हेलो दोस्तों तो कैसे हैं आप सभी लोग जैसा की आपने भाग -1 कहानी को पढ़ा होगा यदि आपने नहीं पढ़ा हैं तो कृपया पहले आप जाने कैसे मेरे बॉस ने चोदा भाग -1 को पढ़े।
और फिर जाने जाने कैसे मेरे बॉस ने चोदा भाग -2 को पढ़े आपको यह कहानी जरूर पसंद आएगी। तो चलिए यह कहानी सुरु करते हैं। विकास का मेरे यू पास आना और मेरे चूत के साथ खेलना मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मैं सिसकारियां लेकर आह आह कर रही थी।
विकास कभी कभी अपना लंड मेरे मुँह में दाल रहा था और कभी कभी मेरी चूत के ऊपर थप थपा रहा था। फिर विकास ने मेरी टंगे चौड़ी की और मेरी चूत में अपना लंड दाल दिया।
मेरे मुँह से आह आह निकले लगी और विकास मेरी चूत को और जोर जोर से छोड़ने लगा। मेरे मुँह से आवाजे निकल रही थी आह विकास आह विकास मुझे जोर जोर से चोदता रहा और बिच बिच में मुझे किस करने लगा।
थोड़ देर में विकास मेरे ऊपर ही लेट गया और मेरी चूत के अंदर अपने लंड को पूरा गुसा दिए। विकास ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड के अंदर अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था।
उसने मेरी गांड में थूक लगाया गांड में अपना लंड घुसा दिया। जैसे ही मेरी गांड के अंदर लंड गया मेरी चीखे निकल आई आआअह्ह। विकास मेरी गांड मरने में लगा रहा।
मेरी गांड मारते मारते उसने अंदर ही अपना वीर्य झाड़ दिया और फिर अपना लंड बहार निकल के मुझे किस करने लगा। हम दोनों चुदाई करने के बाद बिस्तर पर नंगे लेट गए और एक दूसरे को गले लगाके एक दूसरे से बाते करने लगे।
विकास ने मुझसे पूछा सुमन तुम्हे मेरे लंड से छोड़ने में मजा आया की नहीं। मैंने विकास से कहा तुम्हारे लंड से छोड़ने से मुझे जानत का मजा आ गया। विकास ने मुझे कॉफी बनाए के लिए कहा।
मैं किचन में गई तो मेरे पीछे पीछे विकास भी आ गया। वो मेरे चूचियों को छेड़ने लगा और मेरे निपल को दबाने लगा। हम दोनों का मूड फिर से चुदाई का हो गया था और विकास का लंड भी अब खड़ा हो गया था।
हम दोनों एक दूसरे को चूसने लगे थे फिर विकास ने मुझे उल्टा घुमाया और मेरे बाल जोर से पकड़ के मेरी चूत में झटके से अपने लंड को घुसा दिया और फिर से चोदने लगे।
विकास मेरी चूत में जोर जोर से झटके देने लगा और साथ ही मेरी पीठ को चूमने लगा। हम दोनों ऐसे चुदाई का मजा उठा रहे थे विकास मुझे अपने लंड पर बिठाकर छोड़ने लगा और मैं भी उसके लंड पर उछलने लगी।
हमें बड़ा मजा आ रहा था। विकास खड़ा हुआ और उसने मुझे अपनी गोद में उठके मेरी चूत मारने लगा ऐसे करने पे उसका बड़ा लंड सीधे मेरे पेट तक आ रहा था।
विकास कभी मुझे दीवार पे लगाके चोदता तो कभी सोफे पर बिठाके। वो अलग अलग तरीके से मुहे छोड़ता रहा। जब विकास थकने लगा तो मैंने विकास को लिटाया और उसका लंड चूसने लगी वो मेरे बाल पकड़ के मेरे मुँह को अपने लंड पर रगड़ता और कभी मेरे मुँह में लड़ को देखे झटके मरवाता।
विकास तो चूत के साथ साथ मेरे मुँह को भी चोद रहा था। फिर उसने मुझे अपने लंड पर बिठाया और मेरी गांड के छेद में अपने लंड को गुसा दिया। वो तो सीधा लेट गया और मुझे कहा को मेरे लंड पर ऊपर निचे हो।
मैं ऊपर निचे हुई उसके लंड मेरी गांड पर ऐसे चूब रहा था। जैसे मैं किसी नुकीली चीज पर बैठी हई हो। पर मुझे मजा भी बहुत आ रहा था। विकास का लंड इना टाइट हो गया था की क्या ही बताऊ।
हम दोनों पसीने में नहाने लगे थे। तो हम बाथरू में गए और शावर को खोला और पानी के निचे आ गए। विकास अपने घुटने के बल बैठा और मेरी एक टांग को उठके मेरी चूत को चाटने लगा।
ऊपर से पानी गिर रहा था निचे से विकास मेरी चूत का पानी निकलने में लगा हुआ था। उसने मुहे बाथरूम के फर्श पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को मेरे चूचो के बिच में डालके मेरे मुँह पे टकराने लगा।
कुछ देर ऐसा करते करते विकास का लंड ढीला पड़ने लगा। फिर विकास ने मेरे मुँह में लंड देके अंदर बहार अंदर बहार करने लगा। मैं विकास के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। थोड़ी देर में विकास ने मेरे मुँह के अंदर ही अपना माल निकाल दिया और फिर साथ में लेट गया।
ऐसे विकास ने उस रात मेरी चूत की आग को शांत किया। तो दोस्तों ये थी मेरी सच्ची कहानी आशा करती हूँ आपको यह कहानी जरूर पसंद आई होगी।