दिवाली की सफाई के वक्त भाभी मेरा लंड पकड़ कर चाटने लगी

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रवि शंकर है और मैं कानपूर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 19 साल है और मेरे घर में मेरे भैया भाभी और मम्मी पापा रहते है। आज मैं आप सभी को अपने भाभी के साथ की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मैंने कभी भी भाभी के बारे में गलत नही सोचा था लेकिन जब भाभी खुद ही मुझसे चुदना चाहती थी तू इसमें मैं क्या कर सकता था।

उनके बहुत कहने पर मैंने उनकी चुदाई की। दोस्तों अपनी कहनी सुनाने से पहले मैं अपने बारे में बता दूँ। मैं का नियमित पाठक हूँ और मुझे सेक्स कहानियां पढना बहुत पसंद है। मैंने काफी जवान और स्मार्ट हूँ। और मुझे लडकियों से बात करने में बहुत मज़ा आता है। लेकिन कुछ दिन लड़कियों से बात करने के बाद पता नही कैसे वो मुझसे पट जाती है और वो मुझसे चुदना भी चाहती है।

मैं इस मामले में बहुत लकी हूँ क्योकि मेरे दोस्तों से जल्दी कोई भी लड़की नहीं पटती लेकिन मुझसे पट जाती है। मैंने तो अपने कई दोस्तों को चूत भी दिलवा दिया था। मैंने बहुत सी लड़कियों को शादी से पहले ही चोद चूका हूँ। लेकिन मुझे लड़किओं से ज्यादा आंटी ज्यादा अच्छी लगती है मेरा मन तो उनकी चुदाई करने को करता है लेकिन कोई आंटी मिलती ही नहीं जिसकी मैं चुदाई कर सकूँ।

दोस्तों एक बार तो मैंने अपने घर के बगल वाली आंटी को लाइन देने लगा था वो देखने में बहुत ही हॉट थी और उनके मम्मो को देख कर मैं अपने आप को रोक नही पता था। मेरी इन हरकतों से तंग आ कर उन्होंने मुझे एक दिन खूब समझाया। और फिर उसके बाद मैंने उनकी तरफ देखा भी नही।

मैंने कब्बी भी नहीं सोचा था की मेरी भाभी भी बहुत चुदासी रहती है वरना मैं उनकी चुदाई ही कर लेता। मेरी भाभी जब आई थी तो मैं उनको देखने के बाद मैंने सोच लिया था जब भी शादी करूँगा तो भाभी की तरह ही किसी लड़की से। क्योकि वो बहुत ही हॉट थी और उनको देखने के बाद कोई भी उनकी चुदाई करना चाहेगा।

लेकिन वो मेरी भाभी थी इसलिए मैंने अपने आप को उस वक़्त र्रोक लिया था लेकिन जब उन्होंने ही मुझे अपनी चूत की दावत दे दी तो मैं मना करते हुए भी अपने आप को रोक नही पाया और उनकी जबरदस्त तरीके से चुदाई की। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम
दो दिन पहले की बात है, दीवाली को दो दिन बचे थे।

भाभी ने मुझसे सुबह सुबह कहा – आज तुमको घर साफ़ करने में मेरी मदत करनी है तुम्हारे भैया तो घर रहते नही है वरना उनसे ही साफ़ करवाती। मैंने भाभी से कहा – मैं नही साफ़ करूँगा घर। तो भाभी ने पापा से कह कर मुझे डाट दिलवाई और घर साफ़ करने को कहा। मैं न चाहते हुए भी घर की साफ़ सफाई करने वाने लगा।

जब मैं घर की साफ़ सफाई कर रहा था तो मैंने केवल बनयान पहनी थी जिसकी वजह से मेरी बॉडी दिख रही थी और भाभी मेरे डोले और मेरे बॉडी को देख कर मुझसे मजाक करने लगी और मुझसे बातें करते हुए घर की सफाई करने लगी। मैं भाभी से मजाक करते हुए घर साफ़ कर रहा था और भाभी भी मेरी मदत कर रही थी।

घर की सफाई करते समय एक चूहा भाभी के पैरो पर चढ़ गया और भाभी चीखते हुए मुझसे लिपट गई। उनकी चूची मेरे सीने में दबी हुई थी और वो मुझसे जोर से लिपटी हुई थी जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा होने लगा था। लेकिन मैंने भाभी को अपन आप से दूर किया और उनसे कहा – बस एक चूहा था आप कितना डरती हो। कुछ देर बाद मैं उनका मज़ा लेते हुए फिर से काम करने लगा। लेकिन उनके गले लगने से मेरा मन मचलने लगा था लेकिन मैं आपने आप को रोके हुए था।

