अब मै झट से नीचे आया और फिर से भाभीजी की टाँगे खोलने लगा। अबकि बार भाभीजी ने बिना नखरों के टाँगे खोल दी। अब मैने झट से भाभीजी की चूत में लण्ड सेट कर दिया। अब मै भाभीजी की चूत में लण्ड ठोककर फिर से भाभीजी को बजाने लगा।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आहा ओह आहा आईईईई।”
मैं फिर से भाभीजी की चूत के परखचे उड़ा रहा था। अब मेरे लण्ड के धक्कों से भाभीजी के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे।भाभीजी की चीखे फिर से कमरे में गूँजने लगी थी। उधर बड़ी भाभीजी अब हॉल में पोछा लगाकर टीवी देख रही थी।
इधर मैं भाभीजी की देवरानी को झमाझम चोद रहा था। अब मै रुका और भाभीजी के पेटिकोट और साड़ी को खोलने लगा।
” रोहित अब क्या तू मुझे पूरी नंगी करेगा क्या?”
” हां भाभीजी।”
” अरे यार अब भाभीजी के सामने मेरी थोड़ी तो इज़्ज़त रहने दे।”
” सब इज़्ज़त है आपकी तो। वैसे भाभीजी ये सब जानती है। मै उनको भी नंगी करके ही चोदता हूं।”
तभी मैंने भाभीजी की साड़ी खोल दिया।अब मेने भाभीजी के पेटिकोट को ऊपर सरका दिया। अब भाभीजी भला क्या करती! अब वो पेटिकोट खोलने पर मजबूर थी।
तभी भाभीजी ने सिर के ऊपर से पेटिकोट को खोल फेंका। अब तो भाभीजी पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मेरा लंड फिर से चालू हो गया।
” आह्ह आहा ओह मम्मी। आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह सिससस्स।”
” ओह भाभीजी आहा बहुत ही मस्त चुत है। आह्ह।”
तभी थोड़ी देर में भाभीजी फिर से झड़ गई। मेरा लण्ड अभी भी लोहे की रॉड बना हुआ था। फिर बहुत देर तक भाभीजी की ठुकाई करने के बाद मेरा लंड आखिरी पड़ाव में पहुँच गया।
अब मैंने भाभीजी को ज़ोर से कस लिया और फिर उनकी झील को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया। अब मै भाभीजी से लिपट गया। तभी भाभीजी ने मुझे बाहो में कस लिया।
फिर हम दोनों प्यासे जिस्म बहुत देर तक ऐसे ही नंगे पड़े रहे। अब मै फिर से भाभीजी के होंठो का रस पीने लगा। तभी भाभीजी भी मुझे बाहों में कसकर मेरे होठो को खाने लगी। अब हम दोनों अपनी प्यास बुझा रहे थे।
तभी मेने भाभीजी को पलट मेरे ऊपर चढ़ा लिया। अब भाभीजी शरमाने सी लगी। तभी मेने भाभीजी की गाँड़ पर चिकोटी मार दी। अब भाभीजी तुरंत शुरू हो गई।
अब भाभीजी मेरे ऊपर चढ़कर हमला करने लगी। वो मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी। भाभीजी के बाल मेरे ऊपर बिखर चुके थे। मैं भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था। भाभीजी ताबड़तोड़ किस कर रही थी। मैं भाभीजी के चुतड़ो को सहला रहा था।फिर वो कुछ ही देर में मेरी चेस्ट पर आ गई और फिर शेरनी की तरह टूट पड़ी।
अब भाभीजी ताबड़तोड़ मेरी चेस्ट पर किस कर रही थी। वो बीच बीच में मेरी चेस्ट पर बाईट भी कर रही थी। भाभीजी को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै फिर से भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था। फिर भाभीजी किस करती हुई मेरे लंड पर पहुँच गई।
अब भाभीजी में छपाक से मेरे लंड को मुँह में भरा और फिर झमाझम मेरे लण्ड को चूसने लग गई।
” ओह भाभीजी आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह। मज़ा आ गया ।ओह भाभीजी।”
भाभीजी लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी।भाभीजी को मेरा लंड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभि मेने मेरी टांगे भाभीजी के कंधों पर रख दी। अब भाभीजी मेरे लंड को पूरा ले चुकी थी।वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को झटका दे रही थी।
” ओह भाभीजी आह्ह ऐसे ही चुसो आह्ह। बहुत मज़ा आ रहा है। ओह भाभीजी। मेरा लण्ड तो कब से आपके लिए तरह रहा था। आह्ह।”
भाभीजी के बाल मेरे लंड को ढक को ढक चुके थे। भाभीजी लबालब लंड को चुस रही थी। मैं आराम से भाभीजी के कंधों पर टांगो को रखकर मज़ा ले रहा था। फिर भाभीजी ने बहुत देर तक मेरा लंड चुसा।
अब मै भाभीजी से चुत में लण्ड सेट करने के लिए कहने लगा तभी भाभीजी मना करने लगी।
” रोहित तू भाभीजी के सामने मुझे पूरी बेशर्म ही करना चाहता है क्या?”
