दोस्त की बीवी सेक्स स्टोरी ये कहानी समझने के लिए पिछला भाग-1 पढ़ें यहाँ क्लिक करके !
गुस्से से चिल्ला कर बोली तुम अंदर क्यों आए जब तुम्हें पता है मैं नहा रही हूं।
मैंने उसे बोला की इतने दिन से आप दुकान पर नहीं आए आपका सूट देने आया था।
मैंने यह भी कहा कि मुझे आपसे बात करनी है नहा कर जल्दी बाहर आए और मुझे माफ कर दे।
उन्होंने कहा मुझे यहां से चले जाओ और ना अपने पति को सब बता दूंगी।
मैंने उन्हें कहा बता देना मैं डरता नहीं हूं और मैंने तुम्हें यहां ब्लैकमेल करने नहीं आया बस मुझे बात करनी है।
मैं बाहर चला गया है ना तो कर आई मुझे पूछना कि क्या चाहिए तुम्हें।
मैंने उनसे कहा कि मुझे वह पसंद है पर काफी दिन हो गए मैं उस बात को भूल नहीं पा रहा हूं।
उसने कहा वह गलती से हो गया था उस बात को भूल जाओ।
मैंने कहा कि भूलना इतना आसान नहीं है पहली बार किसी ने मुझे इतने प्यार से चुम्मा था।
मैंने उसे पूछा कि आपकी शादी को सिर्फ 1 साल हुआ है और आपने ऐसा क्यों किया ?
उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं बताना बस तुम यहां से चल जाओ मैं तुम्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करती हूं बस वह गलती से हो गया।
इतने पता नहीं कहां से उसका पति आ गया दरवाजे पर और मैं घबरा गया उसके मुझे अलमारी में छुपा दिया।
उसका पति कुछ सामान भूल गया था उसे ही वापस लेने आया था अपनी बीवी को भीगे बाल में देखकर उसे चूमने लगा।
अलमारी से मैं सब देख रहा था उसकी बीवी से मना कर रही थी कि मत करो रात को करेंगे अभी सही समय नहीं है।
पर उसका पति नहीं माना और उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके बूब्स चूसने लगा।
वाह क्या गजब का फिगर था उसका इतनी सेक्सी लग रही थी कि मन किया अभी अलमारी सभा रहा हूं और उसके पति को मार कर सेक्स करने लग जाऊंगा उसकी बीवी के साथ।
उसकी पत्नी उसे कोशिश कर रही थी कि ना हो क्योंकि उसे पता था कि मैं सब देख रहा हूं।
मैं अपनी पत्नी की चूत चाटने लगा और फिर अपना लंड उसे चूसने को कहा।
पर मैंने एक बात तो तस्करी इतनी देर मत मेरा लंड खड़ा हो चुका था पर उसका नहीं हुआ।
काफी देर से लंड चूसने के बाद उसका थोड़ी देर खड़ा हुआ और जैसी वह चूत में डालने लगा उसका तभी झड़ गया।
उसका पति गुस्से से बाहर चला गया कपड़े पहनकर बाइक स्टार्ट करें और चला गया।
उसकी बीवी ने कपड़े नही पहने थे वह चुपचाप नंगी बैठी थी!
मैं अलमारी से बाहर आया और उसकी आँखों में आंसू थे उसने कहा देख लिया होगा तुमने सब!
जो तुम्हे जानना था और देखना था वो तो हो ही गया हैना तुम्हे !
मैन उससे पूछा तुमने मुझे बचाया क्यों? तुम चाहे तो बता सकती थी मैं आलमारी में हूँ!
वो चुप रही फिर मैंने उसे समझाया कि ये बात मैं किसी को नही बताऊंगा की तुम्हारे पति का खड़ा नही होता!
मुझे माफ़ कर दो और मैंने उसके आंसू पोछ लिए ओर से कपड़े पहनने को कहा! कपड़े पहनने के बाद मैंने उसे गले से लगा लिया और कहा मैं समझ गया तुम्हारा दर्द !
इतना बोलकर मैं वंहा से चला गया ओर पूरे रास्ते यही सोचता रहा कि मुझे लगा मैं अपने दोस्त को जनता हूँ पर उसने तो मुझे ये सब बताया नही की उसका खड़ा नि होता !
काफी दिन हो गए और फिर एक दिन वो मेरी दुकान पर आई ठीक उसी समय जब मैं अकेला होता हूँ!
