मेरी पिछली कहानी आई थी
हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 7
इसके बाद मैं ऑफ़िस के लिए निकल गई.
ऑफ़िस मैं थोड़ा लेट पहुँची थी, तो थोड़ी देर में सर ने अपने केबिन में बुला लिया. अन्दर जाते ही सर ने गले से लगा लिया और मेरे चूतड़ों को दबा दिया.
मैं- सर क्या कर रहे हैं, कोई आ जाएगा.
सर – सीमा बेबी जब तुम बांहों में रहोगी तब कोई नहीं आएगा, टेंशन मत लो.
मैं- सर आप आज कुछ ज्यादा उत्तेजित लग रहे हैं.. क्या बात है?
सर – सीमा, तुम्हारी जवानी मुझे पागल बना देती है.
फिर मैं सर की बांहों से निकल कर चेयर पर बैठ गई और सर मेरे सामने टेबल पर बैठ गए. सर ने मेरी चुचियों को पकड़ लिया और दबाने लगे. मैंने सर के लंड पर हाथ रख कर उसे सहलाना शुरू कर दिया.
सर ने अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिया और खड़े होकर मेरे मुँह में डाल दिया. अब मैं सर का लंड चूस रही थी और सर मेरे टॉप के अन्दर हाथ घुसा कर मेरी बूब्स को मसल रहे थे.
काफी देर मेरे मुँह को चोदने के बाद सर अपने चेयर पर बैठ गए.. जिससे उनका लंड टेबल के पीछे छिप गया.
सर – सीमा मेरे लंड के पास तुम्हारे लिए एक सरप्राईज है.
मैं- क्या है सर?
सर – खुद देख लो.. पर एक शर्त है.
मैं- क्या शर्त है?
सर – ये लेने के लिए तुमको मेरे लंड को अन्दर से खुशी देनी होगी.
मैं- सर लंड को अन्दर से कैसे खुश करते हैं?
सर – लंड को अपने अन्दर लेकर.
मैं- सर मेरी चूत आपकी है, आप कभी भी चोद दीजिए, पर ये ऑफ़िस है कोई आ गया तो बहुत बेइज्जती होगी.
सर – कोई नहीं आएगा जान.. और मेरे लंड को तुम्हारी चूत में जाने का अभी मन नहीं है.
मैं- तो कहाँ जाना चाहता है आपका लंड?
अब मैं उठ कर सर की तरफ जाने लगी.
सर के लंड पे एक लिफाफे जैसा कुछ रखा था.. जिसे मैंने उठा लिया. सर ने मेरी कमर में हाथ डाल दिया.
सर – सीमा, मेरी जान… मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाना चाहता है.
अब सर ने मेरे जींस की बटन को खोल दिया और पेंटी के साथ एक झटके में नीचे कर दिया. मैं वो लिफाफा खोल कर देखने में बिज़ी थी.
इतने देर में सर ने मुझे टेबल पर झुका दिया और पीछे बैठ कर मेरी गांड का छेद चाटना शुरू कर दिया.
मेरी आँखें बंद हो गईं और मैं भी मजे के साथ गांड चटवाने में बिजी हो गई.
अब सर ने खड़े होकर मेरी गांड में दो उंगलियां डाल कर उंगली से मेरी गांड को फैलाने लगे और मुझे वो लिफाफा खोल कर देखने को बोल दिया.
मैं गांड में उंगली डलवाते हुए लिफाफे को खोलकर पढ़ने लगी तो मेरी ख़ुशी दोगुनी हो गई.
लिफाफे में मेरा प्रमोशन लेटर था. मैंने खुश होकर सर को गले से लगा लिया और इसके लिए सर को थैंक्स बोला.
अब सर का एक हाथ मेरे पीछे मेरे गांड को सहला रहा था और सर का दूसरा हाथ मेरी नंगी चूत सहला रहा था.
