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हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 11
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आज संडे का दिन था तो अनु ने मुझे एक रेस्तरां में चलने को बोला। मैं शाम को 8 बजे तैयार हो गयी; एक कट स्लीव की टॉप और नीचे लूज मिनी स्कर्ट पहन लिया।
और अन्दर अनुम का गोआ से लाया हुआ बिकनी सेट पहन लिया जिसके ब्रा की डोरी मेरे गले के पीछे से होकर नीचे आती है तो उसमें दिख जाता है कि मेरे चुचियों की क्या शेप है। मैं चाहती थी कि बाहर सब मेरी चुचियों को देख कर अपना लंड मसल कर रह जाये।
फिर अनुम मुझे मैट्रो स्टेशन पर लेने आया, हम दोनों एक रेस्टोरेन्ट एण्ड बार में गए, वहाँ साइड में डिस्को और बार भी था।
पीछे के साइड स्मोकिंग ज़ोन था और अच्छी अच्छी लाईट लगी हुई थी जो बिल्कुल पीने का माहौल बना रही थी।
अनुम मुझे एक टेबल पर बिठा कर बाहर चला गया सिगरेट लेने के लिये और वेटर को दारू के लिये बोल दिया।
इतनी देर में दो लड़के मेरे सामने आकर बैठ गए और मुझे बोला- हाय बेबी, कैसी हो?
मैं बिल्कुल डर सी गयी और उनको पूछने लगी- आप लोग कौन हो? यहाँ क्यों आये हो? मैं आप लोगों को नहीं जानती। फिर आप मुझसे क्यों बात कर रहे हो?
तो उनमें से एक लड़के ने बोला- आप बहुत खूबसूरत हो इसलिये हम आपके पास अपने आप खिंचे चले आये।
दूसरे ने बोला- आपके जिस्म की खुशबू हमको पागल बना रही थी इसलिये आपसे दूर नहीं रह पाये। आपके जिस्म को भगवान ने बहुत फुर्सत से बनाया है। और मिनी स्कर्ट में आपकी नंगी जांघें बहुत अच्छी लग रही है।
मुझे ये सब सुन कर बहुत शर्म आ रही थी इसलिये मैं उठ कर दूसरी जगह जाने लगी, इतने में अनुम आ गया और उन दोनों से गले मिलने लगा, फिर उनका परिचय मुझसे करवाया।
एक का नाम संजू था जिसने पहले बोला था और दूसरे का राहु था।
वो दोनों अनुम के दोस्त थे।
मैं समझ गयी कि राहु ज्यादा कमीना है उनमें से… पर उसकी बातें मेरे जिस्म में सिहरन कर गयी थी जो मुझे अच्छा लग रहा था।
फिर वो दोनों हंसने लगे और बोले- भाभी जी नमस्ते, हम दोनों बस मजाक कर रहे थे।
मुझे थोड़ा गुस्सा आया पर मैं कुछ नहीं बोली और फिर से वहीं पर बैठ गई।
राहु थोड़ा छोटा था बिल्कुल मेरी हाईट का और संजू मुझसे करीब 4 इंच ज्यादा लम्बा था। दोनों की बॉडी बहुत अच्छी दिख रही थी। बातों बातों में पता चला कि दोनों किसी ज़िम में ट्रेनर हैं।
राहु मेरे ठीक बराबर में बैठ गया और संजू अनुम के बराबर में मेरे सामने वाली चेयर पर बैठ गया।
हम लोग हल्की हल्की दारू पीते हुए बात करने लगे। मुझे अनुम के दोस्त काफी अच्छे लग रहे थे और वो दोनों बातचीत भी अच्छी कर रहे थे।
मैं बोली- मुझे भी ज़िम में जाना है, अपनी बॉडी को फिट रखना है।
राहु ने टेबल के नीचे से मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए बोला- भाभी, आप कहाँ पर रहती हैं, बस ये बता दीजिये, मैं वहाँ आकर आपको एक्सरसाइज़ करवा दूंगा।
अनुम – भाई घर के अन्दर वाला एक्सरसाइज़ मैं करवा रहा हूँ। तू बस ज़िम वाला एक्सरसाइज़ ही बता।
सब समझ गए थे कि अनुम किस चीज की बात कर रहा है।
और फिर राहु और संजू दोनों हंसने लगे। मैंने राहु का हाथ अपनी जांघ से हटा दिया और शर्म के मारे नीचे देखने लगी।
संजू- ये लीजिये भाभी, ये हमारा कार्ड है, आप इस पते पर आकर कभी भी जॉइन कर सकती हैं। ज़िम की फीस 4000 है और पर्सनल ट्रैनर के साथ फीस 6000 है।
अनुम – तेरी भाभी के लिये भी इतना ही फीस है क्या?
