अब मै सुनीता जी के मुँह में घपाघप लण्ड पेल रहा था। मै उनके बालों को पकड़कर उनके मुँह की जमकर ठुकाई कर रहा था। सुनीता जी सकासक मेरे लंड को ले रही थी।
” उन्ह उन्ह उन्ह सिससस्स उन्ह उन्ह।”
” ओह सुनीता जी आह्ह आह्ह ओह ओह।”
मामीजी की बहिन उनकी दीदी के मुंह ठुकाई का मज़ा ले रही थी। मै दे दना दन सुनीता जी के मुंह को चोद रहा था। फिर मेने बहुत देर तक सुनीता जी के मुँह में लंड पेला।
अब मैं पलंग पर बैठ गया और अब मैने मामीजी को मेरी गोद में बैठने के लिए कहा। तभी मामीजी शर्माने सी लगी।
” अरे यार तू भी पुरा मजा लेगा।”
” हां मामीजी।”
तभी मामीजी मेरी गोद में बैठ गई और फिर चूत में लंड एडजस्ट करने लगीं। अब मामीजी चूत मे लंड सेट कर चुदने लगी।
“ओह्ह् आह्हा सिसस उन्ह ओह्ह्ह आईई आहहा ओह्ह्ह् रोहित । “
“ओह्ह मामीजी। बहुत सेक्सी लग रही हो। आह्हा। “
मामीजी उछल उछल कर चुद रही थी। मामीजी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। मामीजी को मेरी गोद में बैठकर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक्क्कर लंड ले रही थी।
” उँह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह ओह आईईईईई आह्ह।”
“ओह्ह्ह मामीजी आहह बहुत मज़ा आ रहा है।”
इधर मामीजी की दीदी उनकी बहिन की चूदास को देख रही थी। आज मामीजी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। मामीजी के झटको से बोबो के बीच मे उनका मंगलसूत्र भी झूले खा रहा था। मैं मामीजी की कमर पकड़े हुआ था।
“ओह्ह्ह आहह सिसस ओह्ह्ह रोहित । बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत टाइम बाद आज मुझे चुदने मे मज़ा आ रहा है।”
“खूब जमकर चुदो मामीजी।”
मामीजी जोर जोर से झटके मार रही थी। मामीजी के हर एक झटके के साथ ही उनके जिस्म से पसीना रहा था। वो जोर जोर से झटके मार रही थी।
“आहह उन्ह सिसस् आह ओह्ह्ह आईई मम्मी।”
” ओह्ह्ह् सुनीता जी। आप तो कयामत ढा रही हो। आह्हा और जोर जोर से चुदो। “
” और जोर जोर से रोहित ” हां मामीजी।
तभी मामीजी जोश मे आकर ताबड़तोड़ तरीके से झटके मार मारकर चुदने लगी। मामीजी को ऐसी चुदते देखकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। सुनीता जी उनकी बहिन के ताबड़तोड झटको को देख रही थी। तभी मामीजी का पानी निकल गया और मामीजी मुझसे लिपट गई।
” ओह्ह्ह्ह रोहित।”
अब मैंने मामिजी की चूत से लंड बाहर निकाल दिया और सुनीता जी से लंड चूसने के लिए कहा। अब नीचे से सुनीता जी मेरा लण्ड चुस रही थी और ऊपर से मैं अनीता मामीजी के बोबे चुस रहा था।अब हम तीनों ही चुदाई का पुरा मजा ले रहे थे।
“ओह कुत्ते आह्ह अच्छे से चुस। उन्ह सिसस्स आह्ह।”
मामीजी जमकर मुझे उनके बोबो का रस पिला रही थी। इधर सुनीता जी मेरे लंड का जूस निकालने की कोशिश कर रही थी। वो मेरे मोटे तगड़े लण्ड को बार बार मुँह में पूरा लेने की कोशिश कर रही थी। इधर अनीता मामीजी बहुत ज्यादा आतुर हो रही थी।
” आह्ह सिससस्स ओह उन्ह सिससस्स ओह कुत्ते।”