सर – सीमा मेरी जान तुमको अच्छा लगा?
मैं- सर बहुत अच्छा लगा. मैं बहुत खुश हूँ सर. थैंक्यू सो मच सर.
सर – अब इस ख़ुशी के बदले मुझे क्या मिलेगा?
मैंने सर के होंठों को अपने मुँह में दबा लिया और उनकी जीभ को चूसते हुए अपना एक हाथ पीछे ले गई. सर की दो उंगलियों को पकड़ कर अपनी गांड में डलवा कर सर के मुँह में ही बोल दिया- ये मेरी गांड का छेद मिलेगा बाबर जी .
सर – तुम्हारे मुंह से मेरा नाम कितना प्यारा लग रहा है,इस प्यार पर दे दो गांड अपनी.. मेरा लंड तड़प रहा है.
मैंने सर को चेयर पर बिठा दिया और झुक कर उनके लंड को चाटने लगी, जिससे उनका लंड गीला हो गया.
इसके बाद मैंने अपने नीचे के कपड़े उतार दिए और नंगी होकर सर के लंड के ऊपर चढ़ गई. अब सर ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया और मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया.
मैं सर के होंठों को मुँह में लेकर लंड पर बैठने लगी. जिससे मेरी गांड फैल कर लंड अपने अन्दर घुसवाने लगी.
मुझे गांड में दर्द हो रहा था, पर मैं सर को अन्दर की ख़ुशी महसूस करवाना चाहती थी इसलिए बिना चिल्लाये ही गांड में सर का आधा लंड ले लिया.
अब मैं सर के लंड पर उछलने लगी, जिससे उनके लंड ने मेरी गांड को फाड़ना शुरू कर दिया. मैं सर के केबिन में गांड मरवा रही हूँ, ये ऑफ़िस में किसी को नहीं पता था. इसलिए मैं और मजे से गांड मरवाने लगी.
अब सर ने मुझे मेज के सहारे झुका दिया और पीछे से मेरी गांड में पूरा लंड डाल दिया. मैं आआह आह करके सर से गांड मरवा रही थी. सर ने मेंरे बालों को पकड़ लिया, जिससे मेरा सिर ऊपर उठ गया.
मैं- वाह सर बहुत अच्छा लग रहा है.. मेरी गांड को जोर से मारिये सर.
सर- सीमा मेरी रंडी, तेरी गांड बहुत मस्त है जान.
मैं- सर आपकी रंडी हूँ इसलिए गांड को मस्त बना लिया है.. आह अह जोर से सर.. फ़ाड़ दीजिए मेरी गांड.
सर गंदी गंदी गालियां देकर मेरी गांड मार रहे थे, जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
सर – सीमा मेरी बेबी तू रंडी बन जा जानेमन.. तुझे बहुत चोदूँगा. सबसे चुदवाऊंगा तेरी चूत को.. बहुत मस्त है तू रांड मादरचोद सीमा मैं लंड से तेरी माँ चोद दूंगा.
मैं- आह सर मुझे रंडी बना कर रख लीजिए.. आह आह मेरी माँ चोद दीजिए सर.. मैं बहुत चुदक्कड़ हूँ सर.
सर- हां मेरी रांड तेरी माँ चोद दूंगा बहनचोद चुदक्कड़ सीमा.. तेरी बहन भी है ना.. उसको भी चोदूँगा.
मैं- आहह आहह चोदिए मुझे.. आपने मुझे पूरा रंडी बना दिया… जोर से चोदिए सर.. आहह मैं आपकी रंडी हूँ सर.. मेरी बहन भी आपकी रंडी बन जाएगी.. मेरी माँ भी आपकी रांड है.. आह.. सर प्लीज मेरी गांड जोर से मारिये.. आहह आहह आह्ह्ह्ह मेरी गांड को मजा आ रहा है.
