ममेरी or मौसेरी बहन ki सीलपैक बुर चुदाई

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स का मजा मैंने दिया अपनी दो कजिन को. एक मेरे मामा की बेटी है तो दूसरी मेरी मौसी की बेटी. दोनों की सील मैंने तोड़ी नानी के घर में!

दोस्तो, मेरा नाम राज है.
मैं यूपी के उन्नाव जिले का रहने वाला हूं.

मेरा कद 5 फुट 8 इंच है और मेरे लंड की लंबाई 7 इंच है.
मेरे लंड को देखकर ही लड़कियां दीवानी हो जाती हैं.

यह वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स का मजा कहानी आज से 13 साल पुरानी है.
आज मेरी उम्र 32 साल है और मेरी मामा की लड़की की उम्र 30 साल है.

मेरे मामा की लड़की का नाम उर्मिला है प्यार से मैं उसे उर्मि कहता हूँ.
वह बहुत ही सेक्सी है. उसकी हाइट 5 फुट 6 इंच और फिगर 34-30-36 का है.

मैं बचपन में अक्सर अपने मामा के यहां मां के साथ जाया करता था.
उधर हम सब एक साथ ही सोया करते थे.

मुझे याद है कि वह दिसंबर का महीना था, तब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी.

मैं अपनी मां के साथ लेटा हुआ था और मेरी बहन उर्मि मेरे बगल में लेटी हुई थी.
ठंड की वजह से वह मेरे सीने से चिपक रही थी और उसकी छोटी-छोटी चूचियां मुझे कामुक कर रही थीं.

मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर चला गया.
मुझे काफी अच्छा लगा.
मैं उन्हें दबाने लगा.

उसे भी मुझसे अपनी चूचियां दबवाने में अच्छा लग रहा था तो वह भी आंखें बंद किए हुए मजा ले रही थी और अपनी गर्म गर्म सांसें छोड़ रही थी.

कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल कर देखा, वहां बहुत ही गर्म था.

मैं उसके होंठों को चूसने लगा और वह मेरा साथ देने लगी.

उसने मेरे कान में कहा- भैया, चलो बाहर चलते हैं.
मुझे भी उसकी चुदाई का मन बन गया था.

अब हम दोनों आहिस्ते से एक एक करके उठे और बाहर निकल कर दूसरे कमरे में चले गए.

उधर मैंने उसके ऊपर के सारे कपड़े उतार दिए.
वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही रह गई थी.

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स का मजा लेने को उतावली थी, उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
काफी सर्दी थी तो हम दोनों फिर से लिपट कर सर्दी भगाने लगे.

कुछ देर बाद मैंने अपना सात इंच का लंड उसके हाथ में देकर कहा कि लो इसको आगे पीछे करो.
वह लंड को आगे पीछे करने लगी.

उसके ऐसा करते हो मेरे लंड का सुपारा बाहर आ गया और वह सुपारे को चूमने लगी.
मैंने कहा कि इसे अपने मुँह में लो.

वह मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप के जैसे चूसने लगी.
हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं उसकी बुर में अपनी जीभ डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.

उसकी बुर बहुत ही नमकीन थी.
ऐसा करते करते पंद्रह मिनट में हम लोग झड़ गए और सीधे होकर चिपक कर लेट गए.

वह बोली- भैया, बहुत ही मजा आया!
अब उर्मिला मेरे लंड को पकड़कर आगे पीछे करने लगी और मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा.

जल्द ही एक बार फिर से हम दोनों गर्म होने लगे.
मैं धीरे-धीरे उसकी बुर में उंगली करने लगा.
वह बोली- मैं तुम्हारी ही हूं भैया, धीरे धीरे करो … दर्द हो रहा है.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, एक बार लंड अन्दर ले लो, फिर कभी दर्द नहीं होगा.
वह बोली- ठीक है भैया, आज की रात तुम मेरे सैयां बन जाओ.

मैं बोला- तुम मुझे भैया मत बोलो.
वह बोली- ठीक है, मैं तुम्हें जानू बोलूंगी.

वह मेरा लंड लेकर आगे पीछे करने लगी.
कुछ ही देर बाद वह मेरे ऊपर आ गई और मैं नीचे लेटा रहा.

वह अपने छेद में मेरा लंड सैट करने लगी.
जैसे ही उसने खुद को लंड पर दबाया और मेरा लंड एक इंच ही उसकी बुर के अन्दर गया होगा कि वह उछल पड़ी और उसने लंड बुर से निकाल दिया.

वह बोली- भैया, आपका बहुत ही ज्यादा मोटा है. मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, इसलिए मैं हट गई हूँ.
मैं बोला- तुम नीचे आ जाओ, मैं करता हूं.

मैंने उर्मि को नीचे लिटाया और उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया.
फिर उसके दोनों पैरों को अपने हाथों में लेकर हवा में उठा दिए और अपने लंड को उसकी बुर में रगड़ने लगा.

