[ad_1]
हॉट सेक्स गर्ल कहानी मेरी किरायेदार जवान लड़की की चुदाई की है. वो चालू माल थी, वो खुल कर व्यवहार कर रही थी तो मैं समझ गया कि वो चुद जायेगी.
दोस्तो, मेरा नाम गौरव है, मैं भरतपुर राजस्थान से हूँ. मेरी उम्र 35 साल है और मैं दिखने में स्मार्ट दिखता हूँ.
मेरी शादी को 10 साल हो गए हैं. दो बच्चे भी हैं.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
मुझे कसरत आदि करने की शुरू से ही आदत है और बॉक्सिंग भी की है, तो मेरे अन्दर स्टैमिना बहुत है.
यह हॉट सेक्स गर्ल कहानी आज से 8 साल पहले की है, जब मैं जॉब करने लगा था.
उसी समय मेरे पास मेरे दोस्त का कॉल आया- यार, तेरी हेल्प चाहिए, किराए पर कोई रूम मिल सकता हो तो बता दे!
मैंने उससे पूरी बात समझी, तो मालूम हुआ कि मेरे इस दोस्त के एक दोस्त की पत्नी की सरकारी नौकरी लगी थी.
उसकी पोस्टिंग भरतपुर में हुई थी, जिस वजह से उसे मेरी मदद चाहिए थी.
मैंने बोला- ठीक है, रूम दिलवा दूंगा. तुम मेरा नम्बर उन्हें दे दो.
उसने मेरा मोबाइल नम्बर अपने दोस्त की पत्नी को दे दिया.
अगले दिन भाभी का कॉल आया और उन्होंने अपना नाम बताते हुए कहा कि मैं आपके दोस्त के दोस्त की पत्नी आशा बोल रही हूँ और बस स्टैंड पर खड़ी हूँ.
मैं बाइक लेकर पहुंच गया.
उसके साथ दो लड़कियां और थीं.
एक शादीशुदा थी, उसकी मांग भरी हुई थी और दूसरी की शादी नहीं हुई थी.
मेरे दोस्त के दोस्त की पत्नी आशा बहुत पतली थी.
कुंवारी लड़की का नाम पिंकी था. उसकी फिगर बड़ी मस्त थी. वो 25 साल की रही होगी. लंबाई भी अच्छी और सामने उठे हुए उसके मम्मे बता रहे थे कि ब्रा का साइज 34 का होगा. कमर पतली थी, उसके होंठ हल्के मोटे और मस्त रसीले से लग रहे थे.
मुझे वो ही तीनों में से सबसे अच्छी लगी.
मैंने उनसे पूछा- तीनों बाइक पर बैठ जाएंगी या कोई रिक्शा कर लें?
आशा ने झट से कहा- आप तीनों को सम्भाल सको, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है.
मैंने देखा कि आशा की बात पर वो कुंवारी वाली पिंकी जरा हंस दी.
मैंने उसे देखा मगर कुछ भी रिएक्ट नहीं किया और बाइक स्टार्ट करके आशा से कहा- सब एक एक करके आ जाओ.
सबसे पहले वही कुंवारी लौंडिया पिंकी आई और दोनों तरफ पैर डाल कर मेरी पीठ से अपनी चूचियां चिपका कर बैठ गई.
उसके बाद बाकी की दोनों भी बैठ गईं.
सबने अपने अपने बैग भी किसी तरह पकड़ कर लटका लिए और मैं उन्हें बाइक पर बैठा कर आगे बढ़ गया.
मेरे पीछे चिपक कर बैठी पिंकी ने अपने एक हाथ को मेरी कमर में डाल दिया और दूसरे हाथ से अपना बैग पकड़ लिया. उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लौड़ा फूलने लगा, जिसका अहसास शायद पिंकी को भी हो गया था.
मैं अपनी कॉलोनी में उन्हें रूम दिखाने ले गया.
उनको कुछ रूम अच्छे लगे.
आशा भाभी ने मुझसे पूछा- भैया आप कहां रहते हो, अपना घर भी दिखा दो.
मेरे घर में भी दो रूम खाली थे तो मैं उन्हें अपने घर ले गया.
उन्हें अपनी पत्नी से और मम्मी से मिलाया, फिर चाय पिलाई.
उसी बीच मैंने अपने घर के कमरों की बात भी छेड़ दी.
कुछ देर बाद आशा भाभी को और पिंकी को हमारे घर में ही रूम पसंद आ गए.