अब सर का लंड फूलने लगा. सर ने मेरी गांड को और जोर से मारना चालू कर दिया और मेरी गांड मारते हुए जोर जोर से गाली देते हुए अपने लंड का पानी निकालना शुरू किया.
सर – सीमा रंडी मेरे लंड का पानी निकलने वाला है, तेरी गांड को भर देगा. मादरचोद लंड का रस पिएगी?
मैं- अभी नहीं सर.. गांड की सिंचाई कर दीजिए.
सर – ले मेरी रांड.. गांड में मेरा पानी ले ले.. आहह अह्ह्ह्ह सीमा रंडी मेरी जान.
अब सर लंड को अन्दर डाले ही मेरे पीठ पर लेट गए और हम दोनों अपनी सांसों को काबू में करने लगे.
इतनी देर में केबिन का गेट खुला और एक ऑफ़िस का लड़का विकी ने अन्दर देखा.
मेरी और सर की गांड फ़ट गई. हम दोनों ने उसे शॉक होते हुए देखा. मैं सर से जल्दी से अलग हो गई.
वो सॉरी बोल कर जाने लगा तो सर ने रोक लिया और अन्दर आने को बोला. अन्दर बुला कर सर ने कहा- दीवार की तरफ चेहरा करके खड़े रहो.
फिर सर ने अपने कपड़े ठीक किए और मैं अपने कपड़े ठीक करके जल्दी से वहां से चली गई.
फिर लगभग आधे घन्टे बाद वो लड़का बाहर आया और मुझसे आकर सॉरी बोलने लगा.
मुझे शर्म आ रही थी तो मैंने कुछ नहीं बोला. फिर वो मेरे पास बैठ गया और मेरे पैरों को हाथ से पकड़ कर सॉरी बोलने लगा. मैंने उसके हाथ को हटाया और उसे माफ कर दिया.
फिर उसने बोला- प्लीज सर को बोल दो कि तुमने माफ कर दिया क्योंकि सर ने मुझे जॉब से निकालने को बोल दिया है.
यह सुन कर मुझे दुख हुआ कि गलती मेरी थी और सजा इस बेचारे को मिल रही है. तो मैं सर के केबिन में गई और उनसे बोला कि वे ऐसा ना करें.
सर नहीं मान रहे थे तो मैं उनके गोद में बैठ गई और उनके होंठों को चूम लिया.
फिर मैंने कहा- मेरे लिए उसको माफ कर दीजिए सर.. उसकी गलती नहीं है, वो तो बस ऑफ़िस का काम कर रहा था. गलती हमारी है.. वो तो ऑफ़िस में नया है।
तो उसको पता नहीं था कि नॉक करके अन्दर आना चाहिए.
अब सर को मेरी बातें ठीक लगीं, तो उन्होंने उसको बुला लिया. मैं अब सर की गोद से उतर कर नॉर्मली खड़ी हो गई.
सर ने उसको बोला- किसी को पता नहीं चलना चाहिए और दुबारा ऐसा मत करना.
वो चला गया तो सर ने मुझे फिर से अपनी गोद में बिठा लिया.
सर – सीमा बेबी आई एम सॉरी यार. मुझे नहीं पता था, ऐसा कभी होगा.
मैं- कोई बात नहीं सर.
अब मैं सर को किस करने लगी और सर ने मेरे टॉप के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया.
सर – सीमा , मुझे अपना निप्पल दे दो, चूसने का मन कर रहा है.
मैंने अपने टॉप को ऊपर उठा दिया और सर के मुँह में अपना निप्पल डाल दिया. अब सर मेरे निप्पल को चूस रहे थे और हाथ मेरे जींस में डाल कर मेरी चूत को सहला रहे थे.
अभी जो हुआ, मैं उसके बारे में सोच रही थी, इसलिए मुझे उतना मजा नहीं आ रहा था. जिससे मेरी चूत गीली नहीं हुई.
तो सर ने पूछा- क्या हुआ सीमा ? तुमको अच्छा नहीं लग रहा है?
