पति समझ कर सौतेले बेटे के लंड से चुद गई भाग -1
हेलो दोस्तों आज इस नई कहानी में मैंने अपने सौतेले बेटे के साथ की चुदाई भाग -1 के बारे में बताया हैं। पति की मौत के बाद से ही मेरी चूत थी प्यासी।
मेरा नाम आरती है और मैं 35 साल की हूं मेरे पति की मृत्यु हो चुकी है और मैं उनकी दूसरी पत्नी थी उनकी पहली पत्नी से एक बेटा है जिसकी उम्र 20 साल है मैं उसे अपने बेटे की तरह मानती हूं और उसी के साथ ही रहती हूं।
मैं काफी बोल्ड किसम की औरत हूं और गाली ज्यादातर हमेशा मेरे मुंह पर ही रहती है। मेरे बेटे को मुझ से बहुत डर लगता है क्योंकि जब मैं गुस्सा हो जाती हूँ उस समय मैं गंदी गालियां देती हूं देखने में मैं गोरे रंग की हूँ और मेरे चूचे बड़े बड़े और गोल गोल है।
मेरी हाइट 5 फुट 4 इंच की है और मेरी कमर 32 इंच की है मेरा टोटल बहुत बड़े हैं और मेरी गांड 44 साइज की है कई सालों से मैंने चुदाई नहीं की थी इसलिए मैं बहुत चिड़चिड़ी हो गई थी।
मैं काफी निराश रहने लगी थी इसलिए मैंने अपने पुराने यार से शादी कर ली वह पैसों में बहुत अच्छा है और मैं उससे अपनी जवानी में अपनी चुदाई की प्यास मिटा करती थी।
अब मैं खुश रहने लगी थी मेरा यह नया पति मुझे रोज चोदा करता था लेकिन इसकी एक ही गलती थी यह ज्यादा देर तक टिक नहीं पाता था। इसका लंड अब पहले जैसा मजा नहीं दे रहा था मैं फिर से अधूरी प्यास भी तलाश में रहती थी ।
इसी बीच मेरी नजर मेरे बेटे पर जाती थी लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाती थी सोचती थी कि बेटे का लैंड देख ले कर अपनी चूत की प्यास बुझा लूँ मेरी नजर में मां बेटे का सेक्स बुरा नहीं था और वैसे भी तो वह मेरा सगा बेटा नहीं था।
1 दिन की बात थी रात का वक़्त था और मेरी जुदाई का समय हो गया था मैं अपने बेडरूम में गई लेकिन मेरे पति हॉल वाले रूम में सोए हुए थे और उसी के बगल में रूम था बेटे का रूम था और बेटा आज टीवी देखते-देखते गलती से मेरे रूम में ही सो गया था।
मुझे यह सब नहीं पता था मैं जब भी अपने रूम में जाती थी तो अक्सर लाइट नहीं जली रहती थी मैं रोज की तरह आज भी बेड पर गई और लेट गई मुझे तो ऐसा लग रहा था कि सोया हुआ मेरा ही पति है।
अपने बेटे को पति समझ के बगल में लेते जब मुझे कुछ देर हुई तो मैंने उसके पैंट खोल दी और उसका लैंड बाहर निकाल दिया उसका लंड खड़ा था मैं भी जोश में थी और झट से चुदने लगी।
मैंने अपने पति को बोला क्या बात है आज तो तुम तो बड़े अच्छे चोद रहे हो और तुम्हारा लंड भी बहुत टाइट है और लंबा भी लग रहा है कुछ दवा खाई है क्या लेकिन वह कुछ नहीं बोला।
मैं आधे घंटे चुदने के बाद सो गई सुबह मैं उठी और हॉल रूम में गई तो मैंने देखा मेरा पति हॉल रूम में सो रखे था मैंने उन्हें उठाया और उनके उठते ही उन्होंने बोला ओ सॉरी मुझे माफ करना कल मैं हॉल रूम में ही सो गया था।
उन्होंने बोला मैं ऑफिस का काम करते-करते कल रात में यहीं पर सो गया मुझे माफ करना मैं तुम्हारी प्यास नहीं बुझा पाया फिर मैं सहम गई मैं सोचने लगी कि मेरे को रात को किसने चोदा मैंने देखा कि मेरे पति सच में काम में व्यस्त है क्योंकि उन्होंने कपड़े भी अभी तक ऑफिस वाले ही पहन रखे थे।
अब मैं सीधे अपने बेटे के रूम में गई और मैंने देखा कि वह नीचे पजामा पहने हुए था और कल रात जो मैंने उतारा था वह भी पजामा ही था मुझे अब समझते देर नहीं लगी कि मुझे कल रात को क्या हुआ।
