दर्शन अपने नाना से मिलने के लिए पटना गए थे जहा उनकी मुलाकात एक सेक्सी भोजपुरी आंटी से हो गई। आंटी दर्शन को देख यौन आकर्षित हो गई जिस वजह से उन्होंने दर्शन के लंड के साथ छेड़ छाड़ शुरू कर दी। अपनी कहानी मोटी भोजपुरी आंटी की चुदाई से दर्शन सभी को ये सीख दे रही है की हर इंसान को अपने आप को आकर्षक समझना चाहिए क्यों की हर वक्त हमारे अस पास कोई ऐसा होता है जो हमे मन ही मन चाहता है।
आप सभी को नमस्कार मेरी ये कहानी पटना की है जहा मैं अपने नाना से मिलने गया था। मैं अपनी माँ छोटी बहन के साथ कुछ दिन रहने गया था। आज तक मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी थी। antarvasnastory2.in लड़की पटाने के लिए मैं कॉलेज में भी यहाँ वहां मुँह मारा करता था पर आज तक कोई बात नहीं बन रही थी।
उसके बाद मैंने हार मान ली और अपने आप को बस एक बदसूरत हवसी लड़का समझने लगा। पर मेरी ये सोच तब खत्म हुई जब मैं अपने नाना के पड़ोस वाली भोजपुरी आंटी से मिला।
आंटी का शरीर मोटा तो था ही साथ ही उनके शरीर पर सही जगह चर्बी थी। मेरे हाथो से बड़े उनके स्तन और गोमटोल मटकती गांड मुझे आंटी को गन्दी नजर से देखने के लिए मजबूर कर देती।
उन्हें देख मैं तो आकर्षित था ही साथ ही आंटी भी थी। जब मैं अपनी बहन के साथ खेल रहा होता या उसे कुछ खिलाने के लिए घर से बाहर निकलता तो आंटी की नजरे मुझ पर ही रहती।
ये देख मैं भी हैरान था क्यों की मैं पतला और कमजोर लड़का था। उस दिन मैं अपनी बहन के साथ फुटबॉल खेल रहा था। एक एक लात से बॉल उछल कर आंटी के घर में चली गई।
घर का दरवाजा खुला था और मैं आंटी को आवाज लगाता अंदर चला गया। तभी माँ नाना के घर से बाहर आई और हमे खाना खाने के लिए बुलाने लगी।
बहन – भइया आंटी के घर से बॉल लेने गए है !
माँ – ठीक है बेटा। दर्शन !!!! बॉल ले कर सीधा खाना खाने आ जाना।
इसके बाद मैं अकेला आंटी के घर में था। पाती भी वहा नहीं था इसलिए मुझे डर लगने लगा की आंटी मुझे अकेले में देख कर पता नहीं क्या करेगी।
अंदर गया तो आंटी कपड़े धो रही थी। उनके सारे कपड़े गीले थे और उनके गीले ब्लाउज से ऊके स्तन दिख रहे थे। मेरी नजर सीधा ऊके गीले शरीर पर पड़ी पर मेरा लंड खड़ा होने लगा।
आंटी – अरे बेटा यहाँ ?? कुछ काम था क्या ?
मैंने कहा – नहीं आंटी वो मेरी फुटबॉल आपके घर में चली गई थी उसे ही लेने आया हूँ।
आंटी – अच्छा चलो देख लो कहा है।
मैं आंटी के घर में बॉल खोजने लगा और पीछे से आंटी मुझे देखती रही। जैसे ही मुझे बॉल मिली आंटी ने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और अपनी नरम छाती बाहर निकाल कर स्तन प्रदर्शन करने लगी।
मैंने कहा – आंटी ??
आंटी – जा रहे हो क्या ?
मैंने कहा – हाँ पर आप ऐसे ??
आंटी मेरे पास आई और मेरे खड़े लंड को एक ऊँगली से छूने लगी। आंटी ने मेरे चेहरे के सामने अपने स्तन किया और मेरे लिंग के साथ छेड़ छाड़ करने लगी।
आंटी के लाला ब्लाउज में ऊके दूध देख के मेरा माथा सटकने लगा और मैंने बेशर्मी से भोजपुरी आंटी की छाती पर अपना हाथ रख दिया।
आंटी – अपनी बॉल से तो कई बार खेले हो पर कभी इनके साथ खेला है ?
