यह सुलतान को और भी बुरा लगा क्योंकि उसने रीमा को अपनी मर्दानगी को चुनौती देते सुना। उसने उन्हें चिढ़ाया कि उन्हें उसकी चुदाई का जंगली प्रकरण देखना चाहिए था। रीमा ने सुल्ताना और गुलनाज को यह बताया कि रफीक का लंड उन चारों के लिए पर्याप्त है। जिसे सुलतान ने पीड़ा के साथ में सुना, रीमा ने सुल्ताना को बताया रीमा और आगे सुनाते हुए बोली कि कैसे रफीक के साथ एक रात उसके जीवन को बदल देगी।
जवाब में, सुल्ताना बोली कि ऐसा लग रहा था कि रीमा ने उसके साथ उत्कृष्ट समय बिताया था और ऐसा लग रहा था कि रफीक असली मर्द था जिसके साथ रीमा ने वास्तव में मजा किया था, अगर सुल्ताना परवेज के साथ ना होती तो वो भी ये मजा जरूर लेती । परवेज ये सुन कर अवाक रह गया। रीमा ने सुल्ताना से कहा कि अगर उसने रफीक को एक बार भी कोशिश की, तो वह फिर कभी परवेज से संतुष्ट नहीं होगी। उसे विश्वास नहीं हुआ जब रीमा ने गुलनाज़ से यह भी कहा कि रफ़ीक के बाद वो अपने पंजाबी शोहर को भी भूल जाएगी , और मल्लिका को समझाया कि वो रफ़ीक के लिए अपना राजस्थानी शोहर छोड़ देगी ।
तुरंत परवेज ने महसूस किया कि उसकी मर्दानगी का अपमान किया गया है, जैसे कोई भी व्यक्ति अगर चार भव्य और पूरी तरह से नंगी स्नान करने वाली सुंदर भारतीय औरतों से घिरा होगा जो किसी अन्य आदमी के बारे में बात कर रही हो वैसा ही परवेज को महसूस हुआ । इतना ही नहीं, जब उनकी अपनी कीमती हाथी दांत- की तरफ सफ़ेद रंग की अवधी बीबी को यह विश्वास दिलाया जा रहा था कि कोई दूसरा आदमी उनके शोहर से बेहतर है। परवेज को कम ही पता था कि उसे युद्ध के लिए उकसाय जा रहा है।
जब ऐसी चुनौती दी गई तो परवेज ने तुरंत अपने मन में अपने गुणों की प्रशंसा करना शुरू कर दिया। उन्होंने मन ही मन अपने दुबले-पतले और साहिबी शरीर, भेदी आँखें, सुंदर चेहरे की प्रशंसा की। फिर उसने अपने अथक कामवासना, अपने अनुभवी ज़बान की प्रतिभा पर गर्व किया, और अपने लुंड की प्रशंसा की। जबकि उनका गोरा अवधी लंड जब पूर्ण खड़ा होता था तो केवल चार अंगुलियों का था , जबकि वह हमेशा यह दावा करना पसंद करता था कि यह पांच इंच का था, वो अपने स्वयं के लंड के आकार को थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता था । वो उसे कुदरत की दी हुई तलवार कहता था । उसने गुलनाज़ और रीमा से कहा कि वह इस तलवार का इस्तेमाल करके उन्हें अपने शोहरों को भूलने और उन्हें अपनी रखैल बनाने के लिए करेगा। मल्लिका की ओर मुड़कर, उसने उससे कहा कि वह उसे जीतने के लिए अपनी कुदरत की दी हुई तलवार का इस्तेमाल करेगा और उसे अपने पति को भूलने के लिए मजबूर कर देगा और मल्लिका को अपनी रखैल के रूप में रखेगा।
रीमा मुस्कुराई और परवेज से कहा कि रफीक सुल्ताना को नई औरत बना सकता है। परवेज साहब भड़क गए। उसने उनसे कहा कि वह उस मूर्ख रफीक से कहीं ज्यादा मर्दाना और साहिबी है। इसके बाद गुलनाज ने उनसे पूछा कि क्या वह इसे किसी प्रतियोगिता में साबित कर सकते हैं। क्रोधित होकर परवेज ने उनसे कहा कि वह इस हरामजादे रफीक को किसी भी प्रतियोगिता में हरा सकता हैं जिसके बारे में वे सोच सकती हैं। “आखिरकार,” उसने उनको बोला , “कोई बेवकूफ रफीक लड़ने में कितना अच्छा हो सकता है?” फिर उसने उन्हें बताया कि उसने रफीक नामक योद्धा के बारे में कभी नहीं सुना है । “जरूर रफीक कोई बेवकूफ बाबू होगा जिसे रीमा ने ढूँढा था,” उसने जवाबी हमला किया। “उन बाबूओं के लंड खड़े होने पर केवल तीन अंगुलीय (इंच) लंबे होते हैं! हमारे अवधी लंड उनके मुकाबले बहुत बड़े और बेहतर हैं। मेरा पांच-अंगुलियो का लंड एक औरत के लिए एकदम सही उपकरण है! मैं आप सभी को दिखा सकता हूं कि हम साहब कितने अच्छे हैं प्यार में!”
