चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित 19 साल का नौजवान लोंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है। मेरा लण्ड खूब मोटा तगड़ा है जो किसी भी चूत की बखिया उदेड सकता है। मुझे गजराई हुई औरते बहुत ज्यादा पसंद है। मेरा लण्ड ऐसी औरतो को देखकर बुरी तरह से तन जाता है।
मैने कॉलेज में प्रवेश ले लिया लेकिन अभी तक भी मेरे लण्ड ने चूत का स्वाद नहीं चखा था। मैं अभी तक भी कुंवारा ही था। मैं मेरे पडोसी भाभियो और आंटियों को ताड़ता रहता था लेकिन फिर भी मेरे लण्ड को कोई भी चूत देने को तैयार नहीं थी।
फिर मैं मेरे मामाजी के यहाँ घूमने चला गया। मेरे मामाजी गाँव में रहते थे। मामाजी के यहाँ उनकी बड़ी लड़की यानि टीना दीदी भी आई हुई थी।
टीना दीदी लगभग 30 साल की है। उनके दो बच्चे है। टीना दीदी का जिस्म एकदम से भरा भरा सा है। वो बहुत गजराई हुई है। उनका गौरे चिकने जिस्म पर खूब चर्बी चढ़ी हुई है। दीदी के गुलाबी होंठ, बड़े बड़े बोबे, मक्खन जैसा पेट, गौरी गौरी कलाइयां किसी के भी लण्ड की हालत ख़राब कर सकती है।
दीदी के बड़े बड़े बोबे लगभग 32 साइज के है। उनके बोबो का उभार दीदी के बलाउज में से अच्छी तरह से नज़र आता है। दीदी की चिकनी कमर लगभग 30 साइज की है। उनकी कमर बल खाई हुई है। दीदी की कमर पर बहुत सारी चर्बी चढ़ी हुई है।
दीदी की कमर के नीचे उनकी चिकनी गांड बहुत ही ज्यादा कसी हुई है। दीदी की गांड की कसावट दीदी की साड़ी में से अच्छी साफ साफ दिखती है। यानि टीना दीदी चोदने के लिए एकदम बिंदास माल है।
मैं मामाजी के यहाँ बिंदास होकर रह रहा था। सभी के साथ मैं अच्छे से घुल मिल रहा था। टीना दीदी के साथ मेरी अच्छी केमेस्ट्री जम रही थी। मैं उनके बच्चो के साथ बहुत ज्यादा खुश था। दीदी को चोदने को लेकर मेरे दिमाग में कोई विचार नहीं था।
फिर एक दो दिन बाद खेतो में निराई गुड़ाई का काम शुरू हो चूका था।अब मामाजी का पूरा परिवार खेत पर काम करने जाने लगा। मैं भी उनके साथ खेत पर जाता था। अब एकदिन दीदी और मैं हम दोनों घर ही थे। बाकि सब खेत पर गए हुए थे।
तभी टीना दीदी बोबे को निकालकर बच्चे को दूध पिलाने लगी। तभी मेरी नज़र उनके बोबे पर पड़ गई। दीदी के बोबे को देखते ही मेरे लण्ड में करंट दौड़ गया। अब मैं चोरी चोरी दीदी के बोबो को घूर रहा था। दीदी बच्चे को दूध पिला रही थी।
फिर दीदी बच्चे को सुलाकर नहाने चली गई। मैं दीदी के बच्चे का ध्यान रख रहा था।दीदी बरामदे के सामने ही बने कच्चे बाथरूम में नहा रही थी। मै दीदी के जिस्म को देखने की कोशिश कर रहा था। तभी दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई। अब मैं दीदी के पास पहुँच गया।