तभी अनीता मामीजी ने मुझे धक्का दिया और बेड पर गिरा दिया। अब अनीता मामीजी मेरे ऊपर चढ़ गई और फिर वो मेरे चेस्ट पर ताबड़तोड़ किस करने लगी।
” उन्ह सिससस्स आह ओह सिससस्स।”
अनीता मामीजी घायल शेरनी बनकर मेरे ऊपर टूट पड़ी थी। मामीजी के लंबे लंबे बाल मेरी चेस्ट पर फ़ैल रहे थे। मामीजी ताबड़तोड़ मेरी चेस्ट पर किस कर रही थी।
फिर मामीजी किस करती हुई तुरंत मेरे लंड पर पहुच गई। अब वो फिर से मेरे लंड को मुट्ठी में भरकर कसने लगी।
” ओह कुत्ते आहा बहुत ही दमदार लण्ड है तेरा। आह्ह।”
तभी मामीजी ने मेरे लंड को लपक लिया और लंड को झमाझम चूसने लगी। मामीजी चुदासी होकर ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी।
” ओह मामीजी। आज तो आप शेरनी लग रही हो। आहा।”
इधर मामीजी की दीदी उनकी बहिन को लपालब लण्ड चूसते हुए देख रही थी। मामीजी मेरे लंड पर टूट पड चुकी थी। तभी मैंने मामीजी के कंधों पर टाँगे रख दी। मामीजी मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी।
” ओह मामीजी। आह्ह मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
फिर मामीजी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चुसा। अब मामीजी मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और फिर भोसड़े में लंड सेट कर जमकर चुदने लगी।
” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह उन्ह ओह साले कुत्ते। आह्ह।”
मामीजी झमाझम चुद रही थी। तभी सुनीता जी भी बेड पर आ गई। अब अनीता मामीजी सुनीता जी से मेरे ऊपर चूत रगडने के लिए कहने लगी।
” अरे नहीं अनीता, मैं ऐसा नहीं करुँगी। तु तो तू ही कर लेना।”
” अरे दीदी आप एकबार करो तो सही। बहुत मज़ा आएगा।”.
” नहीं अनीता यार,,, रहने दे।” अरे दीदी , शरमाओ मत। आ जाओ जल्दी।”
तभी सुनीता जी उठी और वो शरमाते हुए मेरे मुँह पर बैठ गई।अब सुनीता जी धीरे धीरे मेरे मूंह पर चूत रगडने लगी। इधर सुनीता मामीजी की बहिन उच्छल उचल कर चुद रही थी। अब बहुत ज्यादा सेक्सी माहौल बन चूका था।
” आहा सिससस्स ऊँह ओह मेरे सैया। आह्ह बहूत मज़ा आ रहा है। आहा। चुस मेरी चूत को।”
अब मै सुनीता जी की चूत चाट रहा था। सुनीता जी बुरी तरह से सिरसिरा रही थी। इधर अनीता मामीजी ताबड़तोड़ चुद रही थी।
” ओह मेरे राजा। आहा! आज तो खूब मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
तभी ताबड़तोड़ झटकों से मामीजी का पानी निकल गया। वो बुरी तरह से पानी पानी हो गई। तभी अनीता मामीजी ने उनकी दीदी से मेरे लंड की सवारी करने के कहा।
अब सुनीता जी मेरे मुंह पर से उठी और मेरे लंड पर आकर बैठ गई।
” ये अनीता भी आज बहुत चुदासी हो गई है।”
” होना पड़ता है दीदी। तभी तो मज़ा आता है।”
अब अनीता मामीजी उनके गीले भोसड़े को मेरे मुँह पर रगडने लगी। इधर मामीजी की दीदी ज़ोरदार झटकों के साथ मेरे लण्ड की सवारी कर रही थी।
” आह्ह आह्ह सिसस्सस्ड उन्ह ओह मेरे सैया। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह।’
