मेरे लंड की आग अभी बुझी नहीं थी। अब मैं फिर से दीदी के होंठो को चूसने लगा। दीदी भी मेरे होंठो को जमकर चुस रही थी। अब हम फिर से काम वासना में डूबने लगे। फिर मेने तुरंत दीदी के बोबो को मुँह में दबा लिया।अब मै दीदी के बोबो को फताफ़ट चूसने लगा।
धीरे धीरे मेरा लण्ड फिर से उठने लगा था। दीदी मुझे उनके बोबो का दूध पिला रही थी।
” ओह रोहित चुस! आह्ह बहुत अच्छा लग रहा हैं।”
मैं दीदी के बोबो का फूल मज़ा ले रहा था। मै दीदी के बोबो को रगड़ रगड़ कर चुस रहा था। दीदी के बड़े बड़े बोबो को चूसने में अलग ही मज़ा आ रहा था। फिर मेने बहुत देर तक दीदी के बोबो को चुसा।
अब मै तुरंत दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की दोनो टांगो को खोलकर फैला दिया। अब मेने दीदी की चूत पर मुँह रख दिया और फिर बुरी तरह से दीदी की चूत चाटने लगा। आह्ह! बहुत ही नमकीन टेस्ट आ रहा था दीदी की चूत से! दीदी बुरी तरह से मचल रही थी।
” ओह सिससस्स अहाहः उँह ओह सिससस्स आह्ह ओह सिसस्ससस्स।”
दीदी बार बार टांगो को इधर उधर फेंक रही थी।मै दीदी की चूत को जमकर चाट रहा था। दीदी कभी मेरे बालो को नोच रही थी तो कभी वो मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी।
” उन्ह ओह सिसस्ससस्स आईईईई बसस्ससस्स उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”
दीदी फिर से पसीने में भीगने लगी थी। तभी दीदी ने मुझे ज़ोर से उनकी चूत पर दबा दिया और फिर कुछ देर में ही दीदी का पानी निकल आया। अब मै दीदी के नामकिन पानी को चाटने लगा।दीदी मेरे बालों को सहला रही थी।
” ओह्ह्ह् रोहित आह्हा सियस्। “
मै दीदी की चूत मे जीभ डालकर उनकी चूत चाट रहा था। दीदी बुरी तरह से तड़प रही थी। फिर मैंने दीदी की चूत को चाट चाटकर साफ कर दिया।
अब मैने फिर से दीदी की टांगों को खोल दिया और उनकी चूत में लंड फिट कर दिया। अब मैं दीदी की चूत में ज़ोरदार धक्के लगाने लगा।
“ओह आह्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आईईईईई आईईईई।”
मैं दीदी को फिर से ज़ोरदार तरीके से बजा रहा था। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड दीदी की चूत की परते खोल रहा था। दीदी झमाझम चुद रही थी।
“ओह आहाहाह ओह सिसस्ससस्स उँह ओह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आहाहा।”
” आज तो दीदी तुझे खूब बजाऊंगा। “
मेरे लण्ड के धक्कों से चारपाई चुड चुड़ करने लगी थी। मै तो दीदी को फूल स्पीड में चोद रहा था। तभी दीदी की चूत में फिर से उबाल आ गया और दीदी फिर से पानी पानी हो गई। मैं तो दीदी को बजाये जा रहा था। फिर मैंने दीदी को बहुत देर तक चोदा।
अब मेने दीदी को पलट दिया। अब मै दीदी के ऊपर फिर से चढ़ गया। अब मै दीदी के मज़बूत कंधो पर किस करने लगा। दीदी के कंधो पर किस करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मै उनकी टांगो में मेरी टांगे फंसा चूका था। अब तो दीदी टांगे भी नहीं हिला पा रही थी।
” उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह सिसस्ससस्स उन्ह।”
इधर मेरा लण्ड दीदी की गांड में दबाव बना रहा था। फिर मैं दीदी की गर्दन पर किस कंरने लगा। फिर मैं दीदी को किस करता हुआ उनकी गौरी चिकनी चमचमाती हुई पीठ पर किस करने लगा।दीदी की चिकनी पीठ पर किस करने में मैं तो पागल सा होने लगा था।
थोड़ी देर में ही मेने दीदी की पीठ को किस करके गीली कर दिया। अब मैंने दीदी की गांड ओर धावा बोल दिया और मैं दीदी की शानदार गांड पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। मुझे दीदी की गांड पर किस करने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
दीदी गांड को बार बार को इधर उधर हिलाने की कोशिश कर रही थी। मै उनकी गांड ओर ज़ोरदार किस कर रहा था। फिर मैंने दीदी की गांड पर खूब किस किये। अब मेने दीदी की गांड के छेद में ऊँगली घुसा दी। तभी दीदी फफक पड़ी।
दीदी– आईईईईई ओह सिसस्ससस्स।
अब मैं दीदी की गांड में उंगली करने लगा। दीदी की गांड का छेद मूझे बहुत ज्यादा टाइट लग रहा था। मैं उनकी गांड में उंगली करने का मज़ा ले रहा था। दीदी चरपाई को पकडे हुई थी।
दीदी– ओह उन्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह उन्ह आह्ह।
मेरी ऊँगली दीदी की गांड में अंदर तक दस्तक दे रही थी।
“जान, ये तो बहुत टाइट लग रही है। इसमें मेरा लण्ड कैसे घुसेगा।”
” यार रोहित, तु मेरी गांड में ऊँगली कर ले लेकिन लण्ड मत डाल यार। बहुत दर्द होगा।”
मैं– दीदी मैं काम अधूरा नहीं छोड़ूंगा। मतलब गांड तो मै मारूँगा ही।
“यार मेरी जान निकल जाएगी। बहुत मोटा लंड है तेरा।”
मैं– कुछ भी हो दीदी, अब तो आपकी गांड मारनी ही है।
अब मै दीदी की गांड मारने से पहले उनको घोड़ी बनाकर बजाना चाहता था। अब मैंने दीदी को चारपाई से नीचे उतारा और फिर दीदी को घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी दीदी घोड़ी बनने से डरने लगी।
” रोहित यार गांड मे मत डालना। “
” हाँ दीदी मैं गांड मे नही डालूँगा। आप चिंता मत करो। “
” नही यार मैं घोड़ी नही बनूंगी। “
” अरे दीदी आप् क्या नखरे कर रही हो। बनो ना घोड़ी। “
” यार तु,,,,,,,
तभी दीदी चारपाई को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मेने दीदी की चूत में लण्ड टिकाया और फिर दीदी की कमर पकड़कर ज़ोर से उनकी चूत में लंड ठोक दिया। अब मै फिर से दीदी को बजाने लगा।
“ओह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्सस् आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह ओह सिससस्स।”
अब मुझे दीदी को घोड़ी बनाकर चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड घससस्स घससस्स दीदी की चूत में घुस रहा था। मैं गांड हिला हिलाकर दीदी को बजा रहा था।
” ओह आह्ह सिससस्स अहाहः ओह सिससस्स आहाहाह आहः सिससस्स उँह ओह।”
“ओह मेरी जान हाय! मज़ा आ गया आज तो। उन्ह।”
दीदी– आहाहाह आह्ह आह्ह ओह पहले तो मै तेरी दीदी थी अब जान भी बन गई?
