लाइफ हो तो ऐसी पार्ट 1

इस कहानी को सुने ☝🏻 ☝🏼

लेखक- सीमा सिंह

नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी सीमा सिंह, आप मेरे  नियमित पाठक को सामने एक नई कहानी लेकर आई हूं मैं चाहती हूं जितना प्यार आपने मेरी और कहानियों को दिया उतना ही प्यार इस कहानी को मिले।

मैं आपको बता देना चाहती हूँ कि मेरी सभी कहानियाँ काल्पनिक हैं, जिनका किसी से भी कोई सम्बन्ध नहीं है, अगर होता भी है, तो यह मात्र संयोग ही होगा।

एक शोक सभा में दो बूढ़े आदमी एक दूसरे से बात कर रहे थे, उसमे से एक बूढ़ा आदमी बोला बहुत बुरा हुआ इन दोनों लड़कियों के साथ।

उन दोनों सहेलियां (जोकि कजन भी है)ने एक साथ दोनों ने अपने अपने पति को खो दिया, तभी दूसरा बूढ़ा बोला भरी जवानी में दोनों विधवा हो गई, तभी पहला आदमी बोला मैंने तो सुना है कि कुछ महीनों पहले ही दोनों लड़कियों ने एक एक लड़की को जन्म दिया है।

तभी दूसरा आदमी बोला तुम सही कह रहे हो भाई, दोनों एक घर एक एक लड़की पैदा हुई है और एक लड़की के तो पहले से ही एक और लड़की है।

इस घटना के 18 साल बाद……..

असलम बाहर की खिड़की के पीछे छुप कर देख रहा था कि किस तरह वो मोटा और लंबा लंड उसके मुँह के अंदर बाहर हो रहा था, उसके होठों ने उस लंड को अपनी जीब से जकड़ा हुआ था।

और उसकी लंबाई और मोटाई का मज़ा ले उसे बड़े मजे से उसे चूसे जा रही थी, उसका मुँह ऊपर नीचे हो रहा था, और अनवर बड़े प्यार से उसे देख रहा था।

कमरे के अंदर के नज़ारे को देखते हुए असलम ने अपने लंड को अपनी लोअर को नीचे कर अंदरबियार से लंड को आज़ाद किया और अपनी मुट्ठी उसके इर्द गिर्द कस दी।

उसके दिल में आ रहा था कि काश उसके ताऊजी के लड़के अनवर के लंड की जगह उसके खुद का लंड उस प्यारे मुंह के अंदर बाहर हो रहा होता।

जिस तेज़ी से उसका मुँह उस लंड के ऊपर नीचे हो रहा था, असलम अपने लंड को उसी तरह मुठियाने लगा, वो उसके मुँह के साथ ताल से ताल मिला रहा था।

उसका दिल तो चाह रहा था कि काश यहा खिड़की के पीछे होने की जगह वो कमरे के अंदर होता, पर वो ऐसा कर नही सकता था।

असलम अकेला नहीं था जिसकी हालत खराब हो रही थी, इसी कमरे के दूसरी तरफ की एक खिड़की पर एक लड़की खड़ी हुई थी।

जो अंदर के नजारे को देखकर गर्म हो रही थी, और अपनी लेगी में अपने एक हाथ को डाल के अपनी चूत को अपने पैंटी के ऊपर से सहला रही थी।

इधर असलम की नज़रें उस लड़की के ऊपर गढ़ी हुई थी जो मुँह को ऊपर नीचे कर बेडरूम के अंदर उस लंड को चूस रही थी।

वो पतली थी, किसी खिलाड़ी की तरह उसके लंबे बाल बार बार उसके चेहरे के आगे आ जाते लेकिन वो अपने बालों को रह रह कर पीछे कर देती।

असलम उसके सुंदर चेहरे को देख रहा था, गोल चेहरा पतले बारीक होंठ, और उसकी गुलाबी जीब जो उस लंड पर फिरक रही थी।

गोरा चिकना बदन और सबसे प्यारी उसकी काली आँखे, जो किसी को भी आकर्षित कर सकती थी और उन्हें मदहोश कर सकती थी।

असलम की आँखे उसके चेहरे से थोड़ा नीचे फिसली, जहाँ उसे दो प्यारी और भरे हुई स्तन दिखाई दिए, जो किसी पके हुए आम की तरह अपने सिक्रेट बॉयफ्रेंड के सामने उसकी छाती पर झूल रहे थे।

असलम का भाई अनवर अपनी सिक्रेट गर्लफ्रेंड की जीब का मज़ा अपने लंड पर ले रहा था, फिर उस दोनों ने अपनी पोजिशन को बदला।

इस पोजिशन में असलम को कपड़ो के होते हुए भी उसकी पतली कमर और गोल गोल चूतड़ देख असलम का मन मचलने लगा।

