40 saal ki aunty ki jawaani…

प्रेषक :मंजुनाथ .

हेल्लो दोस्तों ,कैसे हो आप लोग .मैं आज आप को मेरी एक सच्ची स्टोरी बताने जा रहा हू……मैं पुणे मैं रहता हू. मेरा नाम मंजुनाथ है…..मेरी उम्र है 28 साल ….5.8” हाइट और गुड लुकिंग हू। मैं मार्केटिंग का काम करता हू. और मेरा काम पुणे के बाहर का ही हे।एक दिन मैं काम के सिलसिले मैं मुंबई गया था. वहा मुझे 2महीने का काम था। मैं मेरे एक दोस्त के रिश्तेदार के यहा पेयिंगगेस्ट बन के रहा। उनके घर मैं एक अंकल थे मिस्टर अनिल जाधव जो की 40साल के थे. उनकी वाइफ सुजाता जो की 37 साल की थी। उनके एक लड़की मिस रूपा सिंह जो के कॉलेज मैं पड़ रही थी। रूपा पुणे के कोई होस्टल मैं पढ़ती थी. छुट्टियो मैं ही घर पर आती थी।

जब मैं वहा पहुचा तो सिर्फ़ अंकल और आंटी ही थे. मुझे एक रूम दे दिया था वहा मेरा सब समान पड़ा रहता था। पहले मैं बहुत शरमाता था. फिर धीरे धीरे बातचीत करते मैं वो लोगो मैं गुल-मिल गया। आंटी बहुत ही अच्छा खाना पकाती थी. बिल्कुल घर के जैसा और अंकल का भी नेचर काफ़ी अच्छा था।मैं रोज़ सुबह 10 बजे ऑफीस चला जाता था और शाम को 7 बजे घर आता था. फिर हम सब लोग साथ मैं खाना खाते थे। फिर मैं सोने चला जाता था. रोज़ मेरा यही रूटीन रहता था। मुझे एक ही बात कभी कभी ख़टकती थी. आंटी मुझे कभी कभी ऐसी नज़रो से देखती थी की मेरे तन बदन मैं आग लग जाती थी. वैसे उसको देखते कोई नही बोल सकता था की वो 37 साल की है और वो भी एक लड़की की माँ। फिगर मैं वो थोड़ी से मोटी थी।

लेकिन फिर भी एक दम टाइट फिगर था. मुझे पहले बड़ी शर्म आती थी. वो जैसे मेरे तरफ देखना चालू करती मैं अपना मूह नीचे कर देताक्यूकी वो उम्र मैं मेरे से बड़ी थी। कभी कभी तो वो अंकल के सामने ही मुझे देखती रहती. मैं डर जाता था। वैसे वो बात बड़ी प्यारी प्यारी करती थी. दोनो बड़े प्यार से मुझे रखते थे. मुझे वहा कोई पाबंदी नही थी. कभी भी किचन मैं जाओकुछ भी खाओकोई बोलने वाला नही था. नेचर मैं दोनो बड़े अच्छे थे।एक दिन शाम को मैं ऑफीस से घर आयातो आंटी ने डोर खोला. फिर मैं फ्रेश होकर सोफे पर बेठ गया. अंकल घर पर नही थे। मैने आंटी से पूछा “अंकल कहा गये है”.तो वो मुस्कुराकर बोली “आज वो अपने फ्रेंड के बेटे को देखने हॉस्पिटल गये है और रात बर वही रुकने वाले है” और मुझे बताया की मैं वहा अंकल को खाना दे कर फिर आऊ…मैं जल्दी से हॉस्पिटल पहुचा। वहा काफ़ी भीड़ थी. अंकल को खाना दिया। फिर थोड़ी देर वहा रुका और खाली टिफन ले कर घर पहुचा. बड़ी तेज़ भूख लग रही थी। घर आकर ही सब से पहले मैने और आंटी ने खाना खाया. फिर मैं टीवी देखने लगा और आंटी अपना काम करने लगी. वो काम करते करते बार बार मेरी तरफ प्यासी निगाहो से देख रही थी. मैं एक दम डर गया था।

अचानक वो मेरे पास आकर टीवी देखने बेठ गई. मैं कुछ नही बोला. उसने सलवार पहने हुई थी. और दुपट्टा नही पहना था। थोड़ी देर के बाद वो बोली…”बेटा मिल्क पियोगे”…मैने कहा “हा आंटी”….तो वो हस कर किचन मैं चली गई. मुझसे रहा नही गया। मै भी पीछे पीछे किचन मैं गया. वो मेरे लिय मिल्क गर्म कर रही थी। मुझे किचन मैं देख कर वो मुस्कुराने लगीऔर अपनी जुबान होठो पर घुमाने लगी। मै भी हिम्मत करके उसके पास गयाऔर धीरे से मेरे दोनो हाथ उसके गोल गोल गांड पर रख दिएऔर उसे ज़ोर से मेरी और खींचा. वो शरमा कर बोली…”बेटा क्या कर रहे हो?”मैने कहा “कुछ नही कर रहा हू”….आंटी ने धक्का देकर मुझे अपने से अलग किया और बोली “बेटा शर्म करो मैं तुम्हारे से बड़ी उम्र की हू”…मेने भी कहा “तो मेरी तरफ यू रोज़ देखते हुए आप को शर्म नही आती ?” तो वो कुछ नही बोली।

