Us पहली raat की फिर hain आस

यह मेरी सुहागरात की कहानी है. मेरे पति ने पहली ही रात मेरी कुंवारी बुर को चोद दिया था. मैं उन्हीं पलों को फिर से जीना चाहती हूं; काश वो पल फिर लौट आयें …

मेरा नाम प्रीति है और मैं एक हाउसवाइफ हूं। मेरी उम्र 28 साल है। मैं आज आप लोगों के साथ अपनी लाइफ के कुछ बेहतरीन पलों को बांटना चाहती हूं.

प्यारे दोस्तो, हर किसी की जिन्दगी में कुछ ऐसे पल होते हैं जो उनको हमेशा याद रहते हैं. उन पलों को जब भी सोचो तो मन को एक सुखद अहसास होता है।
कई बार बोरिंग जिन्दगी से ध्यान हटाने के लिए इन्हीं पलों का सहारा लेना पड़ता है.

आप अगर मेरी सुहागरात की कहानी लिखने का मेरा मकसद नहीं समझे हैं तो मैं आपको थोड़ा और क्लियर कर देती हूं.
दरअसल शादी के बाद मेरी जिन्दगी बहुत खुशनुमा चल रही थी.
नयी नयी शादी थी और हम पति पत्नी में प्यार, रोमांस, सेक्स, मजाक और मस्ती सब कुछ बहुत अच्छे से होता था.

धीरे धीरे जब शादी पुरानी होती गयी तो जिन्दगी से वो रस भी धीरे धीरे कम होने लगा. फिर होते होते अब ऐसा समय आ गया कि जिन्दगी में एकदम से बोरियत होने लगी.

उसी बोरियत को दूर करने के लिए मैं उन पलों का सहारा ले रही हूं जिनको सोचकर मेरे मन को थोड़ा सुकून मिलता है.

इसलिए मैं आप लोगों के साथ अपनी सुहागरात वाले किस्से को सुनाना चाहती हूं. इससे आपको भी मजा आयेगा और मुझे भी कुछ पल के लिए उसी रोमांच का मजा मिलेगा.

एक औरत खुलकर तो ये सब किसी को नहीं कह सकती है लेकिन कहानी के माध्यम से तो बता ही सकती है.

मुझे उम्मीद है कि आप मेरे अकेलेपन और मेरी भावनाओं को समझेंगे और मेरा अकेलापन दूर करने में इससे कुछ मदद मिलेगी.

अब कहानी का आनंद लीजिये.

मैं जब भी अपने सुहागरात वाले किस्से को याद करती हूं तो मेरा रोम-रोम आनंदित होता है और मैं चाहती हूं कि मेरी हर रात उसी रात जैसी हो।
हर लड़की का सपना ऐसा ही होता है कि उसको उसके पति से ऐसा ही प्यार मिले।

तो दोस्तो, अब आपको मैं अपनी सुहागरात में लिये चलती हूं.

मेरी शादी होकर मैं उस घर गई तो मैं भी हर दुल्हन की तरह पूरी सजी हुई थी।
मुझे यकीन था कि उस वक्त मुझे देखे तो कोई भी मेरा दीवाना हो जाए।

मुझे मेरा रूम दिखा दिया गया और मैं अपने रूम में चली गई।
रूम में मैं एकदम अकेली थी।

मैं वहां लगे आईने में अपने आप को देख रही थी तो अपने आप को देखकर अपने पर गर्व महसूस हो रहा था क्योंकि मैं बहुत ही खूबसूरत और बिल्कुल एक परी जैसी लग रही थी।

मेरे बूब्स का साइज 32 था जो मेरे लहंगे वाले ब्लाउज में साफ पता लग रहा था. मेरे स्तनों का उभार किसी का भी लंड खड़ा सकता था.
आखिरकार पुरूषों को इन्हीं आमों की तो प्यास रहती है जिनको मुंह में लेकर वो किसी भी नारी को उत्तेजित कर देते हैं.