” तो हो जाओ ना आप भी बेशर्म। इसमें क्या गलत है।”
” नहीं यार अब ये तो मैं नहीं करुँगी।”
भाभीजी मान नहीं रही थी। तभी मैने उनको हाथ पकड़कर ऊपर खीच लिया।
” अरे यार,,,,,,,,,,,
अब भाभीजी ने चुत में लण्ड सेट कर लिया और फिर वो धीरे धीरे झटके मारने लगी।
” आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह सिसस्स।”
भाभीजी धीरे धीरे चुद रही थी। वो अच्छी तरह से जानती थी कि अगर उन्होंने स्पीड बढ़ाई तो हॉल तक उनकी चीखे जायेगी। तभी मेंने भाभीजी से कहा
” भाभीजी ऐसे मज़ा नहीं आ रहा है। स्पीड बढ़ाओ।”
” अरे ऐसे ही ठीक है ना यार।”
” भाभीजी आप लण्ड की सवारी कर रही हो। किसी कार की नहीं। अब आप इतने धीरे धीरे मेरे लंड को चलाओगी क्या?”
” अरे यार तू मरवाएगा मुझे।”
तभी भाभीजी धीरे धीरे स्पीड बढ़ाने लगी। अब भाभीजी उछल उछल कर चुद रही थी। भाभीजी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। भाभीजी को मेरे ऊपर चढ़कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक्क्कर लंड ले रही थी।
” अब आया ना मज़ा भाभीजी।”
” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह आहा आईईईईई ओह सिससस्स।”
अब भाभीजी की दर्द भरी आहे उनकी जेठानी तक जा रही थी। अब जोरदार झटकों से भाभीजी पसीने में नहाने लगी थी। भाभीजी फूल स्पीड में चुद रही थी। तभी कुछ देर में ही भाभीजी का पानी निकल गया।
” ओह आह्ह सिससस्स उन्ह सिससस्स आहा आह्ह आह्ह।”
फिर भाभीजी थककर मुझसे लिपट गई। अब मैंने भाभीजी से 69 पोजीशन में आने के लिए कहा। अब भाभीजी मेरे लंड पर से उठी और उनकी चुत को मेरे लण्ड पर टिकाकर मेरे लण्ड को चूसने लगी।
मैं भी भाभीजी के चुतड़ो पर हाथ फेरते हुए उनकी चुत चाट रहा था। भाभीजी की गरमा गरम चुत चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी भी आराम से मेरे लंड को चुस रही थी।
तभी बड़ी भाभीजी की कमरे के आस पास घूमने की आवाज़ आ रही थी।मतलब वो उनकी देवरानी के सेक्सी अंदाज़ को देख रही थी।
भाभीजी मेरे लंड को चुस चूसकर लोलीपॉप बना रही थी। हम दोनों को चुत और लंड के साथ खेंलने में बड़ा मजा आ रहा था।
फिर मेंने भाभीजी को नीचे पटक दिया और अब मेने भाभीजी को 69 पोजीशन में लिया। अब भाभीजी के मुंह में मेरा लण्ड जा रहा था और उनकी चुत में मेरी जीभ अंदर बाहर हो रही थी।
अब भाभीजी मेरी गाँड़ को कसकर लंड चुस रही थी। इधर मैं भाभीजी की टांगो को मोड़कर उनकी चूत का मज़ा ले रहा था। भाभीजी की रसभरी चूत चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मेरा लण्ड भाभीजी के मुंह की सैर कर रहा था। फिर हमने बहुत देर तक ऐसे ही मज़ा लिया।अब मै वापस भाभीजी की चूत पर आ गया।
अब मैंने भाभीजी की टांगो को मोड़ दिया और फिर भाभीजी की चूत में एकसाथ दो उंगलिया घुसा दी। अब मैं भाभीजी की चूत में उंगली करने लगा। अब भाभीजी फिर से कसमसाने लगी।
“आईईईई सिससस्स उन्ह अआहः आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आहा।”
अब मैं धीरे धीरे उंगलियों की स्पीड बढ़ाने लगा। अब मैं जल्दी जल्दी भाभीजी की चूत में ऊँगली करने लगा। अब भाभीजी दर्द से बुरी तरह से झल्लाने लगी। मुझे भाभीजी जी चूत सहलाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” आहा आहहह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे ओह रोहित जी मरर्रर्र गईईईई। आह्ह।”
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी की चूत की खुदाई कर रहा था।भाभीजी ही अब हालात खराब हो रही थी।वो अब टांगो को इधर उधर फेंक रही थी। भाभीजी को बहुत तेज़ दर्द हो रहा था।वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
” ओह रोहित जी,अआहः आह्ह अआह मत करर्रर्र,, आहहह मर गईईई बहुत दर्द हो रहा है। आह्ह।”
” ओह भाभीजी करने दो आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
