राजमहल 1 पार्ट 8 – Antarvasnastory2.in

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

सीमा के होंठ ठीक जुबेर के होंठों के पास पाकर, उसने फिर से उसे चुम्बन करने लगा और सीमा भी अपने दोनों हाथ जुबेर की पीठ और बालों में फिराने लगी।

सीमा के बिलाऊज जिसकी डोरी पहले ही खुल चुकी थी,  बिलाऊज भी लटक कर नीचे की तरफ झुक गया था, जैसे वो भी उसके कोमल मुलायम स्तनों को आज़ाद करना चाहता हो।

जुबेर उसे जोर जोर से चुम्बन करता रहा और उसकी नंगी पीठ कमर पर अपने हाथ चलाता रहा, थोड़ी देर में उसने सीमा के बिलाऊज को निकाल कर फेंक दिया।

जैसे ही जुबेर ने सीमा के बिलाऊज को फेंका, तो उसने अपने दोनों हाथों से अपने वक्ष को ढक लिया, जब जुबेर ने उसे हाथों को हटाने को कहा ।

तो सीमा ने अपने सिर को न में हिलाकर मना कर दिया तो जुबेर ने उसके होठों को चूमते हुई अपने दोनों हाथों से उसके दोनों हाथों को पकड़कर हटा दिया।

सीमा के दूध जैसे सफेद स्तन और उसपर गुलाबी रंग के चुचक देखकर जुबेर पूरी तरह से मन मुक्त हो गया, और उसे देखे जा रहा था।

सीमा ने भी उसे देखने दिया, अब सीमा ऊपर से पूरी नंगी हो चुकी थीं, जबकि जुबेर अभी भी पूरे कपड़े में था।

तो जुबेर ने भी अपने ऊपर के कपड़ों को निकाल दिया और सीमा के स्तनों को चूमा , जैसे ही उसके स्तन पर उसके मुख का स्पर्श पड़ते ही उसके मुँह से भी मादक सिसकारियां निकलने लगी।

उसके एक स्तन पर जुबेर का मुँह लगा था, तो दूसरे पर उसका हाथ था, तो वो कभी उनके स्तन और चुचक को सहलाता, तो कभी मसल देता और मुँह से भी कभी प्यार से चूसता।

तो कभी हल्के से काट लेता, जिससे उसकी कभी तेज स्वर में सिसकारियां निकल जातीं, आआ आआ ह्ह्ह्ह् ह् ह् ह्ह्ह , तो कभी आह निकल जाती।

जैसे जैसे जुबेर कामकिड़ा में बढ़ता गया, वैसे वैसे उसकी सिसकारियां और आहें कराहें भी बढ़ती गई, आआ आआ ह्ह् ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह।

जुबेर ने सीमा के ऊपर से हट कर उसकी साड़ी को उतार दिया और पलंग पर कंधे के बल लेट गया और उसे भी अपनी तरफ कर लिया, वो अब उसे फिर से चुम्बन करने लगा।

वो अपने हाथ को सीमा के वक्ष से हटा कर धीरे धीरे antarvasnastory2.in नीचे लेकर जाने लगा, पहले थोड़ी देर तक उसने उसका सपाट पेट सहलाया, फिर अपना हाथ नीचे की ओर लेकर जाने लगा।

तभी सीमा ने जुबेर के हाथ अपने हाथ से कस कर पकड़ लिया और नीचे जाने से रोक दिया, उसने एक दो बार फिर से हाथ नीचे लेकर जाने की कोशिश की, पर उसने उसे हर बार रोक दिया।

जुबेर ने भी अपना हाथ ढीला छोड़ दिया और अपने होंठ उसके होंठ से अलग कर लिए, उसकी तरफ देखते हुए उसने न में सिर हिलाया।

जुबेर ने पलकें झुका कर उसने बहुत प्यार से उसे देखा, तब सीमा ने अपनी पकड़ ढीली कर दी, जो उसके लिए सहमति का इशारा था।

जुबेर ने अपना हाथ इस बार सीधे सीमा के पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया, वो हाथ का स्पर्श मिलते ही एकदम से उछल पड़ी।

सीमा के पेटीकोट का वो हिस्सा काफी गीला हो चुका था, कपड़े के ऊपर से ही छूने से जुबेर को ऐसा अहसास हुआ जैसे उसकी चूत गरम भट्टी की तरह जल रही हो।

जुबेर ने पेटीकोट के ऊपर से ही सीमा की चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और चूत के दाने को धीरे धीरे मसलने लगा।

वो अपना सर इधर उधर झटकने लगी, साथ ही उसकी तेज सिसकारियां भी निकलने लगी आआ अह् ह्ह आआ अह्ह्ह् उउउह् ह्ह्ह।

जुबेर संभोग की कामकिड़ाए बहुत धीरे धीरे कर रहा था क्योंकि वो चाहता था कि सीमा हर पल का पूरा अनुभव करे और संभोग में पूर्ण विलीन हो जाए।