उसे मजा आने लगा था.
पर वह बोली- भैया, कुछ चिकना लगा लो.

मैंने बहुत सारा थूक लगाकर लंड को वापस उसकी बुर की फांक में रख दिया और धीरे धीरे अन्दर करने लगा.
वह बोली- आह भैया दर्द हो रहा है!

मैंने समझ लिया कि एक बार में ही पूरा पेलना होगा. अन्यथा लंड पेलने के चक्कर में सुबह हो जाएगी और मैं इसकी झांट तक टेड़ी नहीं कर पाऊँगा.

तब मैंने एक बार लौड़े में फिर से थूक लगाया और उसकी बुर की फांक में लंड के सुपारे को सैट कर दिया.

अब मैंने उसके ऊपर झुक कर उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया और मुँह बंद करके उसकी जीभ को पीने लगा.
इससे वह मस्त होने लगी और कुछ ही पलों में ज्यादा ही गर्म हो गई.

वह इशारे से मेरे चूतड़ों पर अपना हाथ दबाती हुई बोली- हूँ … अब पेलो.
मैंने मुँह से मुँह हटाया और कहा- इस बार सहन करने की कोशिश करना.

वह बोली- ओके भैया.
‘यार तुमने फिर से भैया बोला … सैंया बोलो न!’
तो उसने हंस कर कहा- ठीक है सैंया जी, अपना लंड डाल दीजिए.

उसी पल मैंने उसका मुँह बंद किया और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी बुर में डाल दिया.

उसने बहुत तेज आवाज में चीखने की कोशिश की लेकिन मैंने उसका मुँह दबा रखा था.

पूरा लंड बुर के अन्दर ठांस कर मैं थोड़ी देर वैसे ही लेटा रहा; फिर धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा.
कुछ ही पलों बाद वह भी मजे लेने लगी और उसने भी अपनी गांड उठा कर नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.

कुछ ही पलों में धकापेल चुदाई का मजा आने लगा.
मैं उसके दूध चूसते हुए बुर चोद रहा था.

अगले दस मिनट में वह दो बार झड़ चुकी थी.
अब मेरा होने वाला था.

मैंने कहा- कहां निकालूं?
उसने कहा- मेरी चूचियों पर निकाल दो.

मैंने उसकी चूचियों पर अपना वीर्य निकाल दिया.
उसने अपने हाथों से लेकर उसको चाट लिया.

फिर हम लोग बाथरूम में गए और सफाई करके बाहर आ गए.
बाहर आकर हम दोनों ने कपड़े पहने और कमरे में वापस जाकर लेट गए.

सुबह उसने मुझे 8:00 बजे जगाया और उसने प्यारी से किस के साथ मुझे चाय पकड़ा दी.

मैं इस बार अपनी नानी के यहां 4 दिन रुका.
मुझे इस दौरान जब भी मौका मिलता, मैं उर्मि को एक तरफ खींच ले जाता और हम दोनों चुदाई करने लगते.

फिर मैं अपने गांव चला आया.
इसके बाद उर्मि से मेरी बात होने लगी और वह मुझसे मिलने की जिद कर रही है.

इस तरह दो महीने बीत गए थे और अब सर्दी का मौसम खत्म हो गया था.
मैं पुनः मामा के घर गया.

इस बार उधर मेरी मौसी की लड़की भी आई हुई थी.
वह काफी दिनों बाद देखने को मिली थी और काफी हॉट हो गई थी.

उसका नाम लीला है और उसकी लंबाई 5 फुट 5 इंच है.
उसका साइज 32-30-34 का है.
उसकी चूचियां बहुत ही प्यारी हैं जो मुझे बहुत ही आकर्षित कर रही थीं.

हम दोनों के बीच में ज्यादा बात नहीं हो रही थी.
पर मैं उसको देखकर काफी आकर्षित हो गया था.

फिर मैं अपने मामा की लड़की उर्मि से बोला- उर्मि, तुम इसको मुझसे सैट करवा दो.
उर्मि बोली- नहीं भैया पहले आप मेरे साथ सेक्स करो, फिर इसका देखेंगे.
मैं बोला- नहीं, बस एक बार ही दिलवा दो इसकी.

मेरी जिद के चलते उसने लीला से कहा कि राज भैया आपको पसंद करते हैं.
उसने कहा- हां, मैं भी भैया को पसंद करती हूं.

फिर खाना खाने के समय उसने यह बात मुझे बता दी कि वह भी आपको पसंद करती है.
रात को हम सब लोग एक साथ ही सोए.
मैं लीला और उर्मि तीनों एक साथ सोए हुए थे.
मैं बीच में लेटा था और उर्मि की चूचियां पी रहा था.

लीला ने मेरे पीछे आकर मुझको अपनी बांहों में भर लिया.
इस वजह से उसकी चूचियां मेरी पीठ में रगड़ने लगी थीं.

मैं घूम कर उसके होंठों को किस करने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी.