मैं भाभीजी कहाँ सुनने वाला था।मैं तो भाभीजी की चूत की बखिया उदेड रहा था। तभी भाभीजी फिर से झड़ गई। मेरी उंगलिया भाभीजी के रस में भीग चुकी थी। अब मैंने फिर से भाभीजी का पानी पीना शुरू कर दिया। फिर मैंने भाभीजी की चूत को चाट डाला।।
चूत में उंगलिया करने से भाभीजी का हाल बेहाल हो चूका था।अब मेने भाभीजी की टांगो को फैलाया और फिर से भाभीजी की चूत में लंड ठोक दिया। अब मै भाभीजी की फिर से ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा।
” आह आहा ओह आईईईई सिससस्स आहा ओह आईईईई ओह।”
” ओह भाभीजी। ऐसे आता है मज़ा।”
भाभीजी फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ रही थी। मेरा लण्ड खचाखच भाभीजी की ठुकाई कर रहा था। ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभीजी फिर से पसीने में भीगने लगी थी।
” आह्ह आहा ओह आहा ओह मम्मी। सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
“ओह मेरी जान। आह्ह आ रहा है मज़ा।”
” हूँ,,,, आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित सिसस्ससस्स आह्ह।”
मेरा लण्ड फूल स्पीड में भाभीजी की चूत में तूफान मचा रहा था। भाभीजी को फिर से उनकी मम्मी याद आने लगी थी। तभी भाभीजी ज्यादा देर तक मेरे लंड के तूफान को नहीं झेल पाई और भाभीजी का पानी बहने लगा।
” ओह रोहित आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह।”
मैं भाभीजी की कसकर ठुकाई कर रहा था। भाभीजी बुरी तरह से फस्फसा रही थी। मेरा लण्ड आज तो रुकने का नाम नहीं ले रहा था। तभी बड़ी भाभीजी कमरे में आ गई।
बड़ी भाभीजी को देखते ही छोटी भाभीजी की सिट्टी पिट्टी गुल हो गई।उनके चेहरे की हवाइयां उड़ चुकी थी। वो तो उनकी चुत में मेरा लंड फंसा हुआ था वर्ना भाभीजी उठकर भी भाग सकती थी।
” मुझे पोछा लगाना है। तुम दूसरे बैडरूम में चल जाओ।”
” आप तो लगा लो पोछा।हम तो हमारा काम बेड पर रहे है।”
” अरे दूसरे बैडरूम में जाकर आराम से कर लेना।”
” अरे भाभीजी हमें कोई दिक्कत नहीं है। आप तो लगा लो।पोछा।”
अब बड़ी भाभीजी बैडरूम में पोछा लगा रही थी और मैं उनकी देवरानी की चूत में लण्ड पेल रहा था। अब तो शर्म के मारे छोटी भाभीजी की चीखे भी नहीं निकल रही थी।
” आह्ह आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिसस्ससस्स।”
” ओह भाभीजी अब तो बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
अब मैं बड़ी भाभीजी के सामने छोटी भाभीजी की ताबड़तोड़ ठुकाई कर रहा था। भाभीजी शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी। भाभीजी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन मै उनको उनकी जेठानी के सामने ही चोदूगा।
मैं तो भाभीजी की जमकर ठुकाई कर रहा था। तभी भाभीजी का पानी निकल गया। अब मेरे लंड के हर एक झटके के साथ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आने लगी।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आहा ओह उन्ह सिससस्स ओह आह्ह।”
अब मैंने सोचा क्यों नही इन्हें भी बेड पर बुलाया जाये।
” भाभीजी आप भी आ जाओ ना। ये काम तो बाद में भी कर लेना।”
” नहीं यार तुम ही करो। मुझे बहुत सारा काम करना है।”
” अरे काम तो बाद में भी हो जायेगा। आजाओ तीनो खूब मज़ा लेंगे।”
” नहीं, मैं नहीं आऊंगी।”
भाभीजी बेड पर आने को तैयार नहीं हो रही थी। इधर छोटी भाभीजी की हालत खराब हो रही थी। एक तो वो पहले से ही शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी ऊपर से अब मै उनकी जेठानी को भी बेड पर आने के लिए कह रहा था।
अब भाभीजी पोछा लगाकर तुरंत बाहर चली गई। फिर मेने भाभीजी की बहुत देर तक जमकर ठुकाई की।
” रोहित तूने यार आज गज़ब कर दिया। कम से कम भाभीजी के सामने तो मुझे नहीं चोदता।”
