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देसी लड़की पोर्न कहानी में पढ़ें कि मेरी पड़ोसन लड़की ने भोली बनकर मुझे अपने मम्मी पापा की चुदाई की बात बताई. फिर सेक्स की बातें करके मुझसे चुद गयी.
फ्रेंड्स, मैं राकेश … अपने कमरे में बैठ कर अपनी बी.काम. फाइनल की पढ़ाई कर रहा था.
इतने में मेरी पड़ोसन सारिका रोती हुई आई.
वह भी बी.काम में पढ़ती थी.
मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ?
पर वह बिना कुछ बोले रोए जा रही थी.
वैसे वह बहुत साधारण लड़की है. मेरे पड़ोस में रहती है और मेरी उससे अच्छी बनती है.
वो देखने में भी सामान्य सी ही है. उसके दूध अभी भी एकदम छोटे छोटे से हैं. वो दुबली पतली है लेकिन बातें बहुत प्यारी प्यारी करती है.
बचपन से ही हम दोनों साथ में खेल कर बड़े हुए हैं.
मैं अच्छा ख़ासा सांड सा मर्द हो गया हूँ, मेरे सामने वो पिद्दी सी लगती है.
हम दोनों के बीच काफी घुटती थी लेकिन सेक्स जैसी कोई बात नहीं होती थी.
यह देसी लड़की पोर्न कहानी इसी सारिका की बुर चुदाई की है.
जब वो मेरे कमरे में आई, उस वक्त मैं घर में अकेला था.
मेरे मम्मी पापा दो दिन से गांव गए हुए थे.
उनकी अनुपस्थिति में मेरा खाना पीना सब सारिका के जिम्मे ही था.
उसके घर में उससे मेरे साथ मिलने जुलने में कोई पाबंदी नहीं थी.
सारिका लगातार सुबक रही थी.
बहुत पूछने पर उसने हिम्मत करके कहा कि वह जब घर पर आई, तो उसके पापा उसकी मम्मी पर लेट कर आगे पीछे हिल रहे थे और मम्मी भी पापा को नीचे से धक्के मार रही थीं.
यह सुन कर मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- यह तो नार्मल है. बड़ी उम्र के लोग ऐसा करते हैं. इसे ही तो चुदाई कहते हैं.
वह बोली- मुझे पता है लेकिन यह तो रात वाला काम है.
मुझे फिर से हंसी आई और मैंने कहा- यह तो इंसान के मूड पर निर्भर करता है.
वह बोली- यह तो गंदा काम है न … इसे रात में ही करना चाहिए ना!
मैंने कहा- तुम्हें कुछ नहीं पता है. तुम अभी मूर्ख हो.
वह गुस्सा हो गई और बोली- मुझे सब पता है. मैंने कई बार मम्मी पापा को रात को नंगे होकर सेक्स करते देखा है.
मैंने कहा- अरे पगली, जब तुझे मालूम है कि वो सेक्स करते हैं … तो तुझे ये क्यों नहीं मालूम है कि सेक्स करने का कोई समय तय नहीं होता है. ये कभी भी मूड बनने पर किया जाता है.
वो मेरी बात ध्यान से सुन रही थी.
मुझे भी उसकी इन बातों में अब मजा आ रहा था तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें पता भी है कि सेक्स में क्या होता है?
वो बोली- हां मैंने देखा है, लेकिन कभी किया नहीं है.
मैंने भी हिम्मत जुटा कर उससे कहा- तुझे देखना है, सेक्स कैसे करते हैं?
उसने भी बिना सोचे हां बोल दिया.
मेरे मन में लड्डू फूट पड़े.
मैंने उसे पास बिठाया और बोला- कभी कभी पहली बार में दर्द होता है, पर खूब मजा आता है.
मैंने उसे पहली बार की चुदाई में खून वाली बात नहीं बताई.
वो भी एक बार हां बोल कर पीछे हटना नहीं चाहती थी.
मैंने मोबाइल में एक ब्लूफिल्म लगाई और उसे दिखाने लगा.
उस ब्लू फिल्म में एक दुबली पतली लड़की एक काले हब्शी का मोटा लंड चूस रही थी.
फिर उसने उस हब्शी का लंड अपनी नन्हीं सी चूत में अन्दर तक ले लिया था.
उन दोनों की चुदाई देख कर मेरे लंड में आग लग गई.
और शायद सारिका को भी चुदास चढ़ गई थी.
वो मेरी तरफ देख कर कहने लगी- क्या ये सब सच में होता है या एनिमेशन है?
मैंने कहा- एनीमेशन वाली फिल्म अलग होती है. उसमें हाथी का लंड चींटी की गांड में भी घुसाया जा सकता है.