वो दोनों आपस में बात करके मुझसे बोलीं- हम दोनों तो यहीं रहेंगी.
मम्मी ने भी उनके रहने के लिए हां कर दी.
मेरे घर में दो ही कमरे खाली थे, तो उन तीनों में से तीसरी ने पड़ोस वाले के घर में कमरा ले लिया.
उसके हसबैंड को भी रहने आना था इसलिए उसके लिए वो कमरा ठीक था.
फिर मैं आशा भाभी और पिंकी को मार्केट से शॉपिंग करा कर लाया.
पिंकी की कुछ खरीदारी बाकी रह गई थी तो वो मेरे साथ दोबारा मार्केट जाने लगी.
जाते समय वो बाइक पर लड़कों की तरह मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गयी.
मम्मी ने देखा, तो बोलीं- बेटी ऐसे नहीं बैठते. एक साइड पैर करो, फिर जाओ. कोई देखेगा तो क्या बोलेगा!
पिंकी बोली- आंटी, हम तो जयपुर में रहे हैं. उधर ऐसे ही घूमते थे.
मम्मी ने कहा- ये जयपुर नहीं है बेटा, भरतपुर है. आप लड़की की तरह बैठो.
मुझे भी मम्मी के सामने पिंकी का इस तरह से बैठना अच्छा नहीं लगा, हालांकि मैं समझ तो गया था कि लड़की तेज है.
मम्मी के कहने पर वो दोनों टांगें एक बाजू करके बैठ गई.
मैंने बाइक आगे बढ़ा दी.
कुछ दूर आगे जाकर पिंकी ने मुझे रोका और वो बाइक से उतर गयी.
पिंकी कहने लगी- मुझसे ऐसे नहीं बैठा जाता.
मैंने कहा- ठीक है, जैसा तुम्हारा मन करे सो बैठ जाओ.
वो वापस लौंडों के जैसे बैठ गई और गली खत्म होते ही मुझसे चिपक कर बैठ गयी.
मैंने बाइक स्पीड में चलाई.
वो मेरी कमर जकड़ कर चिपकती हुई बोली- अरे तुम तो मुझे किसी दिन अपने साथ पटक ही लोगे!
मैं समझ गया कि पट्ठी क्या कहने वाली है.
मैं कुछ नहीं बोला, बस हंस दिया और बाइक चलता रहा.
मुझे इतनी जल्दी खुलना सही नहीं लगा.
उसके साथ जाकर बाजार से बाल्टी, गैस चूल्हा आदि ले लिया.
लौट कर आया तो मेरी पत्नी मुझसे नाराज हो रही थी.
वो बोली- अब इसके साथ मत जाना, चालू लगती है.
मैंने कहा- हां, मुझे भी सही नहीं लग रहा था.
जबकि मन में मैं सोच रहा था कि पिंकी की कैसे लूं?
पिंकी का मोबाइल नंबर तो मेरे पास था.
मैंने सोचा कि पट्ठी को मैसेज करता हूँ.
मैंने हैलो हाय की, गुड मॉर्निंग शायरी भेजी.
उसने भी अच्छी वाली शायरी भेजी.
अब दोनों का मैसेज से गुड मॉर्निंग गुड नाईट होने लगी.
ड्यूटी से मैसेज कर देती तो मैं उसको बाइक से ले आता पर घर से दूर उतार देता ताकि घर का कोई देखे नहीं.
ऐसे ही चलता रहा.
इधर मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं हो रही थी, उधर वो सोच रही थी कि मैं ही बोलूँ.
मुझे अपनी बीवी और मां के गुस्से का डर था कि कोई दिक्कत न हो जाए.
एक महीने बाद पत्नी मायके गयी थी.
मम्मी भी मामा के घर गयी थीं.
घर में मैं और भाई के लड़के थे.
मम्मी बड़े भाई भाभी को बोल गयी थीं कि घर की देखभाल करना.
उनके घर पास में ही हैं.
मैंने पिंकी को प्यार वाली शायरी भेजी तो उसने जवाब में लिख मारा- मेरे सोना मखना … इतनी देर लगा दी दिल की बात कहने में … उम्माह.
इसी चुम्मा के साथ उसने लव यू भी लिख कर भेजा.
मैंने भी आई लव यू लिख कर भेज दिया.
अभी घर में उसकी सहेली आशा थी, दूसरे रूम में मेरे दो भतीजे थे और मैं था.
थोड़ी देर बाद भतीजे खेलने निकल गए.