दूसरी खिड़की पर खड़ी लड़की बहुत गर्म हो गई थी, वो अभी भी अपने एक हाथ से अपने चूत को रगड़ रही थी, और अपने दूसरे हाथ से अपने मुंह के बंद किए हुई थी।

जिससे उसकी सिसकारियां मुंह से बाहर न आ जाए, वही कमरे में वो लड़की जितना जोरों से अपने बॉयफ्रेंड के लंड को चूस्ति असलम उतनी जोरों से अपने लंड को मसलने लगता।

लड़की ने अपना चेहरा उठाया और अनवर के लंड को अपनी मुट्ठी मे भर मुठियाने लगी, असलम देखता रहा, असलम को मालूम था कि अनवर का लंड पानी छोड़ रहा है।

और वो लड़की उसके पानी को अपने मुँह मे ले पी रही है, असलम से सहन नही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को मसलने लगा।

आख़िर उसके लंड ने पानी की धार छोड़ी, जो खिड़की के नीचे दीवार पर जा गिरी, दूसरी ओर उस लड़की ने भी अपनी चूत से अपना पानी छोड़ दिया और फिर अपने कमरे में चली गई।

असलम सोच रहा था कि काश संजना उसके लंड को अनवर के लंड की तरह मुँह मे ले चूस्ति और वो भी अपने वीर्य की पिचकारी उसके मुंह के अंदर छोड़ता।

पर वो अपनी सौतेली मां की बहन की बड़ी बेटी जोकि उसे छोटा भईया मानती है, उसके साथ ऐसा तो नहीं कर सकता था ना।

इसलिए वो सिर्फ़ देखता रहा और इंतेज़ार करता रहा कि क्या वो दोनों कब आगे बढ़ते है, लेकिन उसने देखा कि उसकी बड़ी बहन अपने बॉय फ़्रेंड अनवर से सिर्फ़ बात करने मे लगी हुई है।

तो उसने फिर घर के अंदर जाने की सोची, क्योंकि अभी उसके माता पिता को घर आने में अभी देर थी, वो हॉल मे आया तो उसकी सौतेली छोटी बहन रूही टीवी देख रही थी।

रूही जो दूसरी खिड़की पे खड़ी होकर  अपनी चूत मसल रही थी, वो अपने रूम से अपनी गीली पैंटी बदल के हॉल में पहले ही आ चुकी थी।

और बाकी सब का इंतजार कर रही थी, जैसे उसे तो कुछ पता ही न हो की घर में क्या चल रहा है, असलम उसके बगल में बैठ गया।

और वो दोनों उन दो प्रेमियों का इंतेज़ार करने लगा कि वो कब बाहर आते है, तभी असलम और रूही कुछ समय पहले हुई घटनाओं में खो गए, आज असलम के माता पिता किसी सरकारी पार्टी में गये थे।

जहां पर सरकारी कर्मचारी ही आए हुए थे, और चारों को घर पर अकेला ये सोच कर छोड़ गये थे कि शायद चारों बैठ कर कोई पिक्चर देखेंगे।

लेकिन उनके जाते ही संजना और अनवर दोनों असलम के बेडरूम मे खिसक गये थे, और दोनों ने अन्दर जाने से पहले उन दोनों के कानों में चुपके से ये कह गए ।

कि वो ध्यान रखे, असलम को गुस्सा भी आ रहा था और जलन भी हो रही थी, कि वो बैठ कर अपने ही भाई की पहरेदारी करे और वो अपनी गर्लफ्रेंड जोकि उसकी बहन लगती है उसके साथ उसके ही बेडरूम मे गुलछर्रे उड़ाए।

कुछ देर टीवी देखते देखते उसे उकताहत होने लगी, तभी उसके दिल में आया कि वो देखे तो ज़रा कि उसका प्यारा बड़ भाई  आख़िर अपने प्रेमीका जो उसकी बहन लगती है उसके साथ क्या कर रहा था।

इसलिए वो घर के बाहर गलियारे में आ गया कि खिड़की से कुछ देखने को मिल जाए, क्योंकि उसे पता था कि आज कुछ ऐसा होने वाला था।

इसलिए उसने अपने कमरे की सभी खिड़कियों को थोड़ा खुला रखा था, उसे ये देख कर हैरानी हुई कि दोनों नादान प्रेमी अपने उत्तावलेपन में ना तो कमरे की लाइट ही बुझाई थी और ना ही खिड़की पर पड़े पर्दे डाले थे।

उसे वो दोनों साफ साफ दिखाई दे रहे थे, उसने देखा कि अनवर ने संजना के ट्रोप को उसके सिर पर से उठाकर उतार दिया था और उसकी ब्रा में क़ैद बूब्स दिखाई दे रहे थे।