फिर मैं धीरे से उसके पास गया और उससे ज़ोर से पकड़ के चूमने लगा. वो धीरे धीरे मेरी बाहो मैं पिघलने लगी। फिर मैने उसके कपडे निकालने शुरू किया. पहले वो ना ना बोलती गई। फिर वो भी अपने आप ही कपड़े उतार ने लगी. .मैने कहा…”चुदवाना है तो नखरे क्यू करती हो“…..वो बोली “आज से पहले मैं अंकल के सिवाय किसी और ने नही चोदा ”..मैने कहा…”एक बार मेरा लंड ले लोगी तो किसी और से नही माँगोगी”….यह सुन कर उसने अपने दोनो हाथ से मेरी पेंट उतारना शुरू किया. जैसे ही मेरा लंबा सा लंड देखा….वो पागल हो गई….दोनो हाथो से लंड को हाथ मैं लेकर चूमने लगी। वो बोली “ बरसो से ऐसे लंड का मुझे इंतेज़ार था”…और फिर से मूह मैं लेकर पागलो की तरह चूसने लगी.मुझे भी मज़ा आ गया। एक बड़ी उम्र कि औरत जब पागलो की तरह मेरा लंड मूह मैं लेकर चूसने लगीऔर वो चुसती ही रही।फिर मैने धीरे से उसे पकड़ कर सोफे पर लेटायाऔर मेरी ऊँगली को उसकी चूत मैं डाल कर हिलाने लगा. वो तो मानो पागलो की तरह हवा मैं उछल कूद करने लगी.मानो कोई छोटी सी बच्ची हो. वो बार बार अपनी गांड उपर उठाती थी। उसे बड़ा मज़ा आ रहा था. अब वो एक पल के लिए भी नही रह सकती थी. उसने ज़ोर से चिल्ला कर कहा….अभी डाल दे मेरी चूत मे ये तेरा लंड…और फाड़ डाल आज इसे…..यह सुन कर मैं भी पागल हो गयाऔर मेरा लंड उसकी चूत पर रख दियाऔर हिलाना चालू किया।

वो तो मानो स्वर्ग के मज़े ले रही थी. अपनी गांड उछाल उछाल के मेरा लंड डलवा रही थीऔर बोल भी रही थी….चोदो….ज़ोर ज़ोर से चोदो…..फाड़ डालो मेरी चूत को….बहुत मज़ा आ रहा है…..आज जी भर के चोदो मुझे……सारी रात चोदो…..मै ज़ोर ज़ोर से जटके मारते गया। कुछ देर बाद वो शांत पड़ गईतो मैने कहा..”क्या हुआ?” तो वो बोली..बस थक गई….तो मैने कहा…इतने मैं थक गई…थोड़ी देर पहले तो सारी रात चुदवाने की बात कर रही थीतो बोली…वो तो मैं जोश मैं थी….मैने कहा…मै तो अभी भी जोश मैं हू…चल आज तेरी गांड भी मार लू…बड़ी अच्छी है तेरी गांड…..तो वो बोली…नही बेटे बहुत दर्द होगा….तो मैने कहा एक बार गांड मरवाएगी तो बड़ा मज़ा आएगा…और मेने उसे ज़ोर से पकड़ कर उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड मारने लगा।पहले वो चिल्लाई….फिर उसे भी मज़ा आने लगा. वो अभी अपनी गांड उपर कर कर के मरवा रही थी। मैने कहा…देखा कितना मज़ा आ रहा है…तो बोली हा बेटे..तेरे अंकल ने आज तक मेरी गांड नही मारी….तू पहला है जिसको मेरी यह गांड नसीब हुई है…और मेरी गांड को तेरा यह लंड……यह सुन कर मेरा लंड मानो हथोडा बन गया और उसकी गांड मै घुसने लगा।
थोड़ी देर बादमेरा पानी उसकी गांड मैं निकल गया. सारी गांड उसकी मेरे पानी से भर गईऔर मैं थोड़ी देर शांत बन कर उसकी गांड पर ही सो गया. वो रात हम ऐसे ही नंगे एक दूसरे से चिपक कर सो गये। सुबह जब जागे तभी साथ मैं स्नान किया।मैने बाथरूम मै भी एक बार उसे चोदावो अब तृप्त हो गयी थी।2 महीनो मै मैने बहुत बार चोदा. जब जब अंकल मार्केट जाते या बाहर जातेवो नंगी हो कर मेरे पास आ जाती. मैं बोलता कि…इतनी बड़ी होकर घर मै नंगी घूमती हो…तो कहती है…बड़े बच्चे नंगे ही घूमते हे। कहानी बिल्कुल सच्ची है.

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