अब जुबेर फिर से सीमा के ऊपर आ गया और उसके होंठों से चूमना शुरू करते हुए धीरे धीरे नीचे की तरफ जाने लगा, जब उसने उसकी नाभि को चूमा।

तो गुदगुदी के कारण वो हँसने लगी, कुछ देर उसकी नाभि, पेट और कमर को चूम और चाटी करता रहा, सीमा भी उसके बालो में हाथ फिराकर उसे उत्तेजित कर रही थी।

जुबेर जगह बनाते हुए उसके दोनों पैरों के बीच बैठ गया, अब सीमा की चूत और जुबेर के होंठ के बीच बस उसके कपड़े ही थे।

एक बार तो जुबेर ने ध्यान से उसकी चूत को देखा, फिर कपड़े के ऊपर से उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया, वो तड़प उठीं और उसका सर पकड़ कर उसे ऊपर उठा दिया।

उसके लिए ये एक नया अनुभव था और वो समझ ही नहीं सकी थीं कि वो कैसे प्रतिक्रिया करे, इसके बाद जुबेर ने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोला।

और अपने दोनों हाथ उसके पेटीकोट पर रख दिए और उसमें अपनी उंगली फंसा दी, इससे उसे भी समझ में आ गया कि अब वो क्या करने वाला है।

सीमा ने हल्के से अपनी कमर को ऊपर कर दिया, तो जुबेर ने बिना विलंब किए हुए उसके पेटीकोट को उसके पैरों की तरफ खींच दिया।

आह क्या मस्त नज़ारा था वो गोरी गोरी जांघों के बीच की  काले रंग की कच्छी जुबेर को अच्छी लग रही थी, सीमा  ने शर्म के मारे अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया।

अब जुबेर खुद को थोड़ा सा नीचे करके हाथों से नाड़ा खोलकर अपने दांतों से उसकी कच्छी को पकड़ लिया और धीरे धीरे नीचे सरकाने लगा।

जुबेर जैसे जैसे नीचे को कच्छी सरकाता गया, वैसे वैसे उसकी चूत के आसपास का हिस्सा दिखना शुरू हो गया, कुछ पल के लिए सीमा की कच्छी भी उसकी चूत छोड़ने को तैयार नहीं थी।

तब सीमा ने फिर से अपनी कमर को उठा कर कच्छी और अपनी चूत के साथ को कुछ समय के लिए तोड़ दिया, उसका कमर उठाना ही जुबेर के लिए उसकी सहमति का इशारा था।

जुबेर एक बार फिर से उसकी कच्छी को नीचे खींचने लगा, पर इस बार उसने अपने चेहरे को उसके शरीर से चिपका दिया।

ताकि जुबेर के होंठ उसकी चूत के होंठों को छू कर निकले और हुआ भी वही, जैसे ही उसके होंठ उसकी चूत के पास पहुंचे।

तो उसने अपने होंठों से उसकी चूत के नीचे के फाको को चूम लिया, जिससे सीमा के शरीर में एक कपकपी सी दौड़ गई।

उस स्थिति में जुबेर ज्यादा कुछ कर नहीं सकता था, तो उसने पूरा ध्यान उसकी कच्छी को निकालने में लगाया और अपने मुँह से पकड़े हुए उसकी कच्छी को घुटनों तक लाकर छोड़ दिया।

बाकी का काम उसके हाथ ने किया, मतलब कच्छी को उसके शरीर से अलग कर दिया, अब जुबेर का ध्यान अपनी पत्नी सीमा की चूत पर हो गया।

क्या गुलाबी चूत थी, एकदम साफ, एक भी बाल नहीं, जैसे आज ही चुदने के लिए चूत के बालों को लेप लगाकर बालों को हटाया हो।

चूत की दोनों फांकें एकदम फूल की पंखड़ियां जैसी थी, जैसे पंखड़ियां एक दूसरे से चिपकी होती है, सीमा की चूत का ऊपरी हिस्सा, जहां दोनों फांकें मिली होती है।

वहीं पर एक छोटा सा दाना था और उसके ठीक थोड़ा ऊपर एक काला तिल था, चूत के निचले छेद वाला हिस्से से थोड़ा थोड़ा हल्का पानी निकल रहा था।

सीमा की चूत बहुत ज्यादा बड़ी नहीं थी, उसकी चूत में यही कोई एक उंगली से कम का चीरा था, वहा जुबेर की आँखों के सामने क्या मस्त नज़ारा था।

कुछ पल के लिए जुबेर की पलकें झपकना ही भूल गईं और वो कभी उसके चेहरे को देखता, तो कभी उसकी चूत को देखता, कुछ समय तक वो उसकी चूत को ही देखता रहा।

अब जुबेर का खुद को रोकना मुश्किल हो गया तो उसने अपने होंठ उसकी कुंवारी चूत पर रख दिए, उसके होंठ का स्पर्श अपनी चूत पर पाकर सीमा मचल उठी।

और सिसकारियां भरने लगी आआ अह्ह्ह आआ अह्ह्ह् उउउह् ह्ह्ह, जुबेर उसकी चूत की दरारों में अपनी जीभ चलाने लगा।

