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देसी Xxx चुदाई कहानी में मैंने एक अलहड़ जवान लड़की को चोद दिया. वो चुलबुली लड़की रोज वहीं पेशाब करती थी जहां से मैं गुजरता था. एक दिन मैंने उसे देख लिया.
हैलो चूत की रानियो और लंड के राजाओ, मैं समीर इलाहाबाद से हूँ.
मेरी पिछली कहानी
गर्मी में मजदूर औरत की गर्म चूत की चुदाई
सब पाठकों ने पसंद की.
धन्यवाद.
यह देसी Xxx चुदाई कहानी आज से कुछ दिनों पहले की है.
मेरे घर से कुछ दूर पर मेरे ही गांव के एक चाचा का घर था.
उनकी फैमिली में चाचा चाची, 4 लड़कियां औऱ एक लड़का हैं.
उनकी बड़ी लड़की की शादी हो गयी थी. वो अपने ससुराल में रहती थी और कभी कभी ही उसका त्योहार आदि पर घर आना होता था.
दूसरे नम्बर की लड़की का नाम सुमन था, वो घर पर ही रहती थी. वो खेत में काम करने भी जाती थी.
यह सेक्स कहानी मेरी और सुमन की चुदाई की है.
घर से कुछ दूर उसका घर था. मेरे घर से निकलने के बाद सुमन का घर रास्ते में ही पड़ता था.
बारिश के चलते रास्ते में धान की तरह बड़ी बड़ी घास निकल आयी थी.
मैं हर दिन उस रास्ते से गुजरता था और देखता था कि उस घास के पास न जाने कौन हर दिन मूत कर चला जाता था.
मुझे उस पेशाब के बगल से निकल कर जाना होता था. मुझे बहुत गुस्सा आता था कि अगर ये मूतने वाला मिल जाए तो मैं उसकी गांड में लाठी डाल दूँ.
एक दिन रात में मैं उसी रास्ते से जा रहा था कि गांव की मनका काकी गाली देती हुई जा रही थी कि छिनाल की बुर से नदियां बहती हैं. रंडी कहीं की, यही रास्ता मिला है अपनी भोसड़ी का पानी निकालने को!
तभी मैं उनके सामने आ गया और मैंने पूछा- काकी क्या आप जानती हैं कि यहां कौन पेशाब करता है?
काकी- हां समीर बेटा … ये इस सामने वाले के घर की लुगाइयां ही यहां गांड मरवाने आती हैं … रंडी कहीं की!
काकी की बोली ही ऐसी थी, वो किसी के सामने कैसे भी गाली देकर बोल देती थीं.
उनकी बात को सब लोग हल्के में ही लेते थे.
अब जब काकी ने ऐसा कहा, तो मैं भी गुस्साते हुए बोल पड़ा- अगर ये मुझे मिल जाएं, तो लातों से मारकर उसी के मूत में उसे गिरा दूँ.
यह कह कर मैं वहां से जाने लगा लेकिन काकी के मुँह से किसी लुगाई के मूतने की बात सुनकर मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ मस्ती से चढ़ने लगी थी.
दो दिन बाद मैं उसी रास्ते से जा रहा था.
मैंने फिर से देखा कि वहां कोई पेशाब करके अभी अभी गया था क्योंकि पेशाब रास्ते में बह रहा था.
मैं वहीं रुक गया और उस पेशाब को ध्यानपूर्वक देखने लगा था.
अचानक थोड़ी दूर पर जहां सुमन का घर था, जब मैंने उधर देखा तो मैं हैरान था क्योंकि मुझको देख कर सुमन मुस्कुरा रही थी.
मैं समझ गया कि सुमन ही रोज पेशाब कर जाती है.
अब जब मैंने ये जाना कि सुनम जैसी हॉट माल ने मूता है तो मेरा मन उसे चोदने का होने लगा.
ऊपर से साली मुझे मुस्कुरा कर भी देख रही थी.
मैं प्रतीक्षा करने लगा कि कब सुमन को रंगे हाथों पकड़ूँ और चोद दूँ.
कुछ दिनों के बाद एक दिन मैं रात को 8 बजे उस रास्ते से ही अपने घर जा रहा था, तभी मैंने देखा कि सुमन पेशाब करने के लिए अपनी सलवार का नाड़ा खोल रही है.
मैं छुप गया.
जब वो पेशाब करने बैठी और मुझे मूतने की आवाज सुनाई दी तो मैं तुरंत उसके पास जाकर उसके सामने खड़ा हो गया.
वो कुछ करती कि उससे पहले ही मैंने तुरंत उसको अपनी गोद में उठा लिया.
जबकि वो मूत ही रही थी. उसके मूतने की वजह से मैं भीग गया.
मेरी शर्ट पैंट खराब हो गई.
उसको नंगी ही अपने गोद में उठा कर मैंने उसको डांटा- सुमन, तुम यहां मूतती हो?
सुमन बड़ी ढिठाई से बोली- हां तो …. तुम्हें कोई दिक्कत है?