दीदी ऊपर से बिलकुल नंगी होकर बैठी हुई थी। उन्होंने दूसरी तरफ मुँह कर रखा था। फिर दीदी ने मुझे उनकी पीठ का मेल खोलने के कहा। अब मैं दीदी की पीठ पर अच्छे से साबुन रगडने लगा। दीदी की चमचमाती हुई पीठ को छूते ही मेरे लण्ड में 200 वाट का करंट दौड़ गया।
अब मैं दीदी का रगड़ रगड़कर मेल खोल रहा था। दीदी चुपचाप बैठी हुई थी। इधर दीदी के जिस्म के करंट से मेरे लण्ड की हालत खराब हो रही थी। तभी मैं वही का वहीँ झड़ गया। फिर मैंने थोड़ी देर ओर दीदी के जिस्म को रगड़ा।
फिर थोड़ी देर बाद दीदी नहाकर वापस आई। अब मैं उनके गीले जिस्म को ताड रहा था। अब मेरा लण्ड दीदी को चोदने के लिए आतुर होने लगा। दीदी अब मुझे एकदम कड़क माल नज़र आ रही थी। खैर उस दिन कोई बात नहीं बनी।
फिर रात निकली और सुबह हो गई। अब सबके जाने के बाद दीदी और मैं आज फिर से घर में अकेले थे। दीदी की चूत के लिए आज मेरा लण्ड भयंकर उछाले मार रहा था। तभी मैं कच्चे बाथरूम में नहाने लगा। फिर मैं कपडे सुखाने के बहाने से बाहर आया तभी दीदी की नज़र मेरी बॉडी और लण्ड के उभार पर पड़ी।
वो मेरे लण्ड को घूर रही थी।फिर मैं ऐसे ही दो बार और कपडे सुखाने आया। दीदी फिर से मेरे लण्ड को तिरछी नज़रो से निहारा। अब मैं समझ चूका था कि दीदी की चूत में मेरे लण्ड खुमार चढ़ चूका है। बस अब दीदी की थोड़ी भूख बढ़ाने की ज़रूरत है।
अब मैंने दीदी को मैल खोलने के लिए बुलाया। अब दीदी मेरी पीठ का मैल खोलने लगी। तभी दीदी से रहा नहीं गया और उन्होंने मुझसे पूछ ही लिया– रोहित तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
“नहीं है दीदी। मैं कोशिश तो बहुत करता हूं लेकिन कोई लड़की मुझे भाव ही नहीं देती है।”
दीदी– तु इतना अच्छा लड़का है और तेरी बॉडी भी अच्छी खासी है फिर भी पता नहीं लड़कियों क्यों नहीं भाव देती है।
” हां यार दीदी यही तो मुझे समझ में नहीं आता है।”
दीदी– पागल है आजकल की लड़कियां।
” हाँ दीदी।”
दीदी धीरे धीरे लाइन पर आ रही थी। उनको मेरा लण्ड पसंद आ चुका था। तभी मेने दीदी पर पंच मार दिया।
” दीदी क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?”
ये सुनते ही दीदी एकदम से चुप हो गई। उनके चेहरे की हवाइयां उड़ चुकी थी। तभी मेने फिर से दीदी से कहा– बताओ ना दीदी।
“यार मैं तेरी गर्लफ्रेंड नहीं बन सकती हूँ। अपना रिश्ता है। “
“ओह ओह दीदी आप भी बड़ा रिश्ते के बारे में सोच रही हो। आजकल तो सब होता है।”
” तेरे कहने का क्या मतलब है?”
मैं– मेरा मतलब वही है जो आप समझ रही हो।
” नहीं यार मैं नहीं बन सकती तेरी गर्लफ्रेंड। ले इधर तो मैने तेरा मैल रगड़ दिया अब और कहां रगड़ना है? ”
तभी मेने सोचा यही मौका है दीदी को ऑफर दे ही देता हूँ। फिर जो होगा देखा जायेगा। तभी मेने दीदी से कहा– मेल तो और जगह भी रगड़ना है लेकिन रहने दो आप नहीं रगड़ पाओगी?