फिर एक दिन ऐसे ही सुबह का वक्त था पति ऑफिस गए हुए थे मेरा बेटा प्रकाश तैयार होकर कहीं जा रहा था तो मैंने उसे टोक दिया। मैंने उसे बोला तुम कहां जा रहे हो वह बोला कहीं नहीं अम्मा मैंने फिर उसे से पूछा कि क्या प्लान है तुम्हारा।
क्या बात है आज तो बात ही तैयार होकर जा रहा है कही गर्लफ़्रेंड के पास जा रहे हो क्या। प्रकाश बोला नहीं ममा मेरी कोई गर्लफ़्रेंड नहीं है फिर मैंने उससे कहा अबे क्या अब बुड्ढे होकर अपनी गर्लफ़्रेंड बनाएगा।
मैं ठहरी मुंहफट मैंने उसे बोला अब क्या जब तुम्हारा लंड खड़ा होना बंद हो जाएगा क्या तब तुम अपनी कोई गर्ल फ्रेंड बनाओगे अभी नहीं चुदाई के मजे लेगा तो कब लेगा।
वह मेरी तरफ हैरानी से देख रहा था मैं बोली ऐसे क्या देख रहा है हरामी मुझे पता चल गया है कि उस रात को तुमने ही मुझे चोदा था। यह सुनकर वह डर गया तो मैंने उसे बोला चल छोड़ क्या तुझे गर्लफ्रेंड बनाकर मजे करने का मन नहीं करता।
अब मैंने अपनी साड़ी का पल्लू उसके सामने उतार दिया मेरे चुचे मेरे ब्लाउज में लटके हुए थे मैं उसके पास जाकर बोली देख कैसे लग रहे हैं। इसके बाद मैंने अपना ब्लाउज उसके सामने उतार दिया अब मेरे चुचे उसके सामने लटक कर नंगे थे।
वह मेरे चुचो को घूरने लगा मैंने उसे बोला खड़ा हुआ या नहीं तुम्हारा वह अभी भी मेरी तरफ हैरानी से देख रहा था अब इस समय भी चुदाई नहीं करेगा तो कब करेगा। वह अभी भी हैरान था उसने अभी भी कुछ नहीं किया तो मैंने उसके चेहरे पर एक तमाचा मार दिया।
अब वह गर्म हो गया और उसने मेरे चुचो को पकड़ कर खींच दिया। मैंने उसे बोला हरामजादे इन्हें खींचते नहीं इन्हें दबाते हैं फिर मैंने उसके मुंह पर एक और तमाचा मार दिया।
अब वह मेरे चुचो को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा। अब मैंने उसको पकड़ लिया और अपनी बाहों में भर लिया हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। वह दोनों हाथों से मेरे चुचो को दबा रहा था और मैं उसके सिर को पकड़कर उसके होठों को चूसने में लगी हुई थी। कुछ देर तक वहीं खड़े होकर हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमते रहे।
उसके होठों को चूसते हुए मुझे मजा आने लगा था बहुत दिन हो गए दिनों बाद किसी मर्द के होठों को चूसने का मौका जो मिला था मैंने अपने हाथ को नीचे ले जाकर उसके लंड को अपने हाथों में ले लिया। उसके लंड को हाथ में लेकर मेरी चूत में एक झुर्झुरी सी मची।
अपने बेटे को गले लगाकर मैंने उसे बेतहाशा चूमने लगी और वह भी मेरे चुचो को पीने लगा बहुत दिनों बाद मेरे चुचो को भी एक मर्द के चूमने का स्वाद जो मिला था।
मैंने उसके मुंह को अपने चुचो में दबा लिया वह अपने मुंह से मेरे निपल को काटने लगा।मेरी चूत में अब मस्ती सी भरने लगी मैंने अपने हाथों से उसके गांड को दबाना शुरू कर दिया वह मेरे चुचो को चूस रहा था और मैं उसकी गांड को दबा रही थी। उसके चूतड़ को दबाने में मजा आ रहा था।
मैं अपने पति के चूतड़ों से भी खेलती थी। मगर पति के जाने के बाद मुझे वह सुख नहीं मिल पाया था। मैंने उसके पैंट के ऊपर से उसकी गांड खूब मसला और दबाया, उसका लंड मेरी चूत के आसपास लग रहा था और मैं मजे ले रही थी।
इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए सौतेले बेटे के साथ की चुदाई भाग -2 को पढ़े।