” अरे जब बड़ी भाभीजी को ही देखने में शर्म नहीं आ रही है तो फिर आप क्यों शर्म कर रही हो? आप मस्त होकर चुदो।”
” लेकिन यार फिर भी……वो मेरी जेठानी है।”
” आपकी जेठानी से पहले वो एक औरत है और एक औरत ही भावनाओं को औरत अच्छी तरह से समझती है। इसलिय आप ज्यादा मत सोचो।”
” अरे यार पता नहीं भाभीजी क्या क्या सोचेगी।”
अब मैंने भाभीजी को पलट दिया। अब मै भाभीजी के ऊपर चढ़ गया और भाभीजी के मज़बूत कंधो और कलाइयों पर ज़ोरदार किस करने लगा। अब मेने भाभीजी के बलाउज और ब्रा को खोल फेंका।
तभी भाभीजी को सुरसुरी होने लगी। मैं भाभीजी के कंधो और कानों को चूम रहा था। फिर मै भाभीजी की चमचमाती हुई पीठ पर ज़ोरदार किस करने लगा।भाभीजी की पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।मै भाभीजी के कंधों को भी चुम रहा था।भाभीजी आहे भर रही थी।
” उन्ह आह आह ओह उन्ह आह ओह उन्ह।”
इधर मेरा लण्ड भाभीजी की गाँड़ के घुसने की कोशिश कर रहा था। भाभीजी को मैंने अच्छी तरह से दबा रखा था। मैं भाभीजी के जिस्म को कसकर मसल रहा था।
अब मै भाभीजी की पीठ पर किस करता हुआ उनकी सेक्सी गांड पर आ गया अब मैंने भाभीजी की साड़ी और पेटिकोट को खोल फेंकाऔर फिर भाभीजी के चुतड़ो पर ताबड़तोड़ किस करने लगा।अब भाभीजी इधर उधर हिलने लगी लेकिन मैंने भाभीजी को अच्छी तरह से दबोच रखा था।
” ओह भाभीजी आह्ह! बहुत ही सेक्सी चूतड़ है आपके आहा।”
भाभीजी के गौरे चिकने चुतड़ो पर किस करने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। मैं तो पपागल सा हो रहा था। फिर मैंने भाभीजी की गांड पर बहुत देर तक किस किया।
अब मैंने भाभीजी को पलट कर सीधा कर लिया। अब मै भाभीजी को बेड से नीचे ले आया और भाभीजी को घोड़ी बनने के लिए कहा।
“अरे यार अब तू घोड़ी बनाकर भी पेलेगा मुझे। ,,,,हूँ।”
अब भाभीजी चुप हो गई और वो घोड़ी बन गई। अब मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड सेट किया और फिर भाभीजी की कमर पकड़कर उन्हें झमाझम चोदने लग गया। अब भाभीजी फिर से बुरी तरह से चुदने लगी।
आहाहा आहा सिससस्स उन्ह ओह आह्ह ओह आह्ह।”
” ओह भाभीजी आह्ह मज़ा आ रहा है। आहा।”
” आईएईई सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिसस्ससस्स।”
अब मैं भाभीजी को दे दना दन बजा रहा था।भाभीजी को बजाने में मेरे लंड को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी घोड़ी बनकर बहुत अच्छी तरह से चुद रही थी।
“आईईईई आहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आहा आहा ओह ओह आहा मर गईईई आह्ह अहह।”
मैं भाभीजी को घोड़ी बनाकर झमाझम चोद रहा था।मेरे।लंड को भाभीजी की चूत में बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था। भाभीजी अब शर्म का चोला उतारकर अच्छी तरह से चुदा रही थी।।मैं भाभीजी की चूत में झमाझम लंड पेल रहा था।
“आह्ह अआहः अहह ओह आहा आहा आईईईई सिसस्ससस्स आहा उन्ह आह्ह आह्ह आह्”
“ओह भाभीजी आहा बहुत मज़ा आ रहा है।आहा आहा।”
तभी थोड़ी देर की धुआंधार ठुकाई के बाद भाभीजी पानी पानी हो गई।अब उनकी चूत से रस टपकता हुआ नीचे गिर रहा था।मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को बजा रहा था। आज तो भाभीजी की चूत की खैर नहीं थी।मैं तो भाभीजी की चूत की धज्जियां उड़ा रहा था।
“अआहः आह्ह आह्ह उन्ह आहा आहः मर गईईई आहा”
मैं भाभीजी को घोड़ी बनाकर बुरी तरह से बजा चूका था। अब मैं बड़ी भाभीजी के सामने ही छोटी भाभीजी की गाँड़ मारना चाहता था।अब मै भाभीजी को हॉल में चलने के लिए कहने लगा लेकिन भाभीजी मना करने लगी।
” अरे यार तुझे जो करना है वो यही कर ले।मैं मना नहीं करुँगी।”
भाभीजी के कहने का मतलब मैं साफ साफ समझ रहा था।भाभीजी गाँड़ मराने को तो तैयार थी लेकिन हॉल में चलने को तैयार नहीं थी। तभी मैं भाभीजी का हाथ पकड़कर उन्हें हॉल में लाने लगा।
” अरे यार ये क्या है?”