असलम बचपन से अपनी बहन और मौसी  की दोनों बेटियों के बूब्स को देखता आ रहा था तब से जब उनकी छाती पर स्तन एक घुंडी के आकार मे उबरने लगी थी।

तब से लेकर वक्त बदलने के साथ उन तीनों की ब्रा और पैंटी का साइज़ भी उसे मालूम था, क्योंकि वो अक्सर उनकी ब्रा और पैंटी को सुंगता था।

क्योंकि संजना और रंजना कभी भी उसके घर पर आकर रह सकती थी, और असलम और रूही भी कभी भी संजना के घर जा सकते थे रहने के लिए।

अनवर अब संजना के स्तनों की गुंडियों को चूस रहा था, और असलम ये सब देख जज्बाती हो रहा था, कि उसको भी मौका मिलना चाहिए।

उधर जैसे ही अनवर ने उसके निपल्स को दाँतों के बीच लेते हुए खींच कर काटा असलम को लगा कि उसका लंड मचलने लगा था ये सब देखकर।

अपनी ही बड़े भाई को इस तरह अपनी सेक्सी प्रेमिका के साथ मस्ती करते देख वो उत्तेजित हो रहा था।

संजना ने अनवर को धक्का दे बिस्तर पर पीठ के बल लीटा दिया था, और उसने उसकी जींस की बेल्ट और जिप को खोल कर अंदरबियर सहित खींच कर नीचे कर दी थी।

और उसके लंड को मुँह मे ले चूस रही थी, असलम खुद भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ इतना आगे नहीं बढ़ पाया था जितना कि संजना बढ़ चुकी थी।

ये सब सोचते ही असलम का लंड एक बार फिर खड़ा होने लगा था, लेकिन तभी संजना और अनवर हॉल में आकर सोफे पर बैठ गये।

असलम ने उन सब से कोलड्रिंक लेने के लिए पूछा तो सब ने मना कर दिया और वो अपने लिए कोलड्रिंक लाने के लिए उठ गया।

जैसे ही असलम रूही के बगल से गुज़रा तो उसके लोअर के अंदर तने लंड का उभार उसकी नज़रों से छिपा ना रह सका।

वो हैरत से अपने भाई के खड़े लंड को देखती रही, उसने तुरंत अपनी निगाह संजना और अनवर के चेहरे पर डाली कहीं वो भी तो नही देख रहे थे।

लेकिन वो दोनों तो टीवी पर मूवी देखने में व्यस्त थे, उनका ध्यान असलम के खड़े लंड पर पड़ा ही नहीं था।

आज से पहले रूही ने कभी अपनी निगाह अपने सौतेले भाई की जांघों के बीच नही डाली थी, आख़िर वो उसका भाई था सौतेला हुआ तो क्या हुआ।

लेकिन आज जब वो उसके बगल से गुज़रा तो वो चाह कर भी अपनी नज़रें उस पर से नहीं हटा पाई, रूही के मन मस्तिष्क में अजीब अजीब से विचार आने लगे।

कि संजना की तरह उसने अपने भाई के लंड को चूस चूस के उसे अपने मुंह के अंदर ही झड़ा दिया और उसके मुँह में अभी भी अपने भाई के लंड से निकले वीर्य के स्वाद से भरा है।

अपने भाई असलम के लंड का उभार देख उसे महसूस हुआ कि उसकी पैंटी फिर से गीली हो गयी थी, शायद रस से भरी उसकी चूत अपना रस छोड़ रही थी।

रूही को विश्वास नहीं हो रहा था कि अपने ही सौतेले भाई के लंड के ख्याल से वो उत्तेजित हो सकती है, उसने अपने ख्यालों  को झटका और अपना सारा ध्यान टीवी पर लगा दिया।

थोड़ी ही देर मे अनवर हाथ मे कोल्ड ड्रिंक ले आया और उसके पास बैठ गया, अब रूही बीच में थी और संजना उसकी दूसरी तरफ बैठी थी।

रूही अपने आपको नहीं रोक पा रही थी  और उसकी निगाह एक बार फिर अपने सौतेले भाई की जांघों के बीच चली गयी वैसे तो उसका लंड कुछ ढीला पड़ चुका था।

लेकिन असलम का उभार अभी भी पैंट के ऊपर से दिखाई दे रहा था, उसकी चूत मे फिर सरसराहट मचने लगी थी, वो अपने आप को रोके हुई थी।

मूवी खत्म होने से कुछ देर पहले ही असलम और रूही के माता पिता आ गये थे, इसलिए वक्ती तौर पर अपने भाई के लंड का ख्याल रूही के दिमाग से निकल गया था।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस कहानी लाइफ हो तो ऐसी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

seema.singh2003@proton.me

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