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हॉट सीमा 2 Xxx की चूदाई कहानी 13
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अजू का लंड बहुत टाइट हो गया और मेरे गले में घुसने लगा। अजू ने मेरे सर को पकड़ लिया और जोर जोर से मेरे मुँह को चोदने लगा। फिर मैं थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उठ कर दूसरे कमरे में चली गयी।
अजू मेरे पीछे पीछे आया और मुझे उठा कर अपने गोद में ले लिया और मैंने अपनी दोनों टांगें अजू के कमर में लपेट दी।
अब अजू ने अपने लंड को पकड कर मेरी चूत पर लगा दिया। मैं अजू को देख रही थी और अजू मुझको।
मैं- मत चोदो मुझे… वर्ना तुम्हारे लंड की आदत पड़ जायेगी।
अजू – दी, क्या आपको मेरे लंड से प्यार नहीं है?
मैं अपनी कमर नीचे करते हुए अजू का लंड चूत में डलवाने लगी और आंखें बंद करके बोली- इसके लिये तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
अजू ने नीचे से तेज धक्का मारा जिससे उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया और मेरी चीख निकल गयी.
अजू – प्यार है तो मेरे लंड को अपने चूत में खा जाओ दीदी।
मैंने अजू के मुँह को अपने मुँह में ले लिया और उछल उछल कर चूत चुदवाने लगी- आअह्ह्ह आअह्ह्ह जोर से चोद मुझे। मैं इतने दिन कैसे बिना चुदे रह पाऊंगी?
अजू- ले मेरी जान, मेरा लंड तेरी चूत में इतने दिन तक फील होगा।
अजू जोर जोर से शॉट मार रहा था और मुझे जोर जोर से चोद रहा था।
अब अजू ने मुझे नीचे उतार दिया जिससे मैं बेड पर हाथ रख कर झुक गयी और अजू ने मेरी नंगी कमर को पकड़ कर अपना लंड एक ही झटके में मेरी चूत में पेल दिया।
मैं- आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह जोर से भाई… और जोर से। मेरी चुचियों को दबा दबा कर चोद।
अजू ने एक हाथ से मेरी एक चुची को पकड़ लिया और दूसरे से मेरे बालों को पकड़ कर ऐसे चोदने लगा जैसे घोड़े की सवारी कर रहा हो।
मुझे अच्छा लग रहा था कि मेरा भाई मुझे घोड़ी बना कर चोद रहा है। मैं आहह आहह सी सी करके चुदवा रही थी।
फिर अजू ने मेरे चुची को छोड़ दिया और अपने हाथ से मेरी गांड का छेद सहलाने लगा।
अजू – दीदी आपकी गांड बहुत प्यारी है।
मैं- क्या प्यारा है मेरी गांड मे?
अजू – दी, आपकी गांड का छेद गुलाबी है, मुलायम है। कोई देख ले तो बिना चाटे और बिना आपकी गांड मारे नहीं रह सकता है।
मैं अजू से गांड मरवाना चाहती थी पर मुझे लगा कि अगर आज मैं अजू को अपने गांड के लिये प्यासा रखूंगी तो अजू जल्दी ही घर से लौट कर आयेगा और मेरी गांड मारेगा।
मैं अजू से चूत मरवा रही थी और बोल रही थी- तेरा लंड को मेरी चूत को ही फ़ाड़ देता है, गांड का क्या हाल करेगा। मुझे नहीं मरवानी है गांड तुझसे।
अजू- दीदी, एक बार मारने दो ना प्लीज!
मैं- नहीं… पहले मेरी गांड को चाट कर दिखाओ।
अब अजू ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मेरी गांड में जीभ लगा दी।
मैं- सी ई ई ई आअह्ह्ह आहह करके गांड चटवाने लगी और मेरा नशा अब ज्यादा बढ़ने लगा।
मैंने एक हाथ पीछे ले जाकर अजू के सिर पर रख दिया और उसके मुंह में अपनी गांड का छेद रगड़ रही थी।
मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह चाट ले मेरे राजा, मेरी गांड बहुत टेस्टी है। और जोर से चाट जीभ घुसा कर… आह्ह्ह आहह अजू ! जोर से प्लीज!