इधर अनीता मामीजी फिर से भोसड़ा रगड़ रगड़ कर सनसना रही थी।
” ओह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह कुत्ते बहुत तड़पाता है तू। आज मै तुझे तड़पाऊंगी।”
अनीता मामीजी बहुत ज्यादा आतुर हो रही थी। मैं मामीजी के भोसड़े को रगड़ कर चाट रहा था। वो भोसड़े को खोलकर मेरे मुंह में दे रही थी।
” ओह कुत्ते खाजा मेरे भोसड़े को। आह्ह।’
” हां अनीता खिला दे इसे तेरा भोसड़ा। बहुत भूखा है ये भोसड़े का।”
” हां दीदी खिला रही हूँ।”
सुनीता जी ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी।उन्हें मेरे लण्ड की सवारी करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो मेरा लंड ले लेकर पागल सी हो रही थी।
” ओह आह्ह सिससस्स उन्ह ओह आह्ह। ओह मम्मी।’
तभी सुनीता जी का पानी निकल गया और वो पसीने में भीगकर बुरी तरह से नहा गई।
” ओह अनीता मैं तो बुरी तरह से थक गई।”
” अभी तो और मज़ा लो दीदी।”
“नहीं यार अब मैं तो नहीं लुंगी।”
तभी सुनीता जी मेरे लण्ड से नीचे उतर गई। अनीता मामीजी अभी भी मेरे मुँह पर चूत रगड़ रही थी। मै उनके भोसड़े को जमकर चाट रहा था। फिर मैं मामीजी को धक्का देकर खड़ा हो गया। अब मैंने मामीजी के मुंह में लण्ड फिट कर दिया और फिर आगे झुककर मामीजी के मुँह में लण्ड डालने लगा।
” ओह साली अब तेरी खैर नहीं।”
मैं ताबड़तोड़ मामीजी के मुँह में लण्ड पेल रहा था। अब मैने मामीजी की दीदी से उनकी चूत चाटने के लिए कहा तभी सुनीता जी मना करने लगी।
” नहीं यार मैं अनीता की चूत नहीं चाटूँगी।”
” अरे मामीजी, एकबार तो चाटो। मज़ा आएगा।”
“नहीं यार रोहित।”
सुनीता जी उनकी बहिन की चूत चाटने के लिए मान नहीं रही थी।लेकिन फिर मैंने सुनीता जी को तैयार कर ही लिया।
” तुम दोनों पता नहीं क्या क्या करवा रहे हो यार।”
तभी सुनीता जी ने उनकी बहिन की टाँगे फैला दी और वो अनीता मामीजी के भोसड़े में उंगलिया पेलने लगी। अब अनीता मामीजी की गाँड़ फटकर हाथ में आने लगी। आगे से तो मै मामीजी के मुँह में लण्ड पेल रहा था और नीचे से मामीजी की दीदी मामीजी के भोसड़े को सहला रही थी।
तभी मामीजी दर्द से कराहती हुई हाथ पैरों को इधर उधर फेंकने लगी। मैं मामीजी के मुंह में झमाझम लण्ड पेल रहा था।
फिर सुनीता जी और मेने अनीता मामीजी का बहुत देर तक मज़ा लिया।
” कमीने साँस तो लेने देता।”
“बससस्स आपकी हालत ख़राब ही तो करनी थी।”
अब मेने अनीता मामीजी को उठाया और मेरी गोद में बैठा लिया। तभी मामीजी ने भोसड़े में मेरा लंड सेट कर लिया। अब मामीजी मेरे कंधो को पकड़कर झमाझम चुदने लगी।
” आह्ह आह्ह सिससस्स ओह उन्ह ओह साले कुत्ते।”
” ओह कामिनी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मामीजी उछल उछल कर खूब चुद रही थी। आज उन्हें चुदाने का कुछ ज्यादा ही जोश चढ़ा हुआ था। वो जमकर मेरा लंड ले रही थी।
” आहा आईईईई ऊंह आईईईई उह्ह्ह।”
” ओह्ह्ह्ह साली बहुत मजा आ रहा है।”