तभी दीदी मेरा इशारा समझ गई। फिर भी दीदी ने कहा– तु जगह तो बता मैं सब रगड़ दूंगी।
मतलब दीदी चुदाने के फूल मूड में लग रही थी। फिर मैंने सोचा चलो दीदी की ये इच्छा भी पूरी कर ही देता हूँ। तभी मैं सामने घूम गया और दीदी से मेरे पैरों का मेल खोलने के लिए कहा। अब दीदी ने मेरी टांग उठाई और फिर उसे रगडने लगी। अब दीदी चोरी चोरी मेरे लण्ड के उभार को निहार रही थी। मै दीदी की भावनाओं को पढ़ रहा था लेकिन दीदी को चोदने से पहले मै दीदी को पुरी खोल लेना चाहता था।
दीदी की नज़रे बार बार मेरे लण्ड से टकरा रही थी। मैं दीदी के पूरे मज़े ले रहा था।आज मुझे दीदी की आंखो में मेरे लण्ड के लिए भूख नज़र आ रही थी। इसी बीच दीदी की साड़ी का पल्लु नीचे गिर चूका था। अब मुझे दीदी के बड़े बड़े बोबो की झलक साफ साफ नज़र आ रही थी। तभी मेने दीदी से कहा– दीदी एक बात कहूँ?
” हां बोल।”
मैं– आपके बोबे बहुत मस्त दिख रहे है।
” तुझे अच्छे लग रहे है क्या!”
“हां दीदी। “
तभी दीदी मुस्कुराने लगी
दीदी– चल अच्छी बात है लेकिन मैं तेरी दीदी हूँ और दीदी के ऊपर गन्दी नज़र नहीं डालते है।
” मैं गन्दी नज़र नहीं डाल रहा हूँ दीदी। मैं तो बस देख रहा हूँ। वो भी आपकी मर्ज़ी से।”
दीदी– बहुत शैतान हो गया है तू।
तभी दीदी ने वापस साड़ी से बोबो को ढक लिया। फिर दीदी मेरा मैल खोलकर जाने लगी तो मैंने दीदी का हाथ पकड़ लिया– बताओ दीदी बनोगी क्या मेरी गर्लफ्रेंड?
दीदी– पहले तु नहा ले। फिर मैं सोचकर बताती हूँ।
अब दीदी वापस चली गई। अब मैं फटाफट से नहा लिया। मैं दीदी को चोदने के लिए उतावला हो रहा था। आज मुझे दीदी की चूत साफ साफ नज़र आ रही थी। अब मैं जल्दी से दीदी के पास आया– फिर क्या सोचा दीदी आपने?
“यार , मुझे थोड़ा सा टाइम और चाहिए। तब तक मैं नहा लेती हूँ। “
अब दीदी कपडे उठाकर नहाने के लिए जाने लगी। तभी मैंने हिम्मत करके दीदी को दबोच लिया और उन्हें दिवार के सहारे सटाकर दीदी के गुलाबी होंठो हमला बोल दिया। अब मैं जल्दी जल्दी दीदी के गुलाबी होंठो को चुस रहा था। दीदी के होंठो का रस पीने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
दीदी कसमसा रही थी। वो दूर हटने की कोशिश कर रही थी। तभी मेरे हाथ दीदी की गांड पर पहुँच गए और फिर मैं दीदी को मुझसे चिपकाकर दीदी के होंठो को चुस रहा था। पुच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से कमरा गूंज उठा था। मै दीदी की गांड मसलते हुए दीदी के होंठो का रस चुस रहा था।
इधर मेरा लण्ड दीदी की चूत में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी मैने दीदी को उठाकर चारपाई पर पटक दिया। अब मैं फटाफट से दीदी के ऊपर चढ़ गया। अब मै फिर से दीदी के होंठो को चूसने लगा। अब दीदी भी मेरे होंठों को चुस रही थी। अब हम लण्ड और चूत की प्यास बुझाने में लगे हुए थे।
थोडी देर में ही मैने दीदी के होंठो को बुरी तरह से रगड़ दिया। अब मै दीदी के गौरे गौरे गले पर किस करने लगा। तभी दीदी में मेरी टीशर्ट उतार फेंकी। अब दीदी ने मुझे बाहो में भर लिया। अब मै दीदी के चिकने गले पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था। दीदी मुझे बाहो में दबा रही थी।