रीमा बस मुस्कुराई, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
इस पर गुलनाज ने जवाब दिया। “पंजाब में हम एक खेल खेलते हैं जिसमे लड़ाई का विजेता हमेशा हारने वाले के सभी औरते ले लेता है। तो, इस प्रतियोगिता के विजेता को हम चारों सुंदर सफेद औरतों का आनंद लेने के लिए चार रातें मिलेंगी ।”
सुल्ताना की ये बात सुन कर जैसे आँखें खुल गईं। उसने कहा, “और हम यहां संख्या में चार हैं। तो आइए हम सभी विजेता के साथ एक मुता (अस्थायी विवाह) करें, परम्परा के अनुसार मर्द एक बार में चार बीबी रख सकता है।”
परवेज को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। इन प्यारी हिन्दुस्तानी सुंदरियों के साथ एक नहीं बल्कि चार रातें – यह उसकी उम्मीद से कहीं अधिक है। परवेज ने तुरंत हामी भर दी।
“लेकिन हारने वाले का क्या होता है?” रीमा ने अनजाने में पूछा।
“उसे रातों के लिए अपने हाथ का उपयोग करना होगा !” गुलनाज ने जवाब दिया।
“मेरे पास एक बेहतर विचार है। बंगाल में, हमारे पास एक और अच्छा खेल है। जब हमारे मर्दो में से कोई भी कुछ ऐसा करता है जो हमें पसंद नहीं है, या हारने वाला बन जाता है, तो हम औरते उसके अंडकोषो में लात मारती हैं,” रीमा ने कहा।
“हे भगवान, आप बंगाली औरतों को वास्तव में पता है कि कैसे अपने मर्दो को काबू (लाइन) में रखना है!” मल्लिका ने आश्चर्य से कहा।
“हाँ, यह वास्तव में हमारे लड़कों को लाइन में रखता है! और मुझे वास्तव में लौंडे के अंडकोषों में लात मारना पसंद है! आप सभी को इसे आज़माना चाहिए, यह असल में बहुत मजेदार है!” रीमा ने खुशी से कहा।
“यह बहुत अच्छा लग रहा है, तो, हम इन दो खेलों को जोड़ देंते है । विजेता को हम चारों के साथ चार रातें मिलेंगी , जबकि हारने वाले को हम में से प्रत्येक द्वारा अंडकोषों में लात मारी जायेगी , और हमारी और विजेता की एक नौकर के रूप में सेवा करनी होगी !” गुलनाज ने कहा।
” दो किक के बारे में क्या विचार है ?” मल्लिका से पूछा। “मैं वास्तव में एक हारे हुए व्यक्ति को एक बार नहीं, दो बार लात मारना चाहूंगी !”
“मुझे स्वीकार है !” परवेज चिल्लाया। “आपको रफीक को उसके अंदाज़ में दो-दो बार लात मारने में बहुत मज़ा आएगा।”
मल्लिका, गुलनाज और रीमा ने अपना शर्बत खत्म किया और फिर निकल गयी । जब वो जा रही थी तो रीमा ने परवेज से कहा कि वे रफीक को संदेश देंगे, और उन्हें जवाब बताएंगे।
जारी रहेगी