Xxx वाइफ हॉट स्टोरी मेरी अपनी सगी बीवी अन्तर्वासना की है. वो गैर मर्दों से चुदने को हमेशा तैयार रहती है. ऐसे ही उसने बीमारी का बहाना करके क्या किया?
मेरी चालू बीवी की पिछली कहानी थी:
थ्रीसम sex में पति, पत्नी or वो
अब ये नयी Xxx वाइफ हॉट स्टोरी:
संडे की एक सुबह, मैं चाय के साथ अखबार के एक आर्टिकल पर अपनी नजर गड़ाए हुए था।
अचानक छम छम करती हुई स्वीट नीना मेरे कंधे पर पीछे से हाथ रखी और पूछने लगी- क्या पढ़ रहे हो?
मैंने मुस्कुराकर शरारती नजरों से ऊपर से नीचे तक उसके पूरे फिगर का मुआयना किया।
डार्क मैरून कलर की मैक्सी में नीना वाकई बिंदास सेक्सी लग रही थी।
वैसे भी संडे के दिन अक्सर सुबह-सवेरे हर्ष इधर राउंड मार देता।
लिहाजा तब इस दिन अक्सर नीना बिना ब्रा और पेंटी के ही रहा करती थी, जिससे हर्ष की गुड मॉर्निंग मस्त हो जाती।
बहरहाल अपनी नीना की भारी-भरकम चूचियों को निहारते हुए मैंने जवाब दिया- अखबार!
नीना तंज कसते हुए बोली- वह तो मुझे भी दिख रहा है, लेकिन अखबार में क्या पढ़ रहे हो?
हेडिंग की ओर इशारा करते हुए मैंने उसे जवाब दिया- मेडिकल टूरिज्म पर एक खास आर्टिकल है अच्छा सा!
अब मेरी नीना डार्लिंग का सेक्स के दरिया में हमेशा हिचकोले खाने वाला खुराफाती दिमाग दौड़ने लगा।
वह अदा से इठलाते हुए बोली- अगर मेडिकल टूरिज्म हो सकता सकता है, फिर मेडिकल हनीमून क्यों नहीं?
नीना के इस सवाल पर मैं ठहाके से हंसने लगा।
पीछा छुड़ाने के लिए मैंने बॉल नीना के पाले में डाल दिया- अच्छा बाबा, तुम ही बता दो। यह मेडिकल हनीमून क्या होता है?
इस पर मेरी चुदक्कड़ नीना ने अपने चूचियां मटकाते हुए कहा- बहुत जल्दी मैं तुम्हारे साथ मेडिकल हनीमून पर जाने वाली हूं। तब तुम्हें अपने आप पता चल जाएगा कि मेडिकल हनीमून होता क्या है.
हम दोनों आपस में यही बातें कर रहे थे, तभी हर्ष ने कमरे में एंट्री ली जिससे मैं जॉली मूड में आ गया।
साथ ही नीना रसोई में हर्ष के लिए चाय बनाने गई तो अपनी मैक्सी के दो स्टेप अन हुक कर वापस आई ताकि हर्ष को चूचियां आसानी से दिख सकें।
हालांकि हर्ष तब तक हम लोगों से थ्रीसम में ओपन हो चुका था। फिर भी लंड चूत का रिश्ता होता ही ऐसा है कि इसे जितनी बार निहारो, उतना ही अच्छा।
बहरहाल नीना भरपूर एक्स्पोज़र देने लगी।
बच्चे संडे का दिन होने की वजह से लान में खेल रहे थे इसलिए मौज मस्ती करना सम्भव था।
हंसी मजाक के माहौल मे नीना आखिर हर्ष से भी पूछ बैठी- मेडिकल हनीमून क्या बला है ये?
हर्ष कुछ बोल पाता, तब तक नीना रसोई में चाय लेने गई।
लौट कर आई तो टेबल पर चाय रखते समय ऐसे झुकी कि उसकी चूचियां हर्ष के सिर से जा टकराई।
जिससे हर्ष मुस्काया और बोला- आज सुबह रंगीन हो गई भाई साहब मैडम के चलते!