मामीजी ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी। तभी मामीजी का पानी निकल गया और फिर वो मुझसे चिपक गई। फिर मामीजी बहुत देर तक मुझसे चिपकी रही।
अब मैंने मामीजी को ऐसे के ऐसे ही नीचे पटका और अनीता मामीजी की फिर से टाँगे खोल दी। अब मै मामीजी के भोसड़े में लण्ड डालकर उन्हें फिर से चोदने लगा।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिससस्स आह्ह ओह कुत्ते।”
मामीजी के भोसड़े का पानी अभी सुखा भी नहीं था कि उनके भोसड़े में मेरा लंड फिर से खालबली मचाने लगा। मेरे लंड के धक्कों से मामीजी के बोबे हवा में उड़ रहे थे।
” ओह कुत्ते आह्ह सिससस्स ओह मम्मी। आह्ह आह्ह सिससस्स।”
तभी मेने मामीजी की दीदी से अनीता मामीजी के ऊपर चढ़ने के लिए कहा। लेकिन सुनीता ju फिर से मना करने लगी।
” यार रोहित ऐसे काम मुझसे मत करवाओ।”
“अरे सुनीता जी जब आप ऐसा करोगी तभी तो सामूहिक चुदाई का मज़ा आएगा।”
“अरे यार इस मज़े के चक्कर में मैं बहुत बेशर्म बनती जा रही हूं।”.
” सुनीता जी बेशर्म बनोगी तभी मज़ा आएगा।”
तभी सुनीता जी उनकी बहिन के मुँह के ऊपर बैठ गई। अब सुनीता जी उनकी बहिन के मुंह के ऊपर चूत रगड़ रही थी।अब माहौल फिर से सेक्सी बनने लगा था। मै नीचे से मामीजी का पानी निकाल रहा था और ऊपर से मामीजी की दीदी उन्हें पानी पिला रही थी।
” ओह मामीजी आह्ह बहुत ही शानदार मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मैं मामीजी की टाँगे पकड़कर उन्हें झमाझम चोद रहा था। मेरा लंड फिर से मामीजी का पानी निकालने को उतारू हो रहा था। इधर मामीजी की दीदी भी फूल मूड में आ रही थी।
” ओह अनीता। आहा चाट ले मेरी चूत को। आह्ह बहुत ही प्यासी है मेरी चूत। आह सिससस्स।”
हम दोनों अनीता मामीजी का फूल।मज़ा ले रहे थे। तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से मामीजी का पानी निकल गया। अब मामीजी का चिकना जिस्म पसीने में भीगकर नसते नाबुत हो गया।
अब मेने अनीता मामीजी को छोड़ा और सुनीता जी को लपक लिया। अब मै सुनीता जी की टाँगे पकड़कर उन्हें बेड के किनारे ले आया। अब मैं बेड से नीचे खड़ा होकर सुनीता जी की टाँगे फ़ैलाने लगा।
फिर मैंने सुनीता जी की चूत पर लण्ड टिकाया और ज़ोर से लण्ड उनकी की चूत में पेल दिया। अब मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर मामीजी की चूत को घायल करने लगा।
” आह्ह आह्ह आहा सिसस्ड ओह मेरे सैया आह्ह ओह सिससस्स।ओह।मम्मी।’
” ओह मेरी जान आह्ह सच में बहुत ही मज़ा आ रहा है।।आहा। आप बहुत ही शानदार हो मामीजी आह्ह।”
मैं गाँड़ हिला हिलाकर सुनीता जी की चूत में लंड ठोक रहा था। सुनीता जी बेड पर पड़ी पड़ी बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। मेरे लंड के ताबड़तोड़ वॉर से सुनीता जी के बोबे ट्रेन की स्पीड में हिल रहे थे।
” आह्ह आह्ह सिसस्ड ओह मेरे सैया धीरे धीरे चोद तेरी रानी को। आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।”.