संजू – भाई, हम अपनी फीस छोड़ देंगे बस ज़िम का दे देना।
मैं- ठीक है संजू जी।
मुझे संजू की ये बात ठीक लगी और फिर मैंने सोचा बिना खर्च किये ही दो ट्रेनर मिल जायेंगे।
संजू – आपको क्या खाना है, क्या पहन कर ज़िम में आना है ये राहु बता देगा क्योंकि वो इसका एक्सपर्ट है। बाकी वहाँ कौन सी एक्सरसाइज़ कैसे करनी है, ये मैं आपको बताऊंगा।
अनुम राहु से बोला- ठीक है, तुम इसको समझा दो, हम सिगरेट मार कर आते हैं।
अब संजू और अनुम दोनों बाहर चले गये, मैं और राहु बैठ कर दारू पीते हुए बात करने लगे। राहु मुझे बता रहा था कि ज़िम में कैसे कपड़े पहन कर आ सकते हैं। राहु की आँखो में मेरे लिये हवस भरी हुई थी जिसे मैं देख सकती थी।
राहु ने अपना हाथ दुबारा से मेरी जांघ पर रख दिया और मेरे स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरी जांघों को सहलाने लगा।
मेरी चूत टाइट होने लगी थी और मैं हल्के नशे में थी इसलिये मैंने उसका हाथ नहीं हटाया।
मैं- राहु जी मुझे क्या पहन कर आना होगा?
राहु अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया और पेंटी के ऊपर से ही गीली हो चुकी चूत को सहलाने लगा जिससे मेरी आँखें बंद हो गयी।
मेरी चूत सहलाते हुए राहु बोला- मैं चाहता हूँ आप नंगी ही आ जाओ। हम दोनों मिल कर आपके बॉडी की एक्सरसाइज़ करवा दें।
इस बात से मेरी चूत बिल्कुल ही टाइट हो गयी, मैंने राहु का हाथ अपनी पेंटी के ऊपर दबा दिया। अब राहु ने मेरी पेंटी को एक साइड कर दिया और चूत में उंगली डाल कर उंगली से ही मुझे चोदने लगा।
मुझे बहुत मजा आ रहा था पर डर भी लग रहा था कहीं कोई देख ना ले।
राहु मेरा मोबाइल लेकर बोला- इसका लॉक खोलो!
मैंने लॉक खोल कर दे दिया, अब उसने अपने मोबाइल पर मेरे मोबाइल से कॉल कर लिया जिससे मेरा नम्बर उसके पास चला गया।
मैं अब शायद खुद भी राहु से चुदवाना चाह्ती थी इसलिये मुझे सब अच्छा लग रहा था।
मैंने अब अपना हाथ राहु के लंड पर रख दिया और लंड सहलाते हुए उसके कान में बोली- नंगी नहीं आ सकती, वहाँ आने के बाद हो सकती हूँ।
राहु खुश हो गया और अपनी दो उंगली चूत में डाल कर चोदने लगा. मैं बहुत उत्तेजित हो गयी थी। फिर उसने अपनी उंगलियाँ निकाल कर बैठ गया.