पिंकी की सहेली आशा भाभी सब्जी लेने चली गईं.
घर में अब हम दोनों ही बचे थे.
मैं बाथरूम में चला गया.
वापस आया तो उसके रूम में देखा, तो वो नहीं थी.
मैं अपने रूम में आया तो वो मेरे रूम में थी.
मैंने सोचा किस कर लूँ, मौका अच्छा है.
मैं आगे बढ़ा, वो पीछे हटती गयी.
वो इतरा कर बोली- नहीं गौरव, ये नहीं ये नहीं, इतनी जल्दी ये मत करो.
ये सब कहती हुई वो बेड पर लेट गयी.
मैं समझ गया कि साली बहुत तेज है. ये चुदवाना भी चाह रही है और नाटक भी चोद रही है.
मेरा भी लंड खड़ा था.
अपने लंड के साइज की बात करूँ, तो 6 इंच का है और मोटा भी है.
पिंकी आधा बेड पर थी और पैर नीचे लटकाई हुई थी.
मैंने उसे पकड़ कर उसकी सलवार नीचे खींची, तो वो कुनमुनाती हुई मान गई.
देर न करते हुए मैंने उसकी पैंटी भी खींच दी.
वो चूत ढकने लगी. चूत पर हल्के बाल थे.
मैंने उसके हाथ को हटाया और अपने अपना लंड को बाहर निकाल कर उसके सामने हिलाया तो उसकी आंखों की वासना साफ़ झलकने लगी.
मैंने लंड चूत पर घिसा और अन्दर पेल दिया.
चूत रस छोड़ रही थी तो उसके छेद में काफी चिकनाहट थी.
मैंने जोर देकर लंड पेल दिया, बड़े आराम से लंड चूत में घुसता चला गया.
लंड लेते ही भैन की लौड़ी नाटक करने लगी- आह हाय मार दिया तुमने … मुझे किसी लायक नहीं छोड़ा … आह ये क्या किया … इतनी जल्दी सब कर दिया.
वो बोलती रही और मैं धक्के देता रहा.
धकापेल चुदाई चलने लगी.
वो भी टांगें हवा में उठा कर लंड का मजा लेती रही.
थोड़ी देर में मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने माल चूत के बाहर निकाल दिया.
वो भी मुझसे अलग हो गयी.
मैं समझ गया कि साली बहुत ज्यादा खेली खाई है. न जाने कितनों का लंड ले चुकी है. इसने मुझे चुदवाने के लिए ही पटाया है.
मैंने सोच लिया कि आज रात इसका बैंड सही से बजाना है.
उसको रात में मिलने की बोल दिया.
उसने बोला- हां, जल्दी जल्दी में मजा नहीं आया. रात को सही से करेंगे. मैं गेट नहीं लगाऊंगी.
मैंने मेडीकल स्टोर से कंडोम लिए, सेक्स की गोली भी ले आया.
रात 11 बजे सब सो गए.
मैं उसके रूम में घुस गया.
वो भी मुझसे चुदवाने को मचल रही थी; कमरे में आते ही सीने से लिपट गई.
हम दोनों में चूमा चाटी हो गई.
उसका किस करने का तरीका कमाल का था. उसने 30 मिनट तक मेरे होंठ चूसे. इतनी देर तक चुम्बन किया कि मेरे भी होंठ दर्द करने लगे.
मैंने कहा- सिर्फ चूमने का ही मन है?
वो बोली- नहीं अन्दर भी लूंगी, पर पहले रोमांस करेंगे, सेक्स बाद में.
वो मुझे चोदना सिखाती गयी.
हमने एक एक करके कपड़े उतारे.
दोनों जो भी कपड़े उतारते, वहां किस करते.
इस तरह से हम दोनों ने एक एक कर पूरे कपड़े हटा दिए.
मैं उसके दूध चूसने में लग गया. मम्मे चुसवाने में उसे दर्द होने लगा.
उसने दूध छुड़ाते हुए कहा- अब बस करो, नीचे वाले छेद में डाल दो.
मैंने उसके छेद में लंड डाला. पूरा गीला छेद था. लंड आराम से घुस गया.
फिर धक्के चालू हुए.
दस मिनट बाद मेरा होने वाला था पर मैंने रोक लिया और फिर से उसके दूध पीने लगा.
फिर उसको अपने ऊपर ले लिया.
बाद में दोनों साथ में रसखलित हो गए.
मैं बाथरूम में आ गया और चुपके से गोली खाकर वापस कमरे में आ गया.