” ओह चोदने दे मेरी रानी।”
अनीता मामीजी अब चुपचाप नंगी लेटकर उनकी दीदी की पालगतोड़ ठुकाई देख रही थी। मेरा मोटा तगड़ा लंड सुनीता जी की चीखे निकाल रहा था। तभी सुनीता जी की चूत झर झर झरने लगी।
” आहा आईईईई ऊंह आईईईई ओह्ह्ह।”
फिर मेने सुनीता जी को बहुत देर तक बजाया। अब मैंने सुनीता जी को नीचे उतार लिया और उन्हें को घोड़ी बनने के लिए कहा। अब सुनीता जी घोड़ी बन गई। अब मै सुनीता जी की गाँड़ में लंड सेट करने लगा।
” यार रोहित बहुत दर्द होगा।”
” ज्यादा नहीं थोड़ा दर्द ही होगा सुनीता जी।” तभी मामीजी ने कहा ” रोहित थोड़ा घी लगाकर डाल अंदर। उससे दर्द भी कम होगा और मज़ा भी आएगा।”
लेकिन अब घी लेने बाहर कौन जाये? अनीता मामीजी तो थककर बेड पर लेटी हुई थी। फिर सुनीता जी ने अनीता मामीजी से ही कहा ” “अनीता यार घी ले आ।”
तभी अनीता मामीजी उठी और शॉल ओढ़कर बहार निकल गई।फिर मामीजी तुरंत घी का डिब्बा ले आई।
” खूब घी लगा लगाकर गाँड़ मारना दीदी की।” हाँ मामीजी।
अब मेने सुनीता जी की गाँड़ के छेद में खूब सारा घी लगाया और फिर मेरे लंड पर भी लगाकर उसे चिकना कर लिया। अब मैंने सुनीता जी की गाँड़ में लण्ड सेट किया और फिर ज़ोर का झटका देकर सुनीता जी की गाँड़ में लंड ठोक दिया।
तभी सुनीता जी करहा उठी।
” आईईईईई मम्मी ,,,आईईईईई आईईईईई ओह मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”
अब मैं सुनीता जी की कमर पकड़कर झमाझम उनकी गांड में लण्ड ठोकने लगा। सुनीता जी की टाइट गांड में अब मेरा मोटा तगड़ा लण्ड सटासट अंदर घुस रहा था। मुझे सुनीता जी की गांड मारने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै सुनीता जी को जमकर बजा रहा था।
“आईईईईई आईईईईई आईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई। ओह रोहित धीरे,,, धीरे।”
अब कौन यहाँ धीरे धीरे लण्ड डाले? मैं तो सुनीता जी की गांड में फ़ुल स्पीड में लण्ड।पेल रहा था। धमाधम ठुकाई से मेरा लंड सुनीता जी की गाँड़ को ढीला कर रहा था। आज सुनीता जी की गांड पूरी खुल चुकी थी।
” ओह जान,, आहाहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।बहुत ही मज़ेदार गांड है तेरी।”
“आईईईई आईईईई आईईईईई उन्ह आह्ह सच में बहुत दर्द हो रहा है यार।”
“दर्द में ही तो मज़ा मिलता है मेरी जान।”
मामीजी की बहिन उनकी दीदी की गाँड़ ठुकाई देख रही थी। मेरा मोटा तगड़ा लंड सुनीता जी के गांड के हॉल को चौड़ा कर चुका था। मै सुनीता जी की बुरी तरह से गांड मार रहा था। तभी झमाझम धक्कों से सुनीता जी की गांड बुरी तरह से हिल गई और फिर उनकी की चूत से पानी नीचे टपकने लगा।
“आईईईईई आईईईर्र सिसस्ससस्स उँह ओह सिसस्ससस्स आह्।”
” ओह्ह्ह्ह साली आह्ह्ह्ह्ह।”
अब सुनीता जी आराम से गांड मरवा रही थी। मैं उनकी गांड में लंड पेलें जा रहा था। सुनीता जी की गांड मारने में मेरे लण्ड को अलग ही मज़ा आ रहा था।
“ओह आहाहाह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह उन्ह।”