मैं गुस्से में- क्या हुआ?
राहु – यहाँ पूरी हो जाओगी तो फिर मिलने के लिये कैसे तड़पोगी?
मैं समझ गयी थी कि राहु बहुत ही अच्छा खिलाड़ी है चुदायी के खेल का; मैं मुस्कुरा कर उसको देखने लगी।
इतनी देर में अनु और संजू भी आ गये और साथ में पीने लगे।
अब तक रात के 10 बज गये थे तो मुझे लगा अब चलना चाहिये। अब अनु और राहु बात करते हुए आगे चलने लगे संजू और मैं पीछे पीछे चल रहे थे।
संजू – भाभी राहु ने सब समझा दिया ना?
मैं- हां, क्या पहन कर आना है बस इसी पर बात हुई। क्या खाना है ये बाद में बतायेगा।
संजू – ठीक है, कार्ड में मेरा नम्बर है अपको कोई जरूरत हो तो मुझे बता दीजियेगा।
मैं मन में सोच रही थी जरूरत तो आज रात तुम्हारे लंड की है, दे दो।
संजू- कहाँ खो गयी?
मैं- कहीं नहीं, बस सोच रही थी कि ज़िम ज्वाइन करने से पहले घर पर थोड़ा सा एक्सरसाइज़ कर लूं जिससे ज्यादा प्रोब्लम नहीं होगी वहाँ।
संजू – इट्स ए गुड आइडिया।
अब हम लोग बाहर आ गये।
अनुम – सीमा, तुमको राहु अपनी बाइक से घर छोड़ देगा, उसका घर भी उधर ही है। मैं संजू के साथ जा रहा हूँ, इसका घर मेरी तरफ है।
राहु मुस्कुराते हुए- हाँ भाभी, चलिये मैं आपको छोड़ दूंगा।
मैं भी मन ही मन मुस्कुरा रही थी और जान रही थी कि राहु मुझे छोड़ना नहीं चोदना चाहता है।
मैंने अनुम को बोला- ठीक है, चलते हैं, नहीं तो ज्यादा लेट हो जायेगा।
अब संजू और अनुम सिगरेट पीने लगे और मैं राहु के पीछे बैठ गयी।
अनुम मेरे पास आया और मेरे होंठों को चूम कर गुड नाइट बोला।
यह पहली बार था जब कोई बाहर खुले में मुझे किस कर रहा था। मेरी बॉडी में सिहरन हुई जिसे अनुम और राहु दोनों ने महसूस किया।
अब हम जाने लगे तो रास्ते में राहु ने बोला- भाभी, आप अकेले रहती हो?
मैं- नहीं छोटा भाई भी साथ में रहता है।
राहु – तो उसे दारू महक आ गयी तो?
मै- हाँ इस बात का डर तो मुझे भी लग रहा है।
राहु ने अपने जेब से कुछ निकल कर खा लिया और बोला- इसका इलाज है मेरे पास!
मैं- तो वो मुझको भी बता दो वर्ना मेरा भाई घर पर सब बता देगा।
राहु – आप तो इतना दूर बैठी हैं तो कैसे पता चलेगा आपको?
मैं राहु का मतलब समझ गयी और मैंने पीछे से राहु को पकड़ लिया जिससे मेरी चुची उसकी पीठ पर चुभने लगी।
राहु- आआह्ह्ह मजा आ गया।
मैं अब फुल नशे में आ रही थी- क्या मजा आया देवर जी?
राहु- भाभी, आपकी चुचियाँ मजा दे रही हैं।
सड़क पर कोई नहीं था, आस पास घने पेड़ और झाड़ियाँ थीं तो मैंने पीछे से राहु के लंड पर हाथ रख दिया और बोली- मेरे देवर के यहाँ मजा आ रहा है क्या?
राहु – इसका नाम यहाँ नहीं है भाभी।
मैं उसके लंड को दबा रही थी और उसकी पीठ में अपनी चुचियाँ दबा रही थी।
मैं- तो क्या बोलते हैं देवर जी?