” आप हॉल में तो चलो पहले।”
तभी भाभीजी मुस्कुराते हुई हॉल में खिंची चली आई। हॉल में बड़ी भाभीजी टीवी देख रही थी।उनके सामने उनकी देवरानी एकदम नंगी थी। इधर भाभीजी की देवरानी उनकी जेठानी के सामने शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी।
तभी मैने भाभीजी को उठाकर सोफे पर पटक दिया। भाभीजी अभी भी फड़फड़ा रही थी।वो अभी भी कमरे में जाने के लिए बोल रही थी।
” यार रोहित कमरे में ही कर ले ना।”
” कमरे में तो बहुत कर लिया भाभीजी।अब तो यही करना है।”
तभी मेने भाभीजी की टाँगे उठाकर उनकी चूत में लण्ड सेट कर दिया। अब मै बड़ी भाभीजी के सामने ही उनकी देवरानी को सोफे पर पटककर चोदने लगा। अब भाभीजी उनकी चीखे रोकने की बहुत ज्यादा कोशिश कर रही थी।
मैं भाभीजी की धक्कमपेल ठुकाई कर रहा था।अब भाभीजी बेचारी कहाँ तक शर्म करती! अब मेरा लण्ड उनको आहे भरने पर मजबूर कर रहा था। तभी भाभीजी टूट गई।
“आह्ह आह्ह आहा ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आईएईई आह्ह ओह रोहित।”
” ओह भाभीजी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
महिमा भाभीजी अब उनकी देवरानी की चीखो से डिस्टर्ब होने लगी थी।अब भाभीजी की चीखे लगातार बढ़ रही थी। भाभीजी सोफे में फंस सी गई थी। अब टीवी की आवाज़ के साथ भाभीजी की चीखे भी हॉल में गूंज रही थी।
” ओह आह सिसस्स आह ओह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
” ओह भाभीजी। आह्ह ओह सिससस्स।”
तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभीजी का पानी निकल आया। अब मेरे लंड के झटकों से भाभीजी की चूत से पानी नीचे टपक रहा था। बड़ी भाभीजी टीवी में मन लगाने की कोशिश कर रही थी लेकिन चुदाई की चीखे उनका मन भटका रही थी।
” ओह रोहित आहा सिससस्स आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।’
फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को सोफे पर पटक कर चोदा। अब मैंने भाभीजी को सोफे पर से खीच लिया और उन्हें घोड़ी बनने के लिए कहा।
बड़ी भाभीजी के सामने भाभीजी एकदम नंगी थी। आज तो भाभीजी की जेठानी के सामने उनकी सारी शर्म उतर चुकी थी। तभी भाभीजी सोफे को पकड़कर घोड़ी बन गई।
अब मै भाभीजी की गाँड़ के छेद में लण्ड सेट करने लगा। बड़ी भाभीजी तिरछी नज़रो से सबकुछ देख रही थी। तभी मैंने ज़ोर से भाभीजी की गाँड़ में लण्ड पेल दिया।मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभीजी की गाँड़ में पूरा घुस गया।
” आईईईई मम्मी।मर्रर्रर्र गईईई। आह्ह।”
अब मै भाभीजी की कमर पकड़कर उनकी गाँड़ में झमाझम लण्ड पेलने लगा।आज तो भाभीजी उनकी जेठानी के सामने ही गाँड़ मरवा रही थी। मै भाभीजी की गाँड़ में जमकर लंड पेल रहा था। भाभीजी दर्द से सिरसिरा रही थी।
” आह ओह सिससस्स आह्ह ओह आईईईई आहा सिससस्स आह्ह ओह।”
“हाय! क्या मस्त गाँड़ है। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
” ओह रोहित आहा धीरे धीरे डाल यार।बहुत दर्द हो रहा है।”
” क्या भाभीजी! ज़ोर ज़ोर से ही डालने दो।”
मैं तो भाभीजी की गाँड़ में ज़ोर ज़ोर से लण्ड ठोक रहा था। भाभीजी सोफे पर झुककर गाँड़ मरवा रही थी। तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभीजी का पानी निकल आया। अब मेरे लण्ड के झटकों से भाभीजी का पानी फर्श पर टपक रहा था।
” ओह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आईईईई ओह सिससस्स।”
” ओह भाभीजी आह्ह।”
इधर बड़ी भाभीजी उनकी देवरानी की गाँड़ ठुकाई का पूरा मज़ा ले रही थी। देवरानी की चुदाई का लाइव टेलीकास्ट देखकर अब भाभीजी की आँखों में भी लण्ड की भूख नज़र आने लगी थी। वो भी चुदाने के लिए फड़फड़ा रही थी।