फिर मेने सुनीता जी की बहुत देर तक गांड मारी।
सुनीता जी गाँड़ मरवाने के बाद बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। तभी सुनीता जी उठकर बेड पर लेट गई। मेरा लण्ड अभी भी बहुत बुरी तरह से तना हुआ था। अनीता मामीजी अब रेस्ट करके फ्री हो चुकी थी। तभी मै अनीता मामीजी को नीचे खीच लिया और फिर मामीजी को दिवार से सटाकर उनके बोबे चूसने लगा।
” उन्ह ओह।मामीजी, आह्ह बहुत ही रसीले है। आहा।”
मैं मामीजी के बोबो को दबाकर चुस रहा था। मामीजी भी आज किसी भी प्रकार कंजूसी नहीं दिखा रही थी। वो उनकी हर एक चीज़ को मुझे खिला रही थी। तभी मेने मामीजी के बोबो को बुरी तरह से चुस डाला।
अब मामीजी फिर मेरी तरफ हवस भरी निगाहो से देखने लगी। ऐसा लगा कुछ बाकी रह गया हो। तभी मेने मामीजी के रसीले होंठो को धर दबोचा और बुरी तरह से चुस डाला।
अब मेने मामीजी को कुत्तिया बनने के इशारा किया। मामीजी पलंग पकड़कर झट से कुत्तिया बन गई। अब मैंने मामीजी की गाँड़ की दरार में खूब सारा घी लगाया और फिर मामीजी की कमर पकड़कर मामीजी की गाँड़ में मेरा मस्त हथियार ठोक दिया।
गाँड़ में लण्ड घुसाते ही मामीजी बुरी तरह से तड़प उठी।
” आईईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई आईईईई आईईईई बहुत दर्द हो रहा है। आह्ह।”
हालांकि मामीजी मुझसे कई बार गाँड़ मरवा चुकी थी लेकिन फिर भी उन्हें आज मेरा बहुत भारी लग रहा था। अब मै मामीजी की चिकनी कमर पकड़कर दे दना गाँड़ मारने लगा।
” ओह रोहित आह्ह आहाहा सिससस्स आईईईई ये तेरा लण्ड जब भी घुसता है। बहुत दर्द देता है। आह।”
” हां मेरी जान। तभी तो तेरी मस्त गाँड़ मारने में मज़ा आता है। आह्ह।”
” साले कुत्ते तूने मेरी गाँड़ और चूत दोनों फाड़ रखी है फिर भी तुझे चैन नहीं है।”
” चैन तो आपकी रोजाना ठुकाई करने से ही मिलता है मामीजी।”
मेरा लण्ड फुल स्पीड में मामीजी की गाँड़ में अंदर बाहर हो रहा था। सुनीता जी अब आराम से उनकी बहिन को गाँड़ मराते हुए देख रही थी। तभी कुछ देर के ताबड़तोड़ धक्कों के बाद मामीजी बिफर गई और उनके भोसड़े से झरना बहने लगा।।
” उन्ह सिसस्ससस्स ओह कुत्ते।”
अब मैंने मामीजी की कमर छोड़ दी और मामीजी के बाल पकड़ लिए। अब मै मामीजी के बाल पकड़कर दे दना दन उनकी गाँड़ पेलने लगा।
” ओह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह और ज़ोर ज़ोर से गाँड़ में लण्ड डाल। अहा।”
“हैं साली कुत्तिया। आह्ह। ये ले।”
तभी मेने लण्ड की स्पीड बढ़ा दी और अब मैं धुआंधार तरीके से मामीजी की ज़ोरदार ठुकाई करने लगा। तभी मामीजी ज़ोरदार धक्कों से बुरी तरह से बौखला गई।
आईईईई आहा आह्ह आहा सिससस्स ओह मेरे राजा। आहाः आह्ह सिसस्ससस्स।”
” ओह मेरी रानी। आह्ह आज फिर से तेरी गाँड़ फाड़ दूंगा।”
” आह्ह फाड़ दे कुत्ते। आह्ह।”
आज मामीजी को गाँड़ मराने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामीजी की दीदी हम दोनो की धुंआधार ठुकाई देख रही थी। तभी मामीजी का एकबार फिर से पानी निकल गया।