मैं- और नहीं तो क्या … मुझे तेरे मूत से होकर जाना पड़ता है. तुम रोज नहाने लायक गीला कर देती हो.
सुमन- तो नहा लिया करो न … मैं तो रोज यहीं मूतूंगी.
मैं- ज़्यादा बकवास नहीं वरना अभी के अभी तुम्हारी गांड मार दूंगा!
सुमन इठला कर मेरे गले में बांहें डालकर बोली- अच्छा, अगर इतना दम है … तो मार कर दिखाओ!
वो नंगी तो थी ही और मैंने भी उसको अपनी गोद में ऐसे लिया हुआ था कि हम दोनों का चेहरा आमने सामने था.
वह अपनी चड्डी भी अभी नहीं पहन पाई थी.
मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में पेल दी.
अचानक से उंगली गांड में घुसने से उसकी चीख निकल गयी- आहहह … ये क्या कर रहे हो तुम?
मैं- तुम्हारी गांड मारने की तैयारी कर रहा हूँ मादरचोदी रांड … साली मैं तुमको चोद दूंगा अगर तुम इधर अपनी बुर का झरना निकालती हुई दिखीं, तो मैं तुम्हें तुरंत चोद दूंगा कुतिया.
सुमन मस्ती में मुझे चूमती हुई बोली- साले मैं गीली हो रही हूं, चोदो न भोसड़ी के … मैं नंगी तो हूँ ही!
मैं समझ गया कि सुमन वास्तव में चुदने के लिए मचल रही है तो मैं इधर उधर देख कर बोला- नहीं, यहां कोई आ जाएगा. यदि तुम मुझे प्यार से दोगी … तो हम तुम हर दिन चुदाई का मज़ा लेंगे.
सुमन- हां बेबी, मैं तुमको बहुत पसंद करती हूँ. वरना अभी तक तो मैं चिल्ला कर आसमान सर पर उठा लेती. अब तुम मुझे जल्दी से नीचे उतारो और अपना नंबर दो!
मैंने उसको गोद में लटकाए हुए ही उसकी बुर चूसी और गांड का भी चुम्मा लिया; फिर उसको अपना नंबर दे दिया और उसे नीचे उतार कर उसको घर चला जाने दिया.
अगले दिन उसने रात में फोन किया- बेबी आ जाओ … आज रात भर तुमसे चुदवाऊंगी. बजरी वाले खेत में आ जाना ओके!
मैंने भी कोई देर नहीं की और पहुंच गया.
सुमन मुझे आता देख कर बोली- आओ राजा, आज मैं तुम्हें अपने नल का पानी पिलाती हूँ.
मैंने उसे देखा और हंस कर सवालिया नजरों में भवों को उठा दिया.
वो समझती हुई बोली- वही वाला, जो हर दिन सड़क पर बह जाता है.
मैं- हां आओ, निकालो अपनी बुर से पानी और मेरी प्यास बुझा दो.
सुमन- ऐसे नहीं, नीचे बैठो.
मैं नीचे बैठ गया.
सुमन ने अपना नाड़ा खोल कर चड्डी उतारी औऱ मेरे मुँह पर बुर सटा कर मूतने लगी.
मैंने कुछ पिया, कुछ उसने मेरे मुँह पर ही मूत दिया बाकी कुछ कपड़ों पर गिर गया.
वो कहने लगी- साले हरामी, मेरी पेशाब से निकलने में तुझे दिक्कत होती थी और अब पीने में मजा आ रहा है!
मैंने कहा- अबे यार, अब मुझे कहां मालूम था कि ये तेरी मस्त चूत का शर्बत है.
वो हंस दी.
फिर मैंने उसको खींच कर नीचे लिटाया और उसकी आधी लटकी सलवार चड्डी उतार कर अलग फेंक दी.
वो नंगी हो गई.
उसकी बुर में बहुत बड़ी बड़ी झांटें थीं. साली की बुर बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रही थी, मुझे खोल कर देखना पड़ रहा था.
मैं उसकी बुर खोल कर चाट रहा था.
बुर का मस्त नमकीन स्वाद था. उसकी बुर से उस वक्त पेशाब की गंध आ रही थी.
मैं कुछ देर उसकी बुर को सहला सहला कर सूंघता रहा चाटता रहा.
उसकी बुर की खुशबू से मेरा दिल खुश हो गया था.
मैं मुँह लगाए हुए लगातार चूत चाटता रहा.
कुछ ही देर में सुमन एकदम से व्याकुल हो गई और कहने लगी- आह समीर अब बस करो … आह मत चाटो … मेरी बुर पानी छोड़ने वाली है.
मैं- बेबी तुम बिंदास झड़ जाओ … मुझे तुम्हारी बुर का गाढ़ा पानी पीना है .. प्लीज़ मेरे मुँह में झड़ जाओ ना!
दो मिनट में उसकी बुर का सारा रस मलाई के जैसे मेरे मुँह में आ गया.
वो तड़प उठी और उसने मुझसे चिपक कर चूमना शुरू दिया. वो झड़ जाने से काफी थक गई थी इसलिए कुछ देर बाद लस्त पड़ गयी.