मैं- सर अपको एक बात बतानी है.
सर – क्या सीमा?
मैं- मेरे फ्लैट पर मेरे मौसी का लड़का आया हुआ है, जो कुछ दिन तक रहेगा. जब तक उसको कोई और घर नहीं मिल जाता.. तब तक हम लोग चुदाई नहीं कर पाएंगे.
सर – क्या? ऐसे कैसे मैं तुमको बिना चोदे रहूंगा सीमा ? मेरे लंड का ख्याल कौन रखेगा?
मैं- सर इस बात के लिए मैं भी बहुत दुखी हूँ. मैं आपके लंड को बहुत प्यार करती हूँ और आपके लंड के बिना एक पल भी रहने का मन नहीं करता है.
सर – तो कहीं बाहर चलोगी, जहां खुल कर मैं तुमको चोदूँगा?
मैं- सर अभी पहले भाई के लिए कुछ इन्तजाम कर दूं, फिर चलूँगी नहीं तो घर वाले सोचेंगे कि मैंने छोटे भाई को ऐसे ही भटकने के लिए छोड़ दिया.
सर- ठीक है सीमा पर ऑफ़िस में चुदवाने आओगी ना?
मैं- सर आज जो हुआ, उसके बाद बहुत डर लग रहा है. कल को कोई बदनामी हो गई तो?
सर – उस लड़के को अभी निकाल देता हूँ.. कोई बदनामी नहीं होगी.
मैं- मेरे दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था एक खुरापात सी , तो मेंने सर से कहा कि मैं सोच रही थी अगर आपकी परमीशन हो, तो मैं उस लड़के से चुदवा लूँ तो वो किसी को नहीं बोलेगा क्योंकि फिर वो भी मुझे चोदने के इन्तजार में रहेगा.
सर – ठीक है सीमा जो तुमको ठीक लगे.
अब सर ने मेरी चूत में उंगली डाल कर उंगली से मेरी चूत को चोदा और मेरे चूत के रस को चाट लिया. शाम को मैं वापिस घर आ गई.
शाम को भी मैं बस उसी बात से परेशान थी. मौसा जी वापिस अपने घर चले गए थे. अजू पढ़ाई कर रहा था.
मैं आ कर सोफे पर बैठ गई और सिर पर पट्टी बांध ली.
अजू- क्या हुआ दीदी? सर में दर्द है क्या.. कोई दवा दूँ आपको?
मैं- नहीं मैं ठीक हूँ.. बस थकान लगी है.
अजू- ठीक है, फिर आपके लिए मैं चाय लाता हूँ.
मुझे यह बात बहुत अच्छी लगी कि मेरे लिए कोई चाय बना रहा है. अजू ने बहुत अच्छी चाय बनाई थी, जिससे मेरी थकान वाकयी कम हुई.
अब मैं शाम को ऑफ़िस वाले लड़के, जिसका नाम विकी था उसको पटाने के बारे में सोचने लगी, क्योंकि मेरे दिल उस पर पहले ही आ गया था, इसी लिए सर से कहा था कि में विकी से चुदवा लू .
अगले दिन मैंने ऑफ़िस में सबसे पहले विकी से बाहर किसी कॉफ़ी शॉप पर चलने को बोला. बाहर हम लोग कॉफ़ी पी रहे थे और तब विकी सॉरी बोल रहा था.
मैंने विकी का हाथ पकड़ लिया और बोला- विकी प्लीज, तुम किसी को मत बताना.
विकी- हां मैम , मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगा.
मैं- थैंक्स विकी.. तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो.
विकी- मैम, एक बात बोलूं?
मैं- हां विकी, हम दोनों फ्रेंड्स हैं तो तुम कुछ भी बोल सकते हो.
विकी- तुम अन्दर से बहुत खूबसूरत हो मैम.