अजू मेरी गांड में दाँतों से काट रहा था और फिर जीभ को चूत में लगा कर गांड तक रगड़ रहा था।
मैं- उत्तेजना के सातवें आसमान पर चली गयी और अजू के antarvasna मुंह को अपने चूत में लगा कर झड़ने लगी।
अजू मेरी चूत में जीभ डाल कर चूत का पानी चाट रहा था।
जब मैं पूरी तरह से झड़ गयी तो बिस्तर पर उल्टा ही लेट गयी और अजू भी मेरे ऊपर लेट कर मेरी चुचियों को मसल रहा था।
अजू – दीदी, मजा आया आपकी गांड को?
मैं नखरे दिखाते हुए- कोई मजा नहीं आया, जाओ तुम अपने घर!
अजू ने मेरे निप्पल्स को मसल दिया और बोला- आपकी गांड तो मारूँगा ही चाहे कुछ भी हो जाये।
मैं- एक शर्त है।
अजू – क्या?
मैं- मुझे ज्यादा दिन प्यासा नहीं रखोगे।
अजू – बिल्कुल दी, मैं खुद आपको चोदे बिना नहीं रह पाऊँगा।
मैं- ठीक है, अगर जल्दी आ गये तो गांड तुम्हारी… वरना भूल जाओ।
अजू – मुँह बनाता हुआ दूसरे कमरे में चला गया तैयार होने के लिये और मैंने भी अब नाईटी पहन ली।
शाम को 4 बजे अजू चला गया, कुछ दिन एसे ही बीते, इन दिनों में एक एक बार अनुम, विकी ने मेरी चूत मरी, और सर ने एक बार गांड मारी।
फ्राइडे को रात के 8 बजे अनुम का फोन आया वो बोला सीमा बेबी कल की तुम्हारी छुट्टी है में तुम्हे अपने गांव लेजाना चाहता हूं।
मना मत करना तुम , सीमा तुम शिमला भी नही गई थी मेरे साथ , इस बार तूमे मेरे साथ चलना ही होगा, में तुम्हारा कोई बहाना नहीं सुनना चाहता हूं।
सैटरडे और संडे की तुम्हारी छुट्टी है, हम दोनों का साथ में एक छोटा सा ट्रिप हो जायेगा ।
अनुम का दिल रखने के लिए मेंने हां कहा दिया और सुबह के 5 बजे हम घर से निकले, और 9 बजे अनुम के गांव में पहुंच गए।
गांव में अनुम के दादा जी के भाई का पोता अपनी मां और बीबी के साथ रहता था, उस की बीबी मायके गई हुई थी।
तो घर में अनुम का भाई और ताईजी थी, अनुम का भाई अनुम से बड़ा था, वो दिखने में गांव का हस्त पुष्ट पुरुष था।
अनुम के भाई का नाम जमाल था। उस का रंग काला था। पर उस के लंड का आकार मुझे बड़ा लग रहा था।
ताईजी और जमाल ने हमे गांव को घुमाया, पूरे दिन में मेरी निगाह कई बार जमाल के लंड पर गई, उसे भी पता चल चुका था कि में क्या सोच रही हूं।
रात में हम सब ने खाना खाया , ताईजी बोली अनुम तुम इस कमरे में सौ जाना और सीमा मेरे साथ सो जायेगी।
कुछ देर बाद जमाल हमारे लिए दूध ले आया हम सब ने दूध पिया दूध पीने की कुछ देर बाद अनुम को नींद आने लगी वह कमरे में चला गया
ताई जी को भी नींद आने लगी वह मुझसे बोली बेटा चलो सो जाते है पर जमाल ने मुझे आंखों के इशारे से रुकने को कहा मैंने ताई जी से कहा कुछ देर में आती हूं।
10 मिनिट बाद जमाल बोला तुम सुबह से मेरे नीचे क्या देखने की कोशिश कर रही हो, तुम चाहो तो में तू में उसे दिखा सकता हूं और तुम उस से खेल सकती हो।
में बोली – ताइजी और अनुम जाग गए तो क्या होगा,
तो जमाल बोला – मेंने उन के दूध में नींद की दवा मिला दी है,वो दोनों कल सुबह ही जागेंगे, ये कहकर हम दोनों उस के कमरे में चले गए।
कमरे के अंदर जाते ही वह मेरे होठों, गाल और गर्दन को चुमने लगा और अपने हाथों से मेरे बूब्स को दबाने लगा और में तेज आवाज़ में सिसकार रही थी।
थोड़ी देर बाद मैं काफी गर्म हो गई और अब चुदने के लिए बेताब हो उठी।
मैंने उनसे कहा- जमाल अब सहन नहीं हो रहा है, मेरी प्यास बुझा दो ना!