“ज्यादा रंगीन मत बनो, मेरे सवाल का जवाब दो वरना कल से इंट्री बन्द! वैसे भी बच्चे बाहर खेल रहे हैं, पाठ पढ़ा दूंगी।” नीना की आवाज़ कड़क हुई।
हर्ष ने खीस निपोरते हुए नई थिअरी परोस दी और बोला- बीमार होकर इलाज कराने के लिए हॉस्पिटल जाओ और बिंदास सेक्स करो।
मेरी ओर आंख नचाते हुए मेरी जानम ने कमेंट किया- हाय रे मेरा बच्चा, क्या बात है। सच में तेरा जवाब नहीं। वाह गजब एक्सपर्ट कॉमेंट मारा है।
आज सुबह हर्ष बहुत जल्दीबाजी में था, जिसके चलते उसने फटाफट चाय सुड़की और मेरे साथ ही मैडम से भी माफी मांगते हुए चलता बना।
हर्ष के बाहर निकलते ही नीना डार्लिंग ने हंसते हुए अपनी एंजॉय प्लानिंग मुझसे तुरंत शेयर कर डाली।
वह मुट्ठियां भींचते हुए चहक कर बोली- जानते हो,जल्दी मैं बीमार पड़ने वाली हूं। तीन-चार दिन तो कंप्लीट ट्रीटमेंट में लगेगा ही!
मैं चुप था और वह बोलती रही- तुम वहां मेरे अटेंडेंट बनकर रहोगे और डॉक्टर साहब होंगे डॉक्टर प्लस सर्वेंट। क्या कुछ समझे?
तब मैं अचानक मुस्कुराया और आंख मारते हुए अपने सीने से चिपक जाने के लिए इशारा किया।
मेरी ग्रैंड चुदक्कड़ नीना भला ऐसा मौका कब छोड़ने वाली थी; वह बिना देर किए सोफे पर धड़ाम से आ गिरी।
अब गदराई चूचियों को मेरे सीने से सटा दिया, पप्पियों की झड़ी लगाते हुए नीना ने केवल दो सप्ताह के भीतर ही मेरे साथ मेडिकल हनीमून सेलिब्रेट करने का वादा किया।
मैं समझ गया कि डॉ भगत बहुत जल्दी मेरी नीना रानी की कटार पर हलाल होने वाले हैं और मुझे उनके साथ भी हर्ष जैसे मुझे ओपन होना है।
खैर यह तो एक चर्चा थी और बात बीत गई और मेरे दिमाग से उतर गई।
एक दिन मैं ऑफिस में बैठा था।
मेरे मोबाइल पर मैडम की कॉल आई।
नीना की आवाज़ आई- आज दोपहर में मैं अचानक बीमार हो गई हूं, इसलिए हॉस्पिटल जा रही हूं। हर्ष मुझे हॉस्पिटल छोड़ने जा रहा है।
गहरी सांस छोड़ते हुए मेरी नीना बोली- तुम जल्दी से घर आ जाओ और बच्चों को मैनेज कर तुम भी अस्पताल पहुंच जाओ।
दरअसल मुझे याद नहीं रहा कि मेरी चुदैल बीवी नीना अपने मेडिकल हनीमून मिशन पर निकली हुई है।
मेरे मन में बेचैनी सी होने लगी कि आखिर नीना अचानक बीमार कैसे हो गई?
तभी याद आया।
मैं मुस्कुरा उठा। ओह! यह तो मैडम की दूसरी वाली बीमारी है, जिसका इलाज डॉक्टर भगत का लोड़ा है।
खैर दिल में मुस्कुराहट लेकर घर पहुंचा; फिर बच्चों को मैनेज कर हॉस्पिटल की ओर चल दिया।
हॉस्पिटल में प्राइवेट वार्ड की ओर रुख किया तो वहां पर हर्ष और नीना गप्पें लड़ाते हुए मिले।
कमरे में कोई और नहीं था तो मैंने हंसते हुए फ्रेंकली पूछ लिया- रिबन कट चुका है या मुझे काटना है?
इस पर मेरी ग्रैंड नीना ने तिरछी नजर से वार करते हुए कहा- टाइम किसी के लिए कभी रुका है क्या?
मैं समझ गया कि मैडम की ओपनिंग सेरिमनी हर्ष ने शुरू कर दी है।
जिससे इस पर मैंने हर्ष को थपकी देते हुए बोल पड़ा- कहां तक गाड़ी पहुंचाई?