मैं शर्मा कर नीचे देखने लगी और बोली- नहीं मैं इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ.
विकी- तुम बहुत खूबसूरत हो मैम.. और तुम्हारी वो और भी ज्यादा खूबसूरत है चिकनी और गोरी सी.
मेरी चूत में अब कामुकता से कुछ गुदगुदी होने लग गई थी. मैंने विकी का हाथ दबा दिया, जिसे विकी ने भी महसूस किया और बोला- मैम कल पूरी रात मैं बस तुम्हारे बारे में ही सोचता रहा. मन कर रहा था तुमसे कुछ अपने दिल की बात कहूँ.
मैं- विकी ऐसी बातें कॉफ़ी शॉप में नहीं करनी चाहिए, किसी ने सुन लिया तो गलत हो जाएगा.
विकी- क्या तुम मेरे साथ कहीं और चलोगी?
मैं- कहाँ चलें? कोई ऐसी जगह भी नहीं है.
विकी- मैं अकेला ही रहता हूँ. प्रॉब्लम ना हो तो मेरे फ्लैट पर चलो, फिर बातें करेंगे और फिर वापिस आ जाना.
मैंने कुछ सोचा फिर उसे हाँ बोल दिया. अब मैं विकी के पीछे उसकी बाइक पर बैठ कर उसके फ्लैट पर चली गई.
विकी- फ्लैट थोड़ा गन्दा सा है, पर तुम आराम से बेड पर बैठ जाओ.
मैं- कोई बात नहीं विकी, तुम भी बैठो.. बाद में सफाई कर लेना.
विकी- हां ठीक है.
मैं- अब बताओ विकी क्या कह रहे थे? क्या बात है तुम्हारे मन में?
विकी – मैम तुम सच में किसी परी की जैसी हो.. तुम्हारी हर चीज बनाने के लिए गॉड ने बहुत टाईम लिया होगा.
मैं अपनी तारीफ सुन कर खुश हो रही थी और शर्मा भी रही थी. फिर विकी ने मेरे हाथ पर अपने हाथ में ले लिया और अपनी जांघों पर रख दिया.. जिसे मैंने भी नहीं हटाया.
मैं- विकी तुमको क्या अच्छा लगा मुझमें?
विकी – मैम कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिनको ऐसे वर्ड्स में नहीं बोल सकते. वो थोड़ी गंदी भी हो जाती हैं.
मैंने सोचा अब जब इसके सामने चुदवा सकती हूँ तो इससे सुनने में क्या जाता है.. इसलिए मैंने बोला- विकी जो भी हो बताओ बिल्कुल खुल कर.. मैं तुम्हारे होंठों से सुनना चाहती हूँ.
विकी – ठीक है मैम .. मैं कल पूरी रात तुम्हारे बारे में सोचता रहा. तुमको याद करके अपना लंड हिलाता रहा. जब तुम्हारी चुदाई को देखा था तो मन कर रहा था, मैं भी तुमको चोद दूँ. कल पूरी रात मैम मेरा लंड सिर्फ तुमको याद करके अपना रस निकालता रहा.
मैं विकी की बातों से उत्तेजित होने लगी और मैंने देखा विकी का लंड भी वासना से खड़ा हो गया है.. जिसके ऊपर मेरा हाथ था.
मैं- विकी तुम मेरे साथ क्या करना चाहते थे?
विकी – मैम तुमको प्यार करना चाहता हूँ. तुमको नंगी करके तुम्हारा नंगा जिस्म देखना चाहता हूँ.
अब मैं विकी के लंड को दबाने लगी, जिससे विकी की हिम्मत बढ़ गई.
मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और बोला- फिर?
विकी- तुम्हारे होंठों का रस पीना चाहता हूँ.
अब विकी ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिया और मैंने भी विकी की गर्दन में अपनी बांहें डाल दीं और दूसरे हाथ से विकी का लंड सहलाने लगी.