फिर मैं जाकर अपने बेड पर बैठ गई.

कुछ देर बाद वो रूम में आ गए और मेरा घूंघट उठाने लगे।
भारतीय परंपरा के अनुसार मुझे भी दुल्हन की तरह शर्माना था; मैं शर्माने लगी.

वैसे सच कहूं तो मुझे वाकई में ही काफी शर्म आ भी रही थी.
वे मुझसे कहने लगे- हम अब पति पत्नी हैं, हम दोनों को एक दूसरे का साथ देना है. इतना शर्माओगी तो आगे कैसे करोगी?

उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अपनी छाती की ओर खींच लिया।
उनके होंठ मेरे होंठों के करीब आ गये।
उनकी गर्म सांसें मुझे मेरे गालों पर महसूस होने लगीं.

फिर एकदम से उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मैं सहम सी गयी और मैंने शर्माकर उनको जोर से पीछे धकेल दिया और बोली- आपका दूध का गिलास रखा हुआ है, पी लीजिये। मैं चेंज कर लेती हूं.

वो हट तो गये लेकिन मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे कह रहे हों कि बस अभी मैं दूध पीकर वापस आता हूं, तब कैसे बचोगी!
मुझे भी बदन में सरसरी सी पैदा होने लगी थी. मर्द का स्पर्श भी तो औरत को बेचैन कर देता है.

मैं आईने के सामने जाकर अपने गहने उतारने लगी. मैंने गहने उतार दिये लेकिन कपड़े वही पहने रही.

मेरे हाथ में कंगन केवल बचे हुए थे. मेरा दुपट्टा भी बेड पर था और बालों में गजरा लगा हुआ था और बाल बंधे हुए थे.

मेरे लहंगे का ब्लाउज मेरी चूचियों के उभारों पर से मेरे सीने पर तना हुआ था और मैं हाथ से आखिरी कंगन निकाल रही थी कि उन्होंने पीछे से आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया.

वो मेरी गर्दन पर चूमने लगे और मेरी आंखें उनके होंठों के स्पर्श से अपने आप ही बंद हो जाती थीं.
मैंने खुद को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर उनका बार बार चुम्बन करना मुझे गर्म करने लगा था.

मैंने खुद को उनके हवाले छोड़ दिया. अब उनके हाथ पीछे से मेरे चूचों पर आ गये और वो मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरे ब्लाउज में उभारों को दबाने लगे.
उनके हाथ की पांचों उंगलियां चारों तरफ से मेरी चूची को दबा रही थीं.

दोनों ही चूचों को उनके हाथों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था और मेरे पीछे मेरे लहंगे पर नितम्बों वाले स्थान पर उनकी जांघों का लिंग वाला भाग आकर सटा हुआ था.

उनके होंठ मेरी गर्दन पर नर्म नर्म चुम्बन दे रहे थे और हर चुम्बन मेरे बदन पर जैसे प्यार के फूल फेंक रहा था जो मुझे अंदर तक झकझोर जाता था.

कुछ देर मुझे अपनी बांहों में कसे हुए रखकर वो मेरे नितम्बों पर अपने लंड का तनाव महसूस करवाते रहे और मेरी चूचियों को रुई के गोले समझकर जोर जोर से भींचते रहे.

मेरे कोमल से पेट और पतली कमर पर उनके हाथ बार बार सहला कर जा रहे थे.
फिर उनके हाथों की पकड़ मेरे चूचों पर से हट गयी और उनके हाथ पीछे मेरी पीठ पर चले गये.

मुझे मेरे ब्लाउज के हुक खुलते हुए महसूस हुए. पता लग गया कि अब दुल्हन के नंगी होने का समय आ गया है.
यह अहसास पहली बार का था जब किसी को मेरे कपड़े उतारने का नैतिक अधिकार मिल गया था.

बॉयफ्रेंड शादी से पहले लड़की को कितनी बार भी नंगी करे लेकिन पति के हाथों नंगी होने का अपना एक सुकून और रोमांच होता है.
मैं उसी सुखद अहसास को जी रही थी.