उस दिन भाभी कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी और मैं उनको देख कर उनकी चुदाई की बारे में सोचने लगा था। कुछ देर काम करने के बाद मैंने देखा वो मुझे बात बात पर देख रही थी और मुझे देख कर हल्का हल्का सा मुस्का भी रही थी। मुझे पता था भाभी को चूहे से डर लगता है मैंने झूठ में भाभी से कहा – तुम्हारे पैरो के बगल में चूहा है। भाभी फिर से चीखती हुई मुझसे लिपट गई और मुझको अपने अपने बाँहों में बहर लिया और मुझे कुछ देर तक नहीं छोड़ा।

मुझे ऐसा लग रहा था भाभी मुझसे चुदना चाहती है लेकिन वो कह नही रही है। मेरा मन भी किसी की चुदाई करने को कर रहा था। लेकिन कोई था ही नहीं और भाभी को मैं चोदना नही चाहता था। लेकिन जब भाभी ने मुझे कुछ देर नही छोड़ा तो मेरा लंड खड़ा हो गया और भाभी ने अपने हाथ से मेरे लंड को सहलते हुए मुझसे कहा – रवि तुम्हारे भैया ने कई दिन हो गया है मुहे चोदा नही है और आज मेरा मन चुदने को कह रहा है क्या तुम मेरी चुदाई करना चाहोगे। और तुम्हारा लंड भी मुझे चोदना चाहता है और वो खड़ा भी है।

तो मैंने उनसे कहा – नहीं मैं ऐसा नही करूँगा। अगर किसी को भी ये बात पता चल गई तो पापा मुझे घर से बाहर निकाल देंगे। मैं ऐसा नही कर सकता हूँ। लेकिन भाभी की चढती जवानी की आग मुझे अपनी ओर लालकार रही थी। भाभी का बदन जोश में गर्म हो गया था। और मैं भी बहुत जोश में आ गया था। मैं उनकी चुदाई करना तो चाहता था लेकिन फिर भी मन कर रहा था।

कुछ देर बाद मैं अपने आप को रोक नही पाया और मैंने भाभी को अपने बाहों में भरते हुए मुझे होठ को चुमते हुए मैंने उनसे कहा – कहा चुदी करना है बोलो। बाहर मम्मी पापा थे। इसलिए बाहर तो नहीं कर सकते थे लेकिन सारा काम ख़त्म करके मैं भाभी के साथ सारा सामान रखने के लिए स्टोररूम में गया और वहां सामान रखने क्व बाद वहां भी सफाई की और फिर सफाई करने के बाद में मैंने भाभी को अपने बाँहों में भरते हुए उनके बदन को चूमने लगा और फिर मैंने अंदर से दरवाज़ा बंद कर दिया और फिर भाभी की चुदाई के लिए तैयार हो गया।

मैंने सबसे पहले बहभी के बदन को चुमते हुए मैंने उनकी साडी को खोलने लगा और उनकी साडी निकालने के बाद मैंने अपने हाथ को उनकी चिकनी कमर में डाल कर उनको अपने बाँहों में कस कर जकड लिया और उनके गले और कान को पीते हुए मैं उनकी चिकनी लाल लाल गाल को चूमने लगा। कुछ देर बाद मैं और भाभी दोनों और भी जोश में आ गये और फिर मैं भाभी के होठ को अपने मुह में लेकर और अपने होठ को भाभी के मुह में देकर एक दुसरे के होठ को चूमने लगे।

कुछ देर बाद मैंने भाभी की चूचियों पर पर हाथ को रखते हुए उनके निचले होठ को बड़े प्यार से पीने लगा और उनकी चूची को धीरे धीरे से दबाने लगा। जब मैंने भाभी के मम्मो को दबाना शुरू किया तो भाभी और भी उत्तेजित होने लगी और उन्होंने मेरे होठ को जोर जोर से पीना शुरु कर दिया और उन्होंने मेरे हाथ को अपने चूचियो पर रखते हुए जोर जोर से दबाने को कहने लगी। उनकी मुलायम चूचियो को दबाने में मज़ा आ रहा था और साथ में उनके होठ पीने में भी।