हम दोनों एक दूसरे के मुँह का पानी पीने लगे. विकी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर लेट कर मेरे होंठों को अपने होंठों में फंसा लिया.
धीरे धीरे उसने मेरे टॉप को ऊपर उठा दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चुचियों को दबाने लगा. साथ में मेरी जीभ को अपने जीभ से चूस भी रहा था.
मैंने विकी की शर्ट के सारे बटन खोल दिए. अब विकी ने शर्ट को उतार दिया और मेरे टॉप को ऊपर से निकाल दिया. फिर वो मेरे मुँह में मुँह डाल कर चूसने लगा और पीछे हाथ ले जाकर मेरी ब्रा का हुक खोल दिया.
मैं और विकी दोनों ऊपर से नंगे हो गए थे. विकी ने मेरे एक निप्पल को मुँह में ले लिया और दूसरी चुची को जोर से दबाने लगा.. जिससे मैं बहुत उत्तेजित हो गई.
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. मैं विकी के बालों को सहला रही थी और उससे अपने निप्पल चुसवा रही थी.
काफी देर तक मेरे दोनों निप्पलों को चूसने के बाद विकी ने निप्पल चूसते हुए ही मेरी जींस के बटन को खोल दिया और उसे निकालने लगा.
मैंने अपनी गांड उठा कर विकी का सहयोग किया. अब मैं सिर्फ पेंटी में लेटी हुई थी, जो मेरी चूत पर गीली हो गई थी. विकी मेरे पेट और कमर को चाट रहा था और धीरे धीरे नीचे मेरी चूत तक जाने लगा.
इसके बाद विकी ने मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूम लिया.. जिससे मैं सिहर गई और आंख बंद करके नंगी होने का इन्तजार करने लगी.
विकी ने मेरी पेंटी को साइड में किया और मेरी चूत को देखने लगा. फिर उसने मेरी चूत पर अपनी नाक को रख दिया और सूंघने लगा. उसकी गर्म सांसें मेरी चूत को बहुत अच्छी लग रही थीं.
मैंने विकी के बालों में उंगलियां डाल कर उसका सर कसके पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबा दिया, जिससे उसका मुँह मेरी चूत में लग गया.
अब विकी ने मेरी पेंटी को अपने दोनों हाथों से नीचे खींच दिया और मेरी टाँगों को फैला कर मेरी चूत में मुँह लगा कर चूसने लगा.
मैं वासना से पागल होने लगी और उम्म्ह… अहह… हय… याह… कहते हुए विकी की जीभ को अपनी गीली हुई चूत में घुसवा रही थी.
विकी ने जीभ से मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया, जिसे मैं ज्यादा देर तक नहीं झेल पाई और विकी के मुँह में ही झड़ गई.
मैं झड़ जाने के बाद आँखें बंद करके लेट गई. विकी मेरी चूत का रस पीकर खड़ा हो गया और अपनी पैंट निकालने लगा.
विकी – मैम, मेरे लंड को देखोगी, जो पूरी रात तुम्हारी याद में रोता रहा है?
मैं उठ कर बैठ गई और विकी की चड्डी के ऊपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी.
विकी ने अपनी पैंट उतार दी.. और मैंने उसकी चड्डी को नीचे करना शुरू किया. अभी आधा लंड ही दिखा था कि विकी के लंड के ऊपर की तरफ छोटा सा एक तिल था, जिसे देख कर मैं मुस्कुरा दी.
विकी – क्या हुआ मैम?
मैं- जिनके लंड के ऊपर तिल होता है, वो बहुत सेक्स करते हैं.
विकी- अच्छा क्या मेरा लंड तुमको पसन्द आया?
मैं- वो तो टेस्ट करके ही पता चलेगा.
अब मैंने विकी की चड्डी को नीचे कर दिया और उसका 7 इंच का भूरे रंग का लंड मेरे सामने आ गया.
