जाने कब तक यहाँ आएंगे और आपकी सादी को अभी एक महीने ही हुई है
क्या आपको सारीरिक सन्तुष्टि नही चाहिए । क्या आपको समय से चुदाई का मन नहीं होता है क्या ।
जरा आप ही बताइए कि अगर आपको चुदाई का मन करेगा तो आप कही ना कही पे तो अपनी बूर तो चुदवाओगी।
अगर आपको ऐसा करते हुए कोई देख लेगा तो जरा सोचिये की उसके बाद क्या होगा। और मैं आपको
चोद रहा हूँ तो ये बात आपको पता है और मुझको पता है। घर की इज्जत घर मे ही रहेगी।
और आपको जब चुदने का मन करेगा तो आप मुझको फोन कर दिया किजिएगा। और ये सारी बातें
कह कर मैं भाभी को जोर जोर से भाभी की बूर को पेलने लगा और फिर ज्यादा देर तक चोदने के बाद
मैं भाभी से बोला कि मेरा लण्ड का माल गिरने वाला है तो भाभी कुछ नही बोली तो मैं और तेजी से भाभी
को पेलने लगा और फिर मैं उनको बिना बोले ही भाभी के बूर में ही अपना लण्ड का सारा माल गिरा
दिया। और उसके बाद मैं भाभी के बगल में खड़ा हो गया । भाभी वहाँ से सीधे बाथरूम में चली गयी और
अपनी बूर को साफ करने लगी। फिर मैं एक मैनफोर्स की गोली खाया फिर बाथरूम में भाभी के
पीछे जा कर खरा हो गया। और भाभी साफ करके जैसे ही मुरि की भाभी मुझसे टकरा गई। और बोली
कि अब क्या है अब तो अपनी सारी इक्छा पूरी कर लिया अब क्या चाहिए आपको। तो मैं बोला कि
भाभी आपने कुछ दिन पहले मुझसे बाजी लगाई थी कि जो जीतेगा तो वो जो बोलेगा तो करना होगा
और फिर बोला कि मैं जीत गया और तब तक मेरा लण्ड पूरा टाइट हो चुका था। गोली खाने के बाद।
भाभी ने भी देखा तो बोली अब आप जाओ पर मैन भाभी को अपने गले से लगा लिया। भाभी बोली कि
अब रहने दो फिर कभी मेरा मन करेगा तो मैं आपको बुला लूंगी। लेकिन दोस्तो मैने गोली खा लिया था तो
अब मैं कहाँ जाता। फिर मैं भाभी को गोद में उठा लिया और उनको उनकी बेड पर ले जा कर लेटा दिया।
और अपना पैन्ट निकाल दिया और भाभी के ऊपर जाकर अपना लण्ड भाभी के बूर में घुसा दिया
और उनको जोर जोर से पेलने लगा। और भाभी वैसे ही लेटी रही और मैं उनको खूब चोदने लगा।
भाभी को चोदते चोदते करीब करीब आधा घंटा हो चुका था। फिर भाभी को डॉगी के तरह किया और
उनके गार में थोड़ा सा थूक लगया और अपना लण्ड को उनकी गाड में घुसा दिया दोस्तो भाभी की गार
एक दम टाइट थी, सायद भाभी कभी गार नही मरवाई थी। कुछ देर तक मैं भाभी की गार को चोदा
फिर उनको सीधा लेटा दिया। और फिर भाभी की बूर में फिर से अपना लण्ड को घुसा कर चोदने लगा
। मैं भाभी की बूर में ही झर गया। और भाभी के बगल में लेट गया, और भाभी की चुची को मिस रहा था।
और भाभी केवल मेरी तरफ देखे जा रही थी दोस्तो उसके बाद मैं अपना पैन्ट को पहनकर अपने
घर आ गया। और दोस्तो उस दिन के बाद से भाभी खुद ही फोन कर के बुलाती है , उनके घर जब कोई
नहीं होता है तब । और मैं जाता हूं भाभी को चोद कर फिर आजाता हूँ। और भाभी ने आज तक ये
सारी बातें किसी से नही बताया ये राज हमारे ही बीच मे ही है। दोस्तो इस लिए मैं उनका नाम इस कहानी में नहीं लिखा हूँ।