जमाल बोले- तू चिंता मत कर बहनचोद, अभी तेरी प्यास बुझाता हूँ, जल्दी से नंगी हो जा मादरचोद!
जल्दी से मैंने उनका कहा मानते हुए साड़ी उतार दी और मैं ब्लाउज़ और पेटीकोट में आ गई।
मैंने अपने ही हाथों से अपने बूब्स को निचोड़ना शुरू कर दिया और सिसकारी लेने लगी- आहह … ओहहह … आह आह।
जमाल का लंड भी उनके जैसा ही मस्त था. बिल्कुल चांद और रसूल जैसा, पर मोटा उन से थोड़ा ज्यादा था।
उधर से अब मैं पेटीकोट में हाथ डालकर पेंटी के ऊपर से चुत को सहलाने लगी और बोली- आह्ह … जमाल क्या मस्त लंड है आपका. चोद दो ना इससे मेरी चुत को … आह्ह … इसका स्वाद दे दो मेरी चुत को।
कहते हुए मैंने अपना ब्लाउज़, ब्रा , पेटीकोट और पेंटी उतार दिया और पूरी नंगी हो गई।
उनका लंड मेरी चुत को खोलने के लिए तैयार हो गया था।
मैंने लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया और वे बूब्स को सहलाते हुए बोले- चूस छिनाल … चूस!
वे बेदर्दी से बूब्स को निचोड़ते हुए अपना लंड चुसवा रहे थे.
मैं उनके लंड को अपने चूचों के बीच में दबाकर रगड़ने लगी.
वो मेरे मुंह में उंगली डालकर चुसवाने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे बूब्स दबाने लगे।
उनका लंड मेरी चुत और गांड से रगड़ने लगा। मैं अपनी कमर हिलाने लगी और जमाल के लंड को सहलाने लगी।
उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया।
मैंने उनके मुंह में जीभ डाल दी। उन्होंने बूब्स को निचोड़ना शुरू कर दिया और मैं अंदर ही अंदर उनकी जीभ को चूसते हुए सिसकारियां लेने लगी- उम्म … हूं … हूंम्म … उम्म … मुच पूच … उम्म आह।
उन्होंने बूब्स को खूब दबाया और फिर उन्होंने मुझे गोद में लेकर बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए।
उन्होंने बूब्स को दोनों हथेलियों में भींचकर निचोड़ना शुरू कर दिया और मैं जोर से सिसकारने लगी.
अब मेरी चुत को लंड से और दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी. मैं नीचे से खुद ही अपनी चुत को जमाल के लंड पर रगड़ने लगी.
लंड को चुत का अहसास करवाने लगी कि जल्दी से जमाल मेरी चुत में लंड डालने के लिए मचल जायें.
मगर जमाल पूरे हरामी थे; जानबूझकर मेरी चुत को लंड के लिये प्यासी रख रहे थे.
मैं अब नहीं रुक सकती थी.
मेरी हालत देख वो मेरी चुत में तेजी से उंगली करने लगे.