जुबेर ने चूत की दरार को नीचे से ऊपर तक खूब चाटा, कई कई बार चाटा, फिर सीमा की समूची चूत को अपने मुँह में भर कर झिंझोड़ डाला।

आनन्द के मारे सीमा के मुँह से किलकारी निकलने लगी, फिर अपने हाथ ऊपर ले जाकर जुबेर ने उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और चूत का दाना, वो छोटा सा दाना अपनी जीभ से टटोलने लगा।

फिर उसके इस दाने को अपने मुँह में लेकर खींचते हुए चूसा और चूत की गहराई में जीभ घुसा कर प्यार से, बहुत ही निष्ठा पूर्वक उसकी रसीली बुर चाटने लगा।

बेचारी प्यारी कुंवारी सीमा , इतना सब कैसे सहन कर पाती, बदले में वो अपनी कमर उठा उठा कर अपनी चूत जुबेर के मुँह पे मारने लगी।

अब जुबेर अपनी जीभ चूत की गहराई में रगड़ता हुआ चूत चाटने लगा था, मुश्किल से कुछ ही पल ही बीते होगे कि सीमा ने जुबेर के बाल कस कर पकड़ लिए और काँपने लगी।

और भलभला कर जुबेर के मुँह में ही झड़ गई, सीमा की चूत से निकला पानी भी उसे अमृत लगा और उसने एक एक बूंद को चाट कर पी लिया।

एक बार झड़ने की वजह से सीमा एकदम शांत पड़ गयी थी, उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ झलक रहे थे, जुबेर भी उसके बगल में आकर लेट गया और उसके मासूम से चेहरे को देखने लगा।

थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद जुबेर ने फिर सीमा के बदन पर अपने दोनों हाथों को चलाने लगा, सीमा भी जुबेर की तरफ देख कर मुस्कुराई।

जिसका मतलब साफ था कि जुबेर का सीमा की चूत को चाटना उसे अच्छा लगा, फिर भी उसने जानने के लिए पूछा अभी तक का कैसा अनुभव रहा आपका मेरे साथ?

सीमा ने एक लंबी सांस लेने के बाद कहा जैसा कि आप जानते हैं, पहली बार किसी आदमी या इंसान ने मेरी उस जगह को छुआ और चुम्बन किया।

जुबेर ने सीमा की बात काटते हुए उससे हंसी ठिठोली करते हुई कहा कौन सी जगह ? कुछ नाम है या, अपनी बात को उसने अधूरा छोड़ दिया।

पहले तो उसकी तरफ देख कर सीमा मुस्कुराई, फिर छत की तरफ देखते हुए कहने लगी नीचे, जुबेर ने अनजान बनते हुए कहा पेट पर या नाभि पर ?

इस बार सीमा ने जुबेर की तरफ प्यार से देखा और फिर छत की तरफ देखते हुए कहा पेट और नाभि से थोड़ा और नीचे, जुबेर बोला कमर पर ?

सीमा ने थोड़े गुस्से से जबाव दिया कहीं नही, जुबेर ने अपना चेहरा ठीक उसके चेहरे के सामने करके और अपना हाथ उसके स्तन से हटा कर उसकी चूत पर रखते हुए कहा यहां ?

जुबेर की आंखों में देखते हुए उसने अपना सर सहमति में हिलाया, जुबेर बोला इसे कुछ कहते भी हैं या बस इशारे में बताते है इसके बारे में? सीमा चुप रही।

जुबेर के फिर से पूछने पर सीमा ने फिर से गुस्से में कहा आपको जो कहना है, कह लो, जो नाम देना है, दे दो, मुझे नहीं पता।

जुबेर उसका मतलब और मनोदशा को अच्छे से समझ रहा था, पर वो उसे और खोलना चाहता था, जुबेर बोला  अगर मैं मेरी बात करूँ, तो मैं तो इसे चूत कहता हूं।

आप क्या कहती हो पता नही, उसके मुँह से चूत शब्द सुनते ही वो शरमा गईं और अपना चेहरा उसके सीने से छुपा लिया।

जुबेर ने उसके बालों पर अपना हाथ सहलाते हुए कहा हां तो आप बता रही थी कि जब मैंने आपकी चूत को चुम्बन किया, तो कैसा लगा था आपको?

एक बार मेरी तरफ देखा और फिर से मुस्कुराते हुए अपना चेहरा छुपा लिया, जुबेर बोला कुछ बोलेंगी भी या शर्माते ही रहेंगी ?

अगर आप बताओगी नहीं, तो मुझे कैसे मालूम पड़ेगा कि आपको कैसा लगा और जब तक मुझे मालूम नहीं पड़ेगा, तो आगे में आपको कैसे खुश रखूंगा ?

सीमा कैसे में तुम्हारे लिए कुछ करूँगा, आप तो जानती हो कि एक पति का काम ही है अपने जीवन संगनी को अच्छे से खुश रखना।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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