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आईईईई मम्मी। आह्ह आहा।”
तभी भाभीजी की एकबार फिर से पिघल गई। धुंआधार ठुकाई से मेरा लण्ड भाभीजी की गाँड़ का गोदाम बना चुका था।मै भाभीजी की गाँड़ के परखच्चे उड़ा चूका था।
” आह्ह आहा ओह सिससस्स आह्ह ओह अआईईई आईएईई बससस्स यार।”
“बससस्स थोड़ी देर और भाभीजी।”
फिर मैंने भाभीजी की बहुत देर तक गाँड़ मारी।अब मेने भाभीजी की गाँड़ में से लण्ड बाहर निकाल लिया। अब भाभीजी खड़ी हो गई।
” ओह रोहित बहुत बुरी तरह से बजा दिया यार तूने।”
” ये तो होना ही था भाभीजी। आपने ही मेरे लंड को इतना तड़पाया है।”
अब मै सोफे पर बैठ गया और अब मैंने भाभीजी से मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा।
” यार अब यहाँ नहीं। तू अंदर चल अब।”
” नहीं भाभीजी आप तो यही चुसो। अरे शरमाओ मत यार।”
” नहीं।”
तभी भाभीजी बैडरूम में जाने लगी लेकिन फिर भाभीजी का हाथ पकड़ कर मैंने उन्हें मेरी तरफ खीच लिया। फिर मैंने भाभीजी को नीचे बैठा दिया।भाभीजी शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी। वो गर्दन नीचे करके चुपचाप बैठी हुई थी।
” अरे भाभीजी, अब इतनी भी मत शरमाओ। लो चुस लो।”
अब मै भाभीजी को मेरे पास लेकर उनके मुँह में लंड डालने की कोशिश करने लगा लेकिन भाभीजी मुंह खोलने को तैयार नहीं हो रही थी।मैं लण्ड को भाभीजी के होंठो पर घिस रहा था।
फिर भाभीजी ने मुँह खोल ही दिया।अब भाभीजी धीरे धीरे मेरे लंड को चुस रही थी।मै भाभीजी के बालों को सम्हाल रहा था। भाभीजी अब मेरे लण्ड को चुस चूसकर गिला कर रही थी। इधर बड़ी भाभीजी अब उनकी देवरानी को मेरा लंड चूसते हुए देख रही थी।
” ओह भाभीजी आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
अब भाभीजी धीरे धीरे लंड चूसने की स्पीड बढ़ाने लगी।अब वो मेरे लण्ड पर टूट रही थी।मै भाभीजी को सम्हाल रहा था। इधर बड़ी भाभीजी की काम वासनाएं लगातार भड़क रही थी।वो टीवी देखने का अब नाटक कर रही थी। तभी मेने बड़ी भाभीजी को भी मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा।
” भाभीजी आप भी आ जाओ ना। क्यों शरमा रही हो।”
” नहीं यार। तू पहले प्रतिभा के ही मज़े ले ले।”
” मै तो आपका भी मज़ा लेना चाहता हूँ। आप आओ तो सही।”
” नहीं यार मुझे तुम लोगो के बीच में नही आना है। अभी तो तुम ही लो मज़े।”
” जैसी आपकी मर्ज़ी भाभीजी।”
इधर छोटी भाभीजी मेरे लंड को चुस चूसकर लॉलीपॉप बना चुकी थी।अब मैने भाभीजी को थोड़ा हटाया और मैं खड़ा हो गया। अब मै बड़ी भाभीजी के सामने ही छोटी भाभीजी के मुँह को चोदने लगा।
” ओह भाभीजी आह्ह मस्त मज़ा आ रहा है। आह्ह ओह सिससस्स।”
मैं भाभीजी के सिर को पकड़कर उनके मुँह में झमाझम लण्ड पेल रहा था। भाभीजी के मुँह को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” ओह भाभीजी बहुत तरसाया आपने। आहा आज जाकर मेरे लण्ड को चैन मिला है।”
फिर मेने बहुत देर तक भाभीजी के मुँह में लण्ड पेला। अब मेने भाभीजी को उठाया और उन्हें वापस बैडरूम में ले आया। अब मेने भाभीजी को वापस बेड पर पटक दिया और फिर भाभीजी की टांगो को खोलकर उनकी चुत में फिर से लण्ड डाल दिया।
“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिससस्स आह्ह। ओह कमीने पहले यही चोद लेता ना।”
” हॉल में चोदने में अलग ही मज़ा आता है भाभीजी।”
” हां तो फिर कभी चोद लेता हॉल में। आज क्या ज़रूरी था क्या? भाभीजी के सामने ही चोद दिया यार तूने।”
