दिल्ली में बादशाह-सुलतान-रफीक के बीच  युद्ध -02

 सुंदरियों का परिचय 

सुल्ताना का विनम्र,   मिलनसार, व्यवहार उसकी सहेलियों  के बिल्कुल विपरीत था। उसकी सहेलियों  ज्यादातर दिखावटी थी, अपनी शानदार -जांघों और अच्छी तरह से आकार की टांगो  को दिखाने के लिए तंग सलवार  और अपने स्तनों को दिखाने के लिए तंग और कसी हुई  कमीज और चोली पहनती थी ।

सबसे पहले  गुलनाज़  बेसिन से बाहर निकली और  एक नया शर्बत उठाकर वापस  स्नान कुंड  में लौट गयी । जैसे ही चलती हुई वह मेज तक  गई और वहां से वापस कुंड में चली गई, परवेज को उसके नग्न पंजाबी शरीर के  हर तरफ से एक पूरा नजारा मिला – जो  केवल उसके कुलीन  पंजाबी शोहर के देखने के लिए  था। परवेज गुलनाज के पंजाबी शोहर गुलबाज को अच्छी तरह से जानते थे।   गुलबाज मूल रूप से लाहौर के पंजाबी दरबार का  सदस्य था  अपने  गहरे सैन्य ज्ञान के कारण, दिल्ली में आमंत्रित किया गया था। हालाँकि, बादशाह के दरबार  में हर कोई जानता था कि गुलबाज को वास्तव में सैन्य मामलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, और इसका असली कारण यह था कि गुलनाज बेगम बादशाह की प्यारी थी। गुलनाज़  धनी पंजाबी मोहतरमा थीं, और एक सरू के पेड़ की  की तरह लंबी और बहुत एथलेटिक ही नहीं  बल्कि भारी-भरकम  महिला थीं।

हिन्द  की अन्य सुंदरियों के विपरीत, गुलनाज़ की पंजाबी त्वचा न केवल गोरी  थी, बल्कि शाम की धूप में सकारात्मक रूप  चाँद की तरह चमकती थी।  सुल्ताना की तुलना में थोड़ा लंबी , उसका फिगर कामुक था,  उसका  सुंदर सममित चेहरा  एक तेज मुस्कान लिए हुए था । जैसे-जैसे वह चल रही थी, उसके भारी कूल्हे डगमगा रहे थे   और उसके  हर कदम पर उसके नितम्ब थिरक रहे थे ।

और जब वह हौले-हौले घूम कर कुंड की और  लौटी तो  परवेज  को उसकी  पंजाबी योनि के प्रत्यक्ष रूप का शानदार नजारा मिला । परवेज ने  गुलनाज़ की मोटी  और गुदाज जाँघे देख अंदाजा लगाया की रात में उसकी मजबूत जाँघें उत्सुकता से उसके  प्रेमी के चारों ओर चिपक जाती थीं और उसे अपने पैरों के बीच मजबूती से जकड़ लेती होगी । उसकी  योनि  मांसल और बालों वाली थी। काले बालों की घाटी के आकार के पैच के नीचे, परवेज  ने  उसकी योनि के  खुलने वाले होंठों को स्पष्ट रूप से देखा । ओह !, परवेज  का मन हुआ की वह उसकी  प्यारी पंजाबी चूत  में अपना लंड  डाल सके.

ओह ! , ये नजारा देखने के बाद  अब परवेज  चाहता था कि गुलनाज अपने मजबूत सफेद पंजाबी पैर उसके नितम्बो  के चारों ओर लपेटे और वो  वह अपने  जाँघें से उसके नितम्बो के अपनी तरफ  दबाये . वो सोच रहा था अगर ऐसा हुआ तो  उसके शोहर गुलबाज और बादशाह के बाद, वह  गुलनाज के साथ आनंद लेने वाला  केवल तीसरा  साहिब होंगा !

फिर वो सोचने लगा काश वो बाकी तीनो सुंदरियों के भी हुस्न का दीदार  कर सके तो मजा दुगना और चौगुना हो जाएगा तो मानो उसकी प्रार्थना का उत्तर देने के लिए मल्लिका जल्द ही उठ खड़ी हुई और  एक गिलास शर्बत लेने के लिए कुंड से बाहर टेबल की और चल दी  जहाँ गिलास रखे हुए थे । जैसे ही वह संगमरमर के फर्श के पर आयी, परवेज को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसने अद्भुत  राजस्थानी  सौंदर्य को देखा । बेशल , परवेज  मल्लिका के  शोहर  राज मोहन साहिब को अच्छी तरह से जानता था – , जो बादशाह  के दरबार के सबसे प्रमुख राजस्थानी सल्तनत का  सरदार  था । वह राजस्थान में से  का राजस्थानी  सल्तनत का  सरदार  था , ये लोग वे कुशल योद्धा  थे जो बादशाह की  सेनाओं का एक बड़ा हिस्सा थे  और बादसाह के  साम्राज्य के लिए बेहद वफादार सेनानी थे।