“हां मेरी जान। बहुत मस्त है तु। “
” हाँ बजा ले तेरी जान को। “
” आज तो जमकर बजाऊंगा मेरी जान को। “
मेरा लंड दीदी की जमकर ठुकाई कर रहा था। दीदी बुरी तरह से हिल् रही थी। तभी थोड़ी देर की घमासान के बाद दीदी का फिर से पानी निकल गया। अब उनकी चूत से पानी नीचे बहने लगा। मैं दीदी को अभी भी बहुत बुरी तरह से बजा रहा था।
” ओह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह सिससस्स उन्ह ओह आहाहाह।”
मेरे लंड के झटको से दीदी का पानी नीचे गिर रहा था। फिर मेने बहुत देर तक दीदी को घोड़ी बनाकर बजाया। दीदी घोड़ी बनकर बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।
दीदी– अब बसस्ससस्स रोहित।
मैं– दीदी थोड़ी देर और।
फिर मेने दीदी को थोड़ी देर और बजाया। अब मै चारपाई पर बैठ गया और दीदी को लंड पकड़ा दिया। अब दीदी मेरी तरफ देखने लगी।
” क्या करूँ इसका?”
मैं– देख लो आपके हिसाब से क्या करना है?
“बहुत चालाक है तू। अब मुझे तेरा लंड भी चूसना पड़ेगा।”
तभी दीदी ने मेरा लण्ड पकड़ा और फिर मुंह में भरकर दीदी मेरे लण्ड को चूसने लगी। दीदी अच्छी तरह से मेरे लंड को चुस रही थी। दीदी को देखकर लग रहा था कि उनको लंड चूसने का बहुत ज्यादा अनुभव है।
” ओह जान आह्ह! बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह चुसो। मैं तो कब से प्यासा था! आह्ह।”
दीदी लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी। दीदी के बाल बार बार राह में रोड़ा बन रहे थे। मैं दीदी के बालों को संवार रहा था। दीदी चुस चुस कर मेरे लंड को गीला कर चुकी थी। दीदी अलग अलग तरीके से मेरे लण्ड को चुस रही थी।
“ओह जान तुम तो बहुत बड़ी खिलाडी निकली। ओह।”
दीदी अच्छी तरह से झटके दे देकर मेरे लंड को चुस् रही थी। फिर दीदी ने बहुत देर तक मेरे लण्ड को चुसा। अब मैं खड़ा हो गया और दीदी के मुँह में लण्ड डाल दिया। अब मै दीदी के सिर को पकड़कर दीदी के मुँह को चोदने लगा। अब दीदी के मुँह को चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड घसस्स घससस्स दीदी के मुँह में अंदर बाहर हो रहा था।
” ओह्ह्ह मेरी जान आह बहुत मज़ा आ रहा है। अहहा। “
मै गांड हिला हिलाकर दीदी के मुँह मे लंड पेल रहा था। मेरे लंड को दीदी के मुँह मे बहुत ज्यादा मज़ा मिल रहा था। दीदी मुँह की बढ़िया तरीके से ठुकाई करवा रही थी।
” आह्ह दीदी उन्ह। “
अब दीदी खड़ी हो गई और उन्होंने धक्का देकर मुझे चारपाई पर पटक दिया। अब दीदी ने मेरे ऊपर धावा बोल दिया। वो मेरी चेस्ट पर ताबड़तोड़ किस करने लगी। दीदी के खुले बाल मेरी चेस्ट पर बिखर रहे थे। अब मै दीदी के बाल सम्हाल रहा था। फिर दीदी किस करती हुई जल्दी से मेरे लंड तक पहुँच गई।
अब दीदी मेरे लंड को मुट्ठी में कसकर मसलने लगी।
” बहुत वजनदार हथियार है तेरा तो। और मोटा भी बहुत है। “
हां, मेरी रानी।
” क्या पिलाता है इसको जो इतना तगड़ा बना रखा है।”
रोज।तेल पिलाता हूं मेरे घोड़े को रानी, तभी तो ये इतनी तगडी सर्विस् देता है।
” हां मेरे राजा।
अब दीदी ने मेरे लंड को मुँह में दबा लिया और दीदी फिर से झमाझम मेरे लण्ड को चूसने लगी। दीदी को मेरा लंड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लबालब मेरे लंड को चुस रही थी।