मेरी चुत पूरी गीली थी. उनकी उंगली मेरी चुत को चोद रही थी और चुत से पच पच की आवाज हो रही थी।
मैं अब पागल हो गयी थी और गिड़गिड़ाने लगी- आह्ह .. ओह्ह … चोद दो … अब सहन नहीं हो रहा है … आह्ह प्लीज मुझे चोद दो !
उन्होंने मेरी टांगें फैलाईं और जाँघों पर चांटे मारने लगे। चांटे मार मार कर उन्होंने मेरी गोरी जांघों को लाल कर दिया और चुत को चूमने चाटने लगे।
अब वो मेरी चुत को जैसे खाने को हो रहे थे. इतनी गहराई तक मैंने किसी मर्द को अपनी चुत चूसते हुए नहीं देखा था.
मैं बिस्तर पर फड़फड़ाने लगी। जमाल मेरी चुत का कोना कोना चाट रहे थे और बूब्स को निचोड़ रहे थे।
कुछ देर उन्होंने मेरी चुत को चाटा और खाया और फिर अपने लंड का सुपारा मेरी चुत पर रगड़ने लगे.
अब मेरी हालत बहुत खराब हो गयी थी. मुझे जमाल पर गुस्सा भी आने लगा था. इतनी देर से मैं लंड मांग रही थी और वो मेरी चुत को ऐसे ही तरसा रहे थे.
मैं हाथ जोड़कर मिन्नतें करती रही पर उन्होंने लंड को चुत में नहीं घुसाया। मैं चुत समेत उछलती रही पर वे नहीं माने और थोड़ी देर बाद मेरा बदन ऐंठने लगा और मैं बिना लंड से चुदे ही झड़ गयी.
अब मैं हांफने लगी और बोली- जमाल … आपने तो ऐसे ही मुझे झाड़ दिया. मुझे लंड से चुदना था।
उन्होंने मेरी गर्दन पकड़ी और मेरे गालों पर चांटे मारने लगे।
वे मुझे बिस्तर पर पटक कर बोले- अरे मादरचोद कुतिया, तुझे तो शहर में रंडी की तरह रहना चाहिए एक मर्द से तेरी पूर्ति नहीं होगी पता नहीं मेरे भाई के अलावा कितनों के लंड ले चुकी है तू ।
और अभी तो चुदाई की शुरुआत हुई है, अब मेरे लंड को चूसने के लिए तैयार हो जा हरामजादी।
जमाल अपने मोटे लंड को धीरे धीरे सहला रहे थे. मैं जैसे ही उनके निकट पहुंची, उन्होंने बैठे बैठे ही मुझे अपनी गोदी में खींच लिया. मैं उनकी नंगी जांघ पर बैठ गयी.
इस बार मेरा मुँह उनकी तरफ था. वो फिर से मेरे होंठ चूसने लगे, मगर मैं उनका कड़क लंड चूसने के लिए मरी जा रही थी.
मैं उनकी गोद से उतर गयी और फर्श पर घुटने पर बैठ गयी. मैं उनके शांत चेहरे को कामुकता से देखने लगी.
जमाल शायद मेरे मन की बात समझ गए.
उन्होंने मेरे सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहा- सीमा, आगे बढ़ और अपनी इच्छा पूरी कर ले. मैंने उनके मोटे लंड के सुपाड़े को मुँह में ले लिया.
मेरा हाल उस कामुक कुतिया की तरह हो गया था जो सीज़न आने पर अपने छोटे साइज की परवाह न करते हुए खुद ही कुत्तों की कमर पर चढ़ने लगती है.
जैसे जैसे मेरी जीभ उनके लंड पर नाचती गयी वैसे वैसे उनका लंड और मोटा होता चला गया.
मैं उनके चहरे के हाव-भाव देख रही थी और वो मेरी जुल्फों से खेल रहे थे.