उन्होंने मेरे पीछे से ब्लाउज को खोल दिया और धीरे-धीरे करके मेरे ब्लाउज को मेरे कंधों से उतारा.
अब मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा में थी और अपनी नजर उठाकर उनकी नजरों में देख भी नहीं पा रही थी.

मेरा यौवन मेरी ब्रा में कैद जैसे कह रहा था कि अभी उसे निर्वस्त्र न किया जाये. कुछ देर इस रोमांच को और बना रहने दिया जाये.
मुझे ब्रा में अपनी पति के सामने खड़ी रहना काफी उत्तेजित कर रहा था।

उन्होंने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरी चूचियों की घाटी को हवस भरी निगाहों से घूरा और उनके खुले होंठों से एक ही शब्द निकला- आह्ह!
उनके इस एक शब्द के पीछे के बाकी शब्द भी मैं जानती थी- आह्ह … क्या बूब्स हैं।

उन्होंने कहा तो नहीं लेकिन कहने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी।

मैं जानती थी कि मेरी चूचियां कितनी आकर्षक हैं. शादी से पहले भी मेरा वक्ष स्थल पुरूषों के आकर्षण का केंद्र बना रहता था.

कई बार खुद पर गर्व भी होता था कि मैं भंवरों का ध्यान खींचने वाले एक फूल की तरह हूं.

मैं इन्हीं ख्यालों में थी कि मेरे पति ने मेरी चूचियों में अपनी नाक घुसा दी.
वो मेरे बूब्स में अपना पूरा चेहरा ही फिराने लगे. उनको अपने चेहरे पर महसूस करने लगे.

मुझे भी उनका इस तरह से मेरे जिस्म के लिए पागल होना बहुत पसंद आ रहा था.

फिर उन्होंने मेरे होंठों पर होंठ रखे और उनको चूसने लगे.
अब मैंने भी कोई आडंबर नहीं किया और होंठों को उनकी सेवा में खोल दिया.

मैं उनका साथ देने लगी और उन्होंने मेरे नितम्बों से मुझे भींचकर जोर जोर से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया.

ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे लहंगे ऊपर से मेरी योनि में लिंग घुसाने वाले हैं. उनके लिंग के धक्के अभी से मेरी जांघों के बीच में लगने लगे थे.

मुझे भी उनकी मर्दानगी का जोश साफ साफ महसूस हो रहा था और संतुष्टि भी हो रही थी कि उनके जोश में कोई कमी नहीं है।

मेरे लबों को चूसते हुए ही उनके हाथ मेरे लहंगे के नाड़े पर चले गये थे.
उसके कुछ पल बाद ही मेरा लहंगा मेरी कमर से ढीला हो गया.

जब तक मैं संभलती वो मेरी टांगों से गिरकर नीचे पैरों में जा पहुंचा था.

उन्होंने उसको वहीं पड़ा रहने दिया और मुझे चूसते हुए मुझे वहां से चलाकर ले जाने लगे.
उनको होंठ अभी भी मेरे होंठों से हटे नहीं थे और मैं उनके साथ बेड की ओर धकी चली जा रही थी.

जब चलते चलते आगे बेड आ गया तो मैं रुक गयी लेकिन पति मेरे ऊपर चढ़ते ही आ रहे थे और एकदम से वो मुझे लेकर बेड पर गिर गये.

अब जब मेरा उतावला मर्द मेरे ऊपर आ गया था और उसका बदन मेरे बदन पर था तो मैंने भी अपनी बांहें खोल दीं और उनके बदन को हाथों से सहलाते हुए प्यार देने लगी.

अब काम की अग्नि मेरे अंदर भी जलने लगी थी और मेरे पति की शेरवानी और उनकी पजामी मुझे हम दोनों के जिस्मों के बीच में खलने लगी थी.
मैं चाहती थी कि अब वो भी अपने कपड़े उतारें और तब मेरे बदन पर लेटकर मुझे किस करें।

मुझे उस पल के लिये ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा।
वो उठ खड़े हुए और अपनी शेरवानी के बटन खोलने लगे.

