मेरा नाम प्रकाश है, उम्र 26 और मैं दिखने में थोड़ा सावला हूँ! ये कहानी देवर-भाभी की चुदाई हैं जिसमे मैं देवर हूँ और मेरी भाभी शालू जिसकी मैंने चुदाई करी! तो कहानी शुरू करते हैं बिना बकचोदी के!
भाभी के बारे में आपको बतादू नाम था शालू और थी वो उतनी चालू! भैया बहार लड़कियों पर ज्यादा मुँह मारते थे इसीलिए भाभी मुझे लाइन देने लगी! खाने के टाइम हाथ जानकर टच करना, पैर टच करना और जानकर मेरे सामने बिना चुन्नी के झुकना ये तो आम बात हो गयी!
मैंने खुदकपर बहुत काबू किया हुआ था क्युकी भाभी दिखने में कंचा पीस थी! एकदम कड़क जिसे देखकर लंड खड़ा हो जाए और कोई भी मर्द पिघल जाए! मैं भैया के चक्कर में थोड़ा रुक जाता था पर मेरा मन पूरा था भाभी को लपेट लू अच्छे से!
एक दिन भैया मुझपर बेमतलब गुस्सा हो गए छोटा हूँ तो सुनाने लग गए! उनका डेली का हो गया बहार का गुस्सा निकालने गए तो मैंने भी उन्हें जवाब देदिया! बस वो हाथ उठाने वाले थे वो तो भाभी मुझपर चिपक गयी और बचा लिया! वो दिन था जिस दिन से भाभी ने दिल जीत लिया एक तो भैया के सामने मुझपर चिपकी और मार पड़ने से बचाया!
धैर्य में अपना खो चूका था क्युकी भाभी का मुझपर डेरे डालना अब मुझे अच्छा लगने लगा! अब समज आया भैया प्यार तो दे नहीं पाते तो भाभी क्या करेगी? एक दिन मैंने सोचा भाभी से बैठ कर इस बारे में बात करू और वो दिन था समझाने गया तो पिघल कर आ गया!
हुआ ये की मैं भाभी के कमरे में गया था भाभी को समझाने और वो थी कानो में लीड लगाकर फ़ोन में घुसी हुई! मैंने कमरे के बहार से आवाज मारी तो उन्हें सुनाई नहीं पड़ा तो मैं अंदर चला गया! वंहा मैंने देखा भाभी साड़ी उठाकर चूत में ऊँगली कर रही हैं पोर्न देखकर!
मेरा तो ये सब देखकर दिमाग खराब हो गया और मन किया की आज करदु काम! पर कैसे भी करके मैंने काबू पा लिया और मैं वंहा से निकल गया! भाभी मुझे देख चुकी थी पर मैं खुदपर काबू पा लिया क्युकी मुझे कुछ दिखा नहीं! कपड़ो में थी और हाथ और साड़ी की वजह से चूत नहीं दिखी!
अगली बार भैया घर आये और बोलकर गए मैं टूर पर जा रहा हूँ बिज़नेस वाले तो एक हफ्ते में आऊंगा भाभी का ध्यान रखिओ! मैंने मन में बोला भाभी का ध्यान वो तो मैं अच्छे से कर लूँगा! भैया तो गए टूर पर और माँ बाप मेरे गांव में रहते थे वैसे ही तो अब घर में मैं और भाभी बचे थे!
मैं सोच रहा था यार रहने देता हूँ ये सब गलत हैं लेकिन भाभी सीरियस होकर आयी कहा कुछ बात करनी हैं कमरे में आ जाना! उनकी शकल देख कर लगा जैसे भैया ने तलाक देदिया हो! मैं उनके कमरे में गया वो अंदर बाथरूम में थी उन्होंने 5 मिनट बैठने को बोला!
मैं 5 मिनट बैठा और बाथरूम का दरवाजा खुला मेरी नजर दरवाजे पर और मैंने देखा भाभी सिर्फ तौलिया लपेट कर मेरे पास आयी! मेरा तो वोंही मूड बन गया था और उन्होंने एक झटके में तोलिये को निचे गिरा दिया!
भाईसाहब कहर डा गया एक दम से मेरे पेरो से जमीन खिसक गयी! मतलब मैं इस मोमेंट के लिए त्यार नहीं था शायद एक दम झटका सा लगा मुझे! वो पूरी नंगी नाहा धोकर बहार निकली थी! उनका बदन बिलकुल साफ़ एक भी बाल नहीं पूरा चिकना!
उसके मदमस्त बूब्स मेरे सामने मोटे ताजे मुझे पुकार रहे थे और उसका बदन जैसे मेरे लिए ही बना हो! वो पूरा घूमकर मुझे अपना शरीर दिखाने लगी, उनकी गांड बड़ी मस्त थी! अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उन्हें लपक लिया और गले से लगाकर चूमने लगा!
मैंने उनके होंठ काट डाले और जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतार डाले! मेरा अपने हाथो से काबू हट चूका था वो भाभी के पुरे बदन पर फेर रहे थे! मैं उन्हें जंहा चाहे वंहा चूमता, काटता और चाटता और पुरे मजे लेता! वो भी बहुत बुखी थी मेरा लंड पकड़ कर हिलाये जा रही थी!
मैंने उन्हें उठाकर बेड पर लिटा दिया और समय खराब न करते हुए! भाभी की चूत में लंड डाल दिया! उनकी चुदाई शुरू होते ही अह्ह्ह अहह की चीखे भी निकलने लगी! मैंने तो उनके निप्पल चूसना शुरू कर दिया और चुदाई करता गया! हमने हाथो में हाथ डाले हुए थे और चुदाई जोर जोर से चलने लगी!
भाभी भी फुल जोश में चोदो मुझे जोर से मुझे प्यार दो बोले जा रही थी! उनको देखकर बार बार जोश आता और मैं उनकी चुदाई और ज्यादा तेज करता! वो चिल्लाती तुम्हारा बड़ा हैं दर्द हो रहा हैं धीरे करो पर मुझमे सबर नहीं था! मैंने उनके दोनों बूब्स पकड़े और जल्दी जल्दी चुदाई शुरू करदी और आखिर में मेरा माल निकल गया सारा चूत में!
उसके बाद पुरे हफ्ते हमने बहुत ज्यादा चुदाई करी और भैया के आने के बाद जब मन करता मौका देखकर चुदाई करता!