मैं चुप रहा उसने कहा कि उसे अंडरगारमेंट्स चाहिए मुझे उनका साइज पता था तो जैसे ही मैं दिखाने जा रहा था उन्होंने कहा लाल रंग के चाहिए!
वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी मैंने उन्हें लाल रंग वाले ब्रा पैंटी के जोड़े दिखाए ओर उन्होंने महँगे वाले जोड़े लिए!
उन्होंने पैसे दिए पर समान लेकर नही गयी कहा घर पर दे जाना शाम को !
शाम को करीब 8:30 बजे के आस पास मैं उसके घर गया तो देखा उसका पति फिर से जा रहा था मैं इंतजार करता रहा!
जैसे ही वो गया मैं उसके घर चला गया वो अंदर अकेली थी उसने कहा लाओ मेरे अंडरगार्मेंट्स!
मैंने उसे दे दिए और कहा बस इतना ही इसी लिए बुलाया था?
उसने कहा तो तुम्हे क्या चाहिए?
मैंने कहा मेरे सामने पहनना होगा तुम्हे ये!
उसने कहा अच्छा जी बहुत डिमांड है तुम्हारी!
मैंने कहा इतनी रात को बुलाया हैं तो कुछ तो लेकर जाऊंगा!
फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू पकड़ा और खींच दिया जबतक वो ब्लाउज ओर पेटिकोट में न आ जाए!
आखिर में ब्लाउज ओर पेटिकोट में आ गयी वो बहुत सुंदर थी और उस समय तो अप्सरा लग रही थी!
मैंने उसका ब्लाउज भी उतार दिया और उसका पेटिकोट उसकी गोरी जांघों से होकर सरकता नीचे गिर गया!
अब वो ब्रा ओर पैंटी में थी, तो उसने कहा लाओ दो मुझे!
मैंने उसके नए ब्रा पैंटी उसे दिए और उसने आहिस्ता से अपने ब्रा ओर पैंटी सरका कर उतारी!
वो पूरी नंगी हो गयी थी कसम से जहर लग रही थी और ऐसा जहर मैं एक गुट में पी जाऊ! उ
सकी चूत पर हल्के बाल थे चुचे बड़े और गांड भी चौड़ी थी!
चेहरे पर चुदाई से पहले होने वाली हवस ओर मुस्कुराहट थी!
उसने नई ब्रा ओर पैंटी पहनी ओर उसमे तो ज़बरदस्त लागरी थी लाल रंग उसपे सूट कर रहा था!
मैंने उसे बाहो में लिया और उसके होंठ चूमने लगा बड़े लज़ीज़ होंठ थे उसके!
धीरे धीरे मैंने उसके शरीर के हर हिस्से को चूम लिया और फिर उसकी नई ब्रा को उतारने लगा!
तभी उसने मेरे हाथ रोके कहा नई ब्रा ओर पैंटी इसीलिए नहीं पहने ताकि तुम उसे उतारो!
मैंने कहा तो उसने अपनी ब्रा पहनी रखी और उसमें से बूब्स बहार निकल लिए ओर पैंटी को सरका दिया जंहा से चूत में लंड जाए!
मैंने उसके बूब्स चूसे ओर लंड सीधा चूत में डाल वो मदहोशी में झूम गयी क्योंकि उसके पति ने कभी उसे ऐसा सुख नही दिया होगा!
उसके आंसू आ गए खुशी से ओर में दकके पर दकके मारकर चुदाई कर रहा था!
उसकी चूत से पानी बहने लगा मतलब उसका हो गया था पर मेरा अभी चालू था!
उसके होंठ चूमना बूब्स के निप्पल खिंचना ओर चूत मरना बहुत ज्यादा सुकून था!
कुछ देर चुदाई के बाद मेरी उत्तेजना बढ़ गयी और मैंने जल्दी जल्दी चुदाई करनी शुरू करदी वो चिल्लाती रही धीरे करो आह आह आ आ आ प्लीज पर में झड़ने वाला था और आखिर में मेरा झड़ गया!
सारा माल चूत में निकाल दिया मैंने और वो संतुष्टि से गले मिलने लगी और कहा रोज मेरी प्यास बुझाओगे?
मैंने कहा जब तुम कहोगे तब आ जाऊंगा में!
उसके बाद तो चुदाई का सिलसिला चलता रहा और दोस्त की बीवी को मैंने खुश कर दिया!
अलग अलग दिन अलग अलग ब्रा ओर पैंटी उसे गिफ्ट करता और उसी में उसकी चुदाई!