“हलकी बारिश हो रही थी बस अँधेरे में पहाड़ की वादियों से होकर निकल रही थी!
खाली बस में हम वो मेरे लंड पर बैठी थी और मैं उसके कंधे को चुम रहा था . . . . . . . “
दोस्तों मेरा नाम है वीरू हैं मेरी उम्र 32 वर्ष हैं!
मेरी बीवी को मरे कुछ साल हो गए हैं और मैं तबसे सिंगल हूँ!
दूसरी शादी की कभी इच्छा नहीं हुई!
तो ये कहानी Manali Sex Story मेरे दोस्त की वजह से संभव हो पायी हैं!
दरसल बीवी के जाने के बाद मैं अकेला हो गया था किसी से बात नहीं करता था अकेले घर में रहता!
घर से बहार न निकलना, दोस्तों से दूर, फॅमिली से दूर अकेला शांत !
अब मेरे दोस्त से रहा नहीं गया मेरी बुरी हालत देख कर तो उसने जबरदस्ती मुझे थोड़ा घूमने के लिए भेज दिया!
उसने मुझे उत्तराखंड, हिमाचल और ऐसी खूबसूरत वादियों में भेजा!
पहले मैं जाना नहीं चाहता था लेकिन उसका शुक्र गुजार हूँ की उसने मुझे यंहा भेजा !
मैं जब हिमाचल पहुंचा तो वंहा मेरे साथ बस में एक महिला थी , जो आगे काफी लम्बे सफर के लाइफ साथ थी!
हम सरे टूरिस्ट एक साथ एक साथ एक ही बस में थे, एक ही ढाबे पर खाना खाते, सब आपस में बाते कर रहे थे!
बस वो महिला और मैं चुप थे सबकी बातो पर हस्ते, मुस्कुराते और खिड़की से बहार देखते!
हां बिच बिच में वो मुझे देखती और मैं उसे हम दोनों की आँखों में वो दर्द छुपा था ये साफ़ था!
हम दोनों के बिच हलकी फुलकी बात ढाबे पर खाना खाते वक़्त हुई!
दोनों की आवाज में दर्द छिपा था, तो हमने धीरे धीरे करके कोशिश करि और अपने अंदर की सारी बात निकाल दी!
हम दोनों ही रोने लगे क्युकी उस महिला ने अपने परिवार और पति को खो दिया था और मैंने अपनी बीवी!
हम बहुत रोये और एक दूसरा का हाथ थाम लिया और गले लगे ताकि हमे अच्छा लगे!
बस चालू हो गयी हम बस में बैठ गए!
धीरे धीरे बस से लोग कम होते गए और हमारे अंदर का भोज भी काम होता गया!
देखते ही देखते सिर्फ वो महिला और मैं बस में बचे थे!
वो मुझे अपनी खूबसूरत आँखों से देख रही थी और मैं भी उसकी आँखों में डूब गया!
मैं सबसे लास्ट वाली सीट पर था और वो उठकर मेरे पास आकर बैठ गयी (Bus Mein Chudai)!
हम दोनों की दिल की दड़कन बड़ी हुई थी और हम दोनों ने एक दूसरे से कुछ नहीं कहा!
बस आँखों ही आँखों में बाते हो रही थी, उसका हाथ मेरे हाथ पर लगा, तो उसने हाथ पीछे किया!
हम बार बार एक दूसरे को देखते और शर्मा कर निचे मुँह कर लेते!
फिर मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा और वो फिर मुझे देखने लगी!
हलकी हलकी बारिश शुरू हो गयी और मैं उसके करीब आया वो मेरे करीब!
अँधेरा था ड्राइवर ने लाइट बंद कर रखी थी रात का समय पहाड़ो के बिच बस में!
उसने मेरे होंठ चूमे और ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर का सारा दर्द बहार निकल रहा हो!
मैंने भी उसे प्यार से चूमा और हमारे बिछे बहुत लम्बी चुम्बन चली जो करीब 10 मिंट तक होगी!
उसके होंठो का स्वाद मेरी उजड़ी दुनिया में जान डाल रहा था!
वो खड़ी हुई और उसने अपने सूट का नाडा ढीला कर दिया और सूट के साथ अपनी पैंटी भी जांघो तक सरका दी!
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