ये सुन कर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी लाखो की लॉटरी लग गई। इतने बड़े दूध देख मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और आंटी मेरी पैंट में हाथ डाल कर मेरे कच्छे के ऊपर से लंड दबाने लगी।
मैं भी आंटी के ब्लाउज में हाथ डालकर उनके गर्म दूध का कामुक मजा लेने लगा।
उनके स्तन पसीने से गीले थे क्यों वी कपडे धो रही थी। स्तनों के बीच की दरार मुझे चुदाई के लिए तैयार करने लगी। आंटी मुझे एक पल के लिए मुस्कुरा देखने लगी और नीचे बैठ कर मेरी पैंट उतार दी।
मेरा लंड उछल कर बाहर निकला और आंटी के मुँह पर जा लगा। खड़ा लंड देख आंटी भी चुदाई के नशे में धुत हो गई। उन्होंने मेरा सूखा लंड पकड़ा और हिला हिला कर मेरे अंडे चूसने लगी।
पर मेरे पास वक्त की कमी थी क्यों की माँ मुझे कभी भी बुलाने वापस आ सकती थी। मैंने आंटी के कंधे पकड़े और उन्हें ऊपर उठा कर उनका ब्लाउज खोल दिया।
उसके बाद मैं आंटी की आँखों में देखते हुए उनके दूध चूसने लगा। आंटी मुझे मुस्कुरा कर देखती रही और मैं ऊके स्तन दबा दबा ककर चुस्त रहा।
कुछ ही देर मैं आंटी के स्तन पसीने से नहीं बल्कि मेरे थूक से गीले हो चुके थे। आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींच कर सोफे के आपस ले गई। उन्होंने अपनी साड़ी उठाई और अपनी गांड दिखा कर सोफे पर घोड़ी बन गई।
मैं कब से किसी badi gand wali aunty ki chudai करना चाहता था और आज मुझे मौका मिल गया। मैं जल्दी से भाग कर गया और आंटी के घर का दरवाजा अंदर से बंद कर आया।
मैंने अपनी पैंट उतारी और कच्छे से अपना हथियार निकाल कर आंटी की चुत में देमारा।
आंटी – अहह !! बेटा काफी भरे हुए लगते हो !!!
उसके बाद मैं आंटी के पेलने लगा और आंटी के कामुक शरीर से अपनी चुदाई की प्यास बुझाने लगा।
आंटी की मोटी गांड आगे पीछे हिलने लगी और आंटी अपनी आंखे बंद कर के मेरे लंड का मजा लेती रही। आंटी की चुत काफी मजेदार दी और मेरे लंड में काफी माल बन रहा था।
गांड चुत के इस खेल में मैं अपने लंड से आंटी की पिटाई कर रहा था और वो पल काफी कामुक हो गया। मैं अपने पुरे दम खम से आंटी की गांड मार रहा था और मजे से ऊके शरीर को छू रहा था।
मोटी भोजपुरी आंटी की चुदाई कर के मुझे वो सुख मिल रहा था कभी नहीं मिला। मोटी भोजपुरी आंटी मैं चोद तो रहा था पर उनके शरीर को काबू करना आसान नहीं था।
कुछ देर भोजपुरी आंटी की चुदाई घोड़ी बना कर करने के बाद आंटी पीठ के बल लेट गई।
आंटी – बेटा अब डालो अपना लंड !!
मैंने आंटी के पैर पकड़ लिए और उनकी चुत में लंड देने लगा। आंटी किसी मछली की तरह छटपटाने लगी और मेरा दिया हुआ दर्द ख़ुशी से सहन करने लगी।
मैंने आंटी का मोटा पेट पकड़ा और उनकी योनी में झटके से लंड अंदर बाहर करने लगा। आंटी जान मुझ कर अपने स्तन आगे पीछे उछालने लगी और मैं उनके जाल में फता रहा।
आंटी की चुत इतनी मजदार थी की मेरा एक बार भी लंड बाहर निकलाने का दिल नहीं किया। आंटी की चुत भी मोटी थी और उसमे से काफी रस निकल रहा था।
मैं कभी उनकी चुत के ऊपर अपना लंड मारता तो कभी अंदर डाल कर चुदाई करता। जल्द ही चुदाई करने से मेरा लंड लाल होने लगा।
आंटी की छूट और मेरा लंड एक दूसरे की रगड़ से काफी गर्म हो गए और दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया। मेरा लंड का माल जैसे ही निकलने वाला था मैंने उसे बाहर निकाल दिया ताकि आंटी गर्भवती नो हो जाये।
ऊके मुझे गले लगा लिया और कहा फिर कब करना है ?
मैंने कहा ये सब बाद में देखेंगे अभी मुझे जाना है !!
ये थी मेरी आंटी की चुदाई कहानी अगर आपको अच्छी लगी तो बताना। उसके बाद आंटी और मैं तब तक सेक्स करते रहे जब तक मैं नाना के घर रुका।