यह कहानी का दूसरा भाग है, कहानी को समझने के लिए आपको पहला भाग जरूर पड़ना चाहिए जिसका नाम हैं अंधेरे में मामी की चुदाई भाग-1
मैंने कहा क्या मामी आपने तो मेरा कलेजा बहार निकाल दिया था! तो वो हसने लगी और कहने लगी शैतान तुझे तो मैंने किचन की खिड़की पर मुठ मारते हुए देख लिया था! मैंने पूछा हैरानी से आपने कैसे देख लिया? उन्होंने कहा लड़की हूँ सब पता चल जाता है मुझे और मेरे होंठ पर किस करने लगी! मैंने भी सारी बाते भाड़ में जाए सोचकर उन्हें अच्छे से चूमने लगा!
हम आज़ाद थे कोई रोक टोक नहीं थी इसलिए हम बेइंतहा एक दूसरे को पागलो की तरह चुम रहे थे! वो कभी मेरे गाल चूमती तो कभी मेरा माथा पूरी जंगली हो रखी थी वो! मैं कोनसा कम था मैंने उनकी सीधा मैक्सी उतार दी और उन्हें नंगा कर दिया! मामी ने कहा कमीने तूने दूसरी बार भी मुझे कपड़े बदलते हुए देखा हैं न? मैंने कहा यार आपको कैसे पता? तो मामी ने कहा एक तो किचन से निकला तेरा लंड खड़ा था और ऊपर से तूने मैक्सी जिस तेजी से निकाली वो मैं समज गयी थी!
मैंने कहा मामी आप अंतर्यामी हो चरण कंहा है आपके? उन्होंने कहा चरण का क्या करेगा? मैंने बोला मैं चूमूंगा! उन्होंने बोला चूमना ही हैं तो मेरे बूब्स चुम आजा, मैं तुरंत उनके बूब्स पर अपनी प्यासी जुबान लाया और उनके बूब्स चूसने लगा! मैंने उनके बूब्स अच्छे से निचोड़ दिए, उनका सारा रस पी लिया!
अब मैं उनके बदन को चूमने लगा, मैं उनके पेट को चूमने लगा उनकी नाभि में जीभ डालने लगा और चूसने लगा! फिर धीरे धीरे में उनकी जांघो पर गया और मस्त मोटी जांघो को चूमने लगा! उनकी जांघ कितनी चिकनी थी! अब मैंने उनकी चूत को पहले सुंगा फिर धीरे से उसे चूमा और फिर चूत चाटने लगा! उन्होंने बोलै आहिस्ते आहिस्ते खा मत जाना और मैं जीभ से चूत के अंदर हर हिस्से को चाटने लगा!
मेरा बहुत मन हुआ उनके मुँह में लंड देने का तो मैंने उनसे पूछा और मेरे पूछने से पहले उन्होंने हां भरदी! मैंने उन्हें लंड चुसाया और उन्होंने अच्छे से मेरे लंड को चूमा फिर मेरे टोपे के अंदर जीभ दाल दी! मेरे टट्टे चूसने लगी बारी बारी और फिर मेरी गांड भी चाटी! मैं तो बहुत खुश था ऐसी मामी सबको मिले और अब शुरू हुआ चुदाई का सिलसिला!
दोस्तों ये सारे काम हम अँधेरे में कर रहे थे जिससे इसका मजा ही अलग आ रहा था! मैंने उनकी चूत में लंड पेल दिया और चुदाई करने लगा ! उन्होंने मेरी कमर पर हाथ रखे और खुदको झटका देने के लिए मुझे सेहला रही थी! वो मेरी पीठ पर हाथ फेरती तो कभी मेरी गांड पर और कभी छाती पर! उन्हें बड़ा माजा आ रहा था तभी तो वो आह आह आह आह आवाजे निकाल कर मस्त चुद रही थी!
कुछ देर बाद मैंने उन्हें उल्टा पेट के बल लिटा दिया और पीछे से चूत मारने लगा! ये मेरी मन पसंद पोजीशन थी चुदाई की , जब मैं उन्हें चोद रहा था तो उनकी गांड मेरे शरीर से टकरा रही थी जिससे थप थप की आवाजे आ रही थी! मैंने अपना शरीर उनके ऊपर अच्छे से लपेट लिया और मैंने उनके दोनों बूब्स कसकर पकड़ लिए! मेरा झड़ने वाला था मैं चरम सीमा पर आ चूका था तो मैंने चुदाई की गति बड़ा दी!
पैर से पैर रगड़ रहे थे गांड शरीर को हर झटके के साथ छू रही थी! हर झटके के साथ उनकी साँसे बहार आ रही थी और दो तीन एक सारा माल उनकी चूत में निकल गया!
मेरी आवाज आठ उह्ह्ह्ह करके निकली और मुझे बहुत संतुष्टि मिली! उन्हें तो चरम सुख मिल गया था और हम दोनों वैसे के वैसे ही नंगे पड़े रहे! सुबह हम नहाये धोये और सब साफ़ सफाई करदी घरवालों के आने तक! दो दोस्तों ये थी मेरी कहानी उम्मीद हैं आपको पसंद आयी होगी!