राहु- क्यों आपको नहीं पता?
मैं- नहीं, बस ये हथियार है आपका जिससे आप बिस्तर में लड़ाई करते हो अपनी गर्लफ्रेंड से।
राहु हंस रहा था और बोला- आपके पास भी कोई हथियार है?
मैं- नहीं, मैं तो बस हाथ से ही लड़ती हूँ।
राहु – पर अनुम के साथ तो और भी चीजें लड़ा देती हो आप।
मुझे लगा अनुम ने इसको चुदायी के बारे में कुछ बता दिया है इसलिये मैं शॉकड होकर पूचा- क्या लड़ाया है अनुम से?
राहु – अभी पार्किंग में होंठों को लड़ा दिया था।
मैं शर्म से लाल हो गयी और राहु के कान को मुँह में लेकर चूसने लगी और बोली- तो मेरे होंठों के हथियार से अपना हथियार लड़ाना है क्या?
राहु ने अब बाइक एक साईड में रोक लिया और उतर कर मुझे पकड़ लिया।
मैं- क्या कर रहे हो?
राहु कुछ नहीं बोला और मेरे होंठों पर अपना होंठ रख दिया।
मैं बिलकुल सीधी खड़ी होकर उससे अपने होंठ चुसवा रही थी और धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा तो मैंने भी राहु को बांहों में ले लिया और उसके मुख में जीभ डाल कर चूसने लगी।
अब राहु एक हाथ से मेरी चुचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ को मेरी पेंटी के अन्दर डाल कर मेरी चूत रगड़ रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने राहु के लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया और जैसे ही उस पर हाथ लगाया मेरी आँखें फैल गयी।
राहु ने मेरा हाथ पर अपना हाथ रख लिया और हिलाने लगा।
राहु का लंड अच्छा था जिसे मैंने एक हाथ से पकड़ कर और मुठ मारने लगी।
राहु – भाभी, आपको चोदने का मन कर रहा है। चुदवाओगी मुझसे?
मैं उसके कान में- यहाँ सड़क पर कोई देख लेगा, फिर कभी कर लेना।
अब राहु ने मुझे दुबारा बांहों में ले लिया और कान में बोला- मुँह में लंड लोगी?
मैं- हाँ, मुझे ओरल सेक्स, लंड चूसना पसन्द है।
राहु ने मुझे नीचे बिठा दिया और अपना लंड मेरे मुँह में देने लगा। मैंने राहु के लंड को पकड़ लिया और जीभ से चाट लिया, फिर धीरे-धीरे लंड को मुँह में लेने लगी और चूसने लगी ।
अब राहु ने मेरे सर को पकड़ लिया और मेरे मुँह को चोदने लगा, मैं राहु के आण्ड सहला रही थी।
15 मिनट मुँह चोदने के बाद राहु ने अपना माल मेरे मुँह में डाल दिया। राहु के लंड का वीर्य पूरा पी लिया और राहु के लंड को चाट कर साफ कर दिया।
राहु – सीमा बेबी, मस्त लंड चूसती हो। किस से सीखा ये ओरल सेक्स करना?
मैंने बस मुस्कुरा कर उसके लंड को चूम लिया।
अब राहु को सुसु आने लगी तो उसने मुझे खड़े होने को बोला और सुसु करने साइड में जाने लगा, जाकर सुसु करने लगा.