“ओह साली आह्ह आह्ह,,, बहुत मज़ा आ रहा है। आहा आह्ह।”
दीदी को देखकर लग रहा था कि उन्हे मोटे तगड़े लंड की सख्त ज़रूरत थी जो उन्हे मेरे लंड मे मिल रही थी। वो मेरे लंड को लोपिपोप् बना रही थी। तभी दीदी चुस चुस कर मेरे लण्ड को लाल कर चुकी थी।
” बहुत ही मस्त लंड है तेरा। “
” हाँ दीदी। “
” अब तो तेरे लंड की सवारी करनी ही पड़ेगी। “
” कर् लो दीदी। “
तभी दीदी लंड को चूत मे सेट करने लगी। अब दीदी चूत में लंड सेट कर उछल उछल कर चुदने लगी।
” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह सिससस्स आह्ह।”
अब दीदी के हर एक झटके के साथ उनके बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। गांड उछाल उछाल कर चुदने में दीदी को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी के हर एक झटके के साथ उनके चेहरे पर सुकून का भाव नज़र आ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे दीदी को बड़े लण्ड से चुदने की सख्त आवश्यकता थी।
” आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह आहा ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है।”
” जितनी आपकी मर्ज़ी उतना मज़ा लो दीदी। मैने आपको नहीं रोका है।”
दीदी जमकर चूत में लण्ड ठोक रही थी। वो जोर जोर से झटके मार रही थी। दीदी चुदने मे पागल सी हो रही थी। ज़ोरदार झटको से दीदी फिर से पसीने मे भीगनें लगी थी।
” ओह् रोहित। आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् आहह। “
” बुझा लो आपकी चूत की आग। “
दीदी जोर जोर से झटके मारी जा रही थी। तभी थोड़ी देर मे दीदी थक गई। अब मैंने दीदी को उठाया और उन्हे चारपाई से नीचे ले आया। अब मैंने दीदी से घोड़ी बनने के लिए तभी दीदी तुरंत समझ गई कि अब उनकी गांड का नम्बर लगने वाला है।
दीदी– यार रोहित, बहुत दर्द होगा।
मैं– थोड़ा सा दर्द होगा और कुछ नहीं।
दीदी– मैं तेरी आज ही तो गर्लफ्रेंड बनी हूँ और तू आज ही मेरी सब फाड़ रहा है।
मैं– हां तो मै मेरी गर्लफ्रेंड की पूरी सेर्विस करना चाहता हूँ।
तभी दीदी थोड़े से नखरे करने के बाद घोड़ी बन गई। अब मेने दीदी की गांड के छेद में मेरा लण्ड रखा और फिर ज़ोर से झटका मारा तभी मेरा लंड फिसल गया।अब मैंने फिर से कोशिश की लेकिन मेरा लंड फिर से दीदी की गांड में नहीं घुस पाया। तभी मैं घी का डिब्बा उठाकर ले आया।
अब मै दीदी की गांड में घी से मालिश करने लगा। मैं उनकी गांड में ऊँगली घुसा घुसाकर घी भर रहा था। अब मैंने मेरे लण्ड के ऊपर भी खूब सारा घी लगाया।
अब मैनें दीदी की गांड में लंड सेट किया और फिर ज़ोर का झटका मारा। अबकी बार मेरा लण्ड आधा घुस चूका था। तभी दीदी बुरी तरह से चीख पड़ी।
दीदी– आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईईई ओह रोहित बाहर निकाल,, आईईईईई आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई मम्मी।
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी की टाइट गांड में फंस चुका था। फिर मैंने लंड को बाहर खीचा और फिर से दीदी की गांड में लण्ड ठोक दिया। अबकी बार मेरा लण्ड और आगे तक पहुँच चूका था।दीदी दर्द से बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी।