“ओह रोहित ओह सिससस्स उन्ह, ओह सिससस्स।”
फिर मैंने दीदी के पल्लु को हटा दिया और उनके बोबो को बलाउज के ऊपर से ही मसलने लगा। अब दीदी दर्द से कस्मसने लगी।
“ओह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”
मैं जोर ज़ोर से दीदी के बाबो को मसल रहा था। बोबो को मसलने में कितना मज़ा आता है ! ये मुझे आज पता चल रहा था। अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था तभी मैंने दीदी के बलाउज को खोलने लगा लेकिन बलाउज के हुक मुझसे खुल नहीं रहे थे। फिर दीदी में खुद बलाउज के हुक खोल दिए। अब मैने फटाक से दीदी की ब्रा को ऊपर सरकाया और उनके खूबसूरत बड़े बड़े बोबो को नंगा कर दिया।
दीदी के बोबो को नंगा देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया। अब मैंने दीदी के बोबो को तुरंत हाथों में भीच लिया और फिर मैं दीदी के बोबो को बुरी तरह से दबाने लगा।
यारो! बोबो को दबाने का मज़ा क्या होता है? ये मैं आज महसूस कर रहा था। दीदी के बड़े बड़े बोबे आज मुश्किल से मेरे हाथों में आ रहे थे। मैं दीदी के बोबो को बुरी तरह से निचोड़ रहा था।
“ओह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित धीरे धीरे दबा। ओह उन्ह दर्द हो रहा है।”
मैं– ओह दीदी दबाने दो ना। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।
दीदी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मैं दीदी के बोबो को ताबड़तोड़ तरीके से दबा रहा था। दीदी चारपाई पर बुरी तरह से हिल रही थी। उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।
” ओह रोहित,,, बसस्ससस्स ओह उँह ओह आह्ह। बहूत दर्द हो रहा है यार।”
मैं– ओह दीदी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।
दर्द के मारे दीदी की गांड फटकर हाथ में आ रही थी। फिर मेने दीदी के बोबो को बहुत देर तक निचोड़ा। अब मैने जल्दी से दीदी के बोबो को मुँह में भरा और फिर जल्दी जल्दी दीदी के बोबो को चूसने लगा।
आहा! दीदी के बोबो का शानदार टेस्ट आ रहा था। मै तो दीदी के बोबो को चूसने में पागल सा होने लगा था। अब दीदी बड़े आराम से मुझे उनके बोबे चुसा रही थी। तभी थोड़ी देर बाद दीदी के बोबो में दूध आ गया और फिर मै दीदी का दूध पीने लगा।
आहा! बहुत ही मीठा दूध लग रहा था दीदी का। मेरी तो आज किस्मत खुल चुकी थी। मै अब जमकर दीदी का दूध पिने लगा। दीदी का दूध पीने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” ओह रोहित उन्ह ओह सिससस्स।”
मैं– ओह दीदी बहुत ही मीठा दूध है।आहः मज़ा आ गया।
फिर मेने बहुत देर तक दीदी का दूध पिया। अब मै नीचे सरका और मैने जल्दी से दीदी की टांगे ऊपर उठा दी। अब मेने एक ही झटके में दीदी की चड्डी खोल फेंकी। अब दीदी की नंगी चूत मेरे लण्ड के सामने थी। अब मेने तुरंत मेरा पाजामा और अंडरवियर खोल फेंकी। अब मेने दीदी की टांगों को फैला दिया और फिर उसमें लण्ड सेट करने लगा।
आह! आज मै पहली बार चूत के दर्शन कर रहा था। दीदी की चूत काली घनी झाड़ियों से ढकी हुई थी। शायद दीदी ने बहुत दिनों से चूत की सफाई नहीं की होगी। घनी झाड़ियों के बीच छोटी सी गुलाबी रंग की झील दिखाई दे रही थी।