मेरे लंड चूसने से मदहोश होकर जमाल अपने सिर को सोफे पर टिका लिया था. जमाल ने अपनी दोनों मोटी जांघें फैला ली थीं।
मैंने उनका मोटा लौड़ा पकड़ कर उठाया और उनके सुन्दर आंड चूमने शुरू कर दिए. जमाल भी मेरी ही तरह सी … सी … करने लगे।
जमाल बंद आंखों से लग रहा था कि वो बहुत मजा महसूस कर रहे हैं. हम दोनों बेफिक्र होकर सेक्स के मजे ले रहे थे।
जमाल का सिर्फ दो तिहाई लौड़ा ही मेरे मुँह में समा पा रहा था।
जमाल बोला- वाह हरामजादी वाह … क्या बात है, साली तू तो काफी मजेदार तरीके से लंड चाटती है, अनुम को तो मजा आता होगा बहुत! तूज जैसी रंडी से अपना लंड चुस्बाने में।
मैं लंड को हाथ से रगड़ते हुए बोली- अरे जमाल, उनका लंड तो आपके लंड से कुछ छोटा है. और मुझसे लंड को कम ही चुस्बाता है , उसको तो मुंह चोदना पसंद है।
जमाल बोले- तू चिंता मत कर मादरचोद कुतिया, मुझे सब पसंद है , तू तो जी भरकर लंड चाटती रह आज।
मैंने लंड को चाटना शुरू कर दिया। फिर मैं लंड को मुँह में लेने लगी।
लंड काफी मोटा था. मैंने पूरा मुँह खोला और लंड को मुंह में डालने लगी।
जमाल बोले- सीमा … आह्ह … रंडी … कोशिश कर … हराम की जनी … साली!
मेरा मुँह फटा जा रहा था परंतु मैंने ज्यादा लंड को मुंह में डाल लिया था।
फिर मैंने धीरे धीरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
जमाल बोले – सीमा , मादरचोद कुतिया, पूरा लंड मुँह में डाल!
मैंने लंड मुँह से निकाला और बोली- प्लीज जमाल , लंड काफी मोटा और लंबा है, मुँह में पूरा नहीं घुस पायेगा!
जमाल बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी मैं तेरे मुँह में पूरा लंड डालता हूँ, तू देखती जा।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर पीठ के बल गिरा दिया और मेरे सिर को बिस्तर से नीचे लटका दिया।
मैंने मुंह खोला और वो लंड मेरे मुँह में सरकाने लगे।
लंड मेरे मुँह में समाता जा रहा था और मेरा मुँह फटा जा रहा था।
मैं बिस्तर पर फड़फड़ाने लगी लेकिन उन्होंने बूब्स को पकड़कर मुझे दबोचा हुआ था और मैं बेबस हो गई थी।
मेरे देखते देखते उनका लंड मेरे मुँह में गले तक पूरा घुस गया और उनके अंडे मेरे माथे से चिपक गए।
मैं अपने हाथ पांव पटक रही थी लेकिन उन्होंने मुझे दबोच कर रखा था।
मेरी सांस रुकने लगी और मेरी आँखों में आँसू आ गए।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे मुँह से लंड निकाला और बोले- कैसा लगा मादरचोद?
मैं अपने आँसू पौंछ कर बोली- बाप रे … आपने तो मेरी जान निकाल दी।
जमाल बोले- अरे मादरचोद रांड, अभी तेरी जान नहीं निकलेगी।
मैं लंड को चूसने चाटने लगी और वह मेरे बूब्स को निचोड़ने लगे। मैं उनकी गांड चाटने लगी और उनके अंडे चूसने लगी।
फिर मैं कुतिया बन गई और उनके लंड को चूसने चाटने लगी।
जमाल मेरे मुँह में लंड रगड़ने लगे.
उन्होंने रफ्तार बढ़ा दी और वो तेजी से मेरे मुंह को चोदने लगे.
मेरी सांस फिर से रुकने लगी.
उनका लौड़ा तेजी से मेरे मुंह के अंदर बाहर हो रहा था.
थोड़ी देर बाद वो एकदम से थमते चले गये और मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया।
जमाल बोले- वाह हरामजादी … वाह क्या बात है, चल अब पूरा माल गटक जा मादरचोद!
मैं पूरा वीर्य गटक गई और उनके लंड को प्यार से चाटने लगी.