तब तक उर्मिला पूरी नंगी हो गई और वह मेरे जिस्म से अपनी चूचियां रगड़ने लगी.
साथ ही वह मेरी गांड में उंगली करने लगी.

इधर मैं धीरे-धीरे लीला की चूचियां पीने लगा और लीला गर्म होने लगी.

मैं उसकी बुर में उंगली करने लगा.
धीरे-धीरे लीला का बदन अकड़ने लगा और वह झड़ गई.

लीला बोली- भैया, थोड़ी देर आराम कर लेने दो.

फिर मैं उर्मि की तरफ मुड़ गया और उसकी चूचियों को पीने लगा.

साथ ही अपनी एक उंगली को उसकी बुर में करने लगा.

वह भी धीरे-धीरे गर्म होने लगी और उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया.

कुछ देर बाद मैंने उर्मि को घोड़ी बनाकर उसकी चूत में अपना लंड डाला.

लंड लेते ही वह आह आह करने लगी.
मेरा लंड मोटा होने कारण उसकी चूत में बुरी तरह से फंस गया था.

कुछ देर बाद चूत ने फैल कर मेरे लंड को रास्ता दे दिया.
फिर दस मिनट तक मैं अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा.

उस दरमियान उर्मि दो बार झड़ चुकी थी.

अब मेरा होने वाला था.
मैंने उसके कान में कहा- किधर निकालूं?
लीला बोली- इसे मेरे मुँह में डालो.
असल में आजकल की लड़कियां बिना सेक्स किये ही ब्लू फ़िल्में देख देख कर सब कुछ जानती हैं.

मैंने लंड को उर्मि की चूत से निकालकर लीला के मुँह में दे दिया और लीला सारा वीर्य पी गई.
मैं थक कर लेट गया.

लीला ने मेरे लंड को चाटकर साफ़ कर दिया.

कुछ देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मैंने अपनी जीभ लीला की बुर में डाल दी और जीभ से उसकी चुदाई की.

लीला एक बार झड़ गई.
उसकी बुर का नमकीन पानी मुझे बहुत अच्छा लगा.

मैं काफी देर तक लीला की बुर को चाटता रहा जिससे लीला दोबारा गर्म हो गई.
वह मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी और मेरा टोपा चाटने लगी.

इससे मैं भी उत्तेजित हो गया.

मैं बोला- लीला आओ एक बार सेक्स करते हैं.
लीला बोली- नहीं भैया, मेरा पहली बार है.
उर्मि बोली- परेशान मत हो भैया, आराम से करेंगे.

मैंने लीला के दोनों पैरों को हाथों में लेकर ऊपर किया और उर्मि ने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया.

लीला का पहली बार था.
इसलिए जैसे ही मेरे लंड का टोपा उसकी बुर के अन्दर एक इंच ही गया कि वह दर्द से तड़फ उठी.

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स के दर्द से कराह कर बोली- भैया निकालो … आह बहुत दर्द हो रहा है.

मैं उसके होंठों को चूमने लगा और चूसने लगा, उसकी चूचियों को दबाने लगा.
वह धीरे-धीरे मजा लेने लगी और नीचे से कमर हिलाने लगी.

मैं भी धीरे-धीरे करके अपना पूरा लंड उसकी बुर के अन्दर डालने की कोशिश करने लगा.
अचानक से उसने एकदम से मेरी कमर पकड़ कर रोक दी.

मैं बोला- क्या हुआ?
वह बोली- भैया, बेहद दर्द हो रहा है.

मैंने रुक कर उसको थोड़ा सा और गर्म किया.
जैसे ही वह सहज हुई मैंने फिर से एक तेज झटका मारा और इस बार के झटके में मेरा पूरा लंड उसकी बुर को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.

मेरा लंड सीधा उसकी बच्चेदानी में जाकर टकराया और उसने बहुत तेजी से चिल्लाने की कोशिश की.
पर मुझे मालूम था कि यह चिल्लाएगी … तो मैंने पहले ही उसके मुँह को अपने होंठों से बंद कर रखा था.

थोड़ी देर किस करने के बाद मैं उसे फिर से गर्म करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.

काफी देर तक हम दोनों की चुदाई चली.
अंत में मैंने अपना सारा वीर्य उसकी बुर में ही डाल दिया और उसे अपनी बांहों में जकड़ लिया.

काफी देर तक हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे.
उस दिन रात में मैंने बारी-बारी से लीला और उर्मी की लगातार चुदाई की और मैं थक कर सो गया.

सुबह मैं 8:00 बजे उठा. लीला मुझे जगाने आई थी.
मैंने उसको पकड़ कर एक बार फिर से उसकी चुदाई कर दी.

‘भैया आप बहुत अच्छे हो और मेरी चुदाई ऐसे ही किया करो.’
अब जब भी मुझे समय मिलता है, तो मैं बहुत मस्त तरीके से लीला की चुदाई करता हूं.

दोस्तो, मेरी वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स का मजा कहानी कैसी लगी कृपया कमेंट करके बताएं.
rsajeevan657@gmail.com

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