“आईईईईई मम्मी ,,,आईईईईई आईईईईई ओह मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”
अब मै दीदी की कमर पकड़कर झमाझम उनकी गांड में लण्ड ठोकने लगा। दीदी की टाइट गांड में अब मेरा मोटा तगड़ा लण्ड सटासट अंदर घुस रहा था। मुझे दीदी की गांड मारने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै दीदी को जमकर बजा रहा था।
“आईईईईई आईईईईई आईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई। ओह रोहित धीरे,,, धीरे।”
” करने दो दीदी आह् बहुत मज़ा आ रहा है। “
अब कौन यहाँ धीरे धीरे लण्ड डाले। मैं तो दीदी की गांड में फ़ुल स्पीड में लण्ड।पेल रहा था। धमाधम ठुकाई से मेरा लंड दीदी की गांड में पूरा रास्ता बना चुका था। अब दीदी की गांड पूरी खुल चुकी थी।
“ओह जान,, आहाहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।बहुत ही मज़ेदार गांड है तेरी।”
दीदी– आईईईई आईईईई आईईईईई उन्ह आह्ह सच में बहुत दर्द हो रहा है यार।
“दर्द में ही तो मज़ा मिलता है मेरी जान।”
मेरा मोटा तगड़ा लंड दीदी के गांड के हॉल को चौड़ा कर चुका था। मै दीदी की कमर पकड़कर उनकी बुरी तरह से गांड मार रहा था। आज तो मेरा लंड चुत और गांड का स्वाद चख चूका था। तभी झमाझम धक्कों से दीदी की गांड बुरी तरह से हिल गई और फिर दीदी की चूत से पानी नीचे टपकने लगा।
“आईईईईई आईईईर्र सिसस्ससस्स उँह ओह सिसस्ससस्स आह्।”
पानी निकलते ही दीदी का दर्द भी अब थोड़ा कम होने लगा था। अब दीदी आराम से गांड मरवा रही थी। मैं उनकी गांड में लंड पेलें जा रहा था। दीदी की गांड मारने में मेरे लण्ड को अलग ही मज़ा आ रहा था। मैं दीदी की गांड में जमकर लण्ड पेल रहा था।
“ओह आहाहाह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह उन्ह।”
” अब तो गांड मराने मे मज़ा आ रहा है ना दीदी। “
” उन्ह। मारे ले रोहित मेरी गांड। कर ले तेरी इच्छा पूरी। “
“हाँ दीदी। “
फिर मेने दीदी की बहुत देर तक गांड मारी। दीदी गांड मरवाने के बाद बहुत ज्यादा थक चुकी थी। अब मेने दीदी को उठाकर फिर से चारपाई पर पटक दिया। अब मेने फिर से दीदी की टांगो को खोल दिया।
अब मेने दीदी की चूत में लंड सेट कर फिर से दीदी की चूत में लण्ड ठोक दिया। अब मै दीदी की टांगे पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम चोदने लगा। दीदी फिर से हवा में उड़ने लगी।
दीदी–ओह आह्ह सिससस्स आह्ह ऊँह ओह सिससस्स आह्ह आईईईईई।
मैं गांड हिला हिलाकर दीदी की चूत में लंड ठोक रहा था। मेरा लंड फिर से दीदी की चूत में घमासान मचा रहा था। दीदी को चोदना मेरे लिये बड़े सौभाग्य की बात थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मै कभी दीदी को चोदूंगा भी। आज मै दीदी की चूत में झमाझम लंड ठोक रहा था।
“ओह आह्ह सिससस्स ऊँह ओह सिसस्ससस्स आह्ह उन्ह।”
तभी दीदी का फिर से पानी निकल गया। उनकी चूत फिर से लबालब भर चुकी थी। मै उनकी चूत में ज़ोरदार झटके मार रहा था।
” आह्हा आह्हा सिसस आह्हा ओह्ह्ह्। “