चाटने के बाद मैं बोली- वाह जमाल… क्या गर्मा गर्म वीर्य था. मजा आ गया।
जमाल मेरे बालों को सहलाते हुए बोले- सीमा , अभी तो शुरूआत है मादरचोद, अभी तो तुझे और मजे करने हैं. अभी तूने वीर्य को चखा है मादरचोद, अब मेरा पेशाब का स्वाद चख ले कुतिया।
मैं बोली- हाँ जमाल, मुझे आपके पेशाब का स्वाद भी चखना है. जल्दी से मुझे पेशाब पिलाओ।
उन्होंने मेरे मुँह में लंड डाल दिया और पेशाब करने लगे।
जमाल बोले- पी साली कुतिया, पूरा माल गटक जा मादरचोद रांड।
मैं पूरा पेशाब पी गई और बोली- वाह जमाल … क्या गर्मागर्म पेशाब था मजा आ गया।
जमाल बोले- सीमा मादरचोद … अब तुझे चोदूंगा हरामजादी।
मैं बोली- जमाल थोड़ी देर रुक जाइये, मैं आपको एक प्रोग्राम दिखाती हूँ।
जमाल बोले- तू क्या करेगी?
मैं उठी और नंगी ही उनके सामने नाचने लगी।
वो बोले- ओह्ह तू मुजरा भी करती है!! ठीक है, नाच मेरी जान।
नाचते हुए ही मैंने तेल की शीशी उठा ली और अपने बदन पर लगाने लगी.
थोड़ी देर बाद मेरा बदन तेल में भीग गया था और चमक रहा था.
फिर मैंने अपने बूब्स को मसलना शुरू कर दिया। मैं खुद ही अपनी चुत में उंगली डालती और चूस लेती।
मैंने देखा कि उनका लंड तैयार हो गया था।
मैं बिस्तर पर गयी और उनके लंड को अपने बूब्स के बीच में दबा कर रगड़ने लगी।
मैंने अपने बूब्स से उनके बदन की मालिश कर दी।
जमाल बोले- वाह सीमा … मज़ा आ गया मादरचोद, अब तेरी जवानी को चखना है हरामजादी।
उन्होंने उठ कर मुझे दबोच लिया और मेरे होंठों को कसकर चूमने लगे।
उनके हाथ मेरी चुत को सहलाने लगे और मैं गर्म हो गई और सिसकारी लेने लगी- इस्स … आह्ह … जमाल … अबकी बार मुझे इतनी प्यासी मत करना, जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाल दो और इसकी प्यास बुझा दो.
जमाल बोले- हां मादरचोद, अब तू चुदने के लिए तैयार हो जा. तेरी चुत बहुत देर से फड़फड़ा रही है. मैं जानता हूं कि ये लंड लिये बिना शांत नहीं होगी।
इसलिए अब मैं तेरी चुत पर अपने लौड़े की चोट करने जा रहा हूं.जमाल नंगे ही मेरे ऊपर चढ़ गए और अपने घुटनों से उन्होंने मेरी जांघें चौड़ी कर दीं।
फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चुत पर रखा और कहा- सीमा, बहनचोद! लंड घुसवाने के लिए तैयार हो जा रंडी।
मैं बोली- जमाल प्लीज धीरे धीरे घुसाना. मैं आपके छोटे भाई की होने वाली बीबी हूँ।
जमाल लंड का धक्का देने लगे. मेरी छोटी सी गर्म प्यासी चुत पर जैसे ही जमाल ने अपना मोटा सुपारा रखा, मेरी चुत फैलती चली गयी.
मुझे ऐसा लगा कि कुछ मोटी सी चीज मेरी चुत को फाड़ती हुई अंदर सरकती जा रही है और मेरे पूरे बदन में बेचैनी सी फैल गयी. उनका सुपारा मेरी चुत में प्रवेश कर चुका था.
जमाल के लंड का मोटा सुपारा मेरी चुत को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा था.
मैं कराहते हुए बोली- आह्ह … ईईई … आआईई मां … दर्द हो रहा है … आह्ह … आआयय नहीं … रोक लो … लंड को रोक लो.