” ओह कुत्ते। मरर्रर्र गईईई।”
मैं मामीजी के बाल पकड़कर उन्हें बुरी तरह से चोद रहा था। फिर मैंने मामीजी की गाँड़ मार मारकर उनकी गाँड़ को लाल कर दिया। अब मामीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।
” ओह कुत्ते आह्ह अब मत कर आह्ह। अब।मेरी गाँड़ में जलन हो रही है। आह्ह।”
” अभी तो मारने दे साली।”
अब मामीजी भला कैसे मना करती! फिर मैंने बहुत देर तक मामीजी की गाँड़ मारी। फिर मामीजी उठकर बेड पर लेट गई।
अब मेने मामीजी की दीदी की टाँगे पकड़कर उन्हें फिर से नीचे खीच लिया और उन्हें फ़टाफ़ट से घोड़ी बना दिया।
अब मैंने सुनीता जी के भोसड़े में लंड टिकाया और फिर से उनका का धुआं निकालने लगा।
” सिससस्स आह्ह आह्ह ओह उन्ह आईईईई। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है।”
” हां मेरी जान। मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं सुनीता जी की कमर कसकर उनके भोसड़े की बखिया उदेड रहा था। सुनीता जी को भी उनका भोसड़ा ठुकवाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै जमकर सुनीता जी की घोड़ी बनाकर बजा रहा था।
” ओह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह आह्ह।”
तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से सुनीता जी का पानी निकल गया। सुनीता जी फिर से पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
अब सुनीता जी फिर से बेड पर लेट गई। अब मै भी बेड पर चढ़ गया। मेरे सामने दोनो बहिने एकदम नंगी लेटी थी। दोनों बहनें एकदम मदमस्त लग रही थी। उन्हें देखकर मेरे लण्ड को बहुत ज्यादा सुकून मिल रहा था।
तभी मैंने अनीता मामीजी की टाँगे खोल उनके भोसड़े में लण्ड फंसा दिया। अब मै मामीजी को बाहों में कसकर बजाने लगा।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह आईएईई आहा सिससस्स आहा।।”
” ओह मामीजी। आह्ह।”
मैं मामीजी को ताबड़तोड़ बजा रहा था। मामीजी की दीदी उनकी बहिन की धुंआधार ठुकाई को देखकर मज़ा ले रही थी।।मामीजी की टाँगे हवा में लहरा रही थी।
” ओह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह उन्ह सिससस्स।”
तभी मामीजी खुद को रोक नहीं पाई और उनका पानी निकल गया। अब मेने मामीजी को बजाकर छोड़ दिया। अब मै मामीजी की दीदी के ऊपर चढ़ गया और उनकी टाँगे कंधो पर रखकर उनकी की धुआंधार ठुकाई करने लगा।
” ओह मेरे सैया। आह्ह आज तो आप बहुत ठोक रहे हो। आह्ह। आह्ह।सिससस्स।”
“बहुत मज़ा आ रहा है ठोकने में मेरी स्वीटहार्ट।”
” ओह मेरी जान। आह्ह ठोक ले। आह्ह जैसी तेरी इच्छा हो।”
मैं सुनीता जी को लपक कर ठोक रहा था।।मेरा मूसल सुनीता जी की चीखे निकाल रहा था। सुनीता जी को चुदवाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भी सुनीता जी को तबियत से बजा रहा था। फिर सुनीता जी ने बहुत देर तक लण्ड ठुकवाया।
अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था। तभी मैंने सुनीता जी को कस लिया और फिर उनके भोसड़े को फूल भर दिया।