मैं विकी के लंड को उठा कर उसके नीचे देखने लगी और उसमे मुँह लगा कर सूँघने लगी. फिर उसके सुपारे को खोल कर देखने लगी.
विकी – मैम लंड चूसोगी?
मैं- नहीं.. मैं इसे खा जाऊंगी.
मैंने लंड को मुँह में ले लिया और जोर जोर से लंड चूसने लगी.
मैं- विकी क्या तुम सिर्फ मेरी चूत चोदना चाहते हो?
विकी – नहीं मेरी जान, मैं तुम्हारे हर छेद को चोदना चाहता हूँ.
मैं- तो देरी किस बात की?
यह कह कर मैंने विकी के लंड को फिर से मुँह में ले लिया. अब विकी ने मेरा सिर पकड़ लिया और एक झटके में लंड को मेरे गले तक पेल दिया, जिससे मुझे खांसी आ गई.
विकी – सॉरी मैम.
मैं- जो अभी किया, वो सबसे मस्त था.. उसके लिए सॉरी मत बोलो और मेरे मुँह को जोर से चोदो.
अब विकी ने मेरे बालों को एक हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह में लंड घुसा दिया और जोर जोर से चोदने लगा. मैं लंड पर थूक थूक कर उसे गीला कर रही थी और अपना मुँह चुदवा रही थी.
कुछ देर बाद विकी झड़ने वाला था.. तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरे पूरे चेहरे पर अपने लंड का पानी निकाल दिया.
मैं- बाहर क्यों निकाला?
विकी – मुझे लगा कि तुम लंड रस नहीं पीती होगी.
मैंने जीभ निकाल कर विकी के लंड को चाट लिया और साफ करके बोली- इससे अच्छा टेस्ट किसी चीज का नहीं है.
विकी ने अपने लंड से मेरे चेहरे पर लगा हुआ वीर्य पोंछ कर मेरे मुँह में दिया और मैं विकी का पूरा वीर्य चाट गई. फिर मैं बाथरूम में जाकर अपना चेहरा साफ करके आई और मिरर के सामने बाल ठीक करने लगी.
इतने में विकी ने मेरे नंगे जिस्म को पीछे से पकड़ लिया. मेरी चुचियों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा और मेरे कान को चूसते हुए बोला- क्या मैं तुमसे कुछ मांग सकता हूँ?
मैं- हाँ तुम कुछ भी मांग लो.
विकी – मैं तुम्हारी पेंटी अपने पास रखना चाहता हूँ.
मैं- ठीक है रख लो.. पर क्या करोगे पेंटी का?
विनय- रोज तुम्हारी पेंटी को सूँघ कर अपने लंड को शांत कर लिया करूंगा.
मैं- अच्छा और लंड शांत नहीं हुआ तो?
विकी – यही तो सबसे बड़े दुख की बात है कि मेरे पास कोई नहीं है.. जिससे मैं अपने लंड को शांत करवा लूँ.
मैंने विकी को बांहों में ले लिया और नंगी ही उसकी बांहों में सिमट कर उसके होंठों को चूम लिया.
मैं बोली- अभी तक कोई नहीं थी.. पर अब तो है.
मेरी इस बात पर विकी ने भी मुझे कस लिया और मेरे होंठों को जोर से चूसना शुरू कर दिया.
विकी ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर 69 की अवस्था में चढ़ गया. विकी की जीभ मेरी चूत में घुस गई और लंड मेरे मुँह में फिर से घुस गया.
विकी मेरे चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट रहा था जिस से मेरे शरीर में अजीब सा कम्पन महसूस हो रहा था मुझे लग रहा था कि में स्वर में हु।
अब मेरी चूत को मजा आने लगा और विकी का लंड पूरा टाइट होकर 7 इंच का मूसल लंड हो गया. अब विकी सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गया और मेरी चूत के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा.. जिससे मैं तड़पने लगी.
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