मेरी बात पर हंस दी और मेरी जांघ पर हाथ मारती हुई बोली- पहले चींटी तो सही से दिख जाए, तब तो उसकी गांड दिखेगी. फिर उसकी गांड में हाथी का लंड! तुम सच में बड़े मजाकिया हो.
मैंने कहा- मजाक की शुरुआत तो तुमने ही की थी बेबी!
वो बोली- मेरा नाम सारिका है.
मैंने कहा- हां मुझे मालूम है. फिर भी प्यार से तुझे बेबी कहा.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली- प्यार से?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- वो सब छोड़ो, ये बताओ कि ये सब जो अभी देखा है, वो करना है?
वो एक बार मेरी आंखों में झाँकने लगी और अचानक से बोली- हां करना है.
मैंने कहा- बाद में कुछ मत कहना.
वो बोली- बाद में कुछ कहना होगा तो कहूँगी … तू कौन होता है मुझे रोकने वाला?
मैंने सर पीट लिया कि अजीब लड़की है.
फिर मैंने सोचा कि ये मेरे बचपन की सहेली है और इसका जिस्म तब तक नहीं भरेगा, जब तक इसकी चुदाई नहीं होगी.
वो बोली- क्या सोच रहे हो?
मैंने कहा- मैं सोच रहा हूँ कि जलेबी को शीरा पिला ही दिया जाए.
वो अचकचा कर बोली- मतलब?
मैंने कहा- वो सब छोड़ … पहले तू ये बता कि तेरे पास अभी कुछ समय है कि घर जल्दी जाना है?
वो बोली- अबे यार वही तो हुआ … मैं कोचिंग से वापस आ गई. जबकि मुझे दो घंटा बाद घर आना था. उसी चक्कर में मम्मी पापा वो सब करने में लग गए थे.
मैंने हंस कर कहा- तो चल ठीक है, आज तुझे करके बताता हूँ कि हाथी का लंड चींटी की गांड में कैसे घुसाया जाता है.
वो फिर से असमंजस की स्थिति में आकर मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने कहा- तू बैठ, मैं अभी आया.
मैं उठा और बाथरूम में पेशाब करके और लंड धोकर वापस आया.
तो वह जरा सा डर रही थी.
मैं उसके बगल में बैठ गया और उसे अपनी ओर खींचा, मैं उसके छोटे छोटे बूब्स दबाने लगा.
वह मना करना चाह रही थी, पर मना नहीं कर पा रही थी.
फिर मैंने उसकी कुर्ती ऊपर उठा कर उसकी चूत पर एक हाथ रखा, तो वह हिल गई.
वो मना करने लगी और ये सब करने से रोकने लगी.
मैंने सोचा कि अब इसे जरा भी ढील दे दी, तो यह भाग जाएगी. इसलिए तुरंत सलवार का नाड़ा खोलकर सलवार पैंटी के साथ उतार दी.
पहली बार कुंवारी चूत को सुनहरी झांटों के साथ देखा, तो मेरे मुँह में पानी आ गया.
जैसे ही मैं उसे चूमने के लिए झुका, मुँह का पानी उसकी चूत पर टपक गया.
मैं उसे पौंछने को हुआ, तो मेरी उंगली उसकी चूत में थोड़ी सी घुस गई.
वो भी मेरी उंगली का स्पर्श अपनी चूत पर पाकर सिहर उठी.
मैंने उसे उठाया और सीधा लिटा दिया. उसकी दोनों टांगें फैला कर उसकी चूत पर मुँह लगा दिया.
वो बस चादर को दोनों हाथों से भींच कर कसमसाती रही और मैं उसकी कमसिन कुंवारी चूत का मजा लेता रहा.
कुछ ही देर में उसने अपनी दोनों टांगें मेरी गर्दन में फंसा दीं और कमर उठा कर मेरे मुँह में चूत देने लगी.
मैं समझ गया कि लौंडिया अब झड़ने की कगार पर है.
मैंने उसकी चूत को पूरा भरा और जीभ अन्दर ठेल कर चूत की दीवारों को खुजली करने लगा.
इससे सारिका रुक न सकी और भलभला कर झड़ने लगी.
मैंने उसकी कमसिन कुंवारी चूत का कोरा रस पीकर खुद को संतुष्ट कर लिया.
सारिका की चूत लगातार चाटे जाने से वो एक बार फिर से गर्मा गई.
एसी चालू होने के बावजूद हम दोनों को पसीना आ रहा था.
उसकी थकी और अलसाई नजरें मुझसे मिलीं पर उसने कुछ कहा नहीं. उसकी आंखों में अभी भी मुझे भूख दिखाई दे रही थी.
अब मैंने भी अपने हाफ पैंट को नीचे खींच कर लंड को निकाल कर उसकी आंखों के सामने लहराया.