” हां तो ये तो अच्छा ही हुआ। अब आप भाभीजी के सामने चुदवाने में डरोगी तो नहीं।”
” पता नहीं क्या क्या कर रहा है तू। मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है।”
” सब समझ में आ जायेगा आपको।”
तभी लगातार धक्कमपेल से भाभीजी का एकबार फिर से निकल आया।अब तो भाभीजी के अन्दर मेरे लण्ड को सहन करने की ताकत नज़र नहीं आ रही थी।वो अब लंबी लंबी आहे भर रही थी।
” आहा अहा सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आईईईई आहा ओह सिससस्स।”
” ओह भाभीजी बहुत रिपचिक माल हो आप। आह्ह। कसम से।”
भाभीजी चुद्वाकार बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब मेरा लण्ड भी ढेर होने वाला था।तभी मेनें भाभीजी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया। अब मै भाभीजी के जिस्म से लिपट गया।
हम दोनों नंगे जिस्म एक दूसरे से लिपटे हुए ऐसे ही बेड पर पड़े थे।आज मैं भाभीजी की जमकर ठुकाई करके बहुत ज्यादा खुश था।भाभीजी के जिस्म का आज कतरा कतरा हिल चूका था।
” ओह रोहित बहुत बुरी तरह से पेला है आज तूने। मेरी तो अब उठने की भी इच्छा नहीं हो रही हैं।”
” तो ऐसी ही सोती रहो भाभीजी।क्यों उठ रही हो?”
” अब उठना तो पड़ेगा यार।”
तभी भाभीजी उठ गई।अब एक एक करके कपडे पहनने लगी। मैं भाभीजी के चमचमाते हुए नंगे जिस्म को निहार रहा था।भाभीजी के जिस्म को देखकर मेरा लंड फिर से फड़फड़ाने लगा था।
अभी भाभीजी उनके पेटिकोट में साड़ी बांध ही रही थी कि मै झट से नीचे आया और भाभीजी को लपक लिया। अब मै भाभीजी के होंठो को चूसते हुए उन्हें दिवार के पास ले गया।
अब मै भाभीजी के होठो को चूसते हुए उनके बोबो को दबा रहा था। भाभीजी तभी थोडी देर में ही गर्म हो गई। नीचे मेरा लण्ड भी लोहे की रॉड बन चूका था। अब मैंने मौके की नज़ाकत को समझते हुए भाभीजी को बेड पर पटक दिया।
अब मैंने फिर से भाभीजी की चड्डी खोल फेंकी और झट से भाभीजी की चूत में लंड ठोक दिया। अब हमारे बीच फिर से धुआंधार ठुकाई का खेल शुरू हो चूका था। मै भाभीजी को जमकर बजा रहा था। भाभीजी फिर से बुरी तरह से चीखने लगी थी।
” आहा आईएईई आह ओह मम्मी। आह्ह ओह सिससस्स आईईईई आईईईई।”
” ओह भाभीजी! दिल करता है आपको दिन रात बजाऊँ।”
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आईईईईई अभी तो दिन मे ही बजा ले रोहित।रात में कभी चोद लेना।”
“हां भाभीजी।”
तभी थोड़ी देर में ही भाभीजी की चूत में तूफान आ गया और उनकी चुत से गरमा गरम पानी बहने लगा। भाभीजी फिर से पसीने में नहा गई थी।मै भाभीजी को बससस्स चोदे जा रहा था।फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक बजाने के बाद फ्री किया।
अब भाभीजी उठी और फिर से उनकी साड़ी को पेटिकोट में बांधने लगी।
” कहाँ से लाते हो इतनी पॉवर? तुम्हारा भैया तो थोड़ी देर में ही हांफ जाते है।”
” सब आपकी और भाभीजी की मेहरबानी है।”
” चल अच्छा है। तू हम दोनों को मज़ा दे रहा है। हम घर में ही बहुत खुश है।”
‘ हां भाभीजी।”
फिर भाभीजी चड्डी पहनकर मुस्कुराती हुई बैडरूम से बाहर चली गई। अब मै भी कपडे पहनकर बाहर आ गया। बड़ी भाभीजी अभी भी टीवी देख रही थी।अब मै भी भाभीजी के पास जाकर बैठ गया।
” भाभीजी अब तो एपिसोड ख़त्म हो गया। आपकी इच्छा हो तो दूसरा सीरियल चालू करे।”
“नहीं, रहने दे तू तो।”
तभी मेने भाभीजी के बोबो को मसल दिया। तभी भाभीजी मुस्कुराने लगी।
” पागल है क्या यार तू। जा रही हूँ मैं तो।”
तभी भाभीजी उठकर उनके बैडरूम में जाने लगी। अब मै भी भाभीजी के पीछे पीछे आ गया।मै अच्छी तरह से जानता था कि भाभीजी चुदवाने के लिए बहुत ज्यादा उतावली हो रही थी। मै भाभीजी का इशारा साफ साफ समझ रहा था।