मुझे पता नहीं क्या हुआ, राहु के लंड के पानी ने मेरे अन्दर कुछ नशा सा कर दिया था।
और मैंने जल्दी से जाकर राहु के लंड को मुँह में ले लिया, राहु मुझे हटा रहा था पर मैंने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया था।
फिर राहु ने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मुँह में मूतने लगा। मैं राहु का मूत पी रही थी और साथ में अपनी चूत में उंगली भी डाल रही थी।
थोड़ी देर में मेरी चूत भी सुसु करने लगी, अब मेरे मुँह में राहु मूत रहा था और मैं जमीन पर मूत रही थी। फिर मूतने के बाद राहु ने मुझे खड़ा किया और अपने रुमाल से मेरा मुँह पौंछ दिया फिर मुझे गले लगा लिया।
राहु – तुम बहुत गर्म माल हो।
मैं- तुम्हारा देख कर गर्म हो गयी।
राहु – गरमी कैसे निकलेगी तुम्हारी?
मैं- वो तुम सोच लेना, अब घर चलो।
राहु ने कहा रुको नीचे बैठ गया और अपने हाथों से मेरी स्कर्ट ऊपर कर दी और अपने होठों को जांघों के पास ले आया, मेरी जांघों को चूमने चाटने के बाद वो मेरे दोनों टांगों के बीच आ गया . मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी. उसने लंबी सांस ली और मेरी चुत की खुशबू को अपनी धमनियों में उतार लिया.
वो अपना चेहरा चुत पर मलने लगा . मैं तिलमिला उठी, मेरे हाथ खुद ब खुद उसके सर पर आ गए. मुझे ऐसा करते देख उसने मेरे हाथों को पकड़ा और मेरी हथेली को चूम लिया . मेरे हाथों को निर्देशित करते हुए अपने बालों में ले गया और रख दिया .
फिर उसने चुत पर मेरी नेट वाली पैंटी के ऊपर से ही जीभ को फेरा. मैं पागल हो उठी. मैं उसका चेहरा अपनी चुत पर दबाने लगी. गीली पैंटी में मेरी चुत हद से ज्यादा सेंसटिव हो चुकी थी. वासना का सैलाब मेरे तन बदन में मानो उमड़ गया था.
फिर उसने मुँह से ही मेरी पैंटी सरकाई. अपने हाथों से तो वो मेरे चूतड़ मसल रहा था . उसने मेरी चुत को देखा और कातिल मुस्कान के साथ मुझे देखा, फिर दोबारा अपने काम पर लग गया .
उसने मेरी चुत को चूमा, ठीक मेरे छेद के ऊपर … मेरी तो सांसें अटक गईं. वो मेरी टांगों और चुत के बीच के भाग से चाटना शुरू किया और पहले पूरे चुत के एरिया को चाटा. अपनी नाक चुत के अन्दर डाल कर उसकी सुगंध लेते हुए जीभ को मेरी चुत की दरारों पर फिराया. मैं मचल उठी, मैंने उसके बालों को पकड़ कर खींचा. उसकी नाक पूरी मेरी चुत में गड़ गयी … मुझे मीठा सा दर्द हुआ और मैं आनन्द में खो गयी. राहु पूरे मन से चुत चाटने में लगा हुआ था . जैसे ये उसका पसंदीदा खेल हो और वो इसकी पारंगत खिलाड़ी हो.
राहु ने दो उंगलियों से मेरी चूत की फांकों को अलग किया और अपनी जीभ को नुकीला करते हुए मेरी चुत में घुसेड़ दिया. उसके नरम जीभ के स्पर्श मात्र से ही मेरी चुत पिघल गयी और पानी छोड़ने लगी. राहु से जितना हो सक रहा था, वो अन्दर तक मेरी चुत में जीभ डाल कर चूस रहा था. भले ही उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. मगर सेक्स के लिए उसकी तड़प मेरे से कहीं ज्यादा थी.
आज तक ऐसे मेरी चुत को किसी ने नहीं चूसा था. उसका जोश ही अलग था.
मैं इतनी गर्म थी कि ज्यादा देर टिक नहीं पायी और झड़ गई. राहु ने मुँह अभी भी नहीं हटाया. वो मेरे रस को मस्ती में पी रहा था . उसे जल्दी नही थी. उसने पूरा रस चाट कर मेरी चुत को साफ किया. फिर ऊपर मेरे तरफ बडा.