बहुत देर तक ये खेल चलता रहा और मैं भाभी के होठ को पीता रहा। कुछ देर बाद जब मैंने भाभी के होठ को पीना बंद किया तो भाभी अपने ब्लाउस को निकालने लगी उनको देख कर लग रहा था जैसे वो बहुत जोश में है। मैंने भी अपने कपडे निकाल दिया और फिर मैंने भाभी के पीठ पर अपने हाथ कलो रखते हुए उनकी पीठ को सहलाते हुए मैंने उनकी ब्रा के हुक को मैं निकाल दिया और फिर उनके ब्रा को निकालने के बाद मैंने उनकी चूची को पकड़ कर दबाते हुए उनकी चूची को चूमने लगा।

कुछ देर बाद मैं भाभी के मम्मो को जोर जोर से दबाने लगा और उनके स्तन के निप्पल को अपने हाथो से मसलने लगा जिससे भाभी और भी गर्म होने लगी। जैसे जैसे भाभी गर्म हो रही थी चुदने के लिए मैं भी वैसे वैसे गर्म हो रह था भाभी की चुदाई करने के लिए। कुछ देर बाद मैंने भाभी के मम्मो को अपने जीभ से चाटते हुए उनकी चूची को पीने लगा और उनकी निप्प्प्ल को अपने मुह से खीचने लगा। कुछ देर तक तो बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन कुछ देर बाद मैं जोश में भाभी के मम्मो को काटने लगा तो भाभी सिसिकते हुए …. अह्ह्ह हां अह उफ़ उफ्फ्फ उफ़ ….. मम्मी मम्मी आह आह…. करके चीखने लगी। हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम

कुछ देर बाद मैंने उनकी चूची को पीना बंद कर दिया और फिर मैंने बड़े जोश में उनके पेटीकोट को निकालते हुए मैंने जल्दी से उनकी पैंटी को निकाल कर अपने लंड को अपने हाथ में लेकर मैंने भाभी की चूत में लगाने लगा। लेकिन भाभी मेरे लंड चुसना चाहती थी मैंने उसने कहा आप बाद में फिर कभी मेरा लैंड चूस लेना अभी मैं बहुत जोश में हूँ पहले चुदाई कर ले। भाभी भी चुदासी थी वो भी चुदाई के ले तैयार हो गई।

मैंने भाभी को जमीन पर ही लिटा दिया और फिर मैंने उनकी दोनों टैंगो को फैलाते हुए अपने लंड को उनकी चूत में लागते हुए मैने अपने लंड को पहले धीरे से और फिर बाद में थोडा तेज तेज से धक्का देकर भाभी की चुदाई करने लगा। कुछ देर तो बहभी मेरे लंड को मज़े से अपने चूत में लेते हुए चुद रही थी। मुझे भी थोडा थोडा मज़ा आ रहा था क्योकि मेरी स्पीड बहुत ही धीमी थी। लेकिन कुछ देर बाद जब मैंने जोर जोर से झटके देकर भाभी की चुदाई करने लगा तो भाभी को भी मेरे लंड के मोटाई का पता चलने लगी।

कुछ ही देर में जानवर से भी खतरनाक होने लगा और बड़े तेजी से भाभी के चूत में अपने लंड को डालते हुए उनकी चूत फाड़ने लगा। भाभी भी मेरे लंड दर्द से बेहाल होकर अपने मम्मो को मसलते हुए अपने पूरे बदन को ऐंठते हुए जोर जोर से ….. उम्म्म उम् हूँ उन उन्ह हंह हं ह …. आह आह …अह ओह्हो हो …. ऊ ऊ ऊ …. उ उ उ ,….हा हा अह आहा हा …. उनहू उनू हं हं …….. करते हुए चीख रही थी।

कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकाला और फिर बहभी के गांड को मारने के लिए मैंने भाभी को कुतिया बना दिया और फिर मैंने अपने लंड में थूक लगते हुए मैंने अपने लंड को भाभी की गांड में डाल दी। जब मेरा लंड भाभी की गांड में गया तो भाभी की मुह से हलकी सी चीख निकली। और फिर मैंने भाभी की गांड मारना शुरू किया। कुछ देर तक मैंने लगातार उनकी गांड मारी और फिर अंत में मैंने उनकी गांड में ही अपने लंड के माल को गिरा दिया।
उस चुदाई के बाद जब भी भाभी का मन मुझसे चुदने को होता था वो मुझसे चुदवा लेती थी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top