फिर बहुत देर के बाद मेरा लण्ड भी पानी।पानी होने वाला था। अब मेने दीदी को कसकर दबाया और फिर लंड का पूरा पानी दीदी की चूत में भर दिया।
अब मै पसीने से लथपथ होकर दीदी से लिपट गया। दीदी ने मुझे बाहो में कस लिया। फिर हम दोनों बहुत देर तक चारपाई पर पड़े रहे। दीदी मुझसे चुदवा कर बहुत ज्यादा खुश थी।
“बहुत बुरी तरह से ठोका है तूने यार।”
” बहुत मज़ा आया दीदी ठोकने में तो। बहुत मस्त माल हो दीदी तुम। “
“बहुत तगड़ा लण्ड है तेरा।”
“तगड़े लण्ड से ही ठोकने में मज़ा आता है यार।”
“मज़ा आ गया आज तो। तूने मेरे जिस्म के पुरजे पुर्जे को हिला दिया है। “
” वो तो हिलाना ही था दीदी। “
” चल अब मै नहा लेती हूँ। “
अब दीदी उठी और वो कपड़े पहनने लगी तभी मैंने दीदी को फिर से पकड़ लिया।
” दीदी थोड़ी देर बाद नहा लेना। “
” अरे फिर बच्चा जाग जाएगा। “
” अरे नही जागेगा। आप थोड़ी देर तो रुको। “
तभी मैंने दीदी से चड्डी छुड़ाकर फेंक दी और वापस दीदी को चारपाई पर पटक दिया। अब मैं फिर से दीदी के ऊपर चढ गया और दीदी के बोबो को चुसने लगा।
दीदी आराम से मुझे उनके बोबो का दूध पिला रही थी। मै दीदी के रसदार बोबो का पूरा मज़ा ले रहा था। मै अच्छी तरह से निचोड़ कर दीदी के बोबो को चुस् रहा था।
” ओह्ह्ह् रोहित् आह्हा सिसस। आह्हा। “
अब धीरे धीरे दीदी की चूत मे आग जलने लगी थी। वो फिर से कसमसाने लगी थी। तभी मैं समझ गया था कि दीदी फिर से उनकी चूत फड़वाने के लिए तैयार हो चुकी है।
अब मैं झट से दीदी की चूत पर आ गया और दीदी की टाँगे ऊपर कर उनकी चूत मे लंड पेल दिया। अब मैं फिर से दीदी को बजाने लगा। तभी ज़ोरदार झटको से दीदी फिर से चिल्लाने लगी।
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् सिसस् आह्हा। “
मेरा लंड बांस का डंडा बनकर दीदी की चूत की बखिया उदेड रहा था। दीदी बुरी तरह से तड़प रही थी। मै दीदी की चूत मे लंड पेले जा रहा था।
” ओह्ह्ह् आह्हा आईई मम्मी मर् गई आह्हा आईई आईई। “
मेरा लंड दीदी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। तभी दीदी ने टांगो के घेरे में मुझे फंसा लिया। मैं दीदी की चूत में लण्ड पेलता जा रहा था। दीदी और मैं चुदाई के अनन्त सागर में गोते लगा रहे थे। मैं दीदी को चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। तभी दीदी का पानी निकल गया।
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् सियस् आह्हा आह्हा। “
” ओह्ह्ह् दीदी मज़ा आ गया। आह्हा आहह। “
तभी ज़ोरदार ठुकाई के बाद अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला था। अब मैंने अचानक दीदी की चूत में खलबली मचा दी।दीदी फिर से सातवे आसमान में पहुँच गई। चारपाई चूड चुड कर रही थी।
” आईईईईई आईईईर आईईईई आईएईई ओह मम्मी।”
थोड़ी देर में ही मेरे लंड के झटकों से दीदी बुरी तरह से हिल गई और फिर मैंने भाभी की चूत में लंड का पानी भर् दिया।
” ओह्ह्ह् रोहित आह्हा। “
अब मेरे लंड को शांति मिल चुकी थी। फिर थोड़ी देर बाद दीदी उठ गई और कपड़े पहनकर नहाने चली गई। मै नंगा होकर चारपाई पर ही पड़ा था। आज मैं दीदी को चोदकर बहुत खुश था।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी बताए– ajaywriter21@gmail.com