तभी मेने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड एक ही झटके में दीदी की चूत के परखच्चे उडाता हुआ पूरा अंदर घुस गया। मेरे लण्ड के एक ही झटके में दीदी की चूत के अस्थि पंजर टूट चुके थे। तभी दीदी बुरी तरह से चीख पड़ी।
“आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईईई। आईईईईई आईईईईईए ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई।”
तभी मैने लण्ड बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से दीदी की चूत में लण्ड ठोक दिया।अब तो दीदी की आंखो में आंसू आ चुके थे। दीदी को मेरा मोटा तगड़ा लण्ड बहुत भारी पड़ रहा था। अब मैं दीदी को झमाझम चोदने लगा। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड दीदी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। दीदी भयंकर दर्द से चिल्ला रही थी।
” आईईईई आईईईरर आईएईई आईईईई ओह रोहित मत चोद।आईईईईई।”
मैं– चोदने दो दीदी।
दीदी भयंकर दर्द से झल्ला रही थी। मुझे तो दीदी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लण्ड के झटकों से चारपाई चुड़ चुड़ बोल रही थी। मै दीदी की दोनों टांगे फैलाकर उन्हें बुरी तरह से चोद रहा था।
” आईईईईई आईईईई आईईईई बहुत तगड़ा लण्ड है रोहित तेरा तो। ओह बहुत दर्द हो रहा है।”
” क्या कभी आप इतने बड़े लण्ड से नहीं चुदी हो क्या दीदी?”
दीदी– नहीं चुदी हूँ यार। आईईईई आईएईई आईईईईई सिसस्ससस्स।
“–तो फिर आज तबियत से ही चुद लो दीदी। भूल जाओ दर्द को।”
मैं झमाझम दीदी को बजा रहा था। अब धीरे धीरे दीदी का दर्द कम होने लगा था। अब उनके मुंह से मादक सिस्कारिया निकलने लगी थी।
“ओह सिसस्ससस्स आहाहाह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आहाहाह ओह मम्मी।सिससस्स।”
मेरा मोटा तगड़ा लण्ड दीदी की चूत में अंतिम छोर तक दस्तक दे रहा था। मेरे लण्ड के झटकों से दीदी के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। मैं दीदी की चूत में ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था।
” ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईईई आहाहाह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”
तभी दीदी पसीने से भीगने लगी और कुछ ही देर में दीदी की चूत में उबाल आ गया। फिर कुछ पलों में ही दीदी का पानी निकल गया। दीदी बुरी तरह से झड़ चुकी थी। उनकी चूत बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी। मै दीदी को झमाझम चोद रहा था।
” आह्ह आहह ओह्ह्ह् सिस्स आह्हा। “
” ओह्ह्ह् दीदी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्हा अहह आह्हा। “
दीदी का पानी निकलते ही दीदी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।मै दीदी को अभी भी जमकर चोद रहा था। अब मैंने दीदी की टांगो को छोड़ दिया और फिर दीदी को बाहों में कस लिया। अब मै दीदी को मेरी बाहों में कसकर चोद रहा था।
” ओह आहहह सिससस्स आहहह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आहः।”
“ओह बहुत मस्त माल हो तुम आहाहा।”