अब मेरा गोरा बदन सिर्फ ब्रा और पेंटी में रह गया था जो उनके सामने बेड पर पड़ा था।

उन्होंने शेरवानी निकाली और उसको एक तरफ डाल दिया. अब बनियान भी निकाला और छाती से नंगे हो गये.
मैं थोड़ी शर्मा रही थी क्योंकि केवल ब्रा और पैंटी में लेटी हुई थी.

मगर बीच बीच में नजर उठाकर उनको देख भी लेती थी.
उनका लिंग मुझे उनकी पजामी में एक तरफ तना हुआ दिख रहा था.

फिर वो पजामी का नाड़ा खोलने लगे और उसको भी निकाल कर एक तरफ डाल दिया.

उनका अंडरवियर लंड के टोपे की तरफ से गीला धब्बा लिये हुए था. उन्होंने मुझे देखा और मैंने नजरें नीचे कर लीं.
मैं आप लोगों को बता दूं कि मेरा जिस्म थोड़ा सा भरा हुआ है।

मेरा भरा हुआ जिस्म देखकर वह तो मेरे जिस्म पर टूट पड़े और मेरे बूब्स को मेरी ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे.

उनके हाथों की पकड़ बहुत मजबूत थी. अब उनका जोश काफी बढ़ चुका था. ऐसा लग रहा था जैसे चूचियों को दबा दबाकर उनसे दूध ही निकाल देंगे.

मुझे दर्द भी हो रहा था और गाढ़ा मजा भी आ रहा था. चूचियों को जोर से दबवाने में दर्द के साथ मजा भी डबल हो जाता है।

फिर उन्होंने मेरी ब्रा को भी निकाल दिया और मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर चूसने लगे।
Meri Suhagrat Ki Kahani

सच बताऊं तो आनंद के मारे मेरी आंखें बंद होने लगीं.

मैं भी उनकी कमर और उनके बालों में आनंद के मारे हाथ फिराने लगी।
मेरी पैंटी पर उनका लिंग मुझे टक्कर मारता हुआ साफ महसूस हो रहा था.

अब उनका एक हाथ नीचे गया और मेरी पैंटी को खींचकर उन्होंने मेरी जांघों तक कर दिया.
उनका मुंह अभी भी मेरी चूचियों पर ही लगा हुआ था.

एक बार फिर से वो होंठों की तरफ आये. मेरे होंठों को जोर जोर से चूसने लगे. मैं भी अब पूरे जोश में उनके होंठों को चूसने लगी थी.

मेरी उत्तेजना भी काफी बढ़ गयी थी.

मेरे होंठों को चूसने के बाद वो मेरी गर्दन पर टूटे और उसको चूमने लगे.
फिर वे मेरी चूचियों को चूमते हुए पेट और नाभि से होते हुए चूत पर पहुंच गये.

मेरी चूत पर उन्होंने एक प्यारा सा किस किया. मैं एकदम सिहर गयी और जांघें सिकोड़ने लगी.
मगर उन्होंने दोनों हाथों से मेरी जांघों को पकड़ लिया और मेरी चूत अब खुद को छुपा नहीं सकती थी.

वो बेशर्म होकर मेरी चूत को देख रहे थे और मैं शर्म से पानी पानी हो रही थी.

फिर उन्होंने जीभ बाहर निकाली और सांप की तरह उसको मेरी चूत पर लहराने लगे.
बार बार जीभ से छूते और हटा लेते.

मैं पागल सी होने लगी.

फिर उन्होंने मेरी चूत में जीभ अंदर ही दे दी और पागलों की तरह उसको चूसने लगे.

मैं अब सिसकारने लगी और मेरी आहें काफी गर्म हो गयीं- उम्म … अहह … हाह् … स्स् … आह्ह … अम्म
ऐसे करते हुए मैं किसी तरह खुद को रोकने की कोशिश कर रही थी. मगर मेरे पति जैसे मेरी जान निकालने पर तुले हुए थे.