वो भी कपड़े से चूत साफ करके चादर में घुस गई थी.
मैं भी कपड़े खोल घुस गया और हम फिर से किस करने लगे.
कुछ मिनट में गोली ने असर किया.
लंड बिल्कुल खड़ा हो गया.
वो बोली- इतनी जल्दी खड़ा हो गया … मस्त हो यार तुम, बॉडी अच्छी लगी तुम्हारी … एकदम फिट हो तुम. पहले मिले होते तो शादी कर लेती.
हम दोनों किस करने लगे.
मैंने उसके छेद में अपना लंड घुसा दिया फिर गेम चालू हो गया.
इस बार करीब 15 मिनट बाद मैंने उसको ऊपर ले लिया.
खुले बालों में वो मेरे लौड़े पर कूदती रही, उसके दूध मस्त हिल रहे थे.
मैंने मम्मे पकड़ लिए और कभी एक को चूसता तो कभी दूसरे को. साथ ही हम दोनों किस करते रहे. बड़ा मजा आ रहा था.
फिर वो झड़ गयी और नीचे आ गयी.
अभी मेरा खड़ा ही था.
वो बोली- अब रुको भी यार. मेरी सांस फूल गयी.
उसने पानी पिया, मैंने भी पी लिया.
फिर हम दोनों चिपक कर लेटे रहे.
मैंने उसे फिर से किस किया, दूध को चूसा. फिर चिपक कर उसके छेद में लंड डाल दिया.
वो मना कर रही थी, कह रही थी कि अन्दर बाहर देर में किया करो. पहले देर तक रोमांस किया करो. जल्दी वाले सेक्स में मजा नहीं आता.
मैं धक्के लगाने लगा.
उस सेक्स गर्ल को भी मजा आने लगा.
तो मैंने स्पीड तेज कर दी तो उसको जलन होने लगी.
मैंने स्पीड और तेज कर दी … हम दोनों झड़ गए.
थोड़ी देर बाद फिर से चिपक गए और किस करने लगे.
मेरा लंड गोली की वजह से फिर से खड़ा हो गया था.
मैंने फिर से चुदाई चालू कर दी.
वो ऊपर से लंड ले रही थी.
इस तरह से हमारी चुदाई चलती रही. मैं बीच बीच में रुक जाता क्योंकि वो थक जाती थी.
मैं हमेशा औरत की इज़्ज़त करता हूँ इसलिए सोच रहा था कि उसको दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
मैंने चुदाई के दौरान उसे चार बार अपने लंड का पानी भी पिलाया. उसको बहुत अच्छा लगा.
वो कहने लगी- सब तुम्हारे जैसे क्यों नहीं होते.
मुझे किस करने लगी. फिर से हम दोनों चालू हो गए.
इस तरह से सुबह 3.30 बजे तक हमने कई बार सेक्स किया.
वो बोली- तुमने मेरा कितनी बार काम उठा दिया है.
मैंने बोल दिया- मुझे नहीं पता, मैंने गिना ही नहीं है.
वो बोली- मैंने गिना है. अब बस करो.
मैं वापिस रूम में आकर सो गया.
सुबह जागा, तो वो ड्यूटी चली गयी.
फिर जब भी मौका मिलता, हम दोनों सेक्स करते.
एक बार उसके साथ खेत में भी सेक्स किया.
फिर उसकी बहन भी साथ में रहने रूम में आ गयी तो उसने जगह बदल दी.
मैं उसके पास जाता, तो हमारी बस किस हो पाती.
फिर उसने कोई और लड़का पटा लिया था.
मैंने बाइक पर देखा था.
तब मैंने उसके यहां जाना बन्द कर दिया.
फिर उसका ट्रांसफर हो गया.
पांच साल बाद एक दिन वो जयपुर में मिली.
उसकी शादी हो गयी थी.
वो बोली- गौरव, स्मार्ट लग रहे हो.
मैंने हंस कर दिखा दिया.
मेरे साथ में दोस्त था.
उसने पूछा- कौन है?
मैंने बोला- ये वो सेक्स गर्ल है, जिसको मैंने अनेकों बार चोदा है … बड़ी मस्त माल है.
वो भी उसे चुदाई की नजरिये से देखने लगा था. मगर उसकी झांट भी नहीं उखाड़ पाया.
दोस्तो, आपको हॉट सेक्स गर्ल कहानी कैसी लगी. प्लीज़ मुझे मेल करें.
[email protected]
[ad_2]