वो मोटा लंड देख कर एकदम से डर गई मगर तभी मैंने उसके ऊपर लेट कर उसे चूमना शुरू कर दिया.
वो डर कर कहने लगी- मुझे समझ आ गया.
मैंने कहा- क्या समझ आ गया बेबी?
वो मेरी आंखों में देखती हुई बोली- हाथी का लंड क्या होता है!
मुझे हंसी आ गई और मैंने अपने लंड को उसकी चूत की दरार में टच कर दिया.
फिर मैंने लंड चूत पर रख दिया.
वो लंड की गर्मी से पहले तो कसमसाई फिर अपनी गांड ऊपर उठाने लगी.
मैंने लंड को चूत की फांक में ऊपर से नीचे तक फेरा और उसकी चूत के होल पर सैट करके एक जोरदार झटका दे दिया.
मेरा लंड सीधा उसकी चूत में घुसता चला गया.
चूत वासना से रस छोड़ कर और मेर थूक से चिकनी हो गई थी तो एक ही झटके में मेरा लंड आधा से ज्यादा अन्दर घुस गया था.
मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी दीवार में कीला ठोक दिया गया हो.
लंड एकदम से फंस सा गया था और मुझे बेहद दर्द होने लगा था.
उधर उसकी मां चुद गई थी, उसकी आंखों की पुतलियां फ़ैल गई थीं और आवाज एकदम से मानो खर्च हो गई थी.
वो बेजान सी पड़ी थी.
इधर मैंने पहली बार इतनी टाईट चूत में लंड पेला था तो मेरे अन्दर वासना का ज्वार आया हुआ था.
मुझे जरा भी सब्र नहीं था, मैंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.
मुँह से कुछ थूक निकाल कर हाथ में लिया और लंड चूत में लगा दिया.
कुछ ही देर के प्रयासों से मेरी गाड़ी ने तुरंत स्पीड पकड़ ली.
मेरा सारिका पर जरा भी ध्यान नहीं था.
कुछ ही धक्कों के बाद सारिका की बेहोशी टूटी और वो चिल्लाने को हुई.
मैंने उसका मुँह बंद कर लिया और धकापेल मचा दी.
करीबन पंद्रह मिनट के बाद अचानक मेरे शरीर ने झटके लिए और मेरा सारा गर्म पानी उसकी चूत में निकल गया.
साथ ही मेरा बदन उस पर गिर गया.
वह बेचारी मेरे बोझ तले दब गई पर उसकी एक चूं तक नहीं निकल सकी.
पांच मिनट तक हम दोनों यूं ही चुपचाप पड़े रहे.
फिर जब मैं उस पर से हटा तो वह एकदम निढाल पड़ी थी.
मैंने उसे पानी पिलाया.
उसे कुछ चेतना आई और वो मुस्कुराने लगी.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- अब बेबी नहीं कहा तुमने?
मैंने उसके गाल पर हाथ फेरा और उससे कहा- हां बेबी, बताओ ना … क्या हुआ?
वो बोली- मैं समझ गई कि चींटी और हाथी का खेल क्या था!
मैंने हंस कर उसे चूमा तो उसने अपनी बांहों से मुझे जकड़ लिया और हम दोनों प्यार करने लगे.
वो मेरे कान में फुसफुसा कर बोली- मुझे मजा आया, अगली बार अच्छे से करेंगे और धीरे धीरे प्यार से करेंगे.
ये कह कर वो मुस्कुरा दी.
मैंने कहा- अगली बार का इन्तजार क्यों करना?
वो बोली- क्योंकि अभी चींटी की फटी पड़ी है.
मैंने कहा- वो तो पहली बार में होता ही है.
वो- मगर तुमने नहीं बताया था कि फट जाती है!
मैंने कहा- मैं कौन सा बहुत बड़ा अनुभवी हूँ, जो सब जानता था?
वो बोली- नेट से सब सीख तो चुके थे ना!
मैंने कहा- नेट पर तुमने भी तो देखा होगा?
वो मुस्कुरा दी और बोली- तभी तो मम्मी पापा की कहानी सुनाई थी.
मैं समझ गया कि साली मुझसे चुदने ही आई थी और देसी लड़की पोर्न की बातें करके मुझे चूतिया बना कर चुद गई.
अब वो उठी और उसने अपने कपड़े पहन लिए.
मैंने उसे अपने पास रात में आने का कहा, तो वो मुझे चूम कर निकल गई.
तो दोस्तो, कैसी थी मेरी पहली चुदाई की कहानी?
पहली बार लिख रहा हूँ, कोई गलती दिखी हो, तो जरूर बताइएगा.
अगले भाग में रात में उसकी धमाकेदार चुदाई की कहानी लिखूँगा.
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