उन्होंने मेरी चूत को चाट चाट कर उसे पूरा गीला कर दिया और उसमें अंदर तक जीभ डाल दी।
मेरे मुख से तो बहुत तेज तेज आह निकल रही थी। कामुकता की वजह से मेरी छाती और मेरे पेट ऊपर नीचे हो रहे थे।

फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा।

मैं घोड़ी बन गई और वह पीछे से मेरी गांड और मेरी चूत को चाटने लगे।
आप सोच सकते हैं कि ऐसा अहसास कितना मजेदार होता होगा।

अब मेरी शर्म को मैंने तेल लेने भेज दिया. मैं भी उनकी काम क्रीड़ा में डूब जाना चाहती थी.
आनंद की वजह से मैंने बेड के तकिए को अपनी छाती से लगा लिया।
मैं अपनी गांड उठाकर अपनी चूत और अपनी गांड के छेद को चटवाती रही।

फिर उन्होंने मुझे सीधी करके लेटा लिया।
अब उन्होंने अपना अंडवियर नीचे कर दिया और मुझे उनका कामरस में सराबोर लिंग पहली बार दिखा.
लिंग औसत लम्बाई वाला और काफी मोटा था. रंग का थोड़ा ज्यादा सांवला था लेकिन पति के शरीर के साथ मिलता था।

पास में रखी शीशी उठाकर उन्होंने अपने लिंग पर तेल लगाया।
फिर वो शीशी रख कर मेरे पास आ गये और मेरे ऊपर चढ़ गये; अपने लिंग के टोपे को उन्होंने मेरी चूत पर टिकाया और उसको ऊपर नीचे रगड़ने लगे.

मैं अब पूरी चुदासी हो गयी. मैं भी चाहती थी कि अब वो लिंग मेरी चूत में घुसा दें.
फिर वो मेरे ऊपर लेट गये और लिंग को मेरी चूत में उतार दिया।

मेरी चूत इतनी देर से गीली थी और उन्होंने अपने लिंग पर भी तेल लगा दिया था तो पहली बार में ही लिंग फिसलता हुआ चूत में पूरा अंदर तक सरक गया.

मुझे बहुत दर्द और बेचैनी हुई.
लगा जैसे चूत में किसी ने कोई सख्त चीज ठूंस दी हो!
लेकिन लिंग की प्यास तो चूत को भी थी.

वो लिंग को डालकर मेरे होंठों में जीभ डालकर मुझे चूसने लगे और मैं आनंदित हो गयी.

मैं आनंद के मारे उनसे चिपक गई क्योंकि जिंदगी में पहली बार ऐसा सुख मिला था।

वो मेरी चूत को चोदने लगे और मैं उनसे लिपटी हुई चुदने लगी.
बहुत मजा आने लगा.
असली स्वर्ग मिल गया था.

मगर ये आनंद कुछ ही देर का था.
पति को मेरी चूत में धक्के लगाते हुए दो मिनट भी नहीं हुए थे कि उनका स्खलन हो गया; उनका वीर्य मेरी चूत में निकल गया और वो मेरे ऊपर ही ढेर हो गये.

मैंने भी उनके माथे पर किस की और ऐसे ही लेटी रही.
हम दोनों ऐेसे ही एक दूसरे से चिपके पड़े रहे.

मेरी चूत में आग अभी भी वैसी ही लगी थी. मैं उनसे अलग नहीं होना चाह रही थी.