अब मै बुरी तरह से थक हारकर सुनीता जी से लिपट गया। आज मै दोनों बहिनो की शानदार ठुकाई करके बहुत ज्यादा खुश था। जिस काम को करने के लिए मै बहुत टाइम से प्लान बना रहा था। आज वो काम पूरा हो चूका था।
आज मेरे लंड को बहूत ज्यादा सुकून मिल रहा था। दोनों बहिने मेरे साथ नंगी लेटी हुई थी।
” ओह रोहित आज तो तूने हम दोनों बहिनो की ज़ोरदार ठुकाई की।आह्ह मज़ा आ गया।”
” हां अनीता खूब मज़ा आया यार।मैं तो पहले बहुत डर रही थी लेकिन अब मस्त लग रहा है।”
” हां दीदी। ये कमीना तो बहुत है लेकिन मज़ा भी बहुत देता है।”
” हां यार अनीता। यहाँ आने से पहले मेरे सबकुछ ठीक थे लेकिन फिर रोहित ने मेरे चुचे चुस चूसकर इतने बड़े कर दिए है।”
“हाँ दीदी। देख रही हूँ मैं। मेरे तो मेरे ही इसने बहुत ज्यादा लटका दिए हैं।”
” हां अनीता।”
मामीजी मैंने आप दोनों को मज़ा भी बहुत दिया है।”
“हां कमीने। तूने तो बेचारी मेरी दीदी के छेद के हो बहुत ज्यादा खोल दिया है।”
” अब वो तो खुलना ही था मामीजी।”
अच्छा किया यार इसने। नहीं तो मै कभी गाँड़ ही नहीं मरवा पाती। लेकिन इसने ज़िद करके मेरी गाँड़ मार ही ली और मेरी गाँड़ की सील तोड़ दी।
” हां दीदी ये तो अच्छा ही हुआ।”
अब मामीजी और उनकी दीदी उठ गई और कपडे पहनने लगी। पुरे कमरे में कपडे ही कपडे बिखरे हुए थे। फिर दोनों बहनें कपडे पहनकर तैयार हो गई।
” रोहित कपडे पहन ले अब तू भी।”
” मैं पहन लूंगा मामीजी।”
फिर मै बहुत देर तक ऐसे ही पड़ा रहा। फिर अनीता मामीजी मेरे लिए चाय लेकर आई। वो मेरे लंड को देखकर हैरान रह गई। मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा था और मामीजी को सलामी दे रहा था।
अब मै बैठकर चाय पी रहा था। तभी मामीजी वापस जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया।
“रूको मामीजी।”
“अब क्या है यार।”
” आप नहीं देख रही हो क्या है।”
तभी मैंने फ़टाफ़ट से चाय ख़त्म की और।मामीजी को बेड पर पटक दिया। अब मैंने फ़टाफ़ट से मामीजी की चड्डी खोल फेंकी और झट से मामीजी की टाँगे खोल उनके भोसड़े में लंड फिट कर दिया।
अब मै मामीजी को फिर से दे दना दन चोदने लगा। मामीजी फिर से मेरे लण्ड के तूफान में उड़ने लगी।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित।आह्ह।”
मैं मामीजी की जमकर ठुकाई कर रहा था। ज़ोरदार झटकों से पलंग फिर से चुड़ चुड़ करने लगा था। मै मामीजी को झमाझम चोद रहा था।
” आईएईई आह्ह आईएईई सिससस्स आह्ह आह्ह ओह। सिसस्स।”
तभी ज़ोरदार झटकों से मामीजी का पानी निकल गया।फिर मैंने मामीजी को बहुत देर तक बजाया। अब मामीजी ने वापस चड्डी पहन ली और उनकी साड़ी बलाउज को ठीक करके कमरे से बाहर चली गई।
फिर मै भी कपडे पहनकर बाहर आ गया। आज मामीजी और उनकी दीदी को एकसाथ बजाकर आज मै बहुत खुश था। दोनो को एकसाथ बजाने में मुझे बहुत मज़ा आया था।
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