जमाल बोले- सीमा … आह्ह मेरी रानी … मेरी मादरचोद कुतिया … तेरी चुत कितनी गर्म है … लौड़ा थोड़ा सा सहन कर ले।
उनका लंड काफी मोटा था। उन्होंने ताकत लगाई तो उनका सुपाड़ा मेरी चुत में पूरा ही समा गया।
अब उन्होंने मेरे कंधों को पकड़ा और लंड चुत में अंदर तक घुसाने लगे.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था. इतना मोटा और लम्बा लंड पहली बार मेरी चुत में जा रहा था.
मैं हाथ पैर पटकने लगी थी. रूम में मेरी चीखें गूंजने लगीं. मुझे लगा कि मैं आज नहीं बचूंगी.
इतना मोटा लंड अंदर जाते हुए इतना दर्द कर रहा है तो चोदते हुए तो मेरी जान ही निकाल देगा. मेरी चुत की धज्जियां उड़ना आज तय है.
जमाल को ज़रा भी रहम नहीं आया और वे मेरी चुत में लंड डालते जा रहे थे।
उन्होंने जोर का झटका मारा और पूरा लंड मेरी चुत में घुस गया।
मैं जोर से चीखी- आईईईई … मर गयी मम्मी … ईईई … ईईई आआह … छोड़ दो … प्लीज छोड़ दो.
जमाल हंसने लगे और बोले- अब कुछ देर बाद तू बोलेगी प्लीज माल छोड़ दो मेरी चुत में …. भर दो चुत को। बस थोड़ा सा सहन कर ले मेरी रानी.
फिर उन्होंने मेरे हाथों को पकड़ा और तेजी से चुदाई करने लगे।
कमरे में मेरी चीखें गूंजने लगीं- आह … आह्ह … आई … आह्ह … आआह … मर गयी … हाय … मर गयी … आह्ह मेरी चुत … फट गयी मम्मी … आह्ह मेरी चुत।
दोस्तो, मेरी चुत तीन दिन के बाद चुद रही थी और इतना मोटा लंड मेने कभी नहीं लिया था. मैं किसी तरह उस दर्द को बर्दाश्त कर रही थी. मेरे पास कोई विकल्प भी नहीं था चुदने के अलावा।
थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और मेरी आंखें बंद हो गई. मेरी चुत ने लंड को सहन कर लिया था।
बस इसके बाद तो जमाल अपने लंड को आगे पीछे करते हुए धीरे धीरे धक्के मारने लगे।
अब मैं भी उनके हर धक्के में परम आनन्द प्राप्त करने लगी. मेरी चुत का फैलना और सिकुड़ना मेरे शरीर को फुल सेटिस्फेक्शन दे रहा था।
जब जब वो अपने मजबूत चूतड़ों के दबाव से मेरी चुत में धक्के मार रहे थे, तो मेरी बच्चेदानी सहम कर रह जाती थी।
मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उनका लंड इतना मोटा और कड़क होगा।
कुछ ही पलों के बाद मेरी टांगें हवा में उठ गईं और मैं सेक्स के लिए उन्हें अपने अन्दर आने के लिए खुद से कोशिश करने लगी।
अब मेरी चुत और उनके लंड के मिलन की फक … फक … फक … की आवाजें आ रही थीं. मेरी चुत ने झाग उगलना शुरू कर दिया था. मेरी जांघें ऊपर उठ गयी थीं. जमाल मस्ती में आकर मेरी हवा में उठी हुई टांगों के तलवे चाटने लगे।
किसी ने भी मेरे आज तक कभी भी मेरे तलवे नहीं चाटे थे, इधर तो जमाल ने मेरी हवा निकाल कर रख दी थी।
मैंने अपनी जांघ के नीचे से दायां हाथ निकाल कर उनका लंड पकड़ने की कोशिश की, मगर वो मेरी मुट्ठी में नहीं आ सका।
तब उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा- सीमा , इसकी मोटाई नाप कर क्या करेगी, बस मजे लेती रह!
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