15-20 मिनट के बाद उनका लंड फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने मुझे उसे चूसने को कहा.
मगर मेरी पहली ही रात थी और यह सब मुझे बहुत अजीब लग रहा था लेकिन फिर भी मैंने उनके लंड को पकड़ा और अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।

उसमें से अजीब सी गंध आ रही थी परंतु अच्छा भी बहुत लग रहा था।
मेरी चूत के पानी और उनके वीर्य से सना हुआ लिंग था जो मैंने खूब चूसा।

फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बना लिया और पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।

अब वो मेरी कमर को पकड़ कर बहुत तेज तेज धक्के लगाने लगे। मुझे मजा आने लगा और थोड़ा सा दर्द भी हो रहा था।

फिर धीरे-धीरे मैं अपनी चरम सीमा पर आ गई और मेरी चूत ने अपना सारा पानी छोड़ दिया तो मैं डिस्चार्ज होते होते बेड पर पेट के बल सीधे लेट गई।

वो तेज तेज धक्के लगाने लगे।

मैंने उनसे रुकने को कहा लेकिन वह नहीं रुके और ऐसे ही मेरी कमर और मेरे चूतड़ों का मजा लेते हुए अपना सारा वीर्य फिर से मेरी चूत में भर दिया।

कुछ देर के लिए हम फिर से अलग हो गए।

थोड़ी ही देर बाद उन्होंने फिर से मुझे अपना लंड चूसने को कहा. अबकी बार मुझे उनका लिंग 15-20 मिनट तक चूसना पड़ा तब जाकर उनका खड़ा हुआ।

उन्होंने फिर से मुझे सीधी लेटाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मेरे पैरों को ऊपर उठाकर बहुत तेज चोदने लगे।
मैं पूरी थक चुकी थी।
अबकी बार वह मुझे इसी पोजीशन में बहुत देर तक चोदते रहे।

फिर वह नीचे लेट गए और उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.
मैं उनके ऊपर चली गई और उनके ऊपर लिंग की सवारी करने लगी; उनके लंड पर अपनी चूत को तेजी से पटकने लगी।

नीचे से वह मेरे बूब्स को चूसने लगे. मुझे फिर से आनंद आने लगा और थोड़ी ही देर में मेरा पानी निकल गया।
उन्होंने भी अपना पानी निकालने के लिए मुझे हर तरह से चोदा।

वह रात मेरे लिए बहुत ही आनंद भरी रात रही।
मुझे लगा कि शादी में तो उम्र भर ऐसा ही मजा रहेगा लेकिन मैं गलत साबित हुई.
उस रात के बाद मुझे दोबारा इतना प्यार नहीं मिला।

सेक्स तो बहुत हुआ लेकिन वो रोमांच और वो रोमांस धीरे-धीरे कम होता चला गया.
समय व्यतीत होता गया और मेरी सेक्स लाइफ बहुत बोरिंग हो गई।

उस रात को आज भी नहीं भूल पाई हूं. चाहती हूं कि वही पल फिर से लौट आएं.

यह कहानी मैंने आप लोगों के साथ इसलिए शेयर की क्योंकि उन पलों को याद करके मुझे बहुत खुशी मिलती है।

एक बात और भी है … लोग तो बहुत मिल जाते हैं लेकिन अच्छा इंसान बहुत कम मिलता है।

मैं अपनी जिंदगी में एक ऐसा दोस्त चाहती हूं जो मेरा हर तरह से साथ दे। कुछ लोग बोलते हैं कि कहानी लिखने वाली फेक होगी लेकिन ऐसा नहीं है. ये मेरी सच्ची कहानी है और मैंने बहुत समय लगाकर लिखी है.

जिन भी लोगों को मेरी कहानी पसंद आये मुझे ईमेल पर पूछ सकते हैं और मुझसे इस बारे में और अधिक जान सकते हैं.
मगर मैं यही कहूंगी कि भरोसा तो करने से ही होता है. बस सही इन्सान मिल जाये.

मुझे आप लोगों के जवाबों का इंतजार रहेगा। मुझे मेरी ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं. कमेंट्स में केवल मेरी सुहागरात की कहानी के बारे में लिखें, मुझसे वहां पर मेरा पता या फोन नम्बर आदि न मांगे. मैं आपसे यही आशा करती हूं.
धन्यवाद।
preetipreeti1090@gmail.com

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top