हर्ष ने भी मजे लेने के लिए कमेंट कर दिया- कुछ नहीं भाई साहब, भाभी ने मुझे केवल बूब्स पिलायें हैं। सब कुछ तो आपको ही करना है। भाभी न जाने किस से डर रही हैं?
मैं समझ गया कि डॉक्टर के आने का समय हो रहा है और मैडम नहीं चाहती कि डॉक्टर को हर्ष के बारे में पता चले और न ही हर्ष को डॉक्टर के बारे में कुछ पता चले.
इस बीच हर्ष थोड़ी देर के लिए वॉशरूम गया कि मैंने मैडम को आंख मारते हुए कहा- डॉक्टर के आने का समय हो गया है। उसे पता चला तो तुम्हारी छुट्टी!
मैडम बड़े बेपरवाह अंदाज में बोली- क्या बात करते हो यार, किसी को कुछ नहीं पता चलेगा। ये सब गधे है, जो मेरी चूत सूंघते हुए चले आते हैं।
बहरहाल आज हर्ष को जल्दी थी इसलिए वह हम दोनों से माफी मांगते वहां से निकल गया।
मुश्किल से आधा घण्टा बीता होगा कि डॉ भगत ने एंट्री ली।
तब उनके चेहरे पर गजब की खुशी थी।
यह नेचुरल सी बात रही क्योंकि नीना जैसी सेक्सी मरीज की उनको कई दिन तक खातिरदारी करनी थी।
आज नीना अपनी चुदाई की ग्रैंड सेरेमनी की तैयारी पूरी कर लेना चाह रही थी ताकि वह पूरी तरह से ओपन होकर मजा ले सके।
तभी तो मेरे और डॉक्टर के बीच से पर्दा उठाते हुए वह बोली- डॉक्टर साहब ये मेरे हस्बैंड है और आप मेरे डॉक्टर। आप दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं।
नीना बिल्कुल सीरियस रही- मेरे हस्बैंड को यह पता है कि मैं यहां क्यों आई हूं। जब इनको भी पता है और आपको भी पता है तो हम सभी खुल जाएं न!
“हम लोग पर्दा करें, यह ठीक नहीं। हम ओपन माइंडेड है। हस्बैंड तो बहुत ही शानदार हैं। हम खुलकर अपनी जिंदगी जीते हैं अपनी शर्तों पर!”
“अगले चार दिन तक मैं इस हॉस्पिटल के इसी प्राइवेट वार्ड में रहूंगी। मेरे हस्बैंड रात में मेरे साथ रहेंगे और दिन में भी आते जाते रहेंगे।”
“डॉक्टर साहब ने भी अपनी नाइट ड्यूटी करा ली है, जिससे हम तीनों ओपन लव गेम खेल सकें, फुल इंजॉय के साथ!”
“सो डोंट हैव डाउट, लेट इट क्लियर!”
मैं चहक उठा- यस माय डार्लिंग!
“फिर तुम दोनों इतनी दूर क्यों खड़े हो?” तुरंत नीना ने यह सवाल दाग दिया- तो चलो दोनों हाथ मिलाओ। आपस में गले मिलो, क्योंकि चार दिन तक हम तीनों मेडिकल हनीमून इंजॉय करेंगे। करेक्ट?
हम दोनों एक साथ मैडम के सुर में एक साथ सुर मिलाए- बिल्कुल करेक्ट!