राज मोहन साहिब  मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले,   सूर्य-पूजा का बारीकी से पालन करते थे। वास्तव में,  वे बादशाह  के प्रति इतने समर्पित थे कि वे   बादशाह की  सेना  में आधे से अधिक घुड़सवार- सेना का अभिन्नं भाग रहे हैं और उन सभी युधो में उन्होंने बादशाह का साथ दिया है  जिन्हें खलीफाओं को विद्रोही अलगाववादियों के खिलाफ क्षेत्र की एकता बनाए रखने के लिए लड़ना पड़ा।

और परवेज जानता था कि  राजस्थानी  आमतौर पर अपने कीमती और शानदार  ओरतों की रखवाली करने में बहुत सावधान रहते थे। लेकिन यहाँ, परवेज को एक नंगी  रानी का  पूरा दर्शन मिला  था! चलते-चलते उन्होंने मल्लिका के शानदार  जिस्म  का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। वह एक सरू की तरह पंजाबी गुलनाज जितनी ही  लंबी थी। हालाँकि, पंजाबी सुंदरी के अलावा उसकी विशिष्ट  सुंदरता ये  थी, वह यह थी कि  वो पतली और नाजुक थी। हालाँकि, उसके भारी सफेद स्तन और बड़े उभरे हुए कूल्हे, उसके पतले फिगर पर अप्राकृतिक लग रहे थे। जैसे ही वह मुड़ी, उसे उसकी सुरक्षित शानदार  फुद्दी का नजारा देखने को मिला।  और वो सोचने  लगा की उसका  मोटा   अवधी लंड  इस छोटी सुन्दर और नाजुक राजस्थानी फुद्दी में कैसे घुसेगा !

उसने सोचा  वो इस रानी को अपने लंड के जलवे से अपनी बना लेगा   इसके साथ ही उसके अपने लंड को जोर से  सहलाया । जबकि अन्य शासको ने जीतने के लिए  तलवार और जोर जबरदस्ती का इस्तेमाल किया है वो  इस  दूसरी तलवार का इस्तेमाल करेगा ।

   जब मल्लिका वापिस कुंड में आ  गयी तो थोड़ी देर बाद,  महिमायुक्त  नग्न  रीमा  बेसिन से उठी, और फिर एक गिलास शर्बत लेने के लिए मेज पर चली गई। इस यात्रा के दौरान, परवेज को उसके खूबसूरत शरीर की   झलक मिली, जिसे आम तौर पर उसके बंगाली बाबू शोहर ही देख सकते थे।  बिलकुल  शाही दरबारी होने के कारण  परवेज  रीमा के   बंगाली बाबू  शोहर को भी जानता था,  जो सरकार   में मुख्य मुंशी (लेखाकार) के रूप में काम करता था  और नौकरशाही में एक बहुत ही प्रमुख पद पर आसीन था, जिसने उसे दिल्ली में बादशाह के दरबार तक पहुंच प्रदान की हुई थी । रीमा ठेठ बंगाली सुंदरी  थी। वह अन्य तीन  महिलायो  से  कद  में छोटी थी, लेकिन उसके   शरीर के अन्य अंग  विशाल आकार के थे । उसके दूधिया-सफेद बंगाली नितंब बड़े पैमाने  के थे, जो मुर्शिदाबाद के दो विशाल तरबूजो  की तरह उसके शरीर से बाहर निकले हुए थे । जब वो  वह चल रही थी तो  परवेज ने बड़े सफेद  नितंबो के  गालों को हिलते-डुलते और हर कदम पर कंपन करते हुए देखा।

वास्तव में, उसके नितम्ब  इतने बड़े थे कि चलते-चलते वे बग़ल में घूमते थे, उनका विशाल आकार उसे एक सीधी रेखा में भी चलने से रोकता था जिन्हे सहारा देने के लिए स्वाभाविक रूप से मजबूत  जांघों की आवश्यकता थी।  इसी तरह से  उसके विशाल दूधिया स्तन  भी असामान्य रूप से बड़े थे – वे बंगाली दूध के कंटेनर थे।

यह एक कमाल ही था  कि उसकी संकीर्ण कमर उसके विशाल दूधिया स्तनों को संभल पा रही थी और कि  उसके जैसे बड़े कूल्हों पर उसकी पतली कमर टिकी हुई थी ।   उसकी कामुक  योनि इतनी बड़ी और मांसल थी कि रीमा की जाँघें उसके कूल्हों के जोड़ को भी नहीं छूती थीं, जिससे उसके जननांगों के लिए एक बड़ा अंतर रह गया  था। इस बीच, उसकी टाँगे चिकनी और उसके पैर भी बड़े और प्यारे थे, उसके बड़े पैर की उंगलियां बाहर निकली हुई थीं, जिससे उसके लाल रंग के नाखून रसीले और कामुक दिखाई दे रहे थे। उसके छोटे कद के कारण  शरीर   के बड़े हिस्से सामान्य से भी बड़े लग रहे थे।

परवेज सोच रहा था  रीमा उसके  प्यारे शरीर के हर हिस्से की पूजा करना कैसे पसंद करेंगी !  उसने मन ही मन सोचा,  अगर वो कर स्का तो वह उसके अद्भुत  जिस्म  पर चढ़  जाएगा, और  पूरे दिन उसकी मीठी बंगाली फुड्डी को चोदने में कितना आनंद आएगा  ।

जारी रहेगी

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