तभी मेने भाभीजी को बेडरूम में धर दबोचा और उन्हें बेड पर पटक दिया।अब मै भाभीजी के ऊपर चढ़ गए और उनके होंठो को बुरी तरह से चूसने लगा। भाभीजी अभी भी नखरे दिखा रही थी। तभी मेने भाभीजी का बलाउज खोल फेंका और भाभीजी के कबूतरों को आज़ाद कर दिया।
अब मै भाभीजी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से कसने लगा। तभी भाभीजी की दर्द के मारे गाँड़ फटने लगी।
” ओह आईईईईई धीरे धीरे मसल यार। बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई।”
“दर्द में ही तो मज़ा मिलता है भाभीजी।”
फिर मैंने भाभीजी के बोबो को बुरी तरह से निचोड डाला और उनके बोबो को पीना शुरू कर दिया। मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी के बोबबे चुस रहा था।
” ओह सिससस्स आहा उन्ह ओह रोहित।”
फिर मैंने फ़टाफ़ट भाभीजी के बोबो को चुस डाला। अब मैंने भाभीजी की टाँगे उठाई और उनकी चड्डी खोल फेंकी। भाभीजी की चड्डी गीली गच्छ हो रही थी। इसका मतलब भाभीजी उनकी देवरानी की चुदाई देख देखकर कई बार झड़ चुकी थी।
अब मैंने भाभीजी की चूत में लंड रखा और फिर भाभीजी की ठुकाई करना चालू कर दिया। मेरे लण्ड की ठुकाई से भाभीजी बुरी तरह से हिलने लगी।
” ओह आईईईई आईईईई सिससस्स आह्ह सिससस्स आईईईई सिससस्स।”
मैं भाभीजी को ताबड़तोड़ चोद रहा था।तभी थोड़ी देर में ही मैंने भाभीजी का पानी निकाल दिया। अभी बेड पर छोटी भाभीजी के पानी के दाग साफ भी नहीं हुए थे कि अब बड़ी भाभीजी के पानी से फिर से बेड की चादर गन्दी होने लगी थी।
” ओह आह आईईईई सिससस्स आईईईई मम्मी। आह्ह आईईईईई।”
मैं भाभीजी को लपक्क्कर चोद रहा था।भाभीजी की चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा था।
” भाभीजी मेंने पहले ही कहा था। आज जाओ। छोटी भाभीजी के साथ में चुदती तो और ज्यादा मज़ा आता है।”
” हां, तू तो चाहता ही यही था। तू हम दोनों को चोद रहा है इसका मतलब ये नहीं कि अब साथ में ही चोदने लग जाये।”
” तो क्या हुआ? साथ चुदाई कराने माब और ज्यादा मज़ा आता है।”
” नहीं यार। तू तो अलग अलग ही चोद ले। यही अच्छा है।”
मैं भाभीजी को बजाये जा रहा था।भाभीजी भी अच्छी तरह से उनकी चुत की आग बुझा रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को बजाया और भाभीजी की चूत को लबालब भर दिया।
” बहुत शैतान है तू। हम दोनों देवरानी और जेठानी दोनों को चोद दिया।”
” अब मौके का फायदा तो उठाना ही चाहिए भाभीजी।”
” खूब फायदा उठा लिया तूने तो।”
” हां भाभीजी मज़ा आ गया आज तो।”
फिर भाभीजी ने उठकर चड्डी पहन ली और ब्रा बलाउज पहनकर तैयार हो गई।फिर मैंने भी कपडे पहन लिए। अब भाभीजी उनकी बेड शीट को सही करने लगी। बेड शीट पर दोनों भाभीजी के पानी के धब्बे ही धब्बे लगे हुए थे।
” बहुत पानी निकाला आज तूने यार। देख बैडशीट की क्या हालत हो गई है।”
” इसमें तो आपकी गलती है भाभीजी। पानी तो आपका ही है।”
तभी भाभीजी हंसने लगी। ” अच्छा बच्चे”
” हाँ भाभीजी।”
फिर भाभीजी ने बेडशीट बदल दी। अब भाभीजी ने फर्श पर लगे धब्बो को भी मिटा डाला।अब भाभीजी चुदाई के सारे साबुत मिटा चुकी थी। फिर थोड़ी देर बाद भाभीजी की सास आई।
अब आँटी की दोनों बहुएं उनसे ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि थोड़ी देर पहले ही दोनों बहुएं जमकर चुदी है। दोनो भाभीजी हंस हंसकर बाते कर रही थी। अब ये सब तो करना ही था।
अब मैं मेरे कमरे में चला आया।
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