पहले भाग 1 पढ़े तभी भाग-2 समज आएगा!
पर जो भी हो धन्य को उस कॉकरोच का जिसकी वजह से इतना सुनहरा बदन देखने को मिला!
काक्रोच तो अपना काम कर के वापिस भाग गया था और फिर रीतिका अपने कपड़े बदलने चली गयी!
फिर हम एक साथ बैठे वो चुप बैठी थी मैंने पूछा क्या हुआ तुम्हे? उसने बोला तुम मुझे बिना कपड़ो के देखते हो और बोल रहे हो क्या हुआ तुझे?
मैं हसने लगा मैंने कहा नहीं देखा मैंने तुमने हाथ रखा हुआ था यार! बाकी धन्य को काक्रोच का और मैं हसने लगा!
वो बोली मतलब तुम देखना चाहते थे हेंना? मैं हसने लगा और बोला अरे यार क्या ही बोलू अब मैं!
वो बोली नहीं नहीं तुम्हे देखना हैं न देखो न देखो पूरा देखो! मैंने बोला हां देखना है दिखाओ अब दिखाओ मुझे पूरा देखना हैं देखु जरा दिल्ली की लड़किया कैसी होती हैं!
वो हसने लगी और बोली इतनी आसानी से नहीं दिखाउंगी तो उसने कहा एक ताश की गेम खेलते हैं जो जीता वो अपनी मर्जी की चीज करवाएगा और बात इस घर तक रही चाहिए!
साला इन्हे कोन समझाये मैं खाली समय में ताश ही खेलता था फिर क्या था गेम शुरू हुई और उसे मैंने बुरी तरह हरा दिया!
मैंने उसे कपड़े उतारने को कहा वो बोली हां पता था ठरकी तू एहि बोलेगा!
फिर उसने कपड़े उतारे और बूब्स और चूत हाथ से छुपा दिए, मैंने कहा हाथ हटाओ!
उसने कहा यार शर्म सी आ रही हैं मैंने कहा मेरे कोई नहीं हैं यंहा प्लीज! उसने कहा ठीक हैं उसने धीरे से अपना हाथ हटाया!
अह्ह्ह क्या चूत थी उसकी चिकनी बाल साफ़ किये हुए थे और बूब्स तो जैसे दूद की फैक्ट्री हो!
मैं खड़ा हुआ वो कहने लगी ओह हेलो मेरे पास मत आओ यार बात सिर्फ दिखाने की हुई थी!
नो, नो, प्लीज और मैंने उसके होंठ पर किस करली अह्ह्ह क्या मजा आया यार मुलायम होंठ थे उसके!
फिर वो भी शांत हो गयी और साथ देने लगी, मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया वो टांगे बिचने लगी!
बहुत गरम माहौल हो चूका था मैंने उसके चुत्तड़ पकडे मस्त गोल चुत्तड़ थे उसके! फिर मैंने उसके बूब्स चूसे बिलकुल मखन जैसे मुलायम थे मस्त निप्पल थे उसके!
मैंने उसको लंड चूसने को कहा वो नखरे दिखाने लगी और मैंने समझाया उसे की मैं जीता हूँ जो बोलूंगा वो करूंगा!
उसने मुँह बनाते हुए कहा हां ठीक है एक बार कर रही हु फिर दोबारा की उम्मीद भी मत करना!
मतलब घमंड तो उसका अलग लेवल पर था तभी तो मजा आ रहा था! उसने बाल पीछे बांदे और मेरे लंड को मुँह में लेलिया!
लप लप छप चप करके मस्त लंड चुसाई करने लगी! फिर मैंने उसको लिटाया और उसकी चिकनी चूत चाटने लगा!
सही बोलते थे मेरे दोस्त की दिल्ली वाली लड़कियों की बात और स्वाद ही अलग हैं! अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक झटके में अंदर देदिया!
वो चिल्लाई ओह्ह माय। …… धीरे करो यार आहिस्ते एक बारी में नहीं घुसाते! मैंने सॉरी बोला और धीरे धीरे चुदाई करने लगा!
आह मेरी किस्मत में इतनी सेक्सी चूत कंहा थी ये तो किस्मत हैं मेरी! मैं तो मस्त चुदाई कर रहा था और वो मुझसे चुदते हुए बात कर रही थी की अगर किसी को बताया न बेटा फिर तू गया!
थोड़ी देर बाद मेरे सारा माल निकल गया उसकी चूत में और वो मुझे किस करके चूत धोने चली गयी!
दोस्तों सारी दिल्ली की लड़किया ऐसी नहीं होती ये तो किस्मत से मिली हैं बाकि कहानी को मनोरंजन के लिए पड़े!