अब उसने पूछा- कैसा लगा सीमा ?
उसके चेहरे पर सन्तोष के भाव थे. लेकिन एक बार में मेरा कहां होने वाला था.
मैंने उसे नीचे बिठाया लिया और अपने चूतड़ों को उस के सामने कर दिया और उसने मेरे चूतड़ों पर एक चपत मारी।
मैंने पूछा- क्या कर रहे हो।
उसने बोला- अभी बताता हूँ।
और राहु ने मेरी चूतड़ों को चौड़ा किया और मेरी गांड को देखने लगा।
मैंने उत्सुकतावश पूछा- कैसी लगी?
राहु बोला- बहुत सुंदर गांड है तुम्हारी … … और एक बाल नहीं है।
मैंने कहाँ- हाँ वो तो है.
और उसने मेरी गांड को किस किया ज़ोर से!
मेरे शरीर में एकदम से सिरहन सी दौड़ गयी आनंद की और मेरे मुंह से हल्की सी ‘आह …’ निकल गयी।
राहु बोला- क्या हुआ?
मैंने कहा- बहुत मजा सा आया।
राहु बोला- मजा आया ना !
और उसने मेरी गांड को कुत्ते की तरह जीभ से ऊपर-नीचे चाटना शुरू कर दिया ज़ोर ज़ोर से।
मेरे मुंह से हल्की हल्की सीईई … सीईईई … सीईईई … निकलने लगी और राहु मेरी गांड के द्वार को जीभ से कुरेद कुरेद के चाटता रहा।
मेरी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी और मेरी सांसें भी तेज़ हो गयी थी।
मैं हकलाते हुए बोल रही थी- आहह … राहु … आहह … मज्जा आ रहा है … ऐसे ही करते रहो … आहह … स्सस्स … स्स … आह!
राहु पिछले 15 मिनिट से बड़ी शिद्दत से मेरी गांड को चाट रहा था.
और तभी मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ गयी कि मेरे पूरे शरीर में आनंद की लहर सी मारने लगी.
अगले ही पल मेरी चूत से पानी छूट गया और मेरी सांस फूल गयी, मैंने राहु को दूर किया।
और अब मैं ज़ोर ज़ोर से हाँफते हुए शांत होने लगी और राहु उठ गया था।
उसके बाद राहु मुझे मेरे फ्लैट पर छोड़ कर किस किया और चला गया।
मेरे पास मेरे फ्लैट की दूसरी चाभी थी तो मैंने अपने भाई अजू को नहीं जगाया और ना ही कोई लाईट जलायी सीधा अपने रूम में जाकर अन्धेरे में ही सारे कपड़े निकाल कर नंगी ही सो गयी।
सुबह अजू मेरे लिये चाय बना कर ले आया तो मेरी नीन्द खुली देखा कि मैंने पेंटी और ब्रा पहनी हुई है।
मैंने चादर के अन्दर से ही अजू को चाय टेबल पर रखने को बोल दिया और वो रख कर चला गया।
मैं सोचने लगी कि रात को मैं बिल्कुल नंगी सोयी थी फिर मुझे ब्रा और पेंटी किसने पहनाई?
मुझे अजू पर शक हुआ कि अजू रात को मेरे कमरे में आया था।
मैं फ्रेश हुई और कपड़े पहन कर चाय लेकर हाल में आ गई और न्यूज़ पेपर देखने लगी।
अजू सामने बैठ कर मोबाइल में देख रहा था।
मैं- अजू, मुझे एक बात पूछनी है।
अजू – हाँ दीदी, पूछो।
मैं- तुम रात को मेरे कमरे में आये थे क्या?
अजू – नहीं दीदी आप रात को बाहर से आयी तो सीधा मेरे कमरे में आ गयी थी और वहीं पर सो गयी थी।
मैं- और तुम कहाँ सोये थे?