मैं गांड हिला हिलाकर दीदी की चूत में लण्ड पेल रहा था। दीदी टांगे हवा में लहरा कर फूल चुदवा रही थी। दीदी को चारपाई पर चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी दीदी का एकबार फिर से पानी निकल गया। दीदी फिर से पसीने में भीग चुकी थी।
” ओह आह्ह सिससस्स ऊँह ओह सिससस्स आह्ह आहहह सिससस्स आहहह।”
” ओह्ह्ह् दीदी आज तो मेरे लंड की किस्मत खुल गई आह्हा ओह्ह्ह्। “
” ओह्ह्ह् रोहित तूने तो मेरी चूत ही फाड़ दी आह्हा। “
” वो तो फ़ाड़नी ही थी दीदी। “
अब मैंने दीदी की साड़ी और पेटीकोट खोल फेंका और दीदी को नीचे से पूरी नंगी कर दिया। अब मैंने दीदी को उठाया और गोद मे बैठा लिया। तभी दीदी ने चूत मे लंड सेट कर लिया और चुदने लगी।
” आहा आह सिससस्स आहा आह ओह सिससस्स आह्ह आहा।”
दीदी गाँड़ उठा उठाकर झटके मार रही थी। दीदी को अब चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो झमाझम चुद रही थी।मै दीदी की चिकनी कमर पकड़कर बैठा हुआ था।
” ओह दीदी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह और ज़ोर ज़ोर से झटके मारो। आहा।”
तभी दीदी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और वो अब तूफानी स्पीड में चुदने लगी। अब मैने दीदी की ब्रा और ब्लाउज खोल फेंका और उन्हे पूरी नंगी कर दिया।
” आह्ह आहा आईएईई आईएईई ओह साले कमीने। आहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स।”
” ओह साली और ज़ोर ज़ोर से झटके मार। दम नहीं है क्या तेरे अंदर।”
” मार रही हूँ कमीने।ये ले।”
तभी दीदी पूरा जोर लगाकर झटके मारने लगी। तूफानी झटकों से दीदी के बोबे बुरी तरह की हिल रहे थे। मैं दीदी का पूरा मज़ा ले रहा था। तभी दीदी का गजराया जिस्म पसीने में भीगने लगा।
” आह आह्ह ओह सिसस्स आहा आह आईईईईई सिसस्ससस्स।”
और फिर कुछ ही पलों में दीदी पानी पानी हो गई। अब वो मुझसे लिपट गई। ज़ोरदार झटके मारने से दीदी बहुत ज्यादा थक गई थी। तभी मैंने दीदी को वापस पटक दिया और तुरंत दीदी की टाँगे खोलकर उनकी चूत मे लंड ठोक दिया। अब मै दीदी को फिर से बजाने लगा।
” ओह सिससस्स आहाहाह आहः ओह सिससस्स अहह आह्ह आह्ह आहाहाह।”
मेरे लण्ड के धक्कों से चारपाई फिर से चुड़ चुड चुड की आवाज़े करने लगी थी।मै दीदी की टांगो को पकड़कर उन्हें चोद रहा था। आज तो मेरे लण्ड की किस्मत खुल चुकी थी। फिर थोड़ी देर की धमाधम ठुकाई के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था।
अब मैंने ज़ोर ज़ोर से झटके लगाना शुरु कर दिया। दीदी फिर से दर्द से तड़पने लगी।
” ओह आईईईईई ओह आईईईई आह्ह अआहः आह्ह सिसस्ससस्स आहाहाह ओह आईईईई।”
फिर कुछ देर में ही मेरा लण्ड पानी पानी हो गया और मैने दीदी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया। अब मैं पसीने से लथपथ होकर दीदी से लिपट गया। दीदी ने मुझे बाहो में कस।लिया।
” ओह्ह्ह् रोहित बुरी तरह से बजा दिया तूने तो। “
” गर्लफ्रेंड को ऐसे ही बजाते है दीदी। “
” हाँ तूने तो मुझे गर्लफ्रेंड बना ही लिया। “
” हाँ दीदी। “
कहानी जारी रहेगी…………..
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