थोड़ी देर में उसने मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले लिया और जोर जोर चूसने लगी.
मेरा लम्बा मोटा लौड़ा उसके मुँह में अटक रहा था.
कुछ देर तक लंड चूसने के बाद सुमन बोली- बेबी आ जाओ, तुम्हारी मूतने वाली रंडी तुम्हारी सेवा में हाज़िर है.
मैं- वाहहह मेरी जान … आज मैं पूरी मस्ती से तुम्हारी बुर का मजा लूंगा. साली खूब मूतती है ना रास्ते में … आज इस चूत का भोसड़ा न बना दिया तो कहना.
सुमन- सच कहूं तो मैं अब और ज्यादा मूतूँगी.
मैं- क्यों?
सुमन- क्योंकि तुम जब भी मेरा सड़क पर बहता हुआ पेशाब देखो, तो तुम मेरी बुर चोदने को तड़प उठो.
मैं- हाय रे मेरी चुदक्कड़ माल … आई लव यू बेबी.
सुमन- तो बेबी आ जाओ न … हम और तुम बजरी की वादियों में ऐसी चुदाई करें कि जब हम दोनों झड़ें तो पूरे खेत की सिंचाई हो जाए!
मैं- हाय मेरी माल … तुम इतनी चुदक्कड़ हो, ये मुझे पता ही नहीं था. मैं बहुत खुशनसीब हूं कि मुझे तुम जैसी चुदक्कड़ माल चोदने को मिलेगी.
वो मेरा लौड़ा चूसती जा रही थी और हम दोनों बात भी कर रहे थे.
सुमन- बेबी, अब चोद दो न!
मैंने उसे खड़ा किया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वो भी खूब मस्ती में थी- कितना तड़पाओगे मेरे चोदू राजा … सीधा मेरी बुर चोदो न. देखो कितना पानी निकल रहा है!
मैंने उसकी बुर पर हाथ लगाया तो उसकी झांटें बुर के गाढ़े रस से एकदम भीगी थीं और उसकी चूत से कुछ बूँदें ज़मीन में टपक रही थीं.
मैंने उसकी सलवार और कमीज उतार कर उसको पूरा नंगा करके लिटा दिया.
उसने चुदवाने के लिए टांगें फैला दीं.
मैंने उसकी बुर खोल कर छेद में लंड घुसाया तो उसने मुझसे कहा- आह … दर्द हो रहा है … लेकिन रुकना मत … आज मेरी फाड़ देना, चाहे मैं जितना चिल्लाऊं, चाहे जितना रोऊं, लेकिन बेबी आज मेरा भेदन कर दो. मैं चुदासी रंडी हूँ चोद दो. मेरी चूचियों को खूब मसलना और ऐसा चोदना कि कल सुबह कोई देखे तो समझ जाए लड़की खूब चुदवाई है … ठीक है!
मैं- ठीक है, मेरी जान.
उसकी बुर के छेद पर मैंने अपना लौड़ा लगाकर जोर का धक्का दे दिया.
लंड का सुपारा अन्दर गया तो वो रोने लगी.
मैंने भी सोचा कि मादरचोदी बहुत मूतती थी, साली इस रंडी को आज बेदर्दी से चोद ही देना चाहिए.
फिर जैसा उसने कहा भी था कि रुकना नहीं है. ठीक वैसे ही मैंने उसको चोदना चालू कर दिया.
मैं जबरदस्त तरीके से जोरदार धक्के मारे, तो उसकी बुर से खून बहने लगा.
मेरा पूरा हथियार उसकी बुर की गुफा में समा गया.
वो लस्त होकर लेटी थी और मैं जबरदस्त धक्का लगा रहा था.
कुछ देर बाद वो भी मस्तिया गई और गांड उठाकर अपनी बुर में लौड़ा लेने लगी थी.
वो खूब जोर जोर से सिसकारी ले रही थी- आह आह चोदो बेबी … चोदो.
पन्द्रह मिनट की घमासन देसी Xxx चुदाई के बाद मैं उसकी बुर में ही झड़ गया.
जब मेरा लौड़ा शांत हो गया तो मैंने लौड़ा बाहर निकाल लिया.
सुमन अपनी बुर देखती हुई बोली- हाय राम बेबी, तुमने तो मुझे भोसड़ा वाली औरत बना दिया. देखिये ना मेरी बुर पूरी तरह से सुरंग सी हो गयी है. तुम्हारे मूसल की तो मैं दीवानी हो गई हूँ.
उस रात हम दोनों ने 4 बार चुदाई की.
मैंने केवल बुर की चुदाई की, गांड मारना बाकी था.
अब मैं हफ्ते में 4 बार सुमन को चोदता था. हम दोनों ने खूब मजे किए.
अब उसकी शादी हो गयी है. वो मुझे सबके सामने भैया कहती है और ससुराल में मुझे बुलाकर मुझसे चुदवाती भी है.
मैंने उसे चोद करके उसे 4 बार माँ बनने का सुख दिया है. वो बहुत खुश है.
आपको यह देसी Xxx चुदाई कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
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