अजू – आपके बराबर में।
मेरी आँखें फट गयी थी… इसका मतलब अजू ने मुझे पूरी नंगी देख लिया।
मैं गुस्से में- तुमने मुझे मना क्यों नहीं किया वहाँ सोने के लिये?
अजू – दीदी, मैं सो रहा था पर रात में जब मैंने करवट बदली तो मेरा हाथ आपके ऊपर गया।
इतना बोल कर अजू चुप हो गया।
तो मैंने फिर गुस्से में बोला- फिर क्या किया तुमने? मुझे सब कुछ बताओ नहीं तो मैं तुमको यहाँ से भगा दूंगी, वापिस घर चले जाना।
अजू – नहीं दीदी, आप ऐसा मत करना, मैं सब बता रहा हूँ। रात को जब आप आई तब मैं सो रहा था। आपको पता नहीं क्या हुआ… आपने मुझे कस के पीछे से पकड़ लिया।
मैं- कहाँ पकड़ा था मैंने?
अजू – दीदी वो…
मैं गुस्से में- बताओ कहाँ?
अजू – दीदी रात को बहुत गर्मी लग रही थी और आप थी नहीं… तो मैं अपने सारे कपड़े निकल कर सो रहा था और आपने मेरे नीचे पकड़ लिया था।
यह सुन कर मैं शॉक्ड रह गयी।
मैं- फिर?
अजू – फिर मैं दूसरे साइड मुड़ा तो पता चला आप बिना कपड़ों के सोयी हो।
मैं- तुमने क्या लाईट जला कर देखा था?
अजू – नहीं दीदी।
मैं- फिर?
अजू – मैंने हाथों से छू कर देखा था।
मेरी चूत टाइट हो गयी थी अजू की बातों से- कहाँ पर छुआ था तुमने?
अजू चुप रहा और नीचे देखने लगा।
मैं- बताओ मुझे?
अजू – दी, मैंने पहले आपके ऊपर हाथ लगाया और फिर नीचे छुकर देखा था… और तुरन्त हाथ को हटाने लगा मगर…
मैंने देखा कि अजू का लंड पैंट में ही टाइट होने लगा था।
मैं- मगर क्या?
अजू – दीदी आप बहुत नशे में थी तो आपने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को अपने नीचे रखवा कर रगड़ने लगी। फिर आपने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे नीचे कस कर पकड़ लिया और फिर कुछ बोलने लगी।
मैं- क्या बोल रही थी मैं?
अजू – दी, आप बोल रही थी अनुम प्लीज फ़क मी… चो…
मैं- पूरा बताओ।
अजू – आप बोल रही थी अनुम फ़क मी, चोदो मुझे… जोर से चोदो।
अपने भाई के मुँह से ये सब सुन कर मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी। और मैंने देखा अजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया है।
मैं- फिर तुमने क्या किया?
अजू – मैं वैसे ही लेटा रहा। आप मेरे हाथ की 3 उंगली को अपने नीचे डाल और निकाल रही थी और अपने दूसरे हाथ से मेरे नीचे कुछ कर रही थी। फिर आप शांत हो गई और मैंने अपना हाथ हटा लिया। फिर आपको उठा कर आपके कमरे में ले गया और वहाँ आपको कपड़े पहना कर सुला दिया और अपने कमरे में आ गया।
मैं- तो तुमने लाईट जला कर नहीं देखा? और कैसे उठाया था मुझे?
अजू – नहीं दी, लाईट नहीं जलाई… आपको बांहों में उठा कर ले आया था।
मैं सोच रही थी मेरा भाई कितना अच्छा है। उसकी बहन उसकी बांहों में नंगी होकर सिमट गयी है और वो खुद भी नंगा होकर अपनी बहन को उठा रहा है। फिर भी कुछ नहीं किया अपनी बहन के साथ।
मैं सोच कर ही अन्दर से उसके लिये प्यार महसूस करने लगी, मैंने अजू को अपने पास बुलाया और उसे गले लगा कर रोने लगी।
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