दरअसल यह हमारी शपथ थी मैडम की बिंदास चुदाई करने की।
आधी रात के बाद हॉस्पिटल में जब पिन ड्रॉप साइलेंस हुआ तो डॉक्टर फॉर्मेलिटी पूरी कर अपने केबिन रूम को लॉक कर हमारे प्राइवेट वार्ड में हाज़िर हो गए।
आखिरकार उनको अपनी फेवरेट मरीज की चुदाई करनी थी, वह भी उसके हस्बैंड के साथ थ्रीसम स्टाइल में।
दिल में भयंकर तूफान चल रहा था।
इधर नीना रानी के ख्यालों में मेरे बचपन के दोस्त अमित का गदहलंड नाच रहा था क्योंकि कई वर्ष पहले उसके साथ हुई थ्रीसम चुदाई को वह यादों से निकाल कर फिर से मज़ा लेना चाह रही थी।
लिहाजा कॉल बेल बजते ही नीना चहक उठी।
चुदाई की तैयारी में नीना ने बिल्कुल सेक्सी सा गाऊन डाल कर बेड में लेटी हुई थी।
मेरे दरवाजा खोलते ही डॉक्टर ने एंट्री ली और नीना बेड से छलांग लगा कर हम दोनों के पास आ गई।
फिर दोनों से सटते हुए हमें अपनी बाजू में लपेट लिया।
एकदम करीब होकर अपनी भारी भरकम कड़क और चुलबुली चूचियां सटाकर चैन की सांस लेने लगी।
एक चुदक्कड़ छिनार औरत नहीं बल्कि प्रोफ़ेशनल कॉल गर्ल जैसी नीना की बेशर्मी देखते बन रही थी।
वह बोली- बड़ी किस्मत से यह दिन आया है, जब मेरे पतिदेव के साथ डाक्टर साहब जैसे प्यारे दोस्त से आज चुदूंगी मैं। चलो, दोनों बच्चे अपने अपने कपड़े निकाल फेंको।
मैं तो मैडम के हुकुम की तामील में जुट गया मगर डॉक्टर को थोड़ी झिझक हुई।
लिहाजा नीना मुस्कुराई और डॉक्टर से बोली- नए नवेले दूल्हे की तरह शरमा रहे हो क्या? न जाने बाहर कितनी बार मेरी चूत का पानी निकाल चुके हो।
वह बोले जा रही थी- फिर भी मेरे पति के सामने नाटक मार रहे हो। आज मैं तुम्हारे लोड़े का भरता बनाती हूं। देखती हूं, तुम इसे बचा कर कहां ले जाते हो।
इस पर डॉक्टर ने अपनी झेंप मिटाते हुए कहा- ऐसा क्यों सोचती हो? हम सभी दोस्त हैं। दोस्ती का फर्ज हम सभी को निभाने आता है मैडम!
“और आज की दोस्ती का एक ही मतलब रहा बिंदास चुदाई!” नीना की आवाज अब कड़क हुई।
“बिल्कुल, वी ऑल आर एग्री!” मैंने सुर मिला नीना की के सुर में सुर मिलाया तो डॉक्टर ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए मुस्कुरा दिया।
तब तक नीना का हाथ डॉक्टर के लोड़े पर जा चुका था।
बिना देर किए उसने डॉक्टर के पैंट की जिप को नीचे सरका डाला।
अगले कुछ पल के भीतर डॉक्टर का लन्ड मेरी जानम के हाथ में था।
वाकयी डॉक्टर का हथियार मेरे बचपन के दोस्त अमित से कतई उन्नीस नहीं था।
तब तक मैं पूर्ण नग्न हो चुका था और मैडम के कपड़े हटाने में जुट गया।
लेकिन डॉक्टर का हथियार देखकर मैं मैडम का गाल नोचे बिना नहीं रह सका।
ठहाका लगाते हुए मैंने नीना से कहा- तेरी तो लॉटरी लग गई रे!
नीना ने काउंटर अटैक किया और बोली- दो साल से इस लॉटरी को इंजॉय कर रही हूं। तुम्हें नहीं पता था। आज से मालूम हो गया।
अब तक मैं अपनी न्यूड नीना की चूचियां मसलने लगा था और नीना डॉक्टर के लोड़े को।
साथ ही कमरे का माहौल गर्म हो गया।
हम हम तीनों की नंगे थे और तीनों के चेहरे पर खुशी तैर रही थी।
नीना मदमस्त होने लगी थी।
अगले कुछ मिनट के भीतर नीना की चूत से ओवरफ्लो होने लगा तो एक बूंद पानी टपक कर जमीन पर आ गिरा।
यह देख मैं और डॉक्टर दोनों हंस पड़े।
साथ ही एक कदम आगे बढ़ा कर मैंने डॉक्टर का लोड़ा अपनी मैडम की चूत के मुहाने पर लगा दिया।
अब डॉक्टर को कुछ करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि नीना अब तक गर्म हो चुकी थी।
लिहाजा उसने केवल एक झटके से अपनी चूत को डॉक्टर के लोड़े में ठोक दिया और वह आह … आह … की आवाज के साथ चीख पड़ी।
पीछे से मैं अपनी नीना डार्लिंग के मम्मे मसलने में जुटा चुका था।
माहौल मस्त था, बिल्कुल बिंदास।
मुझे इस मौके पर दिल से खुशी हो रही थी, क्योंकि कम ही चांस मिलते हैं जब इतने खुले माहौल में चुदाई हो।
कद काठी में डॉक्टर 5 फीट 9 इंच का गबरु जवान था, लिहाजा मुझे लगा कि अगर नीना उसकी गर्दन में अपनी बांहें डाल दे और कमर की उचाई से लंड पर चूत गचागच मारती रहे तो और भी मजा आएगा।
मैंने बिना देर लगाए डॉक्टर को यह स्टाईल सजेस्ट किया।
जब मैडम ने अपने टांगो को डॉक्टर के कमर से लपेट कर उसे बांहों का हार बनाकर उसे पेलने लगी तो मैंने खेल से अपने आप को अलग कर लिया ताकि मैडम फुल मस्ती के साथ एक राउंड खेल सकें।
मैं पेशेंट बेड पर अपनी टांग लटका कर अपनी चुदक्कड़ बीवी नीना की बिंदास चुदाई देखने लगा।
वाकई गजब का सेक्सी सीन था।
मैडम के मुंह से लगातार ‘आह्ह … हाय रे … आआई आई आई आई … गई री … हा हा हाय मेरी मां … हाय’ जैसी कई तरह की सेक्सी आवाज निकल रही थी.
और मैं मस्त होकर अपनी बीवी की चुदाई देख रहा था।
करीब 10 मिनट बीते होंगे इस खेल के … मेरी जानम पसीने से तरबतर होने लगी जबकि डॉक्टर लगातार धक्के लगाया जा रहा था।
मैडम अपने इस खास हनीमून को लेकर बहुत उत्तेजित थी जिससे वह पहले राउंड में ही बोल गई और जबरदस्त चीख के साथ डॉक्टर से बुरी तरह लिपट गई।
डॉक्टर बेचारा प्यासा ही रह गया और नीना उसे छोड़कर पेशेंट बेड पर निढाल पड़ गई।
थोड़ी देर बाद डॉक्टर का कड़क लोड़ा देखकर नीना बोली- तेरा क्या होगा रे कालिया?
“हुज़ूर मैंने आपकी चूत का पानी पिया है।” डॉक्टर ने जोक मारा।
“तो अब साले प्यासा मर, मैं तो नहीं देने वाली!” नीना ने मज़ा लिया।
“इतनी भी बेरहम मत बनो महारानी! तुम्हें भी जरूरत पड़ेगी इसकी, आज नहीं तो कल!” डॉक्टर अपने प्यार भरे अंदाज में गुर्राया।
“कल नहीं, अभी जरूरत है। चल, आ जा नौटंकीबाज कहीं का! लेकिन पहले मेरे पतिदेव … कितने चुपचाप बैठे हैं ये! देखो तो जरा!”
मेरे लन्ड के टॉप पर नीना की पतली उंगलियां फिसलने लगीं।
साथ ही नीना फिर से मूड में आने लगी।
वह इशारे में मुझे सब कुछ कह गई और मैं तुरंत नीचे गद्दा यानी चुदाई का प्लेटफार्म सजा दिया।
अब अब मैडम ने एक झटके में दो तकिये उठाकर गद्दे के बीचोंबीच रख दिये.
डॉक्टर जलीभुनी नजरों से देख रहा था क्योंकि यह तो उसके साथ खड़े लंड पर धोखा था।
जानम का इशारा पाकर मैं चित लेट गया।
मेरा लंड तो कड़क खड़ा था ही … मैडम सामने से आकर मेरे लंड पर सवार हो गई।
उधर डॉक्टर को मैडम ने इशारे से करीब बुलाया, मगर वह कुछ समझ नहीं सका।
आखिर वह अब क्या करे?
कुछ समझ में नहीं आ रहा था, फिर भी वह चुपचाप बैठ गया।
मैडम ने उसका लौड़ा पकड़ कर पीछे से डालने को कहा तो डॉक्टर को लगा जैसे मैडम आज आगे पीछे दोनों ओर से लंड लेंगी।
लेकिन यह क्या?
डॉक्टर की दो साल पुरानी यह पेशेंट तो अपनी गांड में लंड लेती ही नहीं?
आज इसे क्या हो गया अचानक?
डॉक्टर के दिमाग में यही बात नाच रही थी.
लेकिन मैडम का आदेश था … फिर तो उसको करना ही था।
डॉक्टर ने अपने लंड का निशाना मैडम की गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा पुश करने की कोशिश किया।
यह क्या हो गया?
मैडम उछल पड़ी- साले गधे, मैंने चूत में लंड डालने को कहा और तू साले गांड में डाल रहा है।
डॉक्टर हकलाया- लेकिन … लेकिन मैडम दोनों लंड एक साथ?
“हां रे हां … चल तू डाल तो सही … जाएगा, दौड़ के जाएगा। चल घुसा … पुश कर!”
इतना कह कर नीना मैडम मेरे सीने पर थोड़ा नीचे ओर झुकी और डॉक्टर ने मेरे मेरे लंड से सटाकर अपने लंड का चूत में निशाना साधा तो दोनों लंड एक साथ मेरी नीना की चूत में समा गए।
अब मेरी नीना रानी को अमित के लोड़े की याद आ गई और उस पर सेक्स का नशा सवार हो चुका था।
तभी तो वह शर्मो हया को दूर कर डॉक्टर के सामने ही अमित का नाम लेकर उसके लोड़े की तारीफ करने लगी।
न जाने मुझसे क्या क्या बकने लगी- आज इसे अमित का लौड़ा समझो और एक बार उसी स्टाइल में फिर चूत का भुर्ता बना दो, जिससे यह तीन दिन तक चोदने लायक न रह जाए। दोनों लंड मिलकर चूत को जड़ से हिला दो मेरे प्यारे पतिदेव!
कहते हैं न … इतिहास अपने आप को दोहराता है।
मैडम के साथ फिर वही हो रहा था।
आज फिर वह ग्रैंड दिन आ गया कि मैडम को जन्नत नसीब हो रही है।
इस दौरान हम तीनों के लंड चूत आपस में टकराते हुए भरपूर मस्ती लूट रहे थे.
पर तब तक एक नया प्रयोग हुआ।
हमें लगा कि हम तीनों की कमर में जैसे कोई स्प्रिंग लगा हुआ हो। हम तीनों की कमर लगातार हिल रही थी।
जाहिर तौर पर हम तीनों ही अंतरिक्ष की मजेदार सैर कर रहे थे।
साथ ही हम तीनों आपस में गालियां देते हुए सिसकारी मार रहे थे।
कमरे में भयंकर आवाज गूंज रही थी।
होश नहीं था कि किसके बदन पर किसका हाथ चल रहा है, लेकिन मैडम के बड़े बड़े मम्मे कभी खाली नहीं रहे।
कभी मैं चूचियां पीता, निप्पल मसल देता या सहलाता तो कभी डॉक्टर भगत!
लेकिन दोनों के लंड उनकी चूत में एक साथ अंदर बाहर हो रहे थे।
हम दोनों बड़े प्यार से एक साथ मैडम के जिस्म से खेलते रहे और मैडम को भी इस समय मस्ती का वरदान मिला था।
डॉ भगत के लिए आधे घंटे की चुदाई के इस ग्रेट सेशन की याद आज तक जिंदगी की सबसे बड़ी धरोहर है क्योंकि इससे पहले ऐसी मस्ती तो वह सोच भी नहीं सकते।
लेकिन नीना और मेरा तो यह रिन्यूअल था, जिससे हम दोनों ही अमित की चुदाई के मस्त यादों में खो गए।
तो मित्रो ‘मेरी चालू बीवी का मेडिकल हनीमून’ ओपनिंग सेरेमनी की खास याद कैसी रही?
आप अपनी प्रतिक्रिया हमें जरूर भेजें।
यह Xxx वाइफ हॉट स्टोरी आप दोस्तों और सहेलियों को कैसी लगी, हमें जरूर शेयर करें तो अच्छा लगेगा। ताकि मैं अपनी चुडक्कड़ नीना की चुदाई की कई अन्य कहानियां लिखने का साहस कर सकूं।
जल्दी ही मिलते हैं अपनी नीना की नई सेक्स कहानी के साथ!
आपका अपना दोस्त
रितेश